यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Pete Cerqua. Pete Cerqua एक सर्टिफाइड पर्सनल ट्रेनर और न्यूट्रिशनिस्ट हैं। Pete Simon और Schuster और Skyhorse Publishing द्वारा प्रकाशित "The 90-Second Fitness Solution" और "High Intensity Fitness Revolution for Women/Men" सहित किताबों के पांच बार सबसे अधिक बिकने वाले लेखक हैं। Pete के पास 20 से अधिक वर्षों का पर्सनल ट्रेनिंग और न्यूट्रीशन कोचिंग का अनुभव है और ये न्यूयॉर्क शहर में 90-सेकंड फिटनेस फ्लैगशिप स्टूडियो का संचालन करते हैं।
यहाँ पर 13 रेफरेन्स दिए गए हैं जिन्हे आप आर्टिकल में नीचे देख सकते हैं।
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क्या आप आपकी आर्म्स से खुश नहीं हैं? क्या वो कमजोर, एकदम ढीली या दुबली-पतली हैं? क्या आप बड़ी, लीन आर्म्स चाहते हैं और क्या आप उन्हें अभी पाना चाहते हैं? हालांकि, किसी भी तरह की ग्रोथ को एकदम फौरन पाना नामुमकिन होता है, एक हार्ड वर्क और स्मार्ट एक्सर्साइज स्ट्रेटजीस के साथ, आप खुद भी बस कुछ ही हफ्ते से लेकर एक महीने के अंदर ही नजर आने वाले रिजल्ट्स को देख सकेंगे।
चरण
बड़ी आर्म्स पाने का कोई भी एक "सही" तरीका नहीं है, लेकिन सैंपल वर्कआउट प्लान आपको एक अच्छी तरह से बैलेंस किया हुआ रास्ता बता सकता है, जो — न सिर्फ बाइसेप्स और ट्राइसेप्स को, बल्कि आपकी पूरी अपर बॉडी को टार्गेट करता है। कम से कम असर के लिए, हर दिन के वर्कआउट के बीच में आराम करने के लिए एक दिन छोड़ें और तीसरे दिन के पहले, एक बार फिर से अपने वीकली शेड्यूल के लिए, पहले दिन पर वापस आने से पहले, दो दिनों का आराम करें। आपके इन चार "ऑफ" डेज़ का इस्तेमाल अपने दूसरे मसल ग्रुप्स, जैसे कि आपके कोर, बैक और लोअर बॉडी की एक्सर्साइज करने (या आराम करने) के लिए करें।
एक्सर्साइज | टाइम/रिपीटीशन्स | नोट्स |
---|---|---|
स्ट्रेचेस | 10-15 मिनट्स | अगर मन हो, तो इसकी जगह पर योगा या फ्लेक्सिबिलिटी-बिल्डिंग एक्सर्साइज भी कर सकते हैं। |
कार्डियो वार्मअप | 5-10 मिनट्स | जॉगिंग, बाइकिंग बगैरह सही काम करेंगी। लिफ्ट करते वक़्त लगभग 115 bpm या इससे भी ज्यादा स्ट्रेंथ की हार्ट रेट हिट करने का लक्ष्य करें।[१] |
बारबेल कर्ल | 10-15 रिपीटीशन्स; 3-4 सेट्स | |
हैमर कर्ल | 10-15 रिपीटीशन्स; 3-4 सेट्स | |
चिन-अप | जितने रिपीटीशन्स कर सकें, उतने करें; 3-4 सेट्स | बहुत से लोग एक आसान एक्सर्साइज के लिए वेटेड चिन-अप्स इस्तेमाल करते हैं। |
सीटेड रो (Seated Row) | 10-15 रिपीटीशन्स; 3-4 सेट्स | |
इनवर्टेड रो (Inverted Row) | 10-15 रिपीटीशन्स; 3-4 सेट्स | |
लाइट कार्डियो कूलडाउन | 5 मिनट्स | फास्ट वॉकिंग या जेंटल बाइकिंग ठीक काम करेगी। आपकी बढ़ी हुई हार्टरेट को धीमे-धीमे कम करने का लक्ष्य करें। |
एक्सर्साइज | टाइम/रिपीटीशन्स | नोट्स |
---|---|---|
स्ट्रेचेस | 10-15 मिनट्स | ऊपर देखें। |
कार्डियो वार्मअप | 5-10 मिनट्स | ऊपर देखें। |
बेंच प्रैस (Bench Press) | आप सेफली जितने भी रिपीटीशन्स कर सकें; 3-4 सेट्स | फ्री वेट्स के लिए एक स्पॉटर (देखने के लिए किसी एक इंसान) का यूज करें। |
चेस्ट फ्लाय | 10-15 रिपीटीशन्स; 3-4 सेट्स | |
ट्राइसेप एक्सटेंशन | 10-15 रिपीटीशन्स; 3-4 सेट्स | |
डिप्स (Dips) | जितने भी रिपीटीशन्स कर सकें; 3-4 सेट्स | मुश्किल बढ़ाने के लिए चेन/वेट बेल्ट्स यूज किए जा सकते हैं। |
लाइट कार्डियो Light cardio cooldown | 5 मिनट्स | ऊपर देखें। |
एक्सर्साइज | टाइम/रिपीटीशन्स | नोट्स |
---|---|---|
स्ट्रेचेस | 10-15 मिनट्स | ऊपर देखें। |
कार्डियो वार्मअप | 5-10 मिनट्स | ऊपर देखें। |
मिलिट्री प्रैस | 10-15 रिपीटीशन्स; 3-4 सेट्स | बहुत से लोग सीटेड या स्टैंडिंग वेरिएंट करते हैं। |
लेटरल डंबल रेज़ | 10-15 रिपीटीशन्स; 3-4 सेट्स | बहुत से लोग अलग-अलग डेल्टोइड मसल ग्रुप्स को टार्गेट करने के लिए, फ्रंट, साइड, रियर वेरिएंट करते हैं। |
ओवरहैड लिफ्ट | आप सेफली जितने भी रिपीटीशन्स कर सकें; 3-4 सेट्स | हिप/कोर एक्सर्साइज की तरह भी लिया जा सकता है। |
बारबेल रिस्ट कर्ल्स | 1-2 मिनट्स; 2-3 सेट्स | बहुत सारे लोग रिवर्स वेरिएंट यूज करते हैं। |
लाइट कार्डियो कूलडाउन | 5 मिनट्स | ऊपर देखें। |
- एक अग्रेसिव वर्कआउट शेड्यूल प्लान करें: पावरफुल आर्म्स बनाने के लिए, ज़्यादातर फिटनेस रिसोर्स भरपूर अपर-बॉडी एक्सर्साइज के साथ एक वेटलिफ्टिंग नियम शुरू करने की सलाह देते हैं। वेटलिफ्टिंग एक्सर्साइज का एक ऐसा फॉर्म है, जो इसमें शामिल इंसान की गति पर सेट होती है — आप उसमें जितना ज्यादा टाइम और एनर्जी डालेंगे, आपको उससे उतने ही अच्छे रिजल्ट्स मिलेंगे। भले वेटलिफ्टिंग के जरिए ही आर्म्स बनाने का कोई एक "सही" तरीका नहीं है, आमतौर पर, अच्छे रिजल्ट्स पाने के लिए, इन टिप्स को ध्यान में रखना ठीक रहता है:
- हर हफ्ते के ज़्यादातर दिनों में वेट लिफ्ट करने का लक्ष्य करें। एक वेटलिफ्टिंग रेजिमेंट में आमतौर पर हर हफ्ते के लगभग पांच दिनों के लिए वेट ट्रेनिंग एक्सर्साइज का समय तय होगा, बाकी के दो दिन आराम या कार्डियो एक्सर्साइज के लिए रहेंगे।
- एक साथ दो दिनों तक, एक ही मसल ग्रुप की एक्सर्साइज करने से बचें — बढ़ने के लिए मसल्स को आराम और एक्सर्साइज सेशन से हुए डैमेज को रिपेयर करने की जरूरत पड़ती है। उदाहरण के लिए, अगर आप एक दिन ट्राइसेप्स की एक्सर्साइज करते हैं, तो फिर अगले दिन अपनी चेस्ट पर फोकस करें।
- एकदम पूरी तरह से अपनी आर्म पर फोकस न करें। इसे लंबे वक़्त तक करते रहने से, न सिर्फ एक अनोखा एक-तरफा अपीयरेंस मिलता है — बल्कि साथ ही भरी हुई आर्म्स, पतले कोर और लोअर बॉडी मसल्स मिलती हैं। हफ्ते में कम से कम दो बार अपने पैरों की और कोर की एक्सर्साइज करना, सही रहता है।
- अपने बाइसेप्स की एक्सर्साइज करें: बात जब बड़े मसक्यूलर आर्म्स पाने की हो, तब ज़्यादातर लोगों के मन में सिर्फ एक ही मसल ग्रुप का खयाल आता है: वो हैं बाइसेप्स। ये समझना बहुत आसान है — बॉडी बिल्डर की एक स्टीरियोटाइप इमेज, एक बेंच पर झुके हुए एक मसक्यूलर मैन की तरह होती है, जो एक भारी डंबल से कर्ल्स परफ़ोर्म करता है। भले ही, बाइसेप्स आमतौर पर अपर बॉडी (या आर्म में) की सबसे स्ट्रॉंग मसल नहीं होती, लेकिन इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता, कि ये लिफ्टिंग, पुलिंग और हैवी वेट्स को संभालने जैसी कई तरह की फिजिकल टास्क्स को पूरा करने के लिए जरूरी होती है। नीचे ऐसी कुछ एक्सर्साइज दी हुई हैं, जिनसे आपको अपने बाइसेप्स में एक बर्न महसूस करने में मदद मिल सकती है:
- बारबेल/डंबल कर्ल्स: अपनी कमर पर एक वेटेड बारबेल (या दोनों हाँथों में एक-एक डंबल लेकर) को अच्छी ग्रिप के साथ पकड़कर खड़े हो जाएँ। अपनी कोहनियों को अपने साइड्स पर लगाए रखते हुए, वेट को सावधानी के साथ अपने चेस्ट-लेवल तक उठाएँ, फिर उसे नीचे लाएँ। रिपीट करें।
- हैमर कर्ल्स: ये एक्सरसाईज महत्वपूर्ण "लॉन्ग हैड (long head)" (बाइसेप्स ब्राची) मसल को टार्गेट करती है, जो अपर आर्म की सबसे पॉपुलर "बम्प" या "पीक" के लिए जिम्मेदार होती है।[२] इसे वैसे ही परफ़ोर्म करें, जैसे कि डंबल कर्ल्स कर रहे हों, लेकिन डंबल्स को पकड़े रहें, ताकि आपकी हथेलियाँ अंडरहैंड ग्रिप की बजाय, एक-दूसरे की तरफ फेस की हुई रहें। आपके आर्म मोशन में हैमर का एक धीमा किया हुआ स्विंगिंग मोशन होना चाहिए।
- और एक्सर्साइज के लिए, हमारे बाइसेप्स आर्टिकल्स देखें।
- अपने ट्राइसेप्स हिट करें: भले कभी-कभी इन्हें इनकी बाजू की मसल्स से कम अटेन्शन मिलती हो, लेकिन ट्राइसेप्स को मसल मास और ओवरऑल स्ट्रेंथ के हिसाब से उतना ही ज्यादा जरूरी माना जाता है।[३] बस अगर आप एक बड़ी, मसक्यूलर आर्म्स पाना चाहते हैं, तो अपने ट्राइसेप्स को भी उतनी ही अटेंशनदेने की पुष्टि कर लें, जितनी आप आपके बाइसेप्स को दिया करते हैं — ऐसा नहीं करके, आप अपना ही नुकसान कर रहे हैं। नीचे कुछ अच्छी ट्राइसेप्स एक्सर्साइजेज दी हुई हैं:
- ट्राइसेप्स एक्सटेंशन (Triceps Extensions): स्टैंडिंग पोजीशन में, अपनी कोहनी को अपने सिर के साइड में झुकाए रखकर, अपने सिर के पीछे, अपने दोनों हाँथों में एक डंबल लें। अब अपने सिर के पीछे डंबल से चोट लगने से बचाने की सावधानी बरतकर, डंबल को ऊपर और अपने सिर के ऊपर तक लेकर जाएँ। वेट को वापस स्टार्टिंग पोजीशन में नीचे लेकर आएँ और रिपीट करें।
- डिप्स (Dips): अपनी आर्म्स का इस्तेमाल करते हुए, अपने आप को दो पेरेलल लेवल बार्स के बीच में या फिर बेंच की किनारों पर सपोर्ट करें। खुद को धीरे-धीरे उस पॉइंट तक नीचे लेकर आएँ, जहां आपकी अपर आर्म्स फ्लोर के साथ लेवल में हों, फिर बिना ट्विस्ट किए या झटका दिए, अपने आप को वापस उठाएँ। रिपीट करें।
- और एक्सर्साइज के बारे में जानने के लिए हमारे ट्राइसेप्स आर्टिकल पढ़ें।
- अपनी शोल्डर्स पर काम करें: शोल्डर्स का एक चौड़ा, मसक्यूलर सेट को हमेशा ही बहुत खूबसूरत लक्षण माना जाता है। इसके साथ ही, शोल्डर मसल्स (या डेल्टोइड) लिफ्टिंग, थ्रोइंग जैसी काफी सारी फिजिकल एक्टिविटीज में और शोल्डर जाइंट को किसी भी तरह की चोट बगैरह से बचाए रखने में मददगार होती है।[४] नीचे ऐसी ही कुछ टाइप की एक्सर्साइज दी हुई हैं, जिन्हें करने के बारे में आपको सोचना चाहिए:
- मिलिट्री प्रैसेस (Military Presses): खड़ी या बैठी हुई पोजीशन में, मीडियम-वाइड ओवरहैंड ग्रिप यूज करते हुए, वेटेड बारबेल को ऊपर चेस्ट लेवल तक लेकर आएँ। वेट को धीरे-धीरे अपने चेहरे के सामने तक और आपके सिर के ऊपर तक उठाएँ। बार को करीब चिन लेवल तक निचे लेकर आएँ और रिपीट करें।
- लेटरल डंबल रेजेस (Lateral Dumbbell Raises): दोनों हाँथों में एक-एक डंबल पकड़कर खड़े हो जाएँ। धीमे से अपनी आर्म को अपने साइड में, अपनी कोहनी के साथ आगे बढ़ते हुए, एक आर्क में उठाएँ। जब आपकी आर्म्स फ़्लो के करीब पेरेलल (समानान्तर) हो जाएँ, उन्हें धीमे से वापस नीचे ले आएँ और रिपीट करें। आप अपनी शोल्डर के फ्रंट या बैक पर काम करने के लिए, आर्म्स को सामने या पीछे एंगल कर सकते हैं।
- ओवरहैड लिफ्ट्स (Overhead lifts): ये फुल-बॉडी एक्सर्साइज आपके शोल्डर्स के साथ-साथ आपके हिप्स, लेग्स और बैक को भी टार्गेट करती है। एक वेटेड बारबेल के साथ फ्लोर पर खड़े होकर, इसे अपने वेस्ट (waist) लेवल तक उठाने के लिए बड़ी सावधानी के साथ डैडलिफ्ट करें। वेट को अपनी चेस्ट तक उठाएँ (अनकंट्रोल्ड मूवमेंट्स नहीं इस्तेमाल करने का ध्यान रखते हुए) और उसे अपने सिर के ऊपर तक उठाने के लिए मिलिट्री प्रैस (ऊपर देखें) करें। वेट को वापस फ्लोर पर लेकर आने के लिए इन मूवमेंट्स को रिवर्स करें और रिपीट करें।
- अपनी चेस्ट स्ट्रॉंग करें: भले ही आपकी चेस्ट, टेक्निकली आपकी आर्म का हिस्सा नहीं, लेकिन एक दुबली-पतली चेस्ट के सामने स्ट्रॉंग आर्म्स कहीं से भी अच्छी नहीं लगती हैं, इसलिए ऐसा कोई भी इंसान, जो अपनी आर्म्स को स्ट्रॉंग करना चाहता है, उसके लिए इस एरिया पर काम करना भी बहुत जरूरी होता है। साथ ही, आर्म मसल्स, जैसे कि ट्राइसेप्स अक्सर कई सारी चेस्ट एक्सर्साइज में एक सपोर्टिंग रोल प्ले किया करती हैं।[५] भले ही, ये बात बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, कि चेस्ट के वर्कआउट के लिए, सिर्फ बेंच प्रैस अकेले ही एक तरीका नहीं होती है — इसके और दूसरी चेस्ट एक्सर्साइज के बारे में और जानकारी पाने के लिए नीचे देखें:
- बेंच प्रैस (Bench Presses): एक्सर्साइज बेंच पर अपनी पीठ के बल लेट जाएँ। वेटेड बारबेल (या दो डंबल) को बहुत सावधानी से ऊपर, अपनी चेस्ट से दूर तब तक उठाएँ, जब तक कि आपकी आर्म्स एक्सटैंड नहीं हो जाती, फिर वेट को फिर से नीचे कर दें, और रिपीट करें। हैवी वेट्स के साथ काम करते वक़्त, किसी भी तरह की चोट से बचे रहने के लिए, अपने साथ में एक स्पॉटर का इस्तेमाल करना मत भूलें।
- चेस्ट फ्लाइस (Chest Flies): अपने दोनों हाँथ में एक-एक डंबल लेकर, फ्लोर पर या एक्सर्साइज बेंच पर लेट जाएँ। हर एक आर्म को साइड में पोजीशन करें, फिर अपनी आर्म्स को एक चौड़े, स्मूद आर्क में, अपनी चेस्ट के सामने ले आएँ। अपनी आर्म्स को उनकी स्टार्टिंग पोजीशन में ले आएँ और रिपीट करें — आपको कुछ इस तरह से दिखना चाहिए, जैसे आप अपने पंखों के जोड़े को "फड़फड़ा" रहे हैं।
- और एक्सर्साइज के लिए, हमारे चेस्ट आर्टिकल को देखें।
- अपनी बैक और लट मसल (lat muscle) को नजरअंदाज न करें: सीधी बात कहें, तो लट्स (latissimus dorsi muscles) और बैक मसल्स आपकी आर्म्स का हिस्सा नहीं होती हैं। हालांकि, लगभग हर एक वेटलिफ्टर, जो बड़ी, मसक्यूलर आर्म्स पाना चाहता है, वो इन मसल ग्रुप्स के ऊपर भी टाइम देने की पुष्टि जरूर करेगा। ये करने का खास मकसद अपीयरेंस (स्ट्रॉंग आर्म्स कमजोर बैक और लट मसल के साथ में अच्छी नहीं दिखेंगी) होता है, लेकिन इसके पीछे एक वजह ये भी है, कि बैक और लट मसल ऐसी कई एक्सर्साइज में के लिए सपोर्टिंग मसल होती हैं, जो आर्म्स को स्ट्रेंथ देने के लिए भी यूज होती हैं। नीचे ऐसी कुछ एक्सर्साइज दी हुई हैं, जिन्हें आप इन जरूरी ग्रुप्स को टार्गेट करने के लिए कर सकते हैं:
- सीटेड रो (Seated Rows): एज हॉरिजॉन्टल केबल सेट अप या इलास्टिक बैंड के सामने एक बेंच पर बैठ जाएँ। अपने आप को अपनी पीठ सीधे रखते हुए, एक सीधे पोस्चर में, लेकिन हल्के से झुके हुए पोस्चर में रखने की पुष्टि करते हुए, सावधानी से केबल या बैंड को अपनी ओर खींचें। जैसे ही आप मोशन की फुल रेंज कंप्लीट करें, मसल को अपनी शोल्डर ब्लेड्स के बीच में स्क़्वीज करें। इस एक्सर्साइज को करते वक़्त अपनी पीठ पर झुकने या बेंड नहीं होने की पुष्टि कर लें — इससे आपकी पीठ पर चोट आ सकती है।[६]
- इनवर्टेड रो (Inverted Rows): एक लो हॉरिजॉन्टल बार के नीचे फ्लोर पर अपनी पीठ के बल लेट जाएँ। बार को पकड़ लें और खुद को धीरे से तब तक इसके करीब (अपने पैरों को ग्राउंड पर रखते हुए) खींचते जाएँ, जब तक कि बार करीब आपकी चेस्ट को टच करें। खुद को वापस नीचे ले आएँ और रिपीट करें।
- चिन अप्स/पुल अप्स: ऐसी कई सारी एक्सर्साइज हैं, जिन्हें आप हॉरिजॉन्टल बार से लटककर पूरी कर सकते हैं। बेसिक चिन अप करने के लिए, बार को एक अंडरहैंड ग्रिप के साथ पकड़ें और अपने शरीर को तब तक बार पर ऊपर उठाएँ, जब तक कि ये आपकी चेस्ट के करीब न पहुँच जाए। फिर रिपीट करें।
- एक वेल-टोन्ड लुक के लिए, अपनी फोरआर्म्स को भी कुछ वक़्त दें: वेल-टोन्ड फोरआर्म्स एक तराशी हुई अपर बॉडी पर "बहुत ही शानदार" लगती है। भले ही ये हैंड और ग्रिप स्ट्रेंथ (जो रॉक क्लाइम्बर्स जैसे कुछ एथलीट्स के लिए जरूरी हो सकते हैं) के लिए जरूरी होती हैं, कई सारे वेट लिफ्टर्स अपनी फोरआर्म्स को अच्छा दिखाने के लिए भी वर्क आउट करते हैं। बेसिक फोरआर्म वर्कआउट के लिए नीचे दी हुई कुछ आसान एक्सर्साइज करके देखें:
- बारबेल रिस्ट कर्ल्स (Barbell Wrist Curls): अपनी फोरआर्म्स को थाई पर रखकर, एक बारबेल को पकड़कर बेंच पर बैठ जाएँ। सिर्फ अपने हाँथ और फोरआर्म्स की मसल इस्तेमाल करके, बारबेल को जितना ऊँचा लेकर जा सकते हैं, ले जाएँ, फिर वेट को कम से कम लो लटकने के लिए, इन मसल्स को रिलैक्स होने दें। रिपीट करें। एक कंप्लीट वर्कआउट के लिए, हर एक सेट के साथ, अपनी ग्रिप रिवर्स करने की कोशिश करें।
फास्ट मसल ग्रोथ को बढ़ावा देना (Encouraging Fast Muscle Growth)
- रिपीटीशन्स की बजाय, वेट को प्राथमिकता देने के ऊपर ध्यान दें: अपनी मसल्स को एक-एक दिन बस थकाते रहने से आखिर में आपको बढ़ी हुई मसल स्ट्रेंथ और ग्रोथ मिल जाएगी, फिर आप इसे कैसे करते हैं, ये कोई मायने नहीं रखता (जब तक कि आप अपने शरीर के लिए मसल बनाने लायक भरपूर खाना ले रहे हैं।) हालांकि, अगर आप बड़ी, भरी हुई मसल्स पाना चाहते हैं, तो फिर आमतौर पर आपको एक हाइ वेट के ऊपर, हर एक एक्सर्साइज को (एक लो वेट पर बहुत सारे रिपीटीशन्स करने के बजाय) कुछ बार रिपीट करने की सलाह दी जाती है। उदाहरण के लिए, ज़्यादातर वेट लिफ्टिंग रिसोर्स इस बात को मानते हैं, कि अगर बाकी के सारे फ़ैक्टर्स इक्वल हैं, तो फिर छह हैवी रिपीटीशन्स भी आपको 15-20 हल्के रिपीटीशन्स करने के बजाय, बड़े मसल्स दे सकते हैं।
- वहीं दूसरी तरफ, कुछ वेट ट्रेनर्स एक औसत अप्रोच यूज करने की सलाह देते हैं, जिसमें एक मीडियम-हाइ रेजिस्टेंस लेवल का और ज्यादा रिपीटीशन्स (आमतौर पर 8-15 तक) इस्तेमाल होता है। वक़्त के साथ-साथ ये स्ट्रेंथ, डेफ़िनेशन और मास का एक हैल्दी बैलेंस देता है।
- वेटलिफ्टिंग की एक "एक्सप्लोजिव" अप्रोच यूज करें: सबसे तेज़ी से मसल ग्रोथ के लिए, अपनी पूरी एनर्जी को अपने लिफ्ट में झौंक दें! रिसर्च से पता चला है, कि कही जाने वाली "एक्सप्लोजिव" वेटलिफ्टिंग — जो कि वेटलिफ्टिंग एक्सर्साइज है, जिसमें लिफ्ट करने वाला वेट को जितना तेज़ी से लिफ्ट कर सके, लिफ्ट करता है — ये एक ऑर्डिनरी अप्रोच से भी मसल (और स्ट्रेंथ) को तेजी से बढ़ाने में मदद करती है।[७] एक्सप्लोजिव ट्रेनिंग आपकी मसल्स को तेजी से सिकोड़ना सिखाकर, तेजी से मसल बनाने की कोशिश करने वाले किसी के भी लिए इसे एक कीमती स्ट्रेटजी बनाकर, आपके शरीर के कमजोर हिस्सों पर "पावर" देने में मदद करती है।
- हालांकि, एक सही फॉर्म का यूज करना हमेशा ही बहुत जरूरी होता है, इसलिए अपने "एक्सप्लोजिव" होने के लक्ष्य को आपकी वेट के मोशन की उसकी पूरी रेंज से लिफ्ट करने की अपनी क्षमता को डिसट्रेक्ट न होने दें। कभी भी वेट लिफ्ट करने के लिए बेंडिंग, ट्विस्टिंग या जर्किंग (झटके वाले) मोशन का इस्तेमाल न करें — इसकी वजह से बहुत ही दर्दभरी, लंबे वक़्त तक बने रहने वाली चोट लग सकती है।[८]
- मशीन के ऊपर फ्री वेट्स के फायदे के बारे में सोचें: जब तक आपकी एक्सर्साइज आपको मोशन की पूरी रेंज से गुजरने और आपको पर्याप्त रेजिस्टेंस प्रोवाइड करता है, तब तक किसी भी प्रकार की रेजिस्टेंस ट्रेनिंग के साथ बड़ी, पावरफुल मसल्स मिलने की संभावना होती है।[९] हालांकि, कई सारे वेटलिफ्टिंग रिसोर्सेज एक्सर्साइज मशीन के ऊपर, फ्री वेट्स (जैसे कि बारबेल्स, डंबल्स और ऐसी ही बहुत सारी चीज़ें) यूज करने की सलाह देते हैं। फ्री-वेट्स बेहतर तरीके से रियल-लाइफ फिजिकल टास्क्स की अच्छी नकल करते हैं और साथ ही स्थिर मसल को ट्रेन भी करते हैं, क्योंकि मेन मांसपेशियों को अलग-थलग किया जा सकता है, जिससे वे कई के लिए बेहतर हो सकते हैं (हालांकि, खराब फॉर्म के साथ, चोट की संभावना अक्सर मशीनों की तुलना में अधिक होती है।)
- बॉडी वेट एक्सर्साइज (जैसे कि पुशअप्स, क्रंचेस, पुलअप्स, डिप्स बगैरह) को हैप्पी मिडिल ग्राउंड माना जाता है — ये मसल ग्रोथ की बहुत ज्यादा संभावना देते हैं, साथ ही चोट लगने के रिस्क को भी कम करती हैं।
- कार्डियो पर बहुत जयद वक़्त बिताने से बचें: कार्डियो एक्सर्साइज आपके लिए बुरी नहीं होती हैं — असल में, ये आपके एण्ड्योरेंस को बढ़ाने का और कैलोरी बर्न करने का एक अच्छा तरीका होती है — लेकिन अगर आप मसल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो फिर ये उल्टा असर डाल सकती है। रनिंग, साइकलिंग, स्विमिंग और ऐसी ही एक्सर्साइज के ऊपर बहुत ज्यादा एनर्जी खर्च करने से आपके पास में मसल बनाने के लिए जरूरी एनर्जी की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए, मसल बनाने के मकसद के लिए, आपको कार्डियो एक्सर्साइज को सीरियसली हफ्ते में सिर्फ एक या दो बार तक ही लिमिट करना चाहिए।
- अगर आपको कार्डियो करना पसंद है, तो फिर इसे स्विमिंग या रनिंग जैसी हाइर ईंटेंसिटी एक्सर्साइज की जगह पर, वॉकिंग और हाइकिंग जैसी लोअर-ईंटेंसिटी एक्सर्साइज करने की कोशिश करें।
- हैल्दी खाना शुरू कर दें: मसल बनाने के लिए, आपको अपने शरीर को बढ़ने के लिए भरपूर हैल्दी चीज़ें देना होंगी। आमतौर पर, एक मसल बिल्डिंग डाइट में, एक औसत मात्रा में हैल्दी फेट्स और कार्बोहाइड्रेट्स के साथ, लीन प्रोटीन सोर्स शामिल होते हैं। वेजिटेबल्स और फ्रूट्स आपको जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स प्रोवाइड कर सकती हैं, जबकि शुगर वाले फूड्स और बहुत ज्यादा फेटी डिश इसे कम ही रखती हैं। अपनी डाइट में इन फूड्स की भरपूर मात्रा शामिल करने की कोशिश करें — आमतौर पर आपको अपनी कैलोरी का 40-50% प्रोटीन से, 40-50% कार्ब्स से और 10-20% फेट्स से पाना चाहिए:[१०]
- प्रोटीन: चिकन, टर्की, ज़्यादातर फिश, एग व्हाइट जैसे लीन मीट्स। फलियाँ, सोय (टोफू), ब्रोकली, स्पिनेच, टेम्पेय (tempeh) और सेटन (seitan) जैसे प्लांट प्रोडक्ट्स हैल्दी प्रोटीन प्रोवाइड कर सकते हैं। लीन डेयरी (जैसे ग्रीक-स्टाइल योगर्ट) भी प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स होता है। फाइनली, बहुत से वेट लिफ्टर्स प्रोटीन सप्लिमेंट्स और पाउडर्स की सलाह देते हैं।
- कार्बोहाइड्रेट्स: होल ग्रेन ब्रेड/पास्ता प्रोडक्ट्स, ब्राउन राइस, ओट्स, क्विनोआ (quinoa), पोटेटो जैसी स्टार्ची वेजिटेबल्स। ग्रीन और/या रेशेदार सब्जियाँ, जैसे कि ब्रोकली, सेलरी, मटर और भी बहुत कुछ भी अच्छी चॉइस होती है।
- फेट्स: एवोकेडो, नट्स, चीज़ और लाइट, हैल्दी ऑइल्स (जैसे कि केनोला और सनफ्लावर ऑइल) आपको बहुत जरूरी एनर्जी और न्यूट्रीएंट्स प्रोवाइड करती हैं।
- रोजाना भरपूर पानी पियें: पानी आपको रिफ्रेश रखने में और आपके वर्कआउट के लिए जरूरी एनर्जी से फुल रखने में मदद करता है। और भी अच्छी बात, ये भूख की कमी करने का जीरो कैलोरी तरीका होता है, जो एक हैल्दी नई डाइट में मदद कर सकता है। ज़्यादातर रिसोर्स करीब दो लीटर तक पानी पीने की सलाह देते हैं।[११] हालांकि, पसीने और बहुत तेज एक्सर्साइज के साथ, ये अमाउंट आसानी से बढ़ सकता है।
- भरपूर आराम लें: बात जब बॉडी बिल्डिंग की हो, तो फिर आप जो वक़्त जिम के बाहर बिताते हैं, वो भी जिम के अंदर बिताए हुए वक़्त के बराबर ही जरूरी होता है। मैक्सिमम मसल बिल्डिंग रिजल्ट्स के लिए, हर एक वर्कआउट के बाद अपने शरीर को रिकवर करने का मौका दें। अलग-अलग दिनों में, अलग-अलग मसल ग्रुप्स को ट्रेन करके, अपनी मसल्स पर बहुत ज्यादा ज़ोर डालने (जिसकी वजह से चोट लग सकती है) से बचें। आप चाहें तो अपने पूरे वीकली शेड्यूल से आराम के लिए एक या दो दिन भी ले सकते हैं — ये पूरी तरह से आपके ऊपर है।
- इसके साथ ही हैल्दी मसल ग्रुप के लिए एक पूरी रात आराम करना जरूरी होता है। भले ही अलग-अलग लोगों की नींद की जरूरत भी अलग-अलग होती है, ज़्यादातर भरोसेमंद सोर्स एडल्ट्स के लिए रोजाना 7 से 9 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं।[१२]
- प्रोपर रेस्ट, बाइसेप टियर जैसी चोट बगैरह को रोक सकता है, जो आगे जाकर आपके हफ्तों या महीनों तक के रिकवरी टाइम को बचा सकता है।
- एनाबोलिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) के खतरे के बारे में भी जानें: अगर आप एक खूबसूरत, तराशी हुई आर्म्स पाने के लिए बहुत ज्यादा एक्साइटेड हैं, तो फिर आपके मन में स्टेरॉयड्स जैसे "शॉर्टकट्स" अपनाने का खयाल आ सकता है, लेकिन ये कभी भी अच्छा आइडिया नहीं होते हैं। ज़ोरदार एक्सर्साइज और प्रोपर न्यूट्रीशन और आराम की आदतों के अलावा मसल मास बनाने और स्ट्रेंथ को जल्दी से बनाने का कोई हैल्दी तरीका नहीं है। भले ही एनाबोलिक स्टेरॉयड तेजी से मसल ग्रोथ दे सकते हैं, ये बहुत सारे अजीब और खतरनाक साइड इफ़ेक्ट्स को अपने साथ लेकर चलते हैं:[१३]
- पुरुषों में: बढ़े हुए ब्रेस्ट, पेनफुल इरेक्शन (priapisms), सिकुड़े हुए टेस्टिकल्स (अंडकोष), स्पर्म काउंट में कमी, बांझपन, नपुंसकता।
- महिलाओं में: चेहरे और शरीर पर बढ़े हुए बाल, अनियमित मेन्स्ट्रूअल साइकल्स, गहरी आवाज, बढ़े हुए क्लाइटॉरिस (enlarged clitoris), सिकुड़ी हुई ब्रेस्ट।
- मुहाँसे (Acne)
- ऑइली स्किन
- जॉन्डिस (पीली स्किन)
- मूड स्विंग्स
- पैरानॉयड (दिमागी) भ्रम
- कभी-कभी, हार्ट अटैक और कुछ तरह के कैंसर जैसी सीरियस प्रॉब्लम्स
सलाह
- वर्कआउट करते वक़्त म्यूजिक सुनें।
- दृढ़ निश्चयी रहें। आपकी मसल्स रातोंरात नहीं बढ़ जाएंगी, लेकिन लगातार प्रैक्टिस के साथ, आपको एक ही महीने के अंदर अपने अंदर प्रोग्रेस नजर आना शुरू हो जाएगी।
- जब आपके पास में जिम न हो, तब आप ट्राइसेप्स और पुश-अप्स से अपनी चेस्ट को और हर एक हिस्से को हिट कर सकते हैं।
- अपने साथ में जिम जाने के लिए एक फ्रेंड को ढूंढ लें। वो आपको मोटिवेटेड बनाए रखेगा और साथ ही, आपको उसके साथ जाने में और मजा भी आएगा।
- पहले एक "पोज़र" (बॉडीबिल्डर्स किसी मकसद से ऐसा करते हैं) बनने की कोशिश करें। आपके वर्कआउट करने से पहले, पहले मिरर के सामने अपनी उन मसल्स को टेन्स करके देखें, जिन पर आप वर्कआउट करना चाहते हैं। ये एक्सर्साइज के दौरान आपके शरीर को सही मसल पर फोकस करने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, अगर आप आपके ट्राइसेप्स के ऊपर काम कर रहे हैं, तो तब तक अपने ट्राइसेप्स को टेन्स करें, जब तक कि आपको प्रोपर फ़्लेक्स नजर न आ जाए, फिर लिफ्टिंग करते वक़्त, इसी एक्शन को रिपीट करें।
- अगर आपको वेट्स नहीं मिल रहे हैं, तो फिर हैवी केन्स, मिल्क कार्टून्स, ग्रोसरी बेग्स और ऐसी ही दूसरी भारी चीज़ें उठाकर देखें।
- तेजी से नजर आने वाले रिजल्ट्स के लिए, अपने लेटरल डेल्टोइड्स (आपके कंधे के सामने का हिस्सा) पर काम करते वक़्त "फेक (झूठी)" अच्छी तरह से बनी हुई आर्म्स की ओर फोकस करें। ये मसल अक्सर अंडर-वर्क्ड होती हैं, जिसका मतलब कि इन्हें टार्गेट करने पर, इनमें तेजी से ग्रोथ होती है। ये स्ट्रेटजी आपकी आर्म्स के टॉप पर एक्सट्रा साइज़ एड करती है, जो उन्हें दिखने में बड़ा बनाती है। इन मसल्स के लिए लेटरल रेज़ करने सबसे सही मूव होता है: हल्का सा सामने झुक जाएँ और एक सेट डंबल्स को बाहर और ऊपर लिफ्ट करें, ताकि आपकी बॉडी से एक T-शेप बने।
चेतावनी
- अगर आपको वर्कआउट के दौरान कभी भी बहुत ज्यादा दर्द या थकान महसूस होती है, तो फिर "उससे निपटने की कोशिश मत करें।" इसकी जगह पर, फौरन रुक जाएँ और किसी एक फिजीशियन से कंसल्ट कर लें।
रेफरेन्स
- ↑ http://breakingmuscle.com/strength-conditioning/light-cardio-warm-up-best-before-strength-work
- ↑ http://www.simplyshredded.com/top-5-bicep-training-mistakes-how-to-correct-them.html
- ↑ http://www.mensjournal.com/health-fitness/exercise/triceps-trump-biceps-20120723
- ↑ http://www.sparkpeople.com/resource/fitness_articles.asp?id=125
- ↑ http://www.t-nation.com/training/best-damn-bench-press-article-period
- ↑ http://www.exrx.net/Questions/DangerousExercises.html
- ↑ http://www.menshealth.com/fitness/explosive-exercises-strength
- ↑ http://inspiyr.com/how-to-prevent-weight-lifting-injury/
- ↑ http://www.mayoclinic.org/healthy-living/fitness/expert-answers/weight-training/faq-20058479