कैसे क्रिकेट खेलें (Play Cricket)

आर्टिकल डाउनलोड करेंआर्टिकल डाउनलोड करें

क्रिकेट दुनिया के सबसे चर्चित गेम्स में से एक है, जिसके इंडिया, से लेकर यू. के. (U.K.), ऑस्ट्रेलिया, न्यू ज़ीलैंड और अन्य दूसरे देशों तक लाखों-करोड़ों फैंस भरे हुए हैं। फिर चाहे, आपकी हमेशा से ही इसे खेलने की चाहत रही हो या फिर आप किसी ऐसी जगह पर रहते हैं (जैसे कि, अमेरिका), जहाँ पर क्रिकेट इतना ज्यादा कॉमन नहीं है। आप अगर इसके बारे में और ज्यादा जानने के लिए उत्सुक हैं, तो क्रिकेट खेलने के बेसिक्स सीखने के लिए, आगे पढ़ते जाएँ।

विधि 1
विधि 1 का 3:

सेटअप करना (Setting up)

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 जरूरी चीज़ें इकट्ठी करें:
    क्रिकेट में सेफ़्टी के साथ खेल सकने के लिए, कुछ खास जरूरी चीजों की जरूरत पड़ती है। कम से कम, 6 स्टंप, 4 बेल्स (गिल्लियाँ), 2 क्रिकेट बैट और 1 बॉल की जरूरत पड़ती है। बहुत सारी टीम्स के पास विकेट-कीपर के लिए यूनिफ़ोर्म और सेफ़्टी गियर भी होते हैं।
    • स्टंप और बेल्स (गिल्लियाँ) लकड़ी के कुछ ऐसे टुकड़े होते हैं, जिन्हें जोड़कर विकेट, जो कि क्रिकेट में सबसे जरूरी चीज़ होती है, तैयार की जाती है। विकेट को तैयार करने की विधि, इस सेक्शन में सबसे नीचे ज्यादा विस्तार से दर्शाई गई है।
    • क्रिकेट बैट को विलो (willow) लकड़ी से तैयार किया जाता है, जो कि एक तरफ से बिल्कुल फ्लैट होता है और दूसरी तरफ से स्ट्रेंथ के लिए थोड़ा उभरा होता है। बॉल को सबसे दूर भेजने के लिए, बैट के फ्लैट भाग से हिट किया जाता है।
    • क्रिकेट बॉल आकार और संरचना में एकदम बेसबॉल की तरह ही होती है, लेकिन इसकी सिलाई में इसे 2 बराबर भाग में बाँटकर, टेनिस बॉल पैटर्न की बजाय सीधी रेखा में लगाया जाता है। क्रिकेट बॉल वैसे तो रेड कलर पर व्हाइट कलर की सिलाई वाली होती हैं; लेकिन आजकल “लिमिटेड ओवर” के गेम (जो कि ज़्यादातर रात तक चलते हैं), के दौरान, जहाँ पर पारंपरिक व्हाइट ड्रेस की जगह पर अलग-अलग कलर की यूनिफ़ोर्म पहनी जाती है, वहाँ ज्यादा अच्छी तरह से नजर आने के उद्देश्य से व्हाइट बॉल का इस्तेमाल किया जाने लगा है।
    • क्रिकेट यूनिफ़ोर्म में, लंबे पैंट, एक शर्ट (जो लंबी या छोटी बाँहों वाली हो सकती है), और शूज शामिल होते हैं। ज़्यादातर क्रिकेट प्लेयर्स फील्ड पर बेहतर ग्रिप पाने के लिए, क्लीट्स (जो कि, सामने से पीछे तक नुकीले होते हैं) पहना करते हैं, लेकिन इसकी ज्यादा जरूरत नहीं है। पारंपरिक रेड कलर की बॉल वाले क्रिकेट में, आपका आउटफिट व्हाइट या ऑफ व्हाइट होना चाहिए। व्हाइट बॉल वाले गेम में कलरफुल ड्रेस पहनी जाती है।
    • विकेट कीपर (बॉल पकड़ने वाला) को बेसबॉल कैचर की तरह सेफ़्टी इक्विपमेंट्स: वेबबेड मिट्स (webbed mitts), शिन गार्ड (shin guards), और हेल्मेट पहनने की इजाजत दी जाती है। फील्ड पर मौजूद और किसी प्लेयर को तब तक ऐसे सेफ़्टी इक्विपमेंट पहनने की इजाजत नहीं मिलती, जब तक कि वो बैट्समेन के ज्यादा करीब न हों, ऐसे में उन्हें हेल्मेट और शिन गार्ड पहनने को दिया जाता है।
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 क्रिकेट फील्ड के बारे में जानें:
    क्रिकेट एक बहुत बड़े, ओवल शेप्ड फील्ड में खेला जाता है। फील्ड के सेंटर में एक आयतकार स्ट्रिप होती है, जिसे पिच कहा जाता है। फील्ड के बाहरी किनारे के चारों ओर स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाना चाहिए।
    • पिच पर बॉलर (पिचर) सामने वाली टीम के स्ट्राइकर (बैटर) को बॉल करता है। नॉर्मल मैदान 22 yards (20.1 m) लंबा और 10 feet (3.0 m) चौड़ा होता है।
    • वैसे तो नियम के अनुसार, क्रिकेट फील्ड का आयताकार होना जरूरी नहीं है, लेकिन ये आमतौर पर ओवल ही होते हैं।
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 क्रीज़ बनाएँ:
    पिच के एरिया को लाइंस, जिन्हें “क्रीज़” कहा जाता है, के द्वारा सेगमेंट्स (भागों) में बांटा जाता है। चार तरह की क्रीज़ होती हैं:
    • पॉपिंग क्रीज़, जिसे कभी-कभी बैटिंग क्रीज़ के नाम से भी जाना जाता है, ये उस बाउंड्री को चिह्नित करता है जिसके आगे बैट्समेन रन आउट (सामने वाली टीम के द्वारा फील्डिंग करके उसे आउट करना) होने से सुरक्षित नहीं होता है।
    • 2 रिटर्न क्रीज़ (return creases), ये पिच के दोनों तरफ एक, पॉपिंग क्रीज़ से पिच के अंत तक, पिच के लंबे किनारों के समानांतर चलती है।
    • बॉलिंग क्रीज, 2 रिटर्न क्रीज के बीच, पॉपिंग क्रीज़ के एकदम समानांतर चलती है, जो कि पॉपिंग क्रीज़ के पीछे के क्षेत्र को दो आयताकार वर्गों में विभाजित करती है। बॉलर को बॉल करने के लिए, पहले बॉलिंग क्रीज़ पर या क्रीज़ से पीछे खड़ा होना चाहिए।
    • पिच का हर एक किनारा, क्रीज़ के द्वारा चिन्हित होता है, जिसके द्वारा पिच के सेंटर में एक खाली, आयताकार स्पेस बन जाती है। बाउंड्री मार्कर के अलावा, बाकी की बची हुई क्रिकेट फील्ड को चिन्हित नहीं किया जाता।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 विकेट्स तैयार करें:
    विकेट एक ऐसा स्ट्रक्चर है, जिसे 3 लकड़ियों को फील्ड में गड़ाकर, उनके ऊपर 2 क्रॉस पीस, जिन्हें गिल्ली कहा जाता है, इसे लकड़ियों की हर एक जोड़ी (बाँई-बीच की, और बीच की-दाँई) पर, एक-दूसरे से जोड़ते हुए, रखकर तैयार किया जाता है। ज़्यादातर बार, जब भी बैट्समेन के विकेट पर बॉल लगने से उसकी गिल्ली गिर जाती है, तब प्लेयर को आउट कर दिया जाता है, इसलिए गेम में बने रहने के लिए, अपने विकेट का बचाव करना, एक आक्रामक खेल का हिस्सा है।
    • विकेट को तीनों स्टंप के ऊपर 28.5 inches (72.4 cm) ऊंचा, और 9 inches (22.9 cm) चौड़ाई के साथ सेट करना चाहिए।
    • विकेट्स को कुछ इस तरह से सेट किया जाता है, ताकि बीच वाला स्टंप, बॉलिंग क्रीज़ के एकदम सेंटर में रहे, और बाकी के दोनों स्टंप, क्रीज़ पर ही इस बीच वाले स्टंप के दोनों तरफ एक-समान दूरी पर होना चाहिए। पिच पर कुल मिलाकर दो विकेट मौजूद होते हैं, जो कि दोनों बॉलिंग क्रीज़ पर ही सेटअप किए जाते हैं। बैट्समेन (बैटिंग करने वाले) को खेल के दौरान उनके विकेट के सामने खड़ा होना पड़ता है।
विधि 2
विधि 2 का 3:

कान्सैप्ट और नियम को समझना (Understanding Concepts and Rules)

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 गेम के असली लक्ष्य को पहचानें:
    अन्य फील्ड गेम्स की तरह ही, क्रिकेट में भी स्क्रोर पॉइंट बनाना होते हैं, जिन्हें रन बोला जाता है, इन्हें आपको खेल खत्म होने से पहले या फिर विरोधी टीम, जिसे “फील्डिंग” टीम बोला जाता है, के फील्डर्स के द्वारा रन आउट किए जाने से पहले, एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट पर दौड़कर जाकर, विरोधी टीम के खिलाफ स्कोर करना होता है। बैट करने वाली टीम को “बैटिंग टीम” कहा जाता है।
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 खेल के बेसिक्स को सीखें:
    हर एक टीम 11 प्लेयर्स (हालाँकि, किसी तरह की चोट आदि लगने के दौरान खेल सकने के लिए एक बारहवे प्लेयर को भी रिजर्व रखा जाता है, लेकिन वैसे इसकी कभी जरूरत नहीं पड़ती) से मिलकर बनती है। खेल के दौरान, किसी भी वक़्त पर फील्डिंग करने वाली टीम के सारे 11 खिलाड़ी फील्ड पर मौजूद रहते हैं, वहीं बैटिंग टीम से सिर्फ दो ही खिलाड़ी फील्ड पर आते हैं, जिन्हें बैट्समेन कहा जाता है। फील्डिंग टीम के बॉलर के द्वारा बॉल फेके जाने पर, बैट्समेन बॉल को हिट करने की कोशिश करता है, और फिर रन स्कोर करने के लिए, आउट हुए बिना दौड़ते हुए सामने दूसरे विकेट तक जाकर अपनी पोजीशन बदलता है।
    • पिच पर मौजूद सारी ही पोजीशन के लिए ऑफिसियल नेम होते हैं। जो इंसान बॉल कर रहा होता है, उसे बॉलर कहा जाता है, और जो बैट्समेन बॉल का सामना करता है, उसे स्ट्राइकर कहा जाता है। दूसरा बैट्समेन, जो कि बॉलर के पास में, स्ट्राइकर से दूर, उसके सामने ही पिच पर खड़ा रहता है, उसे नॉन-स्ट्राइकर कहा जाता है। आखिर में, फील्डिंग टीम का सदस्य, जो कि स्ट्राइकर वाले छोर पर मौजूद विकेट के पीछे खड़ा होता है, उसे विकेट-कीपर कहते हैं। फील्ड पर मौजूद अन्य पोजीशन के लिए भी बोलचाल में कुछ नाम मौजूद हैं, लेकिन उनमें से कोई भी ऑफिसियल नहीं है।
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 स्ट्रक्चर को समझें:
    क्रिकेट में बेसबॉल की ही तरह, गेम के हर एक सेक्शन को परिभाषित करने के लिए, कुछ खास टर्म्स का इस्तेमाल किया जाता है। आपके द्वारा खेले जा रहे गेम के अनुसार, टीम के द्वारा खेली जाने वाली इनिंग्स की संख्या हर एक टीम के लिए 1 और 2 तक हो सकती है। हर एक इनिंग्स (“इनिंग्स” शब्द का इस्तेमाल सिंगुलर और प्लूरल दोनों ही के लिए होता है) में कितने भी “ओवर्स (overs),” जो कि कुछ बॉल का सेट होता है, हो सकते हैं।
    • बॉलर के द्वारा बाल फेंके जाने पर, फिर भले बॉल को स्ट्राइकर के द्वारा हिट किया गया हो, या नहीं, हर बार एक बॉल काउंट की जाती है। जब भी बॉलर एक ही दिशा में छह बार बॉल फेंक देता है, एक “ओवर” की समाप्ति हो जाती है। ओवर के बाद, उस बॉलर की जगह पर दूसरा बॉलर आ जाता है। एक बॉलर एक-साथ एक से ज्यादा ओवर पर बॉल नहीं कर सकता, लेकिन किसी दूसरे बॉलर के द्वारा एक बॉल भी कर देने के बाद, वो वापस लौट सकता है, तो अगर सैद्धान्तिक रूप से देखा जाए, तो बस दो बॉलर भी एक पूरी इनिंग्स में बॉल कर सकते हैं। एक ओवर की समाप्ति के बाद, बॉलर की पोजीशन को पिच के एक छोर से दूसरे छोर पर बदल दिया जाता है।
    • इसका मतलब ये भी है, कि स्ट्राइकर किसी ओवर के बाद उनकी पोजीशन को बदल सकते हैं, जो कि ओवर की समाप्ति के वक़्त, उनके पिच के छोर पर खड़े होने पर निर्भर करेगा। स्ट्राइकर भी उनके द्वारा पूरे किए हुए रन के अनुसार पोजीशन बदल सकते हैं, क्योंकि बॉलर ओवर पूरा किए बिना, अपनी पोजीशन नहीं बदल सकता। उदाहरण के लिए, अगर सिर्फ 1 ही रन पूरा हुआ है, स्ट्राइकर और नॉन-स्ट्राइकर पिच के एक छोर से दूसरे छोर पर आ जाएंगे, फिर अगली बॉल के लिए, नॉन-स्ट्राइकर, अब स्ट्राइकर बन जाएगा।
    • खेल के दौरान जब भी किसी प्लेयर को आउट करार किया जाता है, तब उसे फील्ड छोड़कर जाना होता है, और उसकी जगह पर दूसरा टीममेट आ जाता है। अगर फील्डिंग करने वाली टीम एक इनिंग्स में, 10 आउट कर लेती है, तो क्योंकि अब पिच के दूसरे साइड पर खड़े होने के लिए, एक भी बैट्समेन नहीं बचता है, इसलिए उस इनिंग्स की समाप्ति की घोषणा हो जाती है।
    • एक इनिंग्स पूरी बैटिंग टीम के लिए, खेल सकने का सिर्फ एक ही मौका होती है। क्रिकेट के कुछ शॉर्ट फॉर्म्स में, हर एक टीम की एक इनिंग्स के लिए, कुछ ओवर्स निर्धारित किए जाते हैं; फिर एक बार ये ओवर पूरे हो जाने के बाद, एक इनिंग्स की समाप्ति की घोषणा हो जाती है, फिर भले ही फील्डिंग टीम ने 10 आउट न भी किए हों। क्रिकेट के सबसे प्रतिष्ठित और प्रोफेशनल फ़ॉर्म में, जिसे टेस्ट क्रिकेट कहा जाता है, एक इनिंग्स में अनगिनत ओवर्स होते हैं, इसका मतलब कि पूरे 10 विकेट गिरने के बाद ही, एक इनिंग्स की समाप्ति की घोषणा की जाती है। एक इनिंग्स के पूरे होने के बाद, फील्डिंग टीम और बैटिंग टीम, एक-दूसरे के रोल को एक्सचेंज कर लेते हैं और अब बैटिंग टीम की फील्डिंग की शुरुआत हो जाती है।
    • टेस्ट क्रिकेट ज्यादा से ज्यादा 5 दिनों तक ही चलते हैं, और इस वक़्त में इन्हें 6 घंटे के लिए ही खेला जाता है। क्रिकेट के सबसे छोटे और आमतौर पर खेले जाने वाले फ़ॉर्म का नाम है ट्वेंटी20 (Twenty20), जिसमें हर एक टीम के पास एक इनिंग्स के लिए मैक्सिमम 20 ओवर्स मौजूद होते हैं और आमतौर पर इसे खत्म होने में कुछ ही घंटे का वक़्त लगता है।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 विकेट्स के महत्व को पहचानें:
    विकेट्स, क्रिकेट में सबसे ज्यादा अहम भूमिका निभाते हैं। बल्लेबाज को आउट करने के सबसे मुख्य तरीकों में से एक ये है, जिसमें बॉल के जरिये विकेट की 1 या दोनों बेल्स (गिल्लियों) को गिराया जाता है, जिसे "ब्रेकिंग या विकेट का गिरना " कहा जाता है। ऐसी कई स्थितियां हैं, जिनके परिणामस्वरूप बैट्समेन को आउट करार दिया जाएगा:
    • अगर बॉलर किसी भी तरह से बॉल करते हुए बॉल के जरिये बैट्समेन की विकेट को सीधे हिट कर दे और उसे गिरा दे, तब स्ट्राइकर को “बौल्ड (bowled)” करार दिया जाता है।
    • अगर बैट्समेन, पिच पर मौजूद किसी भी पॉपिंग क्रीज़ के बाहर हो जाता है, तब बॉलर उनके हांथ में मौजूद बॉल से विकेट को हिट करके या फिर बॉल से सीधे ही विकेट को टच करके, उसके विकेट को ब्रेक कर सकता है। इस तरह के मामले में, बैट्समेन को “रन आउट” करार दिया जाता है।
    • जैसे कि बॉलर के बॉल करने की शुरुआत करने के दौरान, नॉन-स्ट्राइकर अक्सर ही पॉपिंग क्रीज़ को छोड़ दिया करते हैं (ठीक जिस तरह से बेसबॉल प्लेयर अगले बेस पर दौड़ की प्रत्याशा में बेस से दूर हो जाते हैं), तो बॉलर, बॉल करना रोककर, उस नॉन-स्ट्राइकर को क्रीज़ पर पहुँचने से पहले ही उसके विकेट को ब्रेक कर सकता है। इसे अक्सर ही एक रन आउट की तरह माना जाता है।
    • अगर स्ट्राइकर बॉल को हिट करने की कोशिश में बॉल को मिस कर देता है, और पॉपिंग क्रीज़ से बाहर निकल जाता है, तो विकेट-कीपर बॉल को एकदम सफाई से कैच करके, विकेट को ब्रेक कर सकता है और विकेट को बॉल से हिट करके, उसे आउट कर सकता है। इस तरह से आउट किए जाने को “स्टंप्ड (stumped)” होना कहा जाता है।
    • अगर स्ट्राइकर बॉल को विकेट से टकराने से रोकने के लिए, जानबूझकर उसके शरीर के किसी भी भाग का इस्तेमाल करता है, तो उन्हें “लेग बिफोर विकेट (leg before wicket या पगबाधा)” आउट करार किया जाता है। इसे अक्सर ही एलबीडबल्यू (LBW) कहा जाता है।
    • अगर स्ट्राइकर गलती खुद ही विकेट को हिट कर देता है, और उसे ब्रेक कर देता है, तो वो “हिट विकेट (hit wicket)” आउट माने जाते हैं। हिट विकेट में, गलती से किसी भी वक़्त पर किसी के भी द्वारा गिराए जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जब स्ट्राइकर बॉल को हिट करने की कोशिश करते हुए, गलती से इसे ब्रेक करता है या फिर बॉल को हिट करके रन लेने की कोशिश में, पिच के दूसरी ओर दौड़कर जाने की कोशिश करता है, तब हिट विकेट को मान्य किया जाता है।
    • वहीं दूसरी तरफ, अगर स्ट्राइकर ने बॉल को हिट कर दिया है, और ये सीधे जाकर, नॉन-स्ट्राइकर की विकेट से जा टकराती है, तो नॉन-स्ट्राइकर आउट नहीं होता। बॉलर अभी भी बॉल को पकड़ सकता है और नॉन-स्ट्राइकर को रन आउट करने क लिए उसकी विकेट को हिट कर सकता है।
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 बैट्समेन को आउट करने के और भी तरीके सीखें:
    विकेट के साथ ही, बैट्समेन को आउट करने के और भी तरीके मौजूद होते हैं। जिनमें से कुछ तो अक्सर ही देखे जाते हैं, वहीं कुछ को बहुत कम देखा जाता है, ये खेल के हायर लेवल पर शायद ही कभी होता है। इनमें से कुछ टेक्निकल आउट्स को सिर्फ अंपायर्स, जो कि फील्ड पर हर वक़्त हमेशा ही मौजूद 2 लोग (और कभी-कभी 3) होते हैं, के द्वारा ही तय किया जाता है।
    • एक स्ट्राइकर उस वक़्त “कॉट आउट (caught out)” होता है, जब फील्डिंग टीम का कोई भी सदस्य उसके द्वारा हिट किए हुए बॉल को जमीन पर गिरने से पहले उसे कैच कर लेता है। ये आउट होने का सबसे कॉमन टाइप है। अगर बॉल को कैच करने वाला फील्डर, फील्ड के किनारों पर मौजूद बाउंड्री पर बॉल को स्लिप कर देता है, तो ऐसे में बैट्समेन को आउट की जगह पर, 6 रन मिल जाते हैं। इसमें बॉल को बाउंड्री से पहले कैच करना और फिर उसे कैच करने के बाद बाउंड्री पर गिरा देना शामिल है।
    • अगर बैट्समेन हांथ में पकड़े हुए बैट के अलावा बॉल को किसी भी हांथ से छूता है, और अगर उन्हें फील्डिंग टीम के द्वारा ऐसा करने की इजाजत न मिली हो, तो ऐसा किए जाने पर उन्हें, “बॉल से छेड़छाड़ करने (handling the ball),” का दोषी माना जाता है। ये नियम बॉलर द्वारा फेंकी गई बॉल के द्वारा छूए जाने पर या फिर किसी और तरह की गलती से छूए जाने पर लागू नहीं होता है।
    • जब कोई बैट्समेन खेल के दौरान उसके बैट से या बॉडी से बॉल को दूर करने की कोशिश करता है (आमतौर पर अपने विकेट की रक्षा में), या फिर फील्डिंग टीम के द्वारा बॉल को पिच पर वापस लेकर आने की कोशिश में किसी भी तरह से रुकावट पैदा करता है, तो उन्हें “फील्ड में रुकावट पैदा करने (obstructing the field)” की कोशिश के लिए आउट करार किया जाता है। हालाँकि, कुछ इस तरह से विकेट के बीच में दौड़ना, कि बैट्समेन का शरीर बॉल को पकड़े हुए फील्डर और बैट्समेन के विकेट के बीच में आना मान्य है।
    • अगर कोई बैट्समेन किसी बॉल पर किसी भी वजह से, उसे अपने विकेट से दूर करने के इरादे के अलावा, दो बार हिट करता है, तो बैट्समेन को आउट कर दिया जाता है। फील्डर्स को उलझन में डालने के इरादे से या फिर बेहतर स्कोर करने के इरादे से बॉल को दो हिट करना सख्ती से प्रतिबंधित है।
    • जब कोई बैट्समेन आउट होता है, तब अगर अगला बैट्समेन उसकी जगह पर आने के लिए, 2 मिनट के अंदर फील्ड तक नहीं पहुँचता, तो उन्हें “टाइम आउट (timed out)” कर दिया जाता है।
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 एक्सट्रा रन को समझें:
    क्रिकेट में कुछ ऐसी परिस्थितियाँ आती हैं, जहाँ पर एक्सट्रा रन्स मिलते हैं। इन्हें किसी भी प्लेयर के एवरेज को कैलकुलेट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन साथ ही विजेता टीम का निर्धारण करने में भी पूरी तरह से इनका इस्तेमाल किया जाता है। 4 तरह के एक्सट्रा में ये शामिल हैं:
    • किसी गलत तरह से की गई बॉल को “नो बॉल (no ball)” देने पर, इसमें बैट्समेन सिर्फ या तो रन आउट हो सकता है, बॉल के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश में आउट हो सकता है, फील्ड में रुकावट पैदा करने की वजह से आउट होगा, या फिर बॉल को दो बार हिट करने की वजह से आउट हो सकता है। “नो बॉल” करार की हुई बॉल पर बने रन को एक्सट्रा माना जाता है, हर एक “नो बॉल” के लिए बॉलर को उसी ओवर में एक और एक्सट्रा बॉल देना पड़ती है। इसका मतलब, किसी ओवर में बॉलर के द्वारा एक “नो बॉल” किए जाने पर, उसे ओवर पूरा करने के लिए 6 की जगह पर 7 बार बॉल करना होती है। अगर किसी “नो बॉल” में एक भी रन स्कोर नहीं किया गया हो, तो बैटिंग टीम को 1 रन जरूर मिलता है।
    • जब भी कोई बॉलर वाइड (wide) बॉल करता है, तो बैटिंग टीम के खाते में ऑटोमेटिकली 1 रन एक्सट्रा जुड़ जाते हैं। बिल्कुल एक “नो बॉल (no ball)” एक्सट्रा की तरह ही, “वाइड (wide)” एक्सट्रा के लिए भी बॉलर को उनके ओवर में एक्सट्रा बॉल देनी होती है।
    • अगर स्ट्राइकर बॉल को हिट करने की कोशिश करता है, और चूक जाता है, और साथ ही विकेट कीपर भी इसे कैच नहीं कर पाता, तो खेल के दौरान बैट्समेन रन लेने के लिए दौड़ सकता है। इस तरह से लिए हुए रन्स को “बाइस (byes)” बोला जाता है।
    • एक “लेग बाय (leg bye)” उस समय होती है, जब स्ट्राइकर बॉल को उनके बैट से हिट करने की कोशिश करता है, लेकिन इसकी जगह पर अपनी बॉडी से हिट कर देता है। “लेग बाइस (Leg byes)” भी एक तरह से “बाइस (byes)” की तरह ही काम करती है। अगर स्ट्राइकर बॉल को हिट करने की कोशिश ही नहीं कर रहा था, तो ऐसे में वो “लेग बाइस” नहीं ले सकता ।
विधि 3
विधि 3 का 3:

गेम खेलना (Playing the Game)

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 पिच तैयार करना:
    हर एक बैट्समेन को पिच के एक-एक छोर पर, पॉपिंग क्रीज़ के पीछे, लेकिन बॉलिंग क्रीज़ के आगे खड़ा होना होता है। बॉलर को भी क्रीज़ के एक छोर पर, बॉलिंग क्रीज़ के पीछे खड़ा होकर, दूसरे छोर पर बॉल करना होती है। बॉलर जिस बैट्समेन को बॉल कर रहा होता है, वो स्ट्राइकर होता है; दूसरा बैट्समेन, जो कि बॉलर की साइड पर खड़ा होता है, वो नॉन-स्ट्राइकर कहलाता है।
    • विकेट-कीपर स्ट्राइकर के विकेट के और बॉलिंग क्रीज़ के पीछे झुककर खड़ा होता है। उनका काम उस बॉल को पकड़ना होता है, जो स्ट्राइकर से छूट जाए या फिर जिसे उसने हिट ही न किया हो। जब भी विकेट-कीपर सफलतापूर्वक किसी बॉल को कैच करता है, तब स्ट्राइकर को आउट करार कर दिया जाता है।
    • फील्डिंग टीम के अन्य 9 सदस्य किसी भी समय, किसी भी कॉन्फ़िगरेशन में खड़े हो सकते हैं, और वो पिच के बाहर रहते हैं।
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 बॉल करना:
    बॉलर बॉलिंग क्रीज़ के पीछे से शुरू करता है, और आगे बढ़ते हुए पॉपिंग क्रीज़ तक पहुँचने से पहले, बॉल को आगे की ओर फेंकता है। क्रिकेट बॉल को हमेशा ही कंधों के ऊपर, एकदम सीधी कलाई के साथ फेंका जाता है। बॉल स्ट्राइकर के पास पहुँचने से पहले, एक-बार फील्ड पर बाउंस हो सकती है, लेकिन जरूरी नहीं कि ये हो ही।
    • अगर बॉलर बॉल करते वक़्त पॉपिंग क्रीज़ से आगे निकल जाता है, तो उसके द्वारा की गई बॉल के लिए अंपायर के द्वारा “नो बॉल” का इशारा दिया जाता है। बॉल को हिट करने के बाद, बैट्समेन रन लेने के लिए दौड़ सकता है, लेकिन कुछ खास विधियों के अलावा वो आउट नहीं हो सकता।
    • अलग-अलग बॉलर की बॉल करने की कुछ अलग स्टाइल होती है, और वो फास्ट बॉल करने के लिए आगे की ओर दौड़ सकते हैं, और आगे की तरफ कुछ कदम बढ़ा सकते हैं और वो जरा सी पेचीदा बॉल करने के लिए ट्विस्ट भी कर सकते हैं। सबसे तेज़ बॉल लगभग 90 mph (140 km/h) स्पीड की होती है, जो कि अगर शॉर्ट लेंथ की पिच पर दी जाए, तो स्ट्राइकर के द्वारा इस पर बहुत तेज़ी से प्रतिक्रिया देने की जरूरत होती है।
    • बॉल को स्ट्राइकर के कंधे तक या इसके नीचे तक ही होना चाहिए। अगर ये इससे ऊपर गई या फिर अगर ये पिच के ऊपर से गुजर गई, तो इसे “वाइड (wide)” बॉल या एक “नो बॉल (no ball),” माना जाता है, खासकर ऐसे मामले में, जबकि बॉल स्ट्राइकर से बहुत ज्यादा दूरी पर नहीं होती, लेकिन इसकी ऊंचाई की वजह से इसे हिट कर पाना भी संभव नहीं होता।
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 बॉल हिट करें और रन लें:
    क्रिकेट बैट के फ्लैट भाग का इस्तेमाल करते हुए, स्ट्राइकर बॉल को हिट कर सकता है। स्ट्राइक करने के भी कई तरह के प्रकार मौजूद हैं, जिनके अपने-अपने कुछ लाभ होते हैं। जब स्ट्राइकर बॉल को हिट कर देता है, तब वो और नॉन-स्ट्राइकर पिच के एक छोर से दूसरे छोर तक दौड़कर, एक-दूसरे की जगह को रिप्लेस करने का फैसला ले सकते हैं। अगर दोनों ही बैट्समेन बिना किसी रुकावट के, सुरक्षित रूप से पिच के एक छोर से दूसरे छोर तक भाग लेते हैं, 1 रन पूरा हो जाता है और उनके द्वारा एक पॉइंट स्कोर हो जाता है। अगर पिच पर रन लेने की कोशिश करते हुए कोई भी एक बैट्समेन आउट हो जाता है, तो ऐसे में एक भी पॉइंट स्कोर नहीं मिलता।
    • ऐसा जरूरी नहीं है, कि बॉल हिट करने के बाद बैट्समेन को भागना ही है। वो जब तक उनकी पॉपिंग लाइंस पर रहते हैं, तब तक वो किसी भी तरह से आउट होने से बचे रहते हैं, तो इसलिए कभी-कभी न दौड़ना भी उनके लिए सेफ होता है।
    • जो बैट्समेन सफलतापूर्वक एक रन ले लेता है, वो फौरन ही मुड़कर, एक बार फिर वापस दूसरे छोर तक दौड़ते हुए, एक और रन स्कोर कर सकता है, वो फील्डिंग टीम के रन आउट कर सकने से पहले, ऐसा चाहे जितनी भी बार कर सकते हैं, लेकिन इस बात का ख्याल रखते हुए, कि उसे फील्डिंग टीम द्वारा रन आउट नहीं होना है। किसी एक बॉल पर चार रन लेना बहुत आम बात नहीं है, लेकिन ये संभव जरूर है।
    • कोई बैट्समेन अगर बॉल को हिट करके सीमा से बाहर कर देता है, और जाते वक़्त बॉल एक बार फील्ड से टकरा जाती है, तो बैट्समेन को और टीम को ऑटोमेटिकली 4 रन मिल जाते हैं। अगर सीमा पर पहुँचने से पहले, बॉल एक बार भी नहीं गिरती, तो 4 की जगह पर 6 रन मिलते हैं।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 गेम खत्म करना:
    आपके द्वारा चुने हुए गेम के फ़ॉर्म के अनुसार, जब तक पूरी इनिंग्स समाप्त नहीं हो जाती, तब तक खेलते रहें। सबसे ज्यादा रन बनाने वाली टीम विनर घोषित की जाती है।

सलाह

  • क्रिकेट खेलने की स्ट्रेटजी तैयार करने के लिए, क्रिकेट को सीखने के लिए और भी कई छोटे-छोटे नियम और डिटेल्स मौजूद होती हैं। क्रिकेट सीखने के लिए, शुरुआती दौर में, इसके कुछ बेसिक्स सीखने के लिए, इस गाइड का इस्तेमाल करें और कुछ और एडवांस्ड सोर्स की मदद से क्रिकेट के बारे में और ज्यादा जानकारी इकट्ठी करें।
  • खेल के दौरान, अगले खेल को शुरू करने से पहले, प्लेयर्स को आराम करने और फिर से तैयार होने के लिए 2 मिनट दिये जाते हैं। यह बैट्समेन के लिए एक-दूसरे के साथ स्ट्रेटजी पर चर्चा करने का एक अच्छा समय होता है। अगर आप एक बैट्समेन की तरह खेल रहे हैं, तो 2 मिनट पूरे होने से पहले, अपनी पोजीशन पर वापस आना न भूलें।
  • क्रिकेट अक्सर गर्मी के दिनों में, बाहर, और आमतौर पर दोपहर के 1 बजे से लेकर शाम के 6 बजे के बीच ही खेला जाता है। और गेम के दौरान, खेलते-खेलते वहाँ फील्ड में गर्मी काफी ज्यादा बढ़ जाती है। तो इसलिए संसक्रीन लगाना और एक हैट पहनना और साथ ही भरपूर पानी पीना न भूलें।
  • बैटिंग करते वक़्त, शॉट मारने की तैयारी करते वक़्त, अपनी कोहनी को ऊपर की ओर रखें। कैच लेते वक़्त अपनी सारी उँगलियों को एक-साथ रखें।

विकीहाउ के बारे में

How.com.vn हिन्द: Rishabh Mehan
सहयोगी लेखक द्वारा:
क्रिकेट कोच
यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Rishabh Mehan. ऋषभ मेहान यूनाइटेड किंगडम में क्रिकेट सिस्टम ऑपरेटर हैं। वह 2016 से लंदन में क्रिकेट की कोचिंग कर रहे हैं, और इन्होने लेवल 2 सर्टिफिकेट इन कोचिंग यंग पीपल एंड एडल्ट्स क्रिकेट (QCF) प्राप्त किया है। यह आर्टिकल ३०,९८४ बार देखा गया है।
श्रेणियाँ: खेल और दुरुस्ती
सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो ३०,९८४ बार पढ़ा गया है।

यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?