यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Anthony Stark, EMR. एंथनी स्टार्क ब्रिटिश कोलंबिया में एक रजिस्टर्ड इमरजेंसी मेडिकल रेस्पोंडर है। वह वर्तमान में ब्रिटिश कोलंबिया एम्बुलेंस सर्विस के लिए काम करते हैं।
यहाँ पर 8 रेफरेन्स दिए गए हैं जिन्हे आप आर्टिकल में नीचे देख सकते हैं।
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भारत मकड़ियों के एक हज़ार स्पीशीज पायी जाती हैं लेकिन इनमे से जो सबसे ज्यादा पायी जाती हैं उनमे जहरीले डंक होते हैं जो मनुष्य की स्किन में प्रवेश करने के लिए या तो बहुत छोटे होते हैं या बहुत भंगुर होते हैं | बल्कि अगर आपको मकड़ी काटती भी है तो इनके फेटल रिएक्शन होने के चांस बहुत कम होते हैं | स्पाइडर बाईट से भारत पूरे साल में लगभग केवल तीन मौतें ही होती हैं |[१] हालाँकि स्पाइडर बाईट से दर्द तो होता ही है लेकिन कई बार इनके जहर के कारण सिस्टमिक रिएक्शन्स भी हो जाते हैं | भारत में पायी जाने वाली दो सबसे खतरनाक स्पीशीज हैं; ब्लैक विडो स्पाइडर और ब्राउन रेक्लुस स्पाइडर |[२] अगर आप अन्य स्पाइडर और कीड़ों के दंश से इन खतरनाक मकड़ियों के दंश को पहचान पायेंगे तो इनकी गंभीरता को समझ पायेंगे और यह भी पता चल पायेगा कि आपको मेडिकल अटेंशन के जरूरत है या नहीं |
चरण
- दो नुकीले दांतों से पंक्चर हुए घाव पर नज़र डालें: ब्लैक विडो स्पाइडर के दंश से अक्सरतुरंत दर्द होने लगता हैऔर इसे दूसरी स्पाइडर और इंसेक्ट्स बाईट से अलगदो पंक्चर मार्क्स के द्वरा पहचाना जा सकता हैजो स्किन पर साफ दिखाई देते हैं |[३] हालाँकि हो सकता है कि इनमे बिलकुल दर्द न हो | आमतौर पर ब्लैक विडो स्पाइडर के बाईट से बहुत कम दर्द होता है क्योंकि इनके दांत काफी लम्बे और शार्प होते हैं | दो नुकीले दांतों से पंक्चर घाव होने के बाद यह घाव लाल होकर सूज जाता है औरएक नोड्युल जैसा बन जाता है |दंश स्थान पर छूने पर दर्द रहता है जो धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और एक घंटे के अंदर ही फैलने लगता है |
ब्लैक विडो बाईट के लिए क्विक टिप्स
दंश का आकार: दो नुकीले दांतों से पंक्चर घाव |
टिपिकल रिएक्शन: दंश स्थल पर छूने पर दर्द होता है और यह दर्द एक घंटे में ही आस-पास फ़ैलने लगता है | घाव सूजनयुक्त नोड्युल में बदल जाता है |
सीरियस साइड इफेक्ट्स: सीवियर मसल्स क्रेम्पिंग (खासतौर पर पेट में), दंश स्थान के आस-पास बहुत ज्यादा पसीना आना, मितली, सिरदर्द, भ्रम, कंपकपी और हाई ब्लड प्रेशर | ये सभी रिएक्शन मकड़ी के न्यूरोटॉक्सिक जहर के कारण होते हैं |
एंटी-वेनम? जी हाँ, अगर दंश के कारण सीवियर पैन और अन्य लक्षण हो रहे हों तो यह उपलब्ध होता है | यह आमतौर पर जांघ में इंजेक्ट किया जाता है या किसी डॉक्टर के द्वारा नसों में (इंट्रावेनसली) दिया जाता है | हालाँकि एंटी-वेनम के कारण सीरियस एलर्जिक रिएक्शन्स हो सकते हैं जो जहर के लक्षणों से भी ज्यादा बदतर हो सकते हैं |
ब्लैक विडो स्पाइडर पहचानें: ब्लैक विडो स्पाइडर चमकदार और गोल होती है और इसके पेट के नीचे रेड डायमंड (या हौरग्लास) शेप होता है |
लोकेशन: समशीतोष्ण क्षेत्र जैसे यूनाइटेड स्टेट, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, साउथर्न यूरोप, साउथर्न एशिया, साउथ अमेरिका - "बुल्स आई" जैसे दंश के घाव पर नज़र रखें: ब्राउन रेक्लुस स्पाइडर का दंश आमतौर पर दर्दरहित होता है और इसके कारणहलकी सी झनझनाहट होती है जोमच्छर के काटने के समान होती है | लगभग 30 से 60 मिनट के अंदर ही यह दंश लाल हो जाता है और इसमें मध्य भाग में घाव के साथ सूजन आ जाती है जिसे "बुल्स आई" घाव कहते हैं |[४] आठ घंटे के अंदर ही मध्य भाग का घाव बढ़ जाता है और ब्लड से भरकर फट जाता है और फिरकाफी पीड़ादायक अल्सर रह जाता है जिसके कारण रेडनेस और तेज़ दर्द होने लगता है |इस स्टेज के दौरान, एक दंश स्थल पर अधिकतर चारों ओर का एरिया गहरे नीले या पर्पल रंग का हो जाता है, आमतौर पर चारों ओर एक लाल रिंग बन जाती है |[५] अगर कोई अल्सर बनता है और कुछ सप्ताह तक बना रहता है तो ही मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है |
ब्राउन रेक्लुस बाईट के क्विक टिप्स
दंश का आकार:बुल्स आई
टिपिकल रिएक्शन: दंश के बाद 30 से 60 मिनट के अंदर सूजन और रेडनेस आ जाती है | अगले आठ घंटे में जैसे ही घाव रक्त से भरकर फट जाता है तो तेज़ दर्द होता है और एक पीड़ायुक्त अल्सर बन जाता है
सीरियस साइड इफ़ेक्ट: इससे कोई सीरियस साइड इफ़ेक्ट नहीं होते लेकिन अगर इस दंश से पीड़ित व्यक्ति का इम्यून सिस्टम काफी कमज़ोर हो तो इसके घाव से उबरने में काफी समय लग सकता है | ऐसा अधिकतर बच्चों और बूढ़े लोगों में देखा जाता है
ट्रीटमेंट: घाव को एक सौम्य साबुन और पानी से साफ़ करें | उस जगह पर सूजन और दर्द को कम करने के लिए ठंडा सेंक लगायें और उस जगह को ऊंचा उठायें |[६] जरूरत होने पर बाज़ार में मिलने वाली दर्दनिवारक (एसीटामिनोफेन) या एंटी-इंफ्लेमेटरी (आइबूप्रोफेन) लें | आमतौर पर, अल्सर कुछ सप्ताह में ही सूखकर झड जाता है |
एंटी-वेनम? कोई नहीं, इसका कोई एंटी-वेनम नहीं है | ब्राउन रेक्लुस स्पाइडर का जहर नेक्रोटाइजिंग होता है, इसका मतलब यह है कि इसके कारण आस-पास के टिश्यू नष्ट हो जाते हैं और वो जगह ब्लैक या ब्लू हो जाती है |
ब्राउन रेक्लुस स्पाइडर को पहचानें: ब्राउन रेक्लुस स्पाइडर ब्राउन या पीली सी होती है | इनके लम्बे और पतले पैर होते हैं और शरीर पर एक सिर और अंडाकार पेट होता है | इनके सिर पर वायलिन के आकार के स्पॉट्स पाए जाते हैं |
लोकेशन:साउथर्न और मिडवेस्टर्न यूनाइटेड स्टेट्स - अपनी स्किन पर नीडल जैसे हेयर्स पर नज़र रखें: हालाँकि टारंटुलस सबसे खतरनाक दिखने वाली मकड़ियों में से एक है जो नार्थ और साउथ अमेरिका में पायी जाने वाली विषरहित और बहुत कम काटने वाली मकड़ी है |[७] लेकिन, इन्हें परेशान करने पर टारंटुलस की यह "नयी दुनिया" नीडल जैसे ब्लैक हेयर इजेक्ट करती है | याद रखें, अफ्रीका और मिडिल ईस्ट में पायी जाने वाली टारंटुला स्पीशीज में नीडल जैसे हेयर्स नहीं होते लेकिन काफी गुस्सैल होती हैं और जहर भी बनाती हैं |
टारंटुला हेयर क्विक टिप्स
ये कैसी दिखती हैं: आपकी स्किन में रहने वाले छोटी नीडल जैसे हेयर्स जैसी |
टिपिकल रिएक्शन: शुरुआत में दंश का सेंसेशन
सीरियस साइड इफ़ेक्ट: एनाफायलेक्सिस, जिसमे शीतपित्त, सूजन और सांस लेने में परेशानी हो
ट्रीटमेंट:एनाफायलेक्सिस के लिए एपिनेफ्रीन इंजेक्शन |
लोकेशन: साउथवेस्टर्न यूनाइटेड स्टेट, साउथ और सेंट्रल अमेरिका - अन्य स्पाइडर बाईट को पहचानें: ब्लैक विडो और ब्राउन रेक्लुस स्पाइडर के दंश सबसे आसानी से पहचाने जाते हैं क्योंकि इनके जहर सबसे प्रभावशाली होते हैं और आमतौर पर इसके कारण अधिकतर लक्षण देखे जाते हैं |[८] लेकिन, अन्य स्पाइडर बाईट सबसे सामान्य होती हैं और इनके कारण दर्द और सूजन भी होती है | उदाहरण के लिए, होबो सबसे बड़ी और सबसे तेज़ दौड़ने वाली मकड़ी होती है और इनकी ब्राउन पीठ पर पीले मार्क पाए जाते हैं | जब ये लोगों को काटती हैं तो न्यूरोटोक्सिक वेनम इंजेक्ट करती है जिसके कारण आस-पास की स्किन मर जाती है लेकिन यह ब्राउन रेक्लुस के जहर से कम होता है |
- होबो और सैक स्पाइडर के दंश के कारण परेशानी होती है और ऐसा घाव होता है जैसे मधुमक्खी या ततैया के दंश के समान होते हैं लेकिन शुरूआती दर्द काफी कम होता है क्योंकि इन मकड़ियों के फेंग्स (डंक) ततैया. मधुमक्खियों के डंक जितने बड़े और मज़बूत नहीं होते |
- आपको होने वाले दंश किस मकड़ी से हुए हैं, इसकी पहचान करने के लिए, मकड़ी को पकड़ें या अपने फ़ोन से उसका फोटो खींच लेंऔर इसे स्थानीय क्लिनिक (जहाँ कोई इन्हें पहचान सके) ले जाएँ या फिर ऑनलाइन रिसर्च करें | अधिकतर स्पाइडर बाईट या तो कोई हानि नहीं पहुंचाते या फिर इनसे केवल थोड़ी परेशानी ही होती है जो कुछ दिनों में दूर हो जाती है |[९]
- एंटीसेप्टिक जेल, बर्फ और बाज़ार में मिलने वाली दवाओं से जरूरत पड़ने पर स्पाइडर बाईट का इलाज़ करें |
- आमतौर पर कहा जाता है कि मकड़ियाँ केवल अपने डिफेंस में ही काटती हैं, विशेषरूप से जब वो आपकी स्किन और किसी और चीज़ के बीच दब रही हों |
- याद रखें, कई इन्सेक्ट बाईट मकड़ी के दंश से भी काफी ज्यादा पीड़ादायक होती है | कई बार मरीज गलती से दंश को मकड़ी का दंश समझ लेता है क्योंकि उन्हें लगता है कि मकड़ियाँ अपनी क्षमता से भी ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है |[१०] उदाहरण के लिए, मधुमक्खी और ततैया जैसे इंसेक्ट्स मकड़ी के छोटे डंक की तुलना में अपने पावरफुल डंक के इस्तेमाल से स्किन में घाव बनाकर ज्यादा शुरूआती डैमेज कर देते हैं | मधुमक्खी अपने डंक को स्किन के अंदर छोड़ देती है और इसके बाद थोड़ी ही देर में मर जाती है जबकि ततैया ( जिनमे होर्नेट और येलो जैकेट्स शामिल हैं) बार-बार डंक मारती हैं |[११]
- अगर आप काफी सेंसिटिव हैं तो ततैया/मधुमक्खी के डंक से होने वाले रिएक्शन में स्किन में हलकी रेडनेस (हलके नील पड़ने या रगड़ जैसे) से लेकर सीरियस एलर्जिक रिएक्शन (एनाफायलेक्सिस) तक हो सकते हैं और तब मेडिकल अटेंशन की जरूरत पड़ती है | ततैया और मधुमक्खी जहर इंजेक्ट नहीं करतीं लेकिन फिर भी एनाफायलेक्सिस रिएक्शन के कारण स्पाइडर की तुलना में हर साल लोगों के द्वारा काफी संख्या में मारी जाती हैं क्योंकि इसका कोई इलाज नहीं है |
- एनाफायलेक्सिस आमतौर पर एपिनेफ्रीन (एड्रीनेलिन) इंजेक्शन से कण्ट्रोल किये जाते हैंजो शरीर के एलर्जिक रिस्पांस को कम कर देते हैं | अगर आपके पास एपिनेफ्रिन "पेन" है तो यह इंजेक्शन डॉक्टर या एडमिनिस्ट्रेटर के द्वारा घर पर भी दिया जा सकता है |
- अधिकतर होबो और सैक स्पाइडर जैसे स्पाइडर के दंश ततैया/ मधुमक्खी के दंश से भ्रमित करते हैं | ब्लैक विडो बाईट के कारण इसी तरह के सीरियस लक्षण हो सकते हैं लेकिन उनके दो-टांगों से पंक्चर घाव ततैया/मधुमक्खी के दंश के समान नहीं होते |
- पीड़ादायक बिच्छू के डंक पर नज़र रखें: हालाँकि बिच्छू का दंश केकड़े के समान चुभने वाला होता है और ये काटने या दबाने की बजाय अपनी पूँछ से डंक मारते हैं | बिच्छू के डंक आमतौर पर पीड़ादायक होते हैं और इनके कारण स्थानीय रेडनेस और सूजन हो जाती है | लेकिन ये अधिकतर ज्यादा गंभीर नहीं होते और किसी मेडिकल अटेंशन की जरूरत नहीं होती |लेकिन,बार्क स्कोर्पियन के कारण काफी घातक दंश मिल सकता हैक्योंकि यह काफी प्रभावशाली जहर बनाता है |
- हालाँकि बिच्छू के स्टिंग मार्क्स आमतौर पर ब्लैक विडो स्पाइडर के दो-टांगों के पंक्चर वाले घाव से दिखने में बहुत अलग होते हैं लेकिन दर्द और अन्य लक्षण समान होते हैं क्योंकि दोनों ही स्पीशीज न्यूरोटोक्सिन वेनम बनाती हैं |
- एंटीवेनम (एनास्कोर्प) बाज़ार में उपलब्ध है लेकिन भारत में मृत्युदर कम होने के कारण इनका बहुत ज्यादा उपयोग नहीं किया जाता |
- अधिकतर स्पाइडर बाईट के समान स्कोर्पियन स्टिंग्स का इलाज़ भी एंटीसेप्टिक जेल, बर्फ और बाज़ार में मिलने वाली दवाओं से किया जाता है |
- बार्क स्कोर्पियन एरिज़ोना, नवा मेक्सिको और कैलिफ़ोर्निया के हिस्सों का वासी है |
- स्पाइडर बाईट को लेकर टिक बाईट से कन्फ्यूज न रखें: कई बार टिक बाईट ब्राउन रेक्लुस स्पाइडर बाईट से कंफ्यूज कर देता है क्योंकि इनके कारण भी स्किन रिएक्शन होते हों जो बुल्स आई के समान दिखाई देते हैं |[१२] Someटिक्स (जैसे कि हिरण में पाए जाने वाले पिस्सू) लायम डिजीज से आपको संक्रमित कर सकते हैं, इसलिए इन्हें नज़रंदाज़ नहीं करना चाहिए |टिक के कारण लायम डिजीज में जो लक्षण होते हैं, उनमे शामिल हैं; बीच में रिंग वाले स्किन रेशेज़ जो एक महीने बाद दिखाई देते हैं और साथ ही बुखार, थकान, सिरदर्द और जॉइंट्स और मसल्स में दर्द |
- ब्राउन रेक्लुस स्पाइडर बाईट और टिक बाईट में मुख्य अंतर यह है कि टिक बाईट से शुरुआत में दर्द नहीं होता और उससे स्किन के चारों ओर अल्सरेशन (नेक्रोसिस) कभी नहीं होती |
- दूसरा अंतर यह है कि होस्ट को इन्फेक्ट करने से पहले टिक (tick) स्किन में छेद बना देता है इसलिए कई बार ये स्किन की टॉप लेयर के नीचे भी दिखाई दे सकते हैं | इसके अलावा, स्पाइडर लोगों की स्किन पर कभी भी अपना घर या छेद नहीं बनातीं |
सलाह
- स्पाइडर को भगाने के लिए कपड़ों और जूतों पर इन्सेक्ट रिपेलेंट स्प्रे करें |
- काफी समय से इस्तेमाल न किये जाने वाले गार्डनिंग ग्लव्स, बूट्स और कपडे पहनने से पहले अच्छी तरह से देख लें | इन्हें पहनने से पहले अच्छी तरह से झाड लें |
- दुनिया में स्पाइडर की हजारों स्पीशीज होने के कारण विदेश में ट्रेवल करते समय, विशेषतौर पर साउथ अमेरिका, अफ्रीका, साउथईस्ट एशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के दौरों पर विशेष ध्यान रखें | इनके अलावा दुनीया में पायी जाने वाली दूसरी खतरनाक स्पाइडर में शामिल हैं- ब्राजीलियन वंडेरिंग स्पाइडर, फनल-वेब स्पाइडर, माउस स्पाइडर और रेड ब्लैक स्पाइडर |
- स्पाइडर बाईट से बचने के लिए गार्डन शेड, गेराज, बेसमेंट, मचान, अँधेरे कमरे साफ़ करने से पहलें लम्बी आस्तीन वाली शर्ट, हैट्स, ग्लव्स और बूट्स पहनें | याद रखें कि शर्ट और पैन्ट्स को ग्लव्स और सॉक्स में दबाकर रखें जिससे कीड़ों को अंदर घुसने की जगह न मिले |
- अगर आपको स्पाइडर बाईट से काफी दर्द हो रहा ओ और आप मेडिकल हेल्प से बहुत दूर हों तो तुरंत घाव पर बर्फ लगायें | अब, घाव पर एंटीबैक्टीरियल जेल और अन्य फर्स्टएडI चीज़ें लगायें जिससे इन्फेक्शन न हो पाए |
चेतावनी
- स्पाइडर टिटनेस से संक्रमित हो सकती है और जब वो आपको काटती है तो यह संक्रमण आपको पास कर सकती है इसीलिए हर 10 साल में टिटनेस बूस्टर के डोज़ लेते रहें |[१३]
रेफरेन्स
- ↑ http://www.merckmanuals.com/professional/injuries-poisoning/bites-and-stings/spider-bites
- ↑ http://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/spider-bites/basics/definition/con-20035307
- ↑ http://www.cdc.gov/niosh/topics/spiders/
- ↑ http://www.merckmanuals.com/professional/injuries-poisoning/bites-and-stings/spider-bites
- ↑ http://www.mayoclinic.org/first-aid/first-aid-spider-bites/basics/art-20056618
- ↑ http://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/spider-bites/basics/treatment/con-20035307?utm_source=Google&utm_medium=abstract&utm_content=Spider-bite&utm_campaign=Knowledge-panel
- ↑ http://www.merckmanuals.com/professional/injuries-poisoning/bites-and-stings/spider-bites
- ↑ http://www.cdc.gov/niosh/topics/spiders/
- ↑ http://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/spider-bites/basics/definition/con-20035307?utm_source=Google&utm_medium=abstract&utm_content=Spider-bite&utm_campaign=Knowledge-panel