कैसे अच्छे श्रोता बनें

आर्टिकल डाउनलोड करेंआर्टिकल डाउनलोड करें

अच्छा श्रोता होना आपको दूसरों की आँखों से दुनिया देखने का एक मौका देता है। यह आपकी समझ और सहानभूति की क्षमता को बढ़ाता है। यह आपको अपनी संवाद क्षमता को बढ़ा कर अपने संपर्कों को बढ़ाने में भी सहायता करता है। किसी को सुनने की क्षमता आपको किसी और व्यक्ति की परिस्तिति को अच्छे से समझने, और क्या कहना है और क्या नहीं समझने में भी सहायता करता है। सुनना आसान लग सकता है (और स्वीकृति करना), विशेषतः तब जब मतभेद हो जाए, ऐसे में यह करने के लिए अच्छे खासे प्रयास और अभ्यास की जरूरत पड़ती है। अगर आप जानना चाहते है की अच्छा श्रोता कैसे बनना है, तो जानने के लिए आगे पढ़ें!!

विधि 1
विधि 1 का 3:

खुले दिमाग से सुनना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 खुद को किसी दूसरे के स्थान पर रखकर देखें:
    खुद में खो जाना और कही जा रही बात के खुद पर पड़ने वाले प्रभाव पर ही सोचना, आसान है। पर आपकी आंतरिक बातचीत आपके सक्रियता से सुनने को रोक देती है। इसके बजाय, आपको ध्यान से समस्या को सामने वाले के परिपेक्ष्य से देखना चाहिए। यह नहीं कि हम पहले ही मान लें की आप सामने वाली की जगह होते तो आपने ज्यादा जल्दी समस्या का हल निकाल लिया होता। अच्छा श्रोता होना किसी व्यक्ति के बारे में अधिक जान कर आपको अच्छे दोस्त बनाने में भी मदद करता है।
    • याद रखे की आपके पास दो कान और एक मुहं होने का एक कारण है। इसका मतलब है कि आपको बोलने से ज्यादा सुनना चाहिए। सुनना बोलने से ज्यादा फायदेमंद है। लोगों को सुनते वक़्त, बातचीत में स्वयं को लगाये और आँखों का संपर्क बनाये जिससे उन्हें लगे कि आप उनकी ध्यान दे रहे है (चाहे आपको परवाह न भी हो, यह फिर भी विनम्रता है)। लोग जो ज्यादा सुनते है ज्यादा चौकस होते हैं और इसलिए ज्यादा विचारवान होते हैं और चीजों को बेहतर ढंग से समझते है। सुनिश्चित करे कि आप सचमुच सुन रहे है और इसके अलावा कुछ नहीं कर रहे। यह सुनिश्चित करने का प्रयास करें कि आपका पूरा ध्यान उस व्यक्ति की ओर हो जो बोल रहा है और वह भटक नहीं रहा।
    • तुरंत वक्ता के बारें में निर्णय कर लेने, या सीधे कोई हल सुझाने के बजाय, सुनने और स्तिति को दुसरे व्यक्ति के परिपेक्ष्य से देखने का समय निकालें। सोचे कि यह जान कर आपको कैसा लगेगा कि कोई चुपचाप आप पर निर्णय कर रहा है। इससे उपस्थित स्तिति को सच में समझने से पहले अपना मत बना लेने की बजाय आपको सच में उस व्यक्ति को सुनने में मदद मिलेगी।
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 दूसरे व्यक्ति के...
    दूसरे व्यक्ति के अनुभव से अपने अनुभव की तुलना करने से बचे: आपको ऐसा लग सकता है कि बोलने वाले की बात सुनने का सर्वश्रेष्ठ मार्ग यही है कि आप अपने अनुभव से उसकी तुलना करें, पर यह सच नहीं है। यदि कोई व्यक्ति परिवार में हुई किसी मृत्यु से उबरने पर बात कर रहा है, तो आप सहानुभूति व्यक्त कर सकते है, पर ऐसा कहने से बचे, "यह बिलकुल वैसा ही है जैसा मेरे साथ था..." आपका किसी की बहुत गंभीर स्तिति से अपनी कम गंभीर स्तिति की तुलना करना अति असंवेदनशील और अपमानजनक है, जैसे किसी के तलाक की अपने तीन महीने के संबंधों से तुलना करना, वक्ता को बहुत असहज बना देगा।
    • आपको लग सकता है कि किसी की मदद करने और स्तिति सम्भालनें का यह सर्वश्रेष्ठ मार्ग है, परन्तु इससे रिश्ते बिगड़ सकते है और वक्ता को ऐसा लगेगा कि आप उसकी बात सुन ही नहीं रहे।
    • बहुत ज्यादा "मैं" और "मेरा" कहने से बचिए। यह इस बात का संकेत है कि आप दूसरों की स्तिति की अपेक्षा सिर्फ खुद के बारे में सोच रहे हैं।
    • यदि व्यक्ति जानता है कि आप भी वैसे ही अनुभव से गुजर चुके है, तो वह आपसे स्वयं ही आपकी राय पूछ सकता/सकती है। ऐसे में आप अपनी बात रख सकते है, पर अंपने अनुभव को ऐसे प्रदर्शित करने में सावधान रहे जैसे वे बिलकुल दूसरे के जैसे ही थे। इस से ऐसा लगेगा कि आप सिर्फ मददगार लगने के लिए एक कृत्रिम परिस्तिति के निर्माण करने का प्रयास कर रहे है।
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 तुरंत मदद करने की कोशिश न करें:
    कुछ लोगो को लगता है, कि जब वे सुन रहे हैं,उन्हें तब ही किसी व्यक्ति की समस्या को सुलझाने का तेज और आसान उपाय ढूढंते रहना चाहिए। इसके बजाय जब कोई व्यक्ति बोल रहा है तो आपको उसकी बात ठीक से समझनी चाहिए, और उसके बोलते हुए उसके हल पर विचार नहीं करना चाहिए --ऐसा तभी करना चाहिए जब वह व्यक्ति ऐसा चाहता हो। यदि आप व्यग्रतापूर्वक उस व्यक्ति की समस्याओं के एकदम शीघ्र हलों पर सोचने लगते है, तो आप वास्तव में सुन ही नहीं रहे होंगे।
    • व्यक्ति आपसे क्या कह रहा है उस सब को आत्मसात करने पर ध्यान दें। केवल इसके बाद ही आपको मदद करने की कोशिश करनी चाहिए।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 सहानुभूति रखें:
    उचित समयों पर अपना सर हिला कर उन्हें दिखाए की आपको परवाह है, जिससे व्यक्त हो कि आप सुन रहे है। इसके अलावा कुछ छोटी बातें कहें जैसे "सही है" जब व्यक्ति कोई ऐसी बात कर रहा हो जिस पर वो आपकी सहमति चाहता हो, या "ओह" कहें जब व्यक्ति कोई दुखद या अपने प्रति किसी बुरे काम का जिक्र कर रहा हो। इन शब्दों से उन्हें भरोसा हो जायेगा कि आप सिर्फ सुन ही नहीं रहे ध्यान भी दे रहे है। इन शब्दों को उचित समय पर और सौम्य तरीके से बोले ताकि आप अहंकारी या हस्तक्षेप करने वाले न प्रतीत हों। अपने संवेदनशील पक्ष को प्रकट करें और यदि व्यक्ति तनाव में है तो उसे सहज करने का प्रयास करें। दूसरी ओर कई लोग रहम के पात्र दिखना नहीं चाहते। इसलिए उन्हें सहज करें, परन्तु स्वयं को उनसे ऊँचा दिखने की कोशिश न करें।
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 बताये गए तथ्यों को याद रखें:
    व्यक्ति ने आपसे जो कहा है उसे सचमुच आत्मसात करना, अच्छे श्रोता बनने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए जब एक व्यक्ति आपको अपने सबसे अच्छे दोस्त जैक के साथ उसकी समस्या के बारे में बता रहा है, और आप उसे नहीं जानते, आप कम से कम उसका नाम याद रख सकते हैं। इससे बात निकलने पर आप उसका नाम लेकर ऐसा प्रदर्शित कर पाएंगे की आप स्तिति से वाकिफ हैं। अगर आप कोई नाम, विवरण, या महत्वपूर्ण घटना याद नहीं करते, तो ऐसा प्रतीत होगा कि आप सुन नहीं रहें है।
    • अगर आपकी याददाश्त बहुत तेज नहीं है तो कोई बात नहीं है। फिर भी अगर आप लोगो को रोक कर स्पष्टीकरण मांगते रहते है या लोगों के नाम भूल जाते है, तो हाँ, आप एक अच्छे श्रोता की तरह नहीं पहचाने जायेंगे। आपको हर छोटी बात याद रखने की जरूरत नहीं है, लेकिन ऐसा भी नहीं होना चाहिए की आपके सामने बोल रहे व्यक्ति को कई बार अपनी बात दोहरानी पड़े।
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 अनुशरण:
    अच्छा श्रोता बनने का दूसरा महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि आप किसी व्यक्ति को सिर्फ सुनने से आगे जाएँ। यह नहीं कि बात सुनी, बात की और आगे बढ़ गए और फिर कभी उस बात पर विचार नहीं किया। यदि आप सचमुच दिखाना चाहते है कि आपको परवाह है तो उस व्यक्ति से अगली मुलाकात में आपको उससे उस स्तिति के बारे में पूछना चाहिए, या फिर आप उसे एक मेसेज या फ़ोन करके भी पूछ सकते है कि वर्तमान स्तिति क्या है। यदि यह कोई गंभीर बात है जैसे निकटवर्ती तलाक, नौकरी की तलाश, या चाहे स्वास्थ्य की समस्या, तो अपनी परवाह दिखने का बहुत अच्छा तरीका है उन व्यक्ति से जाके मिलना, भले ही आपको बुलाया न गया हो। अगर वे न चाहे तो पीछे न पड़े, उनके निर्णय को स्वीकार करें पर उन्हें बता दे कि आप हमेशा उनके साथ हैं।
    • व्यक्ति जिसने आपसे बात की, वो यह जान कर बहुत प्रभावित हो सकता है कि आपने बातचीत की हद से बढ़ के उसके बारे में सोचा और वो कैसा/कैसी है ये देखने उसके घर तक आये। यह आपकी सुनने की क्षमता को अगले स्तर तक ले जाता है।
    • निसंदेह, किसी व्यक्ति के अनुसरण में और छिद्रान्वेषण में फर्क है। अगर एक व्यक्ति ने आपको बताया था की वो कैसे अपनी नौकरी छोड़ना चाह रही है, तो आप उससे रोज मेसेज भेज के ये पूछना नहीं चाहेंगे की क्या उसने नौकरी छोड़ दी, नहीं तो आप स्तिति पर अनावश्यक दबाब बनाएंगे और मदद की जगह तनाव पैदा करेंगे।
  7. How.com.vn हिन्द: Step 7 जाने कि क्या नहीं करना है:
    जब आप एक अच्छा श्रोता बनने का प्रयास कर रहे हो, तो यह जानना कि क्या नहीं करना है भी लगभग उतना ही मददगार होता है जितना यह जानना कि क्या करना है। यदि आप चाहते है कि वक्ता आपको गंभीरता से ले और सोचे की आप सम्मान दे रहे है, तो ये बचने के लिए कुछ बिंदु ये रहे:
    • एक मुद्दे पर बीच में न बोलें।
    • व्यक्ति से पूछताछ ना करें। इसके बजाय जब जरूरत हो नरमी से प्रश्न करें(उस समय जब व्यक्ति बात न कर रह हो)।
    • विषय बदलने की कोशिश न करे, भले यह थोड़ा असहज हो।
    • ये कहने से बचे"यह दुनियाँ का अंत नहीं है" या "आप सुबह अच्छा महसूस करेंगे।" इससे व्यक्ति की समस्या कमतर होती है और उसे बुरा लगता है। व्यक्ति से आँखें मिलाये जिससे उसे समझ आ जाये कि आप रूचि ले रहे है और सुन रहे है।
विधि 2
विधि 2 का 3:

क्या कहना है ये जाने

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 पहले चुप रहे:
    यह घिसा-पिटा और स्पष्ट लग सकता है, पर आवेग में आये हुए विचारों को बोलने की इच्छा को रोकना, सुनने में सबसे बड़ी बाधा है। ठीक ऐसे ही, कई लोग स्वयं के वैसे ही अनुभव बाँट कर झूठी सहानुभूति प्रदर्शित करते है।"मन" की दोनों ही प्रतिक्रियाएं सहायक हो सकती है, पर सामान्यतः वे जरूरत से ज्यादा उपयोग की जाती है और अंत में दुरूपयोग की जाती है।
    • अपनी जरूरतों को एक तरफ रख दें, और "धैर्य से प्रतीक्षा" करते हुए दूसरे व्यक्ति को अपनी गति, और तरीके से अपने विचार व्यक्त करने का मौका दें।
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 अपनी गोपनीयता के...
    अपनी गोपनीयता के प्रति व्यक्ति को पुनः आश्वासन दें: यदि व्यक्ति आपसे कोई बहुत निजी या महत्वपूर्ण बात कर रहा है, तो आपको यह स्पष्ट करना चाहिए कि आप एक विश्वसनीय व्यक्ति है जो अपना मुहं बंद रख सकते है। कहिये कि वो व्यक्ति आप पर विश्वास कर सकता है और जो बात हुई है वो आप दोनों के बीच ही रहेगी और ये आपका वायदा हैं। यदि व्यक्ति आप पर विश्वास करने को लेकर आशंकित है तो आपके सामने उसके खुलने की सम्भावना कम है। यह भी ध्यान रखे की आप किसी पर अपने सामने खुलने के लिए जोर न डालें क्योंकि यह उन्हें असहज या नाराज कर सकता है।
    • निसंदेह, जब आप कहें कि व्यक्ति द्वारा कहीं बातें गोपनीय रहेगी, यह सच होना चाहिए, सिवाय तब जब परिस्थितियाँ ऐसी हो जो आपको बात अपने तक रखने से रोकती हो, जैसे व्यक्ति आत्महत्या करने वाला हो या आप बहुत ज्यादा चिंतित हों। यद्यपि यदि आप पर सामान्य तौर पर विश्वास नहीं किया जा सकता तो आप कभी अच्छे श्रोता नहीं हो सकते।
  3. Step 3 जब आप "बोले" तो प्रोत्साहक बने:
    बात-चीत के दौरान सही अंतराल पर सहानुभूतिपूर्ण हामी भरना महत्वपूर्ण है जिससे वक्ता को ये न लगे की आप बिलकुल सुन ही नहीं रहे हैं। मुख्य बिन्दुओं को "संक्षेपित करना" या "दुबारा कहना" या "दोहराना" और "प्रोत्साहित करना" मददगार होता है। इससे बातचीत का प्रवाह बनेगा और वक्ता का संकोच कम होगा:आपको क्या करना है, वे बिंदु ये रहे:
    • "दोहराये और प्रोत्साहित करें:" वक्ता द्वारा कही किसी बात को दोहराइए और उसके साथ, प्रोत्साहन के तौर पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दें। उदाहरण के लिए, आप कह सकते है, "मैं समझ रहा हूँ कि आपको इल्जाम अपने सर लेना अच्छा नहीं लगा, मुझे भी नहीं लगता" इस तकनीक का सावधानी से उपयोग करें। सहानुभूति ध्वनि को समय समय पर उपयोग करते रहे, क्योंकि इस तकनीक के ज्यादा उपयोग से लगेगा कि आप कृपालु बन रहे है।
    • "संक्षेपित करे और दोहराये: कहने वाले ने क्या कहा इसे अपनी समझ के अनुसार संक्षेपित करना और इस अपने शब्दों में दोहराना बहुत मददगार होता है। यह वक्ता को भरोसा देता है की आप सच में उसकी बात सुन रहे थे और "समझ गएँ है"। इससे वक्त को आपकी गलत मान्यतायें और धारणाओं को सही करने का मौका भी मिलता है।
    • सुनिश्चित करें कि आप ऐसे वाक्यो से जैसे "मैं गलत हो सकता हूँ , लेकिन...:"या"...अगर मैं गलत हूँ तो कृपया सुधारे।" यह तकनीक विशेष रूप से तब ज्यादा उपयोगी है जब आप खुद को हताश पा रहे हो या आपको लगे कि आपका ध्यान सुनने से भटक रहा है।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 अर्थपूर्ण और सशक्त बनाने वाले सवाल पूछे:
    जांच-पड़ताल से दूर रहे या दूसरे व्यक्ति को सुरक्षात्मक न बनने दें। इसके बजाय ऐसे प्रश्नो का उपयोग करने का लक्ष्य बनाये जिनसे वक्ता उठाये जा रहे मुद्दे पर स्वयं के निष्कर्ष पर पहुचना शुरू कर सके। इस से वक्ता को स्वयं को निर्णायक न दिखाते हुए और दबाब डाले बिना अपने निष्कर्ष पर पहुँचने में सहायता मिलेगी। ये रही ध्यान में रखने लायक कुछ बातें:
    • एक बार समानुभूतिपूर्ण श्रोता दिखने के बाद, अब सशक्त श्रोता होने का समय है: अपने प्रश्नो का वाक्य विन्यास बदलें। उदाहरण के लिए, "आपको इल्जाम अपने सर लेना पसंद नहीं आया। पर मैं यह समझ नहीं पा रहा हूँ कि आपको सिर्फ किसी काम को किसी तरीके से करने पर मना करने पर आपने ऐसा क्यों महसूस किया कि इल्जाम लगाया गया है।"
    • प्रश्न के ऐसे शब्द विन्यास से वक्ता को "आपकी" कोई बात न समझ पाने की स्तिति पर सीधी प्रतिक्रिया देनी होगी। प्रतिक्रिया की प्रक्रिया में, वक्ता को अधिक भावनात्मक प्रतिक्रिया से अधिक तार्किक और रचनात्मक प्रतिक्रिया की ओर बढ़ना चाहिए।
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 व्यक्ति के खुलने का इन्तजार करें:
    एक रचनात्मक प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करने की प्रक्रिया में, एक सक्रिय श्रोता को इतना ज्यादा धैर्यवान होना चाहिए कि वह वक्ता को अपने विचारो, भावनाओं और उपायों के प्रवाह में आ जाने का उपयुक्त समय दे। ये धीमे धीमे शुरू होकर पूरे प्रवाह में आने में लम्बा समय ले सकता है।अगर आप बहुत जल्दी दबाब डालें, बहुत ज्यादा व्यक्तिगत या जांच-पड़ताल भरे प्रश्न पूछे तो इसका परिणाम इच्छित नहीं होगा और इससे वक्ता कुछ भी बताने के लिए बचाव की मुद्रा में आ जायेगा और संकोच महसूस करेगा।
    • धैर्य रखें और खुद वक्ता की जगह रख कर सोचें। कई बार इससे यह समझने में मदद मिलती है कि बताने वाले ने इस स्तिति में जो किया वो क्यों किया।
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 अपनी राय या सोच को लेकर हस्तक्षेप न करे:
    इसके बजाय संवाद का प्रवाह तोड़ने से पहले दूसरे व्यक्ति को आपकी राय पूछनें दें। सक्रिय श्रोता को अपनी राय को अस्थाई रूप से पर रख के धैर्यपूर्वक बातचीत में आने वाले सही अंतराल का इन्तजार करना चाहिए। जब ऐसा अंतराल आये तब अपनी बात संक्षेप में रखे या समानभूतिक सहमति जताएं।
    • यदि आप व्यक्ति की बात में बहुत जल्दी हस्तक्षेप करते है, तो वह हताश हो जायेगा और आपके कहे को पूरी तरह नहीं समझेगा। व्यक्ति अपनी बात जल्दी ख़त्म करना चाहेगा और आप परेशानी और ध्यान हटाने का कारण बन जायेंगे।
    • सीधी सलाह देने से बचें (जब तक आपसे इसके लिए कहा न जाये) | इसके बजाय व्यक्ति को उसके तरीके से बात करने दें। इस से आप और वह व्यक्ति दोनों सशक्त होंगे। यह स्तिति संभवतः आप और वक्ता दोनों के लिए फायदेमंद परिवर्तन और स्वयं के प्रति समझ देने वाली साबित होगी।
  7. How.com.vn हिन्द: Step 7 वक्ता को आश्वासन दें:
    बातचीत का जो भी निष्कर्ष निकले, वक्ता को बताये कि आप सुन कर और वार्ता में शामिल होकर खुश हैं। स्पष्ट करे कि आवश्यक होने पर आप आगे भी इस पर चर्चा करने को तैयार है, लेकिन आप उस पर कोई भी दबाब नहीं डालेंगे। इसके अतिरिक्त, चर्चा को गोपनीय रखने की आपकी मंशा पर भी वक्ता को आश्वासन दें। अगर वक्ता बहुत बुरी स्तिति में भी हो तब भी ऐसा कुछ कहना "सब ठीक हो जायेगा" बिलकुल गलत लगता है, आप फिर भी यह कह कर कि सुनने और मदद के लिए आप हैं, उसे आश्वस्त कर सकते है।
    • आप वक्ता के हाँथ या घुटने पर थपकी भी दे सकते है, उसके गले में हाँथ डाल सकते है, या कोई अन्य भरोसा देने वाले तरीके से छू सकते हैं। स्तिति के अनुरूप जो सही हो वो करें। छूने में आप अपनी सीमाये न लांघें।
    • यदि आपके पास साम्यर्थ, समय और दक्षता हो तो कुछ हल करने का प्रस्ताव रखें। यद्यपि "झूठी उम्मीद मत बंधाये"। अगर आप सिर्फ उनकी बात सुनकर ही उनकी सहायता कर सकते है, तो इसे बिलकुल स्पष्ट कर दें। यह खुद में एक बड़ी और मूल्यवान सहायता है।
  8. How.com.vn हिन्द: Step 8 जब सलाह दें...
    जब सलाह दें तो याद रखे कि आपकी सलाह आपके खुद के अनुभवों से बहुत अधिक प्रभावित न होकर तटस्थ हो: ऐसी स्तिति में आप क्या करते, इसकी बजाय सोचें कि वक्ता के लिए सर्वश्रेष्ठ मार्ग क्या है।
विधि 3
विधि 3 का 3:

सही आवभाव का उपयोग करें

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 नजरें मिलाएं:
    जब आप सुन रहे हैं तो नजरें मिलाना जरूरी है।अगर आप अपने दोस्त को ऐसा इम्प्रेशन देते है कि आपको उस में कोई रूचि नहीं है और आपका ध्यान कहीं और है, तो हो सकता है वे आपके सामने फिर कभी भी न खुले। जब कोई आपसे बात कर रहा हो, सीधा उनकी आँखों में देखे जिससे वो निश्चित रूप से यह जान लें कि आप हर शब्द को आत्मसात कर रहे है। अगर विषय आपकी रूचि का न भी हो तो भी, कम से कम सम्मान करें और सच में वक्ता की बात सुनें।
    • अपने आँख, कान और विचारों को सिर्फ वक्ता पर केंद्रित करें और अच्छे श्रोता बने। इस बात पर ध्यान केंद्रित न करें की आगे आप क्या कहने वाले है, इसकी बजाय, दूसरा व्यक्ति क्या कह रहा है इस पर पूरा ध्यान दें। (याद रखे की ये आपके बारे में नहीं, बल्कि उस व्यक्ति के बारे में हैं।)
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 अपना पूरा ध्यान वक्ता को दें:
    अगर आप अच्छे श्रोता बनना चाहते है, तो एक सुखद शारीरिक और मानसिक वातावरण बनाना जरूरी है। ध्यानभंग करने वाली हर चीज को हटा दे और अपना सारा ध्यान उस व्यकि की तरफ लगाये जो आपसे कुछ कह रहा है। संपर्क के साधन बंद कर दें (मोबाइल फ़ोन भी) और बात करने के लिए ऐसे किसी स्थान का उपयोग करें जहाँ ध्यान बटाने वाली कोई चीज़ न हो। एक बार आमने-सामने होने पर, अपना दिमाग शांत करें और दूसरे व्यक्ति के द्वारा कही जा रही बातों पर ध्यान दें। उन्हें दिखाए की आप मददगार है।
    • ऐसा स्थान चुने ध्यानभंग करने वाली कोई चीज या लोग न हो जो आपका ध्यान खीच सकें। अगर आप एक कॉफी शॉप में जाते हैं, सुनिश्चित करें कि आपका ध्यान आते जाते लोगों पर न होकर वक्ता पर हो।
    • यदि आप किसी सार्वजनिक स्थान जैसे रेस्टोरेंट या कैफ़े में बात कर रहे है, तो ऐसी जगह बैठने से बचे जहाँ टीवी चल रहा हो। भले ही आप अपना ध्यान उस व्यक्ति को देने के प्रति संकल्पित हों, फिर भी टीवी पर चल रहे अपने प्रिय कार्यक्रम को एक नजर देखने का लालच तो आ ही सकता है।
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 शरीर के आव-भाव से वक्ता को प्रोत्साहित करें:
    अपना सर हिलाना इस बात का संकेत है कि आप वक्ता की बात आप समझ रहें है, और ये उन्हें बोलते रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा। वक्ता के जैसी शरीर की भावभंगिमा, हावभाव, गति (mirroring) वक्ता को सहज महसूस करवा के और ज्यादा खुल कर बात करने में सहायता करता है। सीधे उनकी आँखों में देखने का प्रयास करें। यह न सिर्फ प्रदर्शित करेगा कि आप सुन रहे है, लेकिन यह भी दिखायेगा कि आप उनकी कही बातों में सचमुच रूचि ले रहे हैं।
    • प्रोत्साहक शारीरिक भावभंगिमा का एक तरीका है अपने शरीर को वक्ता की ओर झुका लेना। अगर आप वक्ता से दूर होते है, तो लगेगा कि आप वहां से चले जाना चाहते है। उदाहरण के लिए अगर आप अपने पैर क्रॉस करते है तो वक्ता की तरफ करें, किसी और तरफ नहीं।
    • अपनी बाँहों को भी अपनी छाती पर क्रॉस न करे। इससे आपका रूखापन और उलझन दिखेगी भले आप ऐसा महसूस न कर रहे हो।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 अपनी रूचि प्रकट करने के लिए सक्रियता से सुनें:
    सक्रिय सुनने में आपका पूरा शरीर और चेहरा शामिल होता है -- आपका और वक्ता का। आप शांत रहकर भी अहसास करवा सकते है की आप वक्ता द्वारा कहा गया हर शब्द सुन रहे है। सक्रिय श्रोता बन के कैसे किसी स्थिति का अधिकतम लाभ ले, उसके कुछ बिंदु निम्न है:
    • "आपके शब्द": यद्यपि जरूरी नहीं कि आप हर पाच सेकंड में , "जी," "अच्छा," सही है," कहें, नहीं तो यह कष्टप्रद हो जायेगा, यह दिखाने के लिए कि आप सुन रहे है आप यदा कदा प्रोत्साहक शब्दों का उपयोग कर सकते हैं। यदि वह व्यक्ति जिससे आप बात कर रहे है, आपके लिए कोई मायने रखता है, तो आप निश्चित उस पर ध्यान देंगे और अगर कोई समस्या है तो उसे सुलझाने में भी सहायता करेंगे।
    • "आपकी भावभंगिमा": रूचि से परिपूर्ण दिखे और समय समय पर वक्ता की ओर देखते रहे, उसे घूरते न रहे, लेकिन जो आप सुन रहे है उसके प्रति अपना दोस्ताना व्यवहार और खुलापन प्रदर्शित करें।
    • "लाइनो के बीच में पढ़ें": उन चीजो का ध्यान रखे जो अनकही रह गयी और उन संकेतो का भी जो आपको वक्ता की असली भावनाए समझने में मदद कर सकते है। बताने वाले के चेहरे और शरीर के भाव देखें और सब जानकारी एकत्र करने की कोशिश करें सिर्फ शब्दों से नहीं। कल्पना करें कि कैसी मानसिक अवस्था आपको इन हाव-भाव, आवाज और भावभंगिमाओं में ले आती।
    • "दूसरे व्यक्ति के बराबर की ऊर्जा स्तर रख कर बोलें। इस तरीके से वो समझ पाएंगे कि उनका सन्देश पहुंच रहा है और उसे दोहराने की जरूरत नहीं है।
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 उनसे एकदम खुल जाने की उम्मीद न करें:
    बिना कोई सलाह दिए, धैर्य और सुनने की इच्छा रखे।
    • दूसरा जो कह रहा है उसे दोहराये ताकि अर्थ स्पष्ट हो सके। कई बार एक शब्द के दो मानी होते है। बातचीत करने वालो में पुष्टि करने और ग़लतफ़हमी से बचने का सबसे अच्छा उपाय है दूसरे व्यक्ति की कही बात को दोहराना इससे दूसरा व्यक्ति जान जायेगा कि आप सुन रहे थे और आप दोनों एक ही आईडिया पर है।
    • उनकी परिस्थितियों पर विचार करे। अगर वो अतिसंवेदनशील है, तो उन्हें अधिक परेशान न करे।

सलाह

  • लोग समझने की लिए नहीं सुनते, वो जवाब देने के लिए सुनते है। इस पर विचार करें।
  • अपने आसपास से ध्यान हटाने वाली सभी चीजों को हटा दें। इसका अर्थ है आपका मोबाइल फ़ोन बंद करें, खिड़की के बाहर देखने और अपनी पेन्सिल से खेलने से बचे।
  • कल्पना करे की यहाँ अभी इस विषय पर एक पॉप क्विज होने वाला है। यह आपको पूरी तरह वहां होने में, मुख्य बिन्दुओ पर ध्यान केंद्रित करने में और विवरणों के प्रति सचेत रहने में मदद करेगा।
  • सुनना जितना कठिन हो जाये, सुनना उतना ही महत्वपूर्ण होता जाता है।
  • तोते की तरह वाक्यों को शब्द शब्द दोहराने से बचे। यह बहुत खीज दिलाने वाला हो सकता है।
  • जब आप उस व्यक्ति को देखे जिसे आप सुन रहे है, उनकी आँखों में देखें। दूसरे चल रहे घटनाक्रम के बजाय यह वक्ता पर आपका 100% ध्यान प्रदर्शित करता है।
  • अपनी आँखें मृदुल रखे और घूरने या अविश्वास भरी नजरों से देखने से बचे। जो कहा गया है उस के साथ जितना संभव हो सहज रहे।
  • याद रखे कई बार हमें "लाइन्स के बीच" में जो कहा जा रहा है (मतलब जो कहा नहीं जा रहा) उसे सुनने की जरूरत होती है, लेकिन कई बार सामने कही जा रही सीधी बात आत्मसात करने की और वक्ता के प्रवाह के साथ चलने की आवश्यकता होती है।
  • यदि दूसरे व्यक्ति के बोलते हुए आप सोच रहे हैं कि अब आपको क्या कहना है, तो आप सुन नहीं रहे है। आपने अपनी क्षमता को बाँट दिया है।
  • अगर आप अपने करियर में उन्नति चाहते है और लोगो के साथ अर्थपूर्ण रिश्ते बनाना चाहते है तो अच्छा श्रोता होना सबसे महत्वपूर्ण गुणो में से एक है।
  • कभी अपनी "कमाल" की सलाह न दे (जब तक मांगी न गयी हो)। लोग सुना जाना चाहते है, लेक्चर सुनना नहीं।
  • सिर्फ यह बात कि कोई आपसे अपनी समस्या पर बात कर रहा है, इसका जरूरी अर्थ यह नहीं है कि वो आपसे उनके हलों पर सब सुझाव चाहता है या चाहता है कि आप ही उनके लिए सब समस्याओ को हल कर दें। कभी कभी उन्हें बस एक सुनने वाले की जरूरत होती है।
  • तोते की तरह वाक्यों को शब्द शब्द दोहराने से बचे। यह बहुत खीज दिलाने वाला हो सकता है।
  • जब आप उस व्यक्ति को देखे जिसे आप सुन रहे है, उनकी आँखों में देखें। यह उन पर आपका 100% ध्यान प्रदर्शित करता है, बजाय दुसरे चल रहे घटनाक्रम के।
  • अपनी आँखें मृदुल रखे और घूरने या अविश्वास भरी नजरों से देखने से बचे। जो कहा गया है उस के साथ जितना संभव हो सहज रहे।
  • याद रखे कई बार हमें "लाइन्स के बीच" में जो कहा जा रहा है (मतलब जो कहा नहीं जा रहा) उसे सुनने की जरूरत होती है, लेकिन कई बार सामने कही जा रही सीधी बात आत्मसात करने की और वक्ता के प्रवाह के साथ चलने की आवश्यकता होती है।
  • यदि दूसरे व्यक्ति के बोलते हुए आप सोच रहे हैं कि अब आपको क्या कहना है, तो आप सुन नहीं रहे है। आपने अपनी क्षमता को बाँट दिया है।
  • महत्व कम करने से बचे। ऐसी टिप्पणी से बचे जैसे,"ऐसी समस्या हजारों लोगों को है", इसलिए इसकी चिंता न करे।
  • अगर आप सुनने के मूड में नहीं है तो महत्वपूर्ण बातचीत टाल दें। अगर आप तैयार नहीं है तो बात न करना ही बेहतर है।जब आपका ध्यान भावनाओ,चिन्ताओ और बाहरी चीजो से पहले से ही खिन्न हो ऐसे में जबरदस्ती बात करने का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलेगा।
  • सलाह थोपने से बचे।
  • जो व्यक्ति बोल रहा है उससे प्रश्न करके या बीच में ही अपनी कहानी सुना के हस्तक्षेप न करें।
  • आपको ग्रहणशील बनना होगा और हर बात सुननी होगी , सिर्फ वे ही बातें नहीं जो आप सुनना चाहते है। वो सब जो आप सुनना चाहते है जरूरी नहीं कि फायदेमंद हो और वो सब जो आप नहीं सुनना चाहते जरूरी नहीं की नुकसानदायक हो। कई बार सबसे मूल्यवान सलाह ठीक वही होती है जो आप नहीं सुनना चाहते।अधिकतर लोग आपको वही बताते है जो आप सुनना चाहते है क्योंकि वो आपको चोट नहीं पहुँचाना चाहते।
  • उनकी आँखों में देखे और अपनी विशेष रूचि दिखाने के लिए और बताने के लिए की आप अधिक सुनना चाहते है, प्रायः अपना सर हिलाये।
  • स्वयं उन पर प्रश्नो की बौछार करने से पहले वे जितना चाहे उन्हें बोलने दें। आप बोलने के पहले, उनकी अनुमति लें।
  • अशिष्ट न बने, जितना संभव हो सके उदार बने।
  • दूसरों की कही बातों की ईमानदारी से कद्र करे, अगर विषय आपको उबाऊ लगे तो कम से कम विनीत बने और ऐसा दिखाए की आप कद्र करते हैं।
  • अगर आपको किसी व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा की जा रही बात से कोई भी मतलब न हो, तब भी सुने!!!
  • लोग जब आपसे बात कर रहे हों, नजरें मिलाएं, जिससे वो जान लें कि आप सुन रहे है।

चेतावनी

  • जब लोग आपको अपनी कोई महत्वपूर्ण बात आपको बता रहे हो तो बहुत ज्यादा बात करने का प्रयास न करें। वे आप पर इंतना विश्वास करते हैं कि अपनी किसी गंभीर बात को आपके साथ बाँट रहे हैं, और यदि आप उनका किसी भी तरह से अपमान करते है या ऐसे पेश आते है कि आपको कोई परवाह ही नहीं है (भले आपका मतलब वो न हो), तो उन्हें लगेगा कि वे आपको अब और कुछ भी नहीं बता सकते और इससे आपकी दोस्ती को नुकसान हो सकता है और आगे भी आपके दोस्त बनें रहने के मौके हमेशा के लिए भी समाप्त हो सकते है। अगर विषय उनके लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है तो आप कुछ ऐसी टिप्पणियाँ इस्तेमाल करें जो उनके चेहरे के एक्सप्रेशन के अनुरूप हों और उनसे सहमत दिखने का प्रयास करें।
  • नजरें मिलाएं। अगर आप उसकी आँखों में नहीं देख रहे है तो व्यक्ति को लग सकता है कि आप सुन नहीं रहे।
  • अगर उसके द्वारा बताई जा रही कहानी रूचि बनाये रखने के लिए "बहुत लम्बी" है, क्या कहा जा रहा है सुनने की सबसे अच्छी कोशिश करें। आप शायद नहीं जानते कि उनकी बात सुनने के लिए आप उनकी प्रशंसा के पात्र बनेगें। यह आप दोनों के संबंधों को मजबूत बनाएगा।
  • अपने दिमाग को साफ़ करने का प्रयास करते हुए दूसरे पक्ष ओर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करें;आप अपना ध्यान इस पर इस तरह केंद्रित करे जैसे आपका जीवन इसी पर निर्भर करता है।
  1. यदि आप अपने आपको अपनी प्रतिक्रिया पर काम करते हुए पाएं जबकि सामने वाला बोल रहा हो, तो आप वास्तव में सुन नहीं रहे है। अपनी बात या टिप्पणी रखने के पहले उनकी बात खत्म होने दें। अपना दिमाग साफ़ करें: इसे बिलकुल खाली करे और नयी शुरुवात करें।
  • सिर्फ हाँ, हाँ न कहे या सिर्फ सर न हिलाये क्योंकि लोगो को लग सकता है कि आपका ध्यान कहीं और है और आप सच में सुन नहीं रहे है।

विकीहाउ के बारे में

How.com.vn हिन्द: विकीहाउ स्टाफ
सहयोगी लेखक द्वारा:
विकीहाउ स्टॉफ राइटर
इस आर्टिकल के सहायक लेखक (co-author) हमारी बहुत ही अनुभवी एडिटर और रिसर्चर्स (researchers) टीम से हैं जो इस आर्टिकल में शामिल प्रत्येक जानकारी की सटीकता और व्यापकता की अच्छी तरह से जाँच करते हैं।

How.com.vn's Content Management Team बहुत ही सावधानी से हमारे एडिटोरियल स्टाफ (editorial staff) द्वारा किये गए कार्य को मॉनिटर करती है ये सुनिश्चित करने के लिए कि सभी आर्टिकल्स में दी गई जानकारी उच्च गुणवत्ता की है कि नहीं। यह आर्टिकल १२,२३६ बार देखा गया है।
श्रेणियाँ: शिक्षा और संचार
सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो १२,२३६ बार पढ़ा गया है।

यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?