कैसे स्वयं को एक्स्प्रेस करें

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यह सीखना कि किस तरह स्वयं को स्वस्थ तरीके से एक्स्प्रेस किया जाये, एक ऑथेंटिक, तथा अधिक फुलफिलिंग जीवन जीने का बढ़िया तरीका हो सकता है। स्वयं को एक्स्प्रेस करने की प्रैक्टिस करना तथा आप जो भी हैं, वास्तव में वही होना, स्वयं पर होने वाले विश्वास में मज़बूती लाने, भावनाओं को रिलीज़ करने, तथा आपके मनचाहे जीवन का निर्माण करने के लिए आवश्यक होता है।[१]

विधि 1
विधि 1 का 4:

ग्राउंडवर्क तैयार करना

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 स्वयं को सुनिए:
    सेल्फ़ एक्स्प्रेशन, जो कि अपनी भावनाओं को ईमानदारी से कम्युनिकेट तथा प्रदर्शित करने की क्षमता होती है, और यह आपकी उस यात्रा को शुरू करने का एक महत्वपूर्ण फ़ैक्टर होती है, जो आप यह पता लगाने के लिए करते हैं कि आप वास्तव में कौन हैं। आप कौन हैं, यह पता लगाने की शुरुआत आप स्वयं को सुनने से, आप कैसा महसूस करते हैं, यह जानने से, और आप किस तरह किसी परिस्थिति में रिएक्ट करते हैं उससे कर सकते हैं। इससे आप अपने भावनाओं और इमोशन्स के साथ और अधिक इन-ट्यून हो सकते हैं, जिससे आप को स्वयं को एक्स्प्रेस करने में मदद मिल सकती है।[२]
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 अपने इमोशन्स को एकनॉलेज (acknowledge) करिये:
    इमोशन्स बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, और किसी के लिए भी यह जानना कठिन हो सकता है कि तरह इन भावनाओं को सुना जाये और उनका सम्मान किया जाये। हो सकता है कि आपको यह भी न पता हो कि किस प्रकार सुरक्षित रूप से अपने इमोशन्स को एक्स्प्रेस किया जाये। हो सकता है कि आपके पास यह अनुभव भी अधिक न हो, कि आप जैसा महसूस कर रहे हैं उस तक वास्तव में ट्यून कर सकें। इमोशन्स को दबा कर रख देना, अपने इमोशन्स के लिए एंबेरेस्ड और शर्मिंदा महसूस करना, या उन इमोशन्स को पूरी तरह छुपा लेना, बहुत सामान्य बात होती है।[३]
    • उदाहरण के लिए, मान लीजिये कि आपका कोई दोस्त यह भूल जाता है कि आप लोगों को साथ में हैंग आउट करना था और न तो वह आता है और न ही कॉल करता है। इस परिस्थिति में नाराज़गी महसूस करना और अपसेट होना ठीक है। एकनॉलेज करिए कि नाराज़गी और दुख के आपके इमोशन्स वैलिड हैं और उनका कारण समझ में आता है। चाहे वो माफ़ी ही क्यों न मांगे, तब भी अपनी भावनाओं को बिलिटल (belittle) मत करिए। आपको उनको महसूस करने का और लेजिटिमाइज़ करने का अधिकार था।
    • अपने इमोशन्स के निकट जाने से आप वास्तव में जो भी हैं, उसके और भी करीब पहुँच सकेंगे। आप अपने ऑथेंटिक सेल्फ़ के जितने निकट पहुँच सकेंगे, आपको अपने जीवन में उतनी ही कम एंग्ज़ाइटी (anxiety) होगी, डिप्रेशन कम होगा, तथा जीवन के प्रति ओवरऑल असंतोष कम महसूस होगा।[४]
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 आपका शरीर किस...
    आपका शरीर किस तरह रिएक्ट करता है, उस पर फ़ोकस करिए: आपके लिए यह नया अनुभव हो सकता है। आप कैसा महसूस करते हैं इसको ट्यून इन करने के सबसे बढ़िया तरीकों में से एक होता है, अपने शरीर पर ध्यान देना। इसको टेस्ट करने का एक आसान तरीका यह होता है कि आप इस पर ध्यान दें कि किसी विशेष इमोशनल परिस्थिति में आपका शरीर किस तरह रिस्पोंड करता है। आप किसी बहुत आसान चीज़ से शुरुआत कर सकते हैं, जैसे कि रोड रेज के दौरान प्रदर्शित किया हुआ क्रोध। चाहे आप बस में सवारी करते हों या कर ड्राइव करते हों, आप कभी न कभी तो ट्राफिक से फ्रस्ट्रेट या क्रोधित हुये ही होंगे और क्रोध की इस भावना को पहचान सकते होंगे।
    • ध्यान दीजिये कि आपके शरीर के कौन से भाग टेन्स हो जाते हैं, आपकी सांस कैसे चलने लगती है, और आपके एब्डोमेन या पेट में क्या होने लगता है।
विधि 2
विधि 2 का 4:

आपको कैसा महसूस होता है, वह लिख डालना

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 एक भावनाओं का जर्नल शुरू करिए:
    भावनाओं के जर्नल में, जो कि एक छोटी नोटबुक हो सकती है या आप अपनी मोबाइल डिवाइस का इस्तेमाल कर सकते हैं, अपने इमोशन्स का ट्रैक रखना शुरू कर दीजिये। अगली बार जब आप कोई रोने-धोने वाली फिल्म देख रहे हों तब अपनी उदासी का ट्रैक रखने के लिए इसको ट्राई करिए। लिखिए कि आप फिजिकली किस तरह से अपनी उदासी को रिस्पोंड करते हैं। क्या आपके लिए रोना कठिन है? जब आप दुखी होते हैं, तब आपका सीना किस तरह से महसूस करता है?
    • जब आप अपनी भावनाओं के जर्नल को बना रहे हों तब अपने विचारों से दूर ही रहने की कोशिश करिए और अपने शरीर के रिस्पोंसेज़ पर ही फ़ोकस करिए। इससे आप इमोशन्स को एक किनारे हटा देने की जगह आप जो महसूस करते हैं, उससे कनेक्ट होने में मदद मिलेगी।[५]
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 अपने इमोशन्स की ज़िम्मेदारी लीजिये:
    हो सकता है कि आपकी आदत हो कि आप अपने आप को यह बताते हों कि आप जिस तरह महसूस करते हैं वह और कुछ नहीं केवल बेवकूफ़ी है। यह भी हो सकता है कि आप स्वयं को बताते हों कि आपको किस तरह से महसूस नहीं करना चाहिए। जब आप एक बार इमोशन्स के कारण अपने शरीर के इमोशन्स को पहचानने के और अधिक आदी हो जाएँगे, तब उन इमोशन्स को झटक कर दूर करना और भी अधिक कठिन होता जाएगा। आपका शरीर किसी कारण से उस तरह से रिस्पोंड कर रहा है, और उसको वैलिडेट करना महत्वपूर्ण है। अपना जर्नल निकालिए, और उस दिन आपकी जो भी विभिन्न भावनाएँ रही हैं, उनका लेखा-जोखा रखना शुरू कर दीजिये।
    • उदाहरण के लिए, आप ऐसा कुछ लिखिए, जैसे, "आज काम पर बॉस ने मुझे वास्तव में क्रोध में ला दिया।" उस क्रोध को वैलिडेट करिए और लिखिए कि आप किस कारण क्रोधित हुये थे। आप दिन भर जिन इमोशन्स को महसूस करते हैं उन सभी के लिए ऐसा ही करिए। जब आप ध्यान देना शुरू करेंगे, तब यह देख कर चकित हो जाएँगे कि एक दिन में आपके अंदर कितने इमोशन्स जन्म लेते हैं और वहाँ बसे रहते हैं।
    • मनुष्य स्वाभाविक रूप से इमोशनल जीव होते हैं, और आजकल की इस भाग दौड़ वाली ज़िंदगी में आप वास्तव में जैसा महसूस करते हैं, उससे डिसकनेक्ट हो जाना बहुत आसान होता है।[६]
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 लिखिए कि आप...
    लिखिए कि आप किस तरह स्वयं को एक्स्प्रेस करना चाहते हैं: इमोशनली स्वयं को बेहतर तरीके से एक्स्प्रेस करने के लिए, लिखिए कि आप प्रत्येक परिस्थिति को किस तरह हैंडल करना चाहते हैं। उसके बाद आप यह देखने के लिए प्रैक्टिस रन कर सकते हैं कि आप प्रत्येक परिस्थिति में किस तरह एक्ट करना चाहेंगे। फिर से एक बार बॉस या ऑथोरिटी फ़िगर को उदाहरण के रूप में इस्तेमाल करते हुये, लिखना शुरू करिए कि ठीक-ठीक आप उनसे क्या कहना चाहेंगे। स्वयं को एडिट मत करिए और जितना चाहें, उसे उतना उतना फूहड़ और ग्राफ़िक रहने दीजिये।
    • अगर आपने उस दिन ऐसा कुछ देखा हो जिससे आपको दुख पहुंचा हो, जैसे कि कोई डिस्ट्रेस में पड़ा व्यक्ति या कोई खोया हुआ जानवर, तब अपने बिना सेंसर किए हुये दुख को अपने जर्नल में लिखिए। इसके साथ ही यह ध्यान रखते रहिए कि आपका शरीर किस तरह से फिजिकली रिस्पोंड करता है।[७]
विधि 3
विधि 3 का 4:

स्वयं को वर्बली एक्स्प्रेस करना

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 स्वयं को सुरक्षित रूप से एक्स्प्रेस करिए:
    आपको यह समझना होगा कि आप किस तरह अपने इमोशन्स को फूहड़, तथा बिना एडिट की हुई स्टेट से किसी ऐसी प्रोडक्टिव स्थिति तक ले जा सकते हैं, जिससे दूसरे उससे आहत न हों। इमोशन्स को एक्स्प्रेस करना सीखने का एक हिस्सा यह भी सीखना है कि किस प्रकार उनको सुरक्षित ढंग से ऐसे एक्स्प्रेस किया जाये कि उससे न तो आप आहत हों और न ही दूसरों को चोट पहुंचे। अपने जर्नल का इस्तेमाल अपने क्रोधपूर्ण विचारों को ऐसे वाक्यों में रीफ़्रेम करने के लिए करिए जो आपकी भावनाओं को तो एक्स्प्रेस तथा वैलिडेट कर सके, मगर उसके कारण आपको नौकरी से न निकाल दिया जाये और न ही आप किसी मुसीबत में पड़ें।
    • उदाहरण के लिए, किसी पर चिल्लाने और यह बताने की जगह कि आप उनसे नफ़रत करते हैं, अपने जर्नल का इस्तेमाल किसी दूसरी तरह से यही इस तरह से एक्स्प्रेस करने के लिए करिए जिससे कि आपके जीवन पर कोई निगेटिव परिणाम न पड़ें। अपने जर्नल में इस तरह के फ़्रेज़ेज़ लिखिए, "जब मेरा बॉस ऐसा करता है, तब मुझे ग़ुस्सा आता है।" या "जब मेरे पेरेंट्स मुझ पर चिल्लाते हैं, तब मुझे ग़ुस्सा आता है।" आप इमोशन्स को ख़ुद पर हावी नहीं होने देते हुये, ख़ुद को अपने इमोशन्स महसूस करने की पावर दे रहे हैं।
    • यही दूसरे इमोशन्स के लिए भी लागू होता है।[८]
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 अपने प्लान्स को एक्शन में लाइये:
    यह महत्वपूर्ण है कि आप यह समझ कर इमोशन्स के साथ कम्फ़र्टेबल हो जाएँ कि वे केवल ब्लैक एंड व्हाइट सीनारियो नहीं होते हैं। इससे होगा यह कि आप अपने इमोशन्स को यह जानने के लिए, स्वयं को गाइड करने का अवसर देंगे, कि कब बोलने का सही समय है, या कब यही उचित होगा कि अपने इमोशन्स को प्राइवेटली एक्स्प्रेस किया जाये और आगे बढ़ जाया जाये।
    • उदाहरण के लिए, एम्पलॉय करने वाले लोग बहुत फ्रस्ट्रेटिंग हो सकते हैं। मगर, किसी भी दी हुई परिस्थिति में आपको ख़ुद को बताना होगा कि इससे आपको क्या फ़ायदा होगा। क्या आपका बॉस आपकी बात सुनेगा? क्या आपका बॉस समझेगा? क्या यह बेहतर नहीं होगा कि आप आमना-सामना करने की जगह, अपना क्रोध घर के अंदर एक्स्प्रेस करें, या उसके संबंध में अपने जर्नल में लिखें? आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आप अपने इमोशन्स के प्रति ईमानदार हैं तथा सही प्रकार के एक्स्प्रेशन पर एक्ट करते हैं।[९]
    • अधिकांश लोगों को ऐसे स्वस्थ उदाहरण नहीं दिखाये गए हैं कि किस प्रकार से इमोशन्स को एक्स्प्रेस किया जाये, और ये बेसिक इमोशनल टूल्स हमारे जीवन से अनुपस्थित रहे हैं। अपने इमोशन्स को एक्स्प्रेस करना, इमोशनली स्वस्थ जीवन जीने, अपने सम्बन्धों की सीमाएं निर्धारित करने, वैलिडेटेड महसूस करने और अपनी इमोशनल जरूरतों को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण भाग होते हैं।[१०]
  3. Step 3 "मैं" फ़्रेज़ेज़ का इस्तेमाल करिए:
    जब भी आप दूसरों के सामने अपनी भावनाओं को एक्स्प्रेस कर रहे हों, तब सदैव “मैं” स्टेटमेंट्स का इस्तेमाल करिए। आप ऐसा कुछ कह सकते हैं, “जब तुमने मुझे बताया कि क्या हुआ, तब मुझे तुम्हारे लिए बहुत दुख हुआ और मुझे लगा कि तुम पर क्या गुज़र रही है।” इसका उपयोग संबंधों के लिए भी किया जा सकता है। जैसे कि आप कह सकते हैं, “जब तुम ग़लतियाँ करने के कारण मुझसे नाराज़ हो जाते हो, मुझे शर्मिंदगी महसूस होती है।” या “जब तुम मेरे संबंध में निगेटिव चीज़ें कहते हो, तब मुझे ग़ुस्सा आता है।”
    • इस तरह, आप अपनी, अपने इमोशन्स की पूरी ज़िम्मेदारी ले रहे हैं, और आप जैसा महसूस करते हैं वैसा एक्स्प्रेस कर रहे हैं।[११]
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 प्रैक्टिस:
    जो भावनाएँ आप महसूस कर रहे हों, उन भावनाओं के मकड़जाल में नेवीगेट करना सीखना बहुत भयानक लग सकता है, और उसके लिए प्रैक्टिस की ज़रूरत पड़ेगी। अगर आप अपने इमोशन्स को एक्स्प्रेस करने के आदी नहीं हैं, तब आप इस एकसरसाइज़ को लगभग इमोशनल वेट ट्रेनिंग की तरह समझ सकते हैं। पहले पहल तो आपकी इमोशनल मसल्स में थोड़ा दर्द होगा, कमज़ोरी लगेगी, और आप जानेंगे कि उनकी आदत इतने कड़े परिश्रम की, और इतना ध्यान दिये जाने की नहीं होती है।
    • अपने ऑथेंटिक सेल्फ़ को एक्सप्लोर करना और स्वयं को एक्स्प्रेस करना आसान नहीं होता है। मगर, एक ऑथेंटिक जीवन जीने से और महसूस करने से लगता है जैसे आप स्वयं का सम्मान कर रहे हैं, तथा उसके साथ ही अपने इमोशन्स को वैलिडेट करने के परिणामस्वरूप आपको एक रिचर (richer), अधिक गहन, तथा अधिक मानवीय जीवन अनुभव मिल सकेगा।[१२]
विधि 4
विधि 4 का 4:

स्वयं को क्रिएटिवली एक्स्प्रेस करना

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 पेंटिंग, ड्राविंग, या स्केचिंग की कोशिश करिए:
    स्वयं को ऐसे क्रिएटिवली एक्स्प्रेस करने की कोशिश करिए जिससे आपको ख़ुशी मिलती हो। एक्रिलिक पेंट्स सस्ते होते हैं और उनको लगभग प्रत्येक सतह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। रंगों के साथ ट्यून इन करिए और देखिये कि आपके अनुसार उनसे किन इमोशन्स को एक्स्प्रेस किया जा सकता है।
    • एक ऐसी स्केच बुक लीजिये जिस पर लाइनें न खिंची हों और आप अंदर से जैसा महसूस करते हैं, उसके साथ ट्यून इन करके, ड्राविंग या स्केचिंग की कोशिश करिए। अगर आप चाहते हैं कि और अधिक स्ट्रक्चर्ड वातावरण में शुरुआत करें, तो जान लीजिये कि अनेक आर्ट स्कूल और म्यूज़ियम मुफ़्त ड्राविंग सेशन्स के अवसर देते हैं।
    • जब आप कुछ क्रिएट करें तब अपने आंतरिक सेल्फ़ तथा आंतरिक इमोशन्स को गाइड करने दीजिये। बैठ कर पेंट करने या ड्रॉ करने के लिए समय निकालना भी बहुत रिलैक्सिंग हो सकता है। अपनी क्षमताओं को जज मत करिए। अपने आप को एक्स्प्रेस करने का यह मतलब नहीं कि आप मकबूल फिदा हुसैन बन जाएँगे, उसका मतलब सिर्फ़ कुछ क्रिएट करने के काम से है। स्वयं को एक्स्प्रेस करना सीखने का अर्थ है, स्वयं को जानना सीखना। अपने अंदर की क्रिएटिव साइड को स्वतंत्र करना, आप अंदर से जो भी हैं, यह, उसको हैंडल करने का एक आश्चर्यजनक और फुलफिलिंग तरीका हो सकता है।[१३]
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 कोलाजिंग शुरू करिए:
    कोलाजिंग एक ऐसा मज़ेदार क्राफ़्ट होता है जो आपको, स्वयं को एक्स्प्रेस करने का अवसर देता है। आपको केवल कुछ पुरानी मैगज़ीन्स या ऐसे काग़ज़ों की ज़रूरत होती है जिन पर कुछ पिक्चर्स छपी हों, थोड़ा कार्डबोर्ड, और एक ग्लू स्टिक। ऐसे चित्र खोजिए जो उससे रेज़ोनेट करते हों जो आप महसूस करते हैं और जिसे आप एक्स्प्रेस करना चाहते हैं। विज़ुयल इमेजेज़ को और भी एक्सेञ्चुएट (accentuate) करने के लिए शब्दों तथा हेडलाइन्स का इस्तेमाल करिए।
    • स्वयं को केवल कार्डबोर्ड तक सीमित मत करिए। अपने इमोशन जर्नल या स्केचबुक के कवर को भी कोलाज करिए। आप किसी पुराने डिब्बे, फ़ोल्डर या आसपास पड़ी हुई किसी भी ऐसी चीज़ को डेकोरेट कर सकते हैं, जिस पर आप स्वयं को एक्स्प्रेस करना चाहते हों। आप राजनैतिक, आत्मिक, ग्लोबली, या निजी जीवन के संबंध में भी जिस तरह महसूस करते हैं, उसे एक्स्प्रेस करिए।[१४]
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 नाचिए:
    कभी-कभी स्वयं को फ़िजिकल मूवमेंट से एक्स्प्रेस करने से आपकी आंतरिक भावनाओं तथा इच्छाओं को आज़ाद होने में सहायता मिलती है। इधर-उधर मूव करके तथा नाच कर आप स्वयं में कम्फ़र्टेबल हो जाइए। आप अपने घर की प्राइवेसी में नाच सकते हैं, या आप किसी डांस क्लब में भी जा सकते हैं। वही संगीत सुनिए जो आपके मूड को फ़िट करता हो और जिसे आप एंजॉय करते हों।
    • अगर आप क्रोधित हों, तब ऐसा संगीत लगाइए जो आपके ग़ुस्से को रिफ़्लेक्ट करता हो, तथा अपने शरीर को मूव करने दीजिये। जब आप खुश, दुखी, या भयभीत हों, तब भी ऐसा ही करिए। ऐसे संगीत पर नाचने की कोशिश करिए जिससे आपके मूड को बदलने में सहायता मिल सके, जैसे कि जब आप भयभीत हों, तब ऐसे संगीत पर नाचिए जिससे आपको एम्पावर्ड महसूस करने में मदद मिले या अगर आप दुखी हों तब ख़ुशी के संगीत पर नाचिए।
    • इसके साथ ही अगर आप और अधिक स्ट्रक्चर्ड वातावरण में नाचना चाहते हैं तब कुछ क्लासेज़ ले लीजिये। ऐसे डांस स्टूडियोज़ होते हैं जहां शुरू करने वालों के लिए भी ऐसे प्रोग्राम होते हैं जिसमें बहुत अधिक समय देने के कमिटमेंट की ज़रूरत नहीं होती है। आपकी पर्सनैलिटी के लिए जो भी सबसे बढ़िया हो, जैसे कि हिप हॉप, जाज़, या बैले, आप उसके प्रारम्भिक क्लासेज़ में भर्ती हो जाइए।[१५]
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 क्रिएटिवली लिखिए:
    लिखना भी ख़ुद को एक्स्प्रेस करने का एक बढ़िया तरीका है। अपनी ऑथेंटिक भावनाओं तथा जीवन पर आधारित इमेजरी के अनुसार कविता तथा शॉर्ट स्टोरी लिखिए। आप जिस तरह महसूस करते हैं, उस पर ही फ़ोकस करिए और बस उसी को लिख डालिए। उसके परफेक्ट होने की या किसी दूसरे को दिखाने तक की अपेक्षा छोड़ दीजिये। स्वयं को क्रिएटिवली एक्स्प्रेस करना आपसे, आप जो भी हैं और आपके अंदर जो जटिल व्यक्ति है, उसके संबंध में सीखने के लिए समय निकालने से सम्बद्ध है।
    • लिख कर स्वयं को स्वतंत्र करना अत्यंत शिक्षाप्रद होता है तथा उससे आपको उन विचारों तथा भावनाओं के लिए गहन इनसाइट्स मिलती हैं जिनके संबंध में शायद आपको पता भी नहीं होगा कि वे आपके अंदर होंगी।[१६]
    एक्सपर्ट टिप
    How.com.vn हिन्द: Rahti Gorfien, PCC

    Rahti Gorfien, PCC

    लाइफ कोच
    राहती गोर्फ़िएन एक लाइफ़ कोच हैं और Creative Calling Coaching, LLC की फॉउंडर हैं। राहती, इन्टरनेशनल कोच फेडेरेशन से मान्यता प्राप्त प्रोफेशनल सर्टिफ़ाइड कोच (PCC), ACCG से मान्यता प्राप्त ADD कोच अकेडमी से ADHD कोच, और एक कैरियर स्पेशलिटी सर्विसेज़ प्रोवाइडर (CSS) हैं। उन्हें एक्सपर्ट्स द्वारा 2018 में न्यूयॉर्क सिटी के 15 सर्वश्रेष्ठ लाइफ़ कोचेज़ में चुना गया था। वे न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ग्रैजुएट एक्टिंग कार्यक्रम की पूर्व विद्यार्थी हैं और थियेटर कलाकार के रूप में पिछले तीस वर्षों से काम कर रही हैं।
    How.com.vn हिन्द: Rahti Gorfien, PCC
    Rahti Gorfien, PCC
    लाइफ कोच

    कोई ऐसी चीज़ क्रिएट करिए जो हो ही नहीं: दुनिया में कोई नई चीज़ लाने के लिए अपना ध्यान तथा रिसोर्सफ़ुलनेस अपनी क्रिएटिव साइड पर फ़ोकस करिए। अगर आपको किसी ऐसी मीनिंगफ़ुल चीज़ का पता लगता है जो अभी है ही नहीं, तब ऐसा कोई तरीका ढूंढिए जिससे आप उसे जीवन दे सकें, जैसे कि अगर आप अपनी कल्पना से कोई नया कार्टून कैरेक्टर बना सकें, या कोई ऐसी किताब लिख सकें जिसे आप हमेशा से पढ़ना चाहते थे।

  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 गाइए:
    गाना एक बढ़िया एक्टिविटी है, चाहे आपको गाना नहीं भी आता हो। आप कहीं भी गा सकते हैं, जैसे कि अपनी कार में, बाथरूम में, या अपने लिविंग रूम में। टेलेंट या बढ़िया गायकी का विचार अपने मन से निकाल दीजिये, और बस कोशिश करिए कि आपकी बात सुनी जा सके। उस इमोशनल जगह पर ट्यून इन करिए और वो गाने गाइए जो आपके साथ रेज़ोनेट करते हों।
    • ऐसे गाने गाइए जो आपकी भावनाओं के अनुरूप हों, जैसे दुख, विछोह, क्रोध, प्यार और ख़ुशी के गीत। कोशिश करिए कि गानों के जरिये आप जो भी हैं वही बन सकें।
    • अगर आपको लगता है कि गानों से, आप जो भी हैं, वही बन जाते हैं, तब आप उसे दुनिया के सामने भी ला सकते हैं। करिओके या कम्यूनिटी गायन ग्रुप को जॉइन करने की कोशिश करिए। ऐसे संगीत के साथ कनेक्ट होइए जिससे आप यह महसूस कर सकें कि आप अपने जीवन को, अपनी भावनाओं को और ख़ुद को एक्स्प्रेस कर रहे हैं।[१७]

रेफरेन्स

  1. Baird, Robert. The Responsible Self: An Interpretation of Jean-Paul Sartre. Philosophy in the Contemporary World. Spring 2007, Vol. 14, Issue 1, p 144-152
  2. Pfaffenberger, Angela H. Optimal Adult Development: An Inquiry Into The Dynamics Of Growth. Journal of Humanistic Psychology. Summer 2005, Vol. 45, Issue 3, p279-301
  3. Kahn, Jeffrey H. and Garrison, Angela M. Emotional Self-Disclosure and Emotional Avoidance: Relations with Symptoms of Depression and Anxiety. Journal of Counseling Psychology. Oct 2009. v56, n4 p573-584
  4. Physiological and cognitive effects of expressive dissonance. By: Robinson, Jennifer L.; Demaree, Heath A. Brain & Cognition. Feb 2007, Vol. 63, Issue 1, p70-78.
  5. Kever, Anne; Grynberg, Delphine; Eeckhout, Coralie; Mermillod, Martial; Fantini, Carole; and Vermeulen, Nicolas. The Body Language: The Spontaneous Influence of Congruent Bodily Arousal on the Awareness of Emotional Words. Journal of Experimental Psychology. Human Perception & Performance. Jun2015, Vol. 41 Issue 3, p582-589
  6. Koole, Sander L. The psychology of emotion regulation: An integrative review. Cognition & Emotion. Jan2009, Vol. 23 Issue 1, p4-41
  7. Segal, Daniel L.; Tucker, Heather C.; Coolidge, Frederick L. A Comparison of Positive Versus Negative Emotional Expression in a Written Disclosure Study Among Distressed Students. Journal of Aggression, Maltreatment & Trauma. Jun 2009, Vol. 18 Issue 4, p367-381
  8. Wang, Yu and Kong, Feng. The Role of Emotional Intelligence in the Impact of Mindfulness on Life Satisfaction and Mental Distress. Social Indicators Research. May 2014, Vol. 116, Issue 3, p843-852
  9. Betzler, Monika. Making Sense of Actions Expressing Emotions. Dialectica: International Journal of Philosophy & Official Organ of the ESAP. Sep 2007, Vol. 61, Issue 3, p447-466
  1. Nogueira, Ana Lúcia Horta. Emotional experience, meaning, and sense production: Interweaving concepts to dialogue with the funds of identity approach. Culture & Psychology. Mar2014, Vol. 20 Issue 1, p49-58.
  2. Betzler, Monika. Making Sense of Actions Expressing Emotions. Dialectica: International Journal of Philosophy & Official Organ of the ESAP. Sep 2007, Vol. 61, Issue 3, p447-466
  3. Kahn, Jeffrey H. and Garrison, Angela M. Emotional Self-Disclosure and Emotional Avoidance: Relations with Symptoms of Depression and Anxiety. Journal of Counseling Psychology, Oct 2009, v56, n4, p573-584
  4. van den Akker, José. Art-based learning: painting the journey of self-realisation. Reflective Practice. Dec2014, Vol. 15 Issue 6, p751-765
  5. van den Akker, José. Art-based learning: painting the journey of self-realisation. Reflective Practice. Dec2014, Vol. 15 Issue 6, p751-765
  6. Strassel, Juliane K.; Cherkin, Daniel C.; Steuten, Lotte; Sherman, Karen J. and Vrijhoef, Hubertus J. M. A Systematic Review of the Evidence for the Effectiveness of Dance Therapy. Alternative Therapies in Health & Medicine. May/Jun2011, Vol. 17 Issue 3, p50-59
  7. Chavis, Geri Giebel. Looking out and looking in: Journeys to self-awareness and empathy through creative juxtapositions. By: Journal of Poetry Therapy. Sep 2013, Vol. 26, Issue 3, p159-167
  8. Saarikallio, Suvi. Music as Emotional Self-Regulation throughout Adulthood. Psychology of Music, Jul 2011, v39, n3 p307-327

विकीहाउ के बारे में

How.com.vn हिन्द: Rahti Gorfien, PCC
सहयोगी लेखक द्वारा:
लाइफ कोच
यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Rahti Gorfien, PCC. राहती गोर्फ़िएन एक लाइफ़ कोच हैं और Creative Calling Coaching, LLC की फॉउंडर हैं। राहती, इन्टरनेशनल कोच फेडेरेशन से मान्यता प्राप्त प्रोफेशनल सर्टिफ़ाइड कोच (PCC), ACCG से मान्यता प्राप्त ADD कोच अकेडमी से ADHD कोच, और एक कैरियर स्पेशलिटी सर्विसेज़ प्रोवाइडर (CSS) हैं। उन्हें एक्सपर्ट्स द्वारा 2018 में न्यूयॉर्क सिटी के 15 सर्वश्रेष्ठ लाइफ़ कोचेज़ में चुना गया था। वे न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ग्रैजुएट एक्टिंग कार्यक्रम की पूर्व विद्यार्थी हैं और थियेटर कलाकार के रूप में पिछले तीस वर्षों से काम कर रही हैं। यह आर्टिकल १,४६१ बार देखा गया है।
श्रेणियाँ: शिक्षा और संचार
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