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छोटी फ़िल्म, फ़िल्म या टीवी कार्यक्रम बनाने में अपनी रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए स्क्रिप्ट लिखना एक बढ़िया तरीका होता है। हर स्क्रिप्ट, एक अच्छे आधार और प्लॉट से शुरू होती है, जिसमें आपके पात्र जीवन के अनुभवों से दो-चार होते हैं। कड़ी मेहनत और सही फ़ॉर्मैट से आप अपनी स्क्रिप्ट कुछ ही महीनों में लिख सकते हैं!
चरण
- आप अपनी कहानी में जिस संघर्ष या थीम के बारे में बताना चाहते हैं वह सोच लीजिये: अपनी स्क्रिप्ट के आइडिया (idea) तय करने के लिए “क्या होगा अगर?” प्रश्न का सहारा लीजिये। अपने आस पास की दुनिया से प्रेरणा लेना शुरू करिए और स्वयं से पूछिये कि आपके उस खास चरित्र या विशेष घटना से उस पर क्या असर पड़ेगा। अपनी कहानी के लिए आप पूरे थीम को भी ध्यान में रख सकते हैं, जैसे कि प्यार, परिवार, दोस्ती वगैरह ताकि आपकी पूरी स्क्रिप्ट एक साथ बँधी रहे।[१]
- जैसे कि, Back to the Future का आधार है कि, “क्या होगा अगर आप समय में पीछे जा कर अपने माता पिता से तब मिल सकें, जब वे आपकी उम्र के रहे हों?” जबकि Shrek का आधार है “क्या होगा अगर सुंदर राजकुमार की जगह राजकुमारी को एक राक्षस बचाए?”
- जहां भी जाइए वहाँ अपने साथ हमेशा एक नोटबुक रखिए ताकि जब भी आपको कोई विचार आए, तब आप उसे नोट कर सकें।
- अपनी कहानी के लिए एक विधा चुन लीजिये: विधा, किसी भी कहानी को सुनाने का एक तरीका होता है, जिससे पाठकों को पता चल सकता है कि वे किस प्रकार की कहानी की अपेक्षा कर सकते हैं। अपनी मनपसंद फ़िल्में और टीवी शो देखते रहिए और उसी प्रकार की स्क्रिप्ट लिखने का प्रयास करिए।[२]
- कुछ विशिष्ट बनाने के लिए विधाओं का सम्मिश्रण तैयार करिए: जैसे कि, आप एक मारधाड़ वाली फिल्म के बारे में सोच सकते हैं जो अन्तरिक्ष में हुई हो या किसी रूमानी फ़िल्म में भयानक तत्वों को मिला सकते हैं।
विधा चुनना (Picking a Genre)
अगर आपको विशाल सेट और विस्फोट वगैरह पसंद हों तब कोई एक्शन फ़िल्म लिखने के बारे में सोचिए।
अगर आप लोगों को डराना पसंद करते हों तो कोई हॉरर स्क्रिप्ट लिखने की कोशिश कर डालिए।
अगर आप किसी रिश्ते की बात करना चाहें, तब ड्रामा या रोमांटिक कॉमेडी लिखने की कोशिश करिए।
अगर आपको बहुत सारे स्पेशल इफ़ेक्ट्स पसंद हों या भविष्य में क्या होगा इस पर आपका ध्यान जाता हो, तब साइंस फ़िक्शन (science fiction) फ़िल्म लिख डालिए।
- आपकी स्क्रिप्ट जहां पर होने वाली हो, वह सेटिंग चुन लीजिये: यह ध्यान रहे कि सेटिंग आपकी स्क्रिप्ट के थीम या कहानी के अनुसार ही होनी चाहिए। स्क्रिप्ट को दिलचस्प बनाए रखने के लिए, ऐसी कम से कम 3-4 सेटिंग की सूची बना कर रखिए, जहां आपके पात्र आते जाते रहते हों।[३]
- जैसे कि, अगर अकेलापन आपके कई थीमों में एक हो, तब आप अपनी स्क्रिप्ट को किसी वीरान घर में सेट कर सकते हैं।
- आपकी चुनी विधा भी आपको सेटिंग चुनने में मदद करेगी। जैसे कि, आप किसी पहाड़ी गाँव की प्रेम कथा की सेटिंग मुंबई में नहीं कर सकते हैं।
- एक दिलचस्प नायक तैयार करिए: जब आप कोई नायक बनाएँ तब उसे कोई लक्ष्य दीजिये जिसे वे पूरी स्क्रिप्ट में पाने का प्रयास करते रहें। उसे और दिलचस्प बनाने के लिए, पात्र में कोई कमी डाल दीजिये, जैसे कि वह पक्का झूठा हो या बहुत स्वार्थी हो। स्क्रिप्ट के अंत तक, आपके पात्र को किसी न किसी तरह बदल जाना चाहिए। ब्रेनस्टॉर्म (brainstorm) करके तय करिए कि कहानी की शुरुआत में आपका पात्र कैसे थे और कैसे घटनाओं ने उन्हें बदल दिया।[४]
- अपने पात्र को एक ऐसा नाम दीजिये जिसे भूला न जा सके!
- नायक (hero) के मुक़ाबले के लिए एक खलनायक बनाइए: खलनायक वह प्रेरक शक्ति होती है जो आपके नायक का विरोध करेगी। अपने नायक और खलनायक में समान गुण डालिए, मगर दिखाइए कि उनके प्रति उन दोनों की धारणाएँ कितनी भिन्न हैं। जैसे कि, आपका नायक शायद दुनिया को बचाना चाहता हो, मगर खलनायक सोचता होगा कि दुनिया को बचाने के लिए उसे नष्ट करना आवश्यक है।[५]
- अगर आप कोई डरावनी कहानी लिख रहे होंगे, तब शायद आपका खलनायक कोई दानव या नकाबपोश हत्यारा हो सकता है।
- रूमानी कॉमेडी में, आपका खलनायक वह होगा जिसे आपका प्रमुख पात्र आकर्षित करने की कोशिश कर रहा होगा।
- 1-2 वाक्यों की लॉगलाइन (logline) में अपनी स्क्रिप्ट के प्लॉट (plot) की समरी (summary) लिखिए: लॉगलाइन आपकी फ़िल्म की प्रमुख घटनाओं की एक छोटी सी समरी होती है। अपनी लॉगलाइन को विशिष्ट दिखाने के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल करिए जिससे लोगों को समझ में आ सके कि आपकी कहानी में क्या प्रमुख विचार हैं। सुनिश्चित करिए कि लॉगलाइन में संघर्ष अवश्य दिखाई पड़े।[६]
- जैसे कि, आप A Quiet Place फ़िल्म के लिए लॉगलाइन लिख रहे हों, तब शायद आप ऐसे कह सकते हैं, “एक परिवार पर दानवों का आक्रमण होता है,” मगर उसके बारे में उसमें और अधिक नहीं बताया जाता है। उसकी जगह पर, अगर आप लिखेँगे, “अत्यंत संवेदनशील सुनने की क्षमता वाले दानवों द्वारा पकड़े जाने से बचने के लिए एक परिवार को ख़ामोशी में ही रहना है,” तब आपकी लॉगलाइन पढ़ने वाले व्यक्ति को आपकी स्क्रिप्ट के मुख्य पॉइंट (point) समझ में आ जाएँगे।
- प्लॉट के विचारों को इंडेक्स कार्डों पर ब्रेनस्टॉर्म करिए: अपनी स्क्रिप्ट की हर घटना को अलग नोट कार्ड पर लिखिए। इस प्रकार से आप उन घटनाओं को अलग-अलग क्रमों में रख कर देख सकते हैं कि सबसे अच्छा परिणाम कहाँ मिलेगा। अपने सभी विचारों को, चाहे वे अच्छे हों या बुरे, लिख डालिए, चूंकि शायद आपको पता ही नहीं होगा कि अंतिम स्क्रिप्ट में क्या सबसे अच्छा लगेगा।[७]
- अगर आप इंडेक्स कार्डों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं, तब आप वर्ड डॉकयुमेंट या WriterDuet अथवा Final Draft जैसे स्क्रीनलेखन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
- सभी घटनाओं को उसी क्रम में रखिया जैसा आप उन्हें अपनी स्क्रिप्ट में चाहते हैं: जब आप अपने सभी विचारों को कार्डों पर लिख लें, तब उन्हें ज़मीन या मेज़ पर फैला लीजिये, और फिर अपनी कहानी के अनुसार क्रमवार तरीके से व्यवस्थित कर लीजिये। यह देखने के लिए कि क्या यह उचित होगा, देखिये कि कैसे एक घटना दूसरी को प्रभावित करती है। अगर ऐसा नहीं होता है, तब इंडेक्स कार्डों को छोड़ दीजिये और देखिये कि क्या वे किसी और तरह से आपकी रूपरेखा में बेहतर काम आ सकते हैं।[८]
- अगर आप Inception जैसी कोई दिमाग़ को हिला देने वाली पेचीदा फ़िल्म बनाना चाहते हैं तब फ़िल्म के शुरू में ही भविष्य की घटनाओं को होता हुआ दिखाइए।
एक्सपर्ट टिपScriptwriters Network की प्रेजिडेंट और CEOमेलिसा सार्जेंट स्क्रिप्ट राइटर्स नेटवर्क की प्रेजिडेंट हैं, जो एक नॉन प्रॉफिट आर्गेनाइजेशन है और टीवी, फीचर्स और नए मीडिया के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग की कला और व्यवसाय को सिखाने के लिए एंटरटेनमेंट प्रोफेशनल्स को लाता है। यह नेटवर्क अपने मेंबर्स को प्रोफेशनल्स के साथ गठजोड़ के माध्यम से शैक्षिक प्रोग्रामिंग, विकासशील पहुंच और अवसर प्रदान करके और मनोरंजन उद्योग में लेखन के कारण और गुणवत्ता को आगे बढ़ाते हुए अपने सदस्यों की सेवा करता है।Melessa Sargent
Scriptwriters Network की प्रेजिडेंट और CEOइस बात को लेकर श्योर हों कि कितने एक्ट शामिल करने हैं एक TV स्क्रिप्ट अगर कमर्शिअल नेटवर्क जैसे CBS, NBC, or ABC के लिए है तो इसमें 5 एक्ट होने चाहिए।एक नॉन-कमर्शिअल स्क्रिप्ट जैसे नेटफ्लिक्स या अमेज़न के लिए 3 एक्ट होने चाहिए। फीचर स्क्रिप्ट्स में भी 3 एक्ट होने चाहिए
- हर दृश्य, जिसे आप शामिल करना चाहते हैं, उसके महत्व के बारे में ख़ुद से सवाल पूछिये: जब आप रूपरेखा पढ़ें, तब अपने आप से ऐसे सवाल पूछिये, “इस सीन (scene) का मुख्य मुद्दा क्या है?” या, “इस सीन से कहानी आगे कैसे बढ़ेगी?” हर दृश्य को देखिये और सोचिए कि क्या इससे कहानी आगे बढ़ती है या यह सिर्फ जगह भरने के लिए है। अगर उस दृश्य से कहानी आगे बढ़ाने में मदद नहीं मिले, तब शायद आप उस सीन को हटा सकते हैं।[९]
- जैसे कि, अगर सीन है कि आपका कोई पात्र बाज़ार मैं ख़रीदारी कर रहा है, तब इससे कहानी में कुछ जुड़ता नहीं है। मगर, यदि दुकान पर सामान ख़रीदते समय उसकी मुलाक़ात किसी से होती है और उनकी बातचीत फ़िल्म के मुख्य विचार से सम्बद्ध हो, तब आप उसे शामिल रख सकते हैं।
एक्सपर्ट टिपScriptwriters Network की प्रेजिडेंट और CEOमेलिसा सार्जेंट स्क्रिप्ट राइटर्स नेटवर्क की प्रेजिडेंट हैं, जो एक नॉन प्रॉफिट आर्गेनाइजेशन है और टीवी, फीचर्स और नए मीडिया के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग की कला और व्यवसाय को सिखाने के लिए एंटरटेनमेंट प्रोफेशनल्स को लाता है। यह नेटवर्क अपने मेंबर्स को प्रोफेशनल्स के साथ गठजोड़ के माध्यम से शैक्षिक प्रोग्रामिंग, विकासशील पहुंच और अवसर प्रदान करके और मनोरंजन उद्योग में लेखन के कारण और गुणवत्ता को आगे बढ़ाते हुए अपने सदस्यों की सेवा करता है।Melessa Sargent
Scriptwriters Network की प्रेजिडेंट और CEOकितने एक्ट शामिल करने हैं ये कंसीडर करें मेलेसा सार्जेंट, जो स्क्रीनराइटर्स की प्रेजिडेंट हैं, कहती हैं: "एक TV स्क्रिप्ट अगर कमर्शिअल नेटवर्क जैसे CBS, NBC, or ABC के लिए है तो इसमें 5 एक्ट होने चाहिए।एक नॉन-कमर्शिअल स्क्रिप्ट जैसे नेटफ्लिक्स या अमेज़न के लिए 3 एक्ट होने चाहिए। फीचर स्क्रिप्ट्स में भी 3 एक्ट होने चाहिए"
- एक्ट्स में ब्रेक के लिए हाई और लो मोमेंट्स (high and low moments) का इस्तेमाल करिए: एक्ट ब्रेक्स से आपकी कहानी 3 भागों में बंटने में सहायता मिलती है: सेटअप, संघर्ष और समाधान। सेटअप या एक्ट 1, आपकी कहानी की शुरुआत में शुरू होता है और वहाँ समाप्त होता है जहां आपके पात्र वो रास्ता चुनते हैं जिससे उनकी ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल जाती है। पूरे संघर्ष या एक्ट 2 के दौरान, आपका नायक किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए काम करता रहेगा और खलनायक से उसका संघर्ष चलता रहेगा जो अंततः कहानी को चरम बिन्दु पर ले जाएगा। समाधान या एक्ट 3, क्लाइमेक्स के बाद आता है तथा यहाँ पर पता चलता है कि बाद में क्या हुआ।[१०]
टिप: टीवी स्क्रिप्ट्स में आम तौर पर एक्ट ब्रेक्स विज्ञापनों के समय में होते हैं। आप जैसी कहानी लिखने वाले हैं वैसे ही शो देखिये ताकि आपको पता चल सके कि विज्ञापनों के ब्रेक कहाँ आते हैं।
- अपनी स्क्रिप्ट के लिए एक टाइटल पेज बनाइए: पेज के बीच में बड़े अक्षरों में अपनी स्क्रिप्ट का टाइटल लिखिए। स्क्रिप्ट के टाइटल के बाद एक लाइन ब्रेक डालिए, और टाइप करिए “लेखक.” अपना नाम लिखने से पहले एक और लाइन ब्रेक डालिए। सबसे नीचे बाएँ मार्जिन में अपनी संपर्क जानकारी जैसे ईमेल एड्रेस और फ़ोन नंबर लिखिए।[११]
- अगर आपकी स्क्रिप्ट किसी और कहानी या फ़िल्म पर आधारित हो, तब कुछ लाइनों में लिखिए “....की कहानी पर आधारित” और उसके बाद मूल लेखकों के नाम लिखिए।
एक्सपर्ट टिपस्क्रिप्ट फॉर्मेटिंग को इजी बनाने के लिए स्क्रिप्टराइटिंग सॉफ्टवेयर ट्रॉय करिये। ये आपकी बहुत मदद करेगा खासतौर पर तब जब आपने कभी स्कीनप्ले नहीं लिखा है
मेलिसा सार्जेंट स्क्रिप्ट राइटर्स नेटवर्क की प्रेजिडेंट हैं, जो एक नॉन प्रॉफिट आर्गेनाइजेशन है और टीवी, फीचर्स और नए मीडिया के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग की कला और व्यवसाय को सिखाने के लिए एंटरटेनमेंट प्रोफेशनल्स को लाता है। यह नेटवर्क अपने मेंबर्स को प्रोफेशनल्स के साथ गठजोड़ के माध्यम से शैक्षिक प्रोग्रामिंग, विकासशील पहुंच और अवसर प्रदान करके और मनोरंजन उद्योग में लेखन के कारण और गुणवत्ता को आगे बढ़ाते हुए अपने सदस्यों की सेवा करता है।Melessa Sargent
Scriptwriters Network की प्रेजिडेंट और CEOMelessa Sargent
Scriptwriters Network की प्रेजिडेंट और CEO - अपनी सम्पूर्ण स्क्रिप्ट में 12 कूरियर फॉन्ट का इस्तेमाल करिए: कूरियर फॉन्ट का कोई भी रूप स्क्रीनलेखन का स्टैण्डर्ड होता है ताकि उसे आसानी से पढ़ा जा सके। ध्यान रहे कि आप 12-पॉइंट फॉन्ट का ही इस्तेमाल करें क्योंकि अन्य स्क्रिप्टों में भी उसी का इस्तेमाल होता है और इसे ही उद्योग में स्टैण्डर्ड माना जाता है।[१२]
- शब्दों को बोल्ड करना, उनके नीचे लाइन खींचना आदि किसी भी अन्य प्रकार की फ़ॉर्मैटिंग का इस्तेमाल कम ही करिए क्योंकि उससे आपके पाठकों का ध्यान भटक सकता है।
टिप: Celtx, Final Draft, या WriterDuet जैसे स्क्रीनलेखन सॉफ्टवेयर, अपने आप ही आपकी स्क्रिप्ट को फ़ॉर्मैट कर देते हैं ताकि आपको सेटिंग बदलने की चिंता न करनी पड़े।
- जब आप किसी दूसरी लोकेशन (location) पर जाएँ तब सीन की हेडिंग डालिए: सीन की हेडिंग को पेज के किनारे से 1 1⁄2 in (3.8 cm) दूर बाएँ मार्जिन से अलाइन (align) किया जाना चाहिए। सीन की हेडिंग को बड़े अक्षरों में लिखिए ताकि उसे आसानी से पहचाना जा सके। पाठकों को यह बताने के लिए कि सीन अंदर होना है या बाहर, INT. या EXT. शामिल करिए। तब उस उस लोकेशन का नाम लिखिए और उसके बाद वह समय लिखिए जब वह सीन होता है।[१३]
- जैसे कि, सीन हेडिंग हो सकती है: INT. CLASSROOM - DAY.
- सीन हेडिंगों को एक ही लाइन में लिखिए ताकि वही बहुत महत्वपूर्ण न हो जाएँ।
- अगर आप किसी खास लोकेशन या कोई विशेष कमरा बताना चाहते हों, तब आप सीन की हेडिंग ऐसे भी लिख सकते हैं: INT. JOHN’S HOUSE - KITCHEN - DAY.
- पात्रों के एक्शन और सेटिंग का विवरण देने के लिए एक्शन ब्लॉक लिखिए: एक्शन ब्लॉक बाएँ मार्जिन से अलाइन किए हुये होने चाहिए और सामान्य वाक्यों की तरह लिखे जाने चाहिए। एक्शन लाइनों का उपयोग यह दिखाने के लिए करना चाहिए कि पात्र क्या कर रहे हैं और संक्षेप में यह बताने के लिए भी कि क्या हो रहा है। एक्शन लाइनों को छोटा ही रखिए ताकि पेज देखने वाला पाठक उन्हें देख कर घबरा न जाये।[१४]
- पात्र क्या सोच रहे हैं यह लिखने से बचिए। सोचने के बारे में एक मोटा सा नियम है कि जो कुछ भी स्क्रीन पर दिख नहीं सकता, उसे एक्शन ब्लॉक में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। तो यह लिखने के बजाय, “जॉन लीवर खींचने के बारे में सोचता है मगर उसे यकीन नहीं है,” आप ऐसा कुछ लिख सकते हैं, “जॉन का हाथ लीवर के निकट थरथराता है। वह अपने दाँत भींचता है और भौंहें सिकोड़ लेता है।”
- जब आप एक्शन ब्लॉक में किसी पात्र का पहली बार परिचय कराएं, तब उसका नाम बड़े अक्षरों में लिखिएगा। उसके बाद जब भी आप उसका नाम लिखें तब उसे सामान्य अक्षरों में ही लिखिएगा।
- जब भी कोई पात्र बोले तब उस पात्र का नाम और डायलॉग सेंटर (Center) कर दीजिये: जब कोई पात्र बोलने वाला हो तब यह सुनिश्चित करिए कि मार्जिन पेज के बाईं ओर से 3.7 in (9.4 cm) दूरी पर सेट हो। पात्र का नाम बड़े अक्षरों में लिखिए ताकि पाठक या एक्टर अपनी लाइन को आसानी से देख सकें। जब आप डायलॉग लिखें तब यह ध्यान रखिएगा कि वह पेज के बाईं ओर से 2 1⁄2 in (6.4 cm) दूरी पर हो।[१५]
- अगर आप यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि आपके पात्र को कैसा महसूस हो रहा है, तब उसी लाइन में पात्र के नाम के बाद कोष्ठक में भावना लिख दीजिये। जैसे कि, आप उसमें लिख सकते हैं (उत्तेजित) या (तनावग्रस्त)। यह ध्यान रहे कि कोष्ठक पेज के बाईं ओर से 3.1 in (7.9 cm) दूर हो।
- अपने लिए एक डेडलाइन (deadline) बनाइए ताकि आपको पूरा करने के लिए कोई लक्ष्य मिल सके: शुरुआत से 9-12 हफ़्तों बाद की कोई तारीख़ चुनिये, चूंकि इस उद्योग में लेखकों को स्क्रिप्ट पर काम करने के लिए आम तौर पर इतना ही समय मिलता है। इस डेडलाइन को कैलेंडर पर मार्क कर लीजिये या अपने फ़ोन पर इसे रिमाइन्डर की तरह लगा लीजिये ताकि आप पर अपनी स्क्रिप्ट समय पर पूरी करने की ज़िम्मेदारी रहे।[१६]
- दूसरों को अपने लक्ष्य के बारे में बताइये और उनसे कहिए कि वे आपको निर्धारित समय में काम पूरा करने की ज़िम्मेदारी याद दिलाते रहें।
- प्रतिदिन कम से कम एक या दो पेज लिखने की योजना बनाइए: पहले ड्राफ़्ट में आपके दिमाग़ में जो भी विचार आयें, उन्हें रूपरेखा के अनुसार लिखते चले जाइए। स्पेलिंग या व्याकरण की चिंता मत करिए क्योंकि आपको तो बस अपनी कहानी लिख डालनी है। अगर आप प्रतिदिन 1-2 पेज लिखने का लक्ष्य ले कर चलेंगे, तब आप 60-90 दिनों में अपना पहला ड्राफ़्ट पूरा कर लेंगे।[१७]
- हर दिन बैठ कर लिखने के लिए, एक समय नियत कर लीजिये ताकि आपका ध्यान बंटे नहीं।
- अपना फ़ोन और इन्टरनेट कनेक्शन बंद कर दीजिये ताकि आप लिखने पर ही ध्यान केन्द्रित रख सकें।
एक्सपर्ट टिप"फीचर स्क्रिप्ट्स 95-110 पेज की होना चाहिए। आधे घंटे के शो के लिए TV स्क्रिप्ट्स 30-35 पेज की होना चाहिए या 1 घंटे के शो की स्क्रिप्ट 60-65 पेज की होना चाहिए"
मेलिसा सार्जेंट स्क्रिप्ट राइटर्स नेटवर्क की प्रेजिडेंट हैं, जो एक नॉन प्रॉफिट आर्गेनाइजेशन है और टीवी, फीचर्स और नए मीडिया के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग की कला और व्यवसाय को सिखाने के लिए एंटरटेनमेंट प्रोफेशनल्स को लाता है। यह नेटवर्क अपने मेंबर्स को प्रोफेशनल्स के साथ गठजोड़ के माध्यम से शैक्षिक प्रोग्रामिंग, विकासशील पहुंच और अवसर प्रदान करके और मनोरंजन उद्योग में लेखन के कारण और गुणवत्ता को आगे बढ़ाते हुए अपने सदस्यों की सेवा करता है।Melessa Sargent
Scriptwriters Network की प्रेजिडेंट और CEOMelessa Sargent
Scriptwriters Network की प्रेजिडेंट और CEO - डायलॉग को बोल कर देखिये कि क्या वह स्वाभाविक लग रहा है: अपने पात्रों की बातचीत लिखते समय उसे बोल कर देखिये। ध्यान रहे कि बातें स्वाभाविक लगनी चाहिए और उनसे उलझन नहीं होनी चाहिए। अगर आपको कहीं कोई समस्या लगती है, तब या तो उसे हाईलाइट कर दीजिये या उसके नीचे लाइन खींच दीजिये ताकि अगली बार सम्पादन करते समय आप वहाँ वापस आ सकें।[१८]
- सुनिश्चित करिए कि हर पात्र की बोली फ़र्क हो उसकी आवाज़ खास हो। वरना, पाठक को यह जानने में परेशानी होगी कि आखिर बोल कौन रहा है।
- लगभग 90-120 पेज तक की स्क्रिप्ट लिखते रहिए: हर पेज को स्क्रीन पर 1 मिनट के लिए समझिए। फ़िल्म की स्टैण्डर्ड स्क्रिप्ट लिखने के लिए, उसे करीब 90-120 पेज का होना चाहिए ताकि फ़िल्म 11/2 से 2 घंटों लंबी हो।
- अगर आप टीवी स्क्रिप्ट लिख रहे हों, तब आधे घंटे के सिटकॉम के लिए 30-40 पेज लिखने का लक्ष्य रखिए और एक घंटे के ड्रामे के लिए 60-70 पेज लिखने का।
- छोटी फिल्मों के लिए 10 पेज या उससे कम लिखना चाहिए।
- उसे पूरा करने के बाद, आपको अपनी स्क्रिप्ट से 1-2 हफ़्तों के लिए अलग हो जाना चाहिए: चूंकि आप अपनी स्क्रिप्ट पर लंबे समय से काम कर रहे हैं, फ़ाइल को सेव कर लीजिये और कुछ हफ़्तों के लिए किसी और चीज़ पर फ़ोकस करिए। इस प्रकार, जब आप उसका सम्पादन करने के लिए वापस आएंगे, तब आप उसको नई दृष्टि से देख पाएंगे।[१९]
- अगर आप दूसरे विचारों पर भी काम कर रहे हों, तब इंतज़ार करते समय दूसरी स्क्रिप्ट पर काम करना शुरू कर दीजिये।
- अपनी स्क्रिप्ट को फिर से पढ़िये और जिस बात का भी अर्थ न निकले उसे नोट करते जाइए: अपनी स्क्रिप्ट खोल कर शुरू से अंत तक पढ़िये और उन जगहों को ढूंढिए जहां कहानी में उलझन हो या जहां पात्र ऐसा कुछ कर रहे हों जिससे कहानी आगे न बढ़ रही हो। अपने नोट्स को हाथ से लिखिए ताकि उनको याद रखने में आसानी हो।[२०]
- अपनी स्क्रिप्ट को बोल कर पढ़ने की कोशिश करिए और निडर हो कर उन हिस्सों का वैसा अभिनय करिए जैसा उनको आप दिखाना चाहते हैं। इस प्रकार से, आप वो डायलॉग या शब्द चुन सकते हैं जो उस जगह के लिए उचित नहीं होंगे।
टिप: यदि हो सके, तो अपने स्क्रीनप्ले को छाप लीजिये ताकि आप उस पर सीधे सीधे लिख सकें।
- जिस पर आपको यकीन हो उसके विचार जानने के लिए, उसके साथ अपनी स्क्रिप्ट साझा करिए: किसी मित्र या अभिभावक को अपनी स्क्रिप्ट दिखा कर उनकी राय लीजिये। उन्हें बताइये कि आपको उनसे किस प्रकार के फ़ीडबैक की अपेक्षा है ताकि वे उसी पर फ़ोकस कर सकें। जब वे पूरा कर लें, तब उनसे पूछिये कि प्लॉट का कुछ अर्थ निकलता है या नहीं।[२१]
- जब तक आप संतुष्ट न हो जाएँ तब तक स्क्रिप्ट को बार बार लिखते रहिए: पहले अपनी स्क्रिप्ट की बड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए कहानी और पात्रों पर ध्यान दीजिये। हर बार दोहराने पर, शुरुआत बड़ी समस्याओं जैसे कि डायलॉग या उलझन भरे एक्शन सीक्वेंस (action sequence) से करने के बाद छोटी की ओर बढ़िए, जैसे कि व्याकरण या स्पेलिंग।
- हर ड्राफ़्ट को नए डॉकयुमेंट में लिखिए ताकि यदि आपको पुरानी स्क्रिप्ट का कोई हिस्सा पसंद आए तब आप उसे काट कर अपनी नई स्क्रिप्ट में पेस्ट कर सकें।
- अपनी छोटी-छोटी ग़लतियाँ मत निकालिए वरना आप जिस स्क्रिप्ट पर काम कर रहे हैं उसे कभी पूरा नहीं कर पाएंगे।
सलाह
- स्क्रीनप्ले लिखने के कोई निश्चित नियम नहीं हैं। अगर आपको लगता है कि कहानी किसी और तरह से सुनाई जानी चाहिए, तब वही कोशिश करके देखिये।
- यह देखने के लिए अपनी पसंद की फ़िल्मों की स्क्रिप्ट पढ़िये, कि उन्हें कैसे लिखा गया था। सीधी सादी सर्च से आपको ऑनलाइन अनेक पीडीएफ़ मिल सकते हैं।
- अपनी कहानियों को किस प्रकार फ़ॉर्मैट किया जाये यह जानने के लिए ब्लेक सिंडर की Save the Cat या सिड फ़ील्ड की Screenplay जैसी पुस्तकें पढ़िये।
- स्टेज पर खेले जाने वाले नाटकों और डॉकयुमेंटरीज़ की स्क्रिप्टों के फ़ॉर्मैट फ़िल्मों या टीवी शो से थोड़े भिन्न होते हैं।
रेफरेन्स
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