कैसे बनें सकारात्मक (Be Positive)

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जब भी हम “पॉजिटिव” या “सकारात्मक” शब्द के बारे में सोचते हैं तो हममें से अधिकांश के मन में शायद “हैपी” या “प्रसन्न” शब्द का ध्यान आता है। तथापि, प्रसन्नता ही एकमात्र सकारात्मकता नहीं है। जीवन में सकारात्मक होने के बहुत से तरीके हैं और यह तब भी हो सकता है जब आप दुख, क्रोध या कठिनाइयों का सामना कर रहे हों।[१] शोध बताते हैं कि हमारे अंदर सकारात्मक भावनाओं और सोचने के तरीके को "चुनने" की प्रबल योग्यता होती है।[२] वास्तव में, हमारी भावनाएं हमारे शरीर में कोशिकीय स्तर (cellular level) पर परिवर्तन लाती हैं।[३] जीवन में हमारे बहुत से अनुभव इस बात का परिणाम होते हैं कि हमारे इर्द-गिर्द जो कुछ भी है हम उसका विश्लेषण किस तरह से करते हैं और उस पर हमारी प्रतिक्रिया क्या होती है। सौभाग्यवश, नकारात्मक भावनाओं का दमन करने या उससे छुटकारा पाने का प्रयास करने के बजाय हम उनका एक अलग ढंग से भी विश्लेषण कर सकते हैं और उनके प्रति अपनी प्रतिक्रिया भी अलग ढंग देने का चयन कर सकते हैं।[४] आप पाएंगे कि थोड़े से अभ्यास, धैर्य और दृढ़ता से आप और अधिक सकारात्मक बन सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 3:

स्वयं से शुरुआत करें

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 आप जैसे भी हैं उसे स्वीकार करें:
    यदि आप समस्या की पहचान नहीं कर सकते हैं (या नहीं करेंगे) तो आप अपने सोचने के तरीके में भी परिवर्तन नहीं ला सकते हैं। यदि आप इस बात को स्वीकार कर लें कि आपकी सोच और भावनाएं नकारात्मक हैं और उनके प्रति आपकी वर्तमान प्रतिक्रिया से आप आनंदित नहीं होते हैं तो आप परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू करने में स्वयं की मदद कर सकते हैं।[५]
    • अपनी सोच और भावनाओं के आधार पर अपने बारे में कोई निष्कर्ष निकालने का प्रयास न करें: स्मरण रखें, जो भी विचार आपके मन में आते हैं या जो भी भावनाएं आप अनुभव करते हैं वे स्वयं में “अच्छे” या “बुरे” नहीं होते हैं, वे मात्र विचार और भावनाएं होती हैं। इस मामले में जो चीज आप नियंत्रित कर “सकते” हैं वह है आप द्वारा उनके विश्लेषण का तरीका और उस पर आपके द्वारा होने वाली प्रतिक्रिया।
    • अपने बारे में जिस चीज को आप भी परिवर्तित नहीं कर सकते हैं, उसे स्वीकार करें। उदाहरण के लिए, यदि आप एक अंतर्मुखी व्यक्ति हैं जिसे “री-चार्ज” होने के लिए कुछ समय एकांत में बिताने की आवश्यकता होती है तो ऐसे में यदि आप हमेशा अपने को बहिर्मुखी दर्शाने का प्रयास करेंगे तो उसके परिणाम स्वरूप संभवतः आप निचुड़े हुए और अप्रसन्न महसूस करने लगेंगे। आप इस समय जो भी हैं और जैसे भी हैं उसे स्वीकार करें। ऐसा करने से आप अपने अंदर के वर्तमान व्यक्ति को एक अत्यंत सकारात्मक व्यक्ति (जो की आप बन सकते हैं) में बदलने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र महसूस करने लगेंगे।
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 लक्ष्य निर्धारित करें:
    लक्ष्य, हमें जीवन के प्रति और ज्यादा सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करता है। शोध ऐसा दर्शाते हैं कि भले ही आप लक्ष्य को तुरंत प्राप्त न कर पाएँ परंतु उसके निर्धारण मात्र से आप तुरंत ही अधिक आश्वस्त और आशान्वित महसूस कर सकते हैं।[६] यदि लक्ष्यों को इस तरह से निर्धारित किया जाये कि वे आपके स्वयं के लिए अर्थपूर्ण हों और आपके जीवन-मूल्यों की दिशा में हों तो, उन्हें प्राप्त करने में और अपने जीवन में आगे बढ़ने में आपको सहायता मिलेगी।[७]
    • छोटे लक्ष्यों से शुरू करें। तुरंत ही चाँद पाने का लक्ष्य न बनाएँ। यह सर्व विदित है कि धीमी और नियमित गति से दौड़ जीती जा सकती है। शुरू करने के लिए अपने लक्ष्य को विशिष्ट बनाएँ। “अधिक सकारात्मक बनें” जैसा लक्ष्य एक महान लक्ष्य तो हो सकता है परंतु यह इतना विशाल है कि आप शायद यही न समझ पाएँ कि शुरुआत कहाँ से करें। इसलिए बेहतर होगा कि छोटे और विशिष्ट लक्ष्य निर्धारित करें जैसे कि “सप्ताह में दो बार मेडिटेशन करना” या “दिन में एक बार किसी अजनबी पर हंसना”।[८]
    • अपने लक्ष्यों को सकारात्मक शब्दों में व्यक्त करें। शोध दर्शाते हैं कि यदि आप अपने लक्ष्यों को सकारात्मक अभिव्यक्ति करें तो उन्हें आप द्वारा प्राप्त किए जाने की संभावना ज्यादा हो जाएगी। दूसरे शब्दों में, अपने लक्ष्यों का निर्धारण उसी दिशा में करें “जिस दिशा में आप प्रयासरत हैं” न कि “जिस दिशा से आप परहेज कर रहे हैं”। उदाहरण के लिए “जंक फूड खाना बंद करना” एक ऐसा लक्ष्य है जिससे आपको कोई भी मदद नहीं मिल सकती हैं। ऐसे लक्ष्यों के प्राप्ति में विफलता आपमें शर्म का या अपराध बोध उत्पन्न कर सकता है। “प्रतिदिन फलों और सब्जियों की तीन सर्विंग्स खाना है” एक विशिष्ट और सकारात्मक लक्ष्य है।[९]
    • अपने स्वयं की कार्यवाही के आधार पर अपना लक्ष्य निरधारित करें। स्मरण रखें कि दूसरों के द्वारा किए जाने वाले कार्यों पर आप नियंत्रण नहीं कर सकते हैं। यदि आप ऐसा लक्ष्य निर्धारित करेंगे जिसको प्राप्त करने में अन्य व्यक्तियों द्वारा एक निश्चित प्रतिक्रिया की आवश्यकता पड़ती होगी तो उनके द्वारा कार्य को आपकी आशा के अनुकूल न किए जाने पर आपको अत्यंत बुरा लगेगा। इसलिए बेहतर होगा यदि आप लक्ष्य को अपने बल-बूते पर या अपने द्वारा नियंत्रित किए जा सकने वाले कार्यों जो कि आपका अपना निष्पादन हो, के आधार पर निर्धारित करें।[१०]
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 प्रेम और सहृदयता-परक मेडिटेशन का अभ्यास करें:
    इस तरह के मेडिटेशन, जिसे मेटा-भावना (metta bhavana) या अनुकंपा-मेडिटेशन (compassion meditation) के नाम से भी जाना जाता है, की जड़ें बुद्धिस्ट परंपराओं में मिलती हैं।[११] इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि जितना प्रेम हम अपने निकटतम पारिवारिक सदस्यो से करते हैं उतना ही प्रेम हमें संसार के अन्य लोगों से भी करना चाहिए। इससे कुछ सप्ताह में ही आपके लचीलेपन में, नकारात्मक अनुभवों से बाहर निकल पाने की आपकी योग्यता में तथा अन्य लोगों से आपके सम्बन्धों में सुधार होता है।[१२][१३] आप इसका सकारात्मक प्रभाव बहुत ही कम समय में जैसे कि प्रतिदिन पाँच मिनट देकर ही देख सकते हैं।[१४]
    • बहुत से जगहों पर अनुकंपा-मेडिटेशन के कोर्सेज कराये जाते हैं। आप चाहें तो कुछ गाइड किए गए एम पी 3 (MP3) मेडिटेशन्स को आनलाइन देख सकते हैं। दी सेंटर फार कंटेम्प्लेटिव माइंड इन सोसाइटी[१५] और दी यूसीएलए (UCLA) माइंडफुल अवेयरनेस रिसर्च सेंटर[१६] दोनों के पास मुफ्त में डाउनलोड किए जा सकने योग्य प्रेम और सहृदयता-परक मेडिटेशन (loving-kindness meditations) के प्रोग्राम उपलब्ध हैं।
    • ऐसा भी पता चला है कि प्रेम और सहृदयता-परक मेडिटेशनआपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। शोध ये दर्शाते है कि अनुकंपा-मेडिटेशन आपके अंदर के डिप्रेशन के लक्षणों को कम करता है जिससे पता चलता है कि दूसरों को अनुकंपा देना सीखने से आपको स्वयं को भी अनुकंपा देने में सहायता मिलती है।[१७]
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 एक डायरी रखें:
    नए रिसर्च बताते हैं कि सकारात्मकता के लिए वास्तव में एक गणितीय फार्मूला भी होता है जिसके अनुसार प्रत्येक नकारात्मक भावना के लिए तीन सकारात्मक भावनाएं आपको एक स्वस्थ संतुलन बनाने में कारक प्रतीत होती हैं।[१८] डायरी रखने से आपको दिन भर के अपने सारे भावनात्मक अनुभवों को देखेने में और यह जानने में कि आपके अपने भावनाओं के अनुपात में किसी तरह के समायोजन की आवश्यकता है या नहीं, जानने में सहायता मिलती है। यह आपको अपने स्कारात्मक अनुभवों पर केन्द्रित होने में भी सहायता प्रदान करती है ताकि बाद में उन्हें याद करने की ज्यादा संभावना बनी रहे।[१९]
    • डायरी रखने का उद्देश्य मात्र उन चीजों की लिस्ट बनाना नहीं है जो महज आपको पसंद नहीं आए। रिसर्च बताते हैं कि डायरी में नकारात्मक भावनाओं और अनुभवों पर केन्द्रित होने से उन्हें और अधिक बल मिलता है जिससे आप और अधिक नकारात्मक होते जाते हैं।[२०]
    • बेहतर होगा कि आप बिना सही-गलत का फैसला किए सिर्फ यह लिखें कि आपने क्या महसूस किया। उदाहरण के लिए, एक नकारात्मक अनुभव आपको ऐसा लग सकता है: “जब मेरे सहकर्मी ने मेरे वज़न को लेकर मज़ाक (joke) किया तो में बहुत ही आहत हुआ।”
    • उसके बाद अपनी प्रतिक्रिया के बारे में सोचें। उस क्षण आपकी क्या प्रतिक्रिया थी? अब कुछ समय के पश्चात आप कैसी प्रतिक्रिया देना चाहेंगे? उदाहरण के लिए, “उस पल में मैंने अपने बारे इतनी भयंकर बात सोची कि मैं एक बेकार इंसान हूँ। अब जबकि मैं वापस सोचता हूँ तो मुझे ऐसा लगता है कि मेरा सहकर्मी इस तरह की संवेदनहीन बातें सभी के बारे में कहा करता है। मुझे या मेरे व्यक्तित्व को कोई दूसरा कैसे परिभाषित कर सकता है। यह कार्य तो सिर्फ मैं ही कर सकता हूँ।”
    • यह सोचने का प्रयास करें कि इस तरह के अनुभवों को सीख देने वाले अनुभवों के रूप में किस प्रकार उपयोग कर सकते हैं। अपनी व्यक्तिगत उन्नति के लिए आप इसका कैसे उपयोग कर सकते हैं? अगली बार आप क्या करेंगे? उदाहरण के लिए “अगली बार यदि कोई मुझे आहत करने वाले शब्द कहता है तो मैं याद रखूँगा कि उसका निर्णय मुझे परिभाषित नहीं करता है। मैं अपने सहकर्मी को यह अवश्य बताऊंगा कि उसके बातें असंवेदनशील हैं और मेरी भावनाओं को आहत करती हैं ताकि मुझे याद रहे कि मेरे भावनाएं मेरे लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं।”
    • अपने दैनिक बही में सकारात्मक बातों को भी शामिल करें। कुछ समय निकाल कर ऐसी घटनाएँ जैसे कि किसी अजनबी के द्वारा दर्शाई गई सहृदयता, एक सुंदर सूर्यास्त या दोस्तों के साथ की गई कोई मजेदार बात-चीत को लिख लें ताकि आपके यादों का एक संग्रह बन जाये जिसे आप बाद में पढ़ सकें। इन अनुभवों पर जब तक आप फोकस न करें तो ज्यादा संभव है कि वे बिना ध्यानाकर्षण के ही गुजर जाएँ।
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 ऐक्टिव आभार का अभ्यास करें:
    आभार एक “भावना” से कुछ ज्यादा होता है। यह कुछ करना होता है। बहुत से शोध यह दर्शाते हैं कि आभार आपके लिए अच्छा होता है।[२१] यह यह आपके दृष्टिकोण को लगभग तुरंत ही बदल देता है और आप इसका जितना ही आधिक अभ्यास करते हैं उसके पुरस्कार में भी उतनी ही बृद्धि होती है।[२२] आभार आपको और अधिक सकारात्मक महसूस करने में, आपके अन्य लोगों के साथ सम्बन्धों में बेहतरी लाने में और आपके अंदर अनुकंपा को बढ़ावा देने में सहायक होता है तथा आपमें प्रसन्नता की भावना में भी बृद्धि करता है।[२३][२४][२५]
    • कुछ लोगों में “आभारी होने की विशेषता” (trait gratitude) जिसे हम कृतज्ञ महसूस होने की प्राकृतिक अवस्था कहते हैं, प्राकृतिक रूप से ज्यादा होती है। तथापि, बिना इस बात को ध्यान में लाये कि आपके अंदर प्राकृतिक रूप से “आभारी होने की विशेषता” किस स्तर पर है, आप कृतज्ञता के रवैये का पालन कर सकते हैं।[२६]
    • सम्बन्धों और परिस्थितियों में आप कभी ऐसा व्यवहार न करें जो यह दर्शाये कि आप उनसे कुछ पाने के “अधिकारी” हैं। इसका यह “अर्थ नहीं है” कि आप यह विश्वास करें कि आप कुछ भी पाने के लायक नहीं हैं और इसका यह भी अर्थ नहीं है कि आप हर किसी के साथ दुर्व्यवहारपूर्ण या अपमानजनक तरीके से पेश आयें। इसका सिर्फ इतना ही अर्थ है कि आप कोई भी कार्य बिना किसी विशेष भावना के जैसे कि किसी खास परिणाम, कार्यवाही, या लाभ के “अधिकारी” हैं, के साथ करें।[२७]
    • अपनी कृतज्ञता औरों के साथ बांटें। औरों के साथ अपनी कृतज्ञता बांटने से आपको उन भावनाओं को अपने याद में सँजोने में सहायता मिलती है। इससे उन लोगों में भी सकारात्मक भावनाएं उत्पन्न हो सकती हैं जिनसे आप कृतज्ञता साझा कर हैं।[२८] जरा सोच कर देखें कि क्या आपका कोई ऐसा मित्र है जो आपका “कृतज्ञता-सहभागी” (gratitude partner) बन कर आपसे प्रतिदिन तीन ऐसी चीजें साझा (share) कर सकता है जिसके लिए आप दोनों ही एक दूसरे के प्रति कृतज्ञ हों।[२९]
    • उन सभी छोटी-मोटी सकारात्मक चीजों को पहचानने का प्रयास करें जो दिन भर होती रहती हैं। उन्हें डायरी में लिख डालें, इन्स्टाग्राम के लिए फोटो खींचें, उनके बारे में ट्विटर पर लिखें – कोई भी ऐसी चीज जिससे आपको इन छोटी चीजों, जिसके प्रति आप कृतज्ञ महसूस करते हों, को पहचानने और याद रखने में सहायता मिल सके, लिख डालें। उदाहरण के लिए, यदि आपके ब्ल्यूबेरी पैन-केक्स अच्छे बन जाएँ या काम पर जाते समय खराब ट्रैफिक का सामना न हुआ हो या आपके किसी मित्र ने आपके कपड़ों की प्रशंसा किया हो, तो उन चीजों को नोट कर लें। ये सारी चीजें तेज़ी से जुड़ जाती हैं।[३०]
    • इन अच्छी चीजों का आनंद लें। मनुष्यों में एक खराब आदत होती है नकारात्मक चीजों पर फोकस करना और सकारात्मक चीजों को नजर-अंदाज करना। जब आप अपने जीवन के सकारात्मक चीजों को नोट करें तो थोड़ा समय लगाकर उन्हें ध्यान देकर स्वीकार भी करें। उन सभी चीजों को अपने यादों में स्टोर करने का प्रयास करें। उदाहरण के लिए, यदि अपने दिनचर्या के अंतर्गत टहलते हुए आपको फूलों का एक सुंदर बागीचा दिखाई दे तो आप एक पल के लिए वहाँ पर ठहरें और खुद से कहें, “यह एक सुंदर पल है और मैं याद रखना चाहता हूँ कि मैं इस पल के अनुभव के लिए कितना आभारी हूँ।” उस पल का एक मानसिक “स्नैप-शाट” लेने का प्रयास करें । ऐसा करने से, बाद में जब कभी भी आप कठिन समय से गुजर रहे होंगे या नकारात्मक अनुभव का सामना कर रहे होंगे, तब आपको इन चीजों को याद करने से अच्छा लगेगा।[३१]
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 आत्म-स्वीकृति अपनाएं:
    आत्म-स्वीकृति थोड़ा कम कारगर लग सकता है परंतु शोध बताते हैं की उसका प्रभाव आधारभूत स्तर पर होता है और उसकी वजह से वास्तव में नए “सकारात्मक विचार” न्यूरान क्लस्टर्स का निर्माण कर सकते हैं। स्मरण रखें: आपका ब्रेन शार्ट-कट अपनाना पसंद करता है इसलिए जिन रास्तों का प्रयोग आपके जीवन में सबसे ज्यादा होता है, ब्रेन उन सभी रास्तों के लिए शार्ट-कट प्रयोग करने लगता है। यदि आप स्वयं के लिए सहानुभूतिपूर्ण बातें कहने की नियमित आदत डाल लें तो आप का ब्रेन उसे “मानक” (norm) के रूप में देखने लगता है।[३२] सकारात्मक आत्म-कथन और आत्म-स्वीकृति आपके तनाव और निराशा को कम कर सकता है, आपके इम्यून सिस्टेम को बूस्ट कर सकता है और आपके चुनौतियों का सामना करने के कौशल को भी बढ़ा सकता है।[३३]
    • ऐसी स्वीकृतियों को चुनें जो आपके खुद के लिए मायने रखती हों। आप ऐसी आत्म-स्वीकृतियों का चयन कर सकते हैं जो आपके शरीर और आपके स्वयं के बारे में अपने विचारों के प्रति सहानुभूति दर्शाते हों या आपको आपके आध्यात्मिक परम्पराओं के बारे में याद दिलाते हों। जिस कार्य से आपको सकारात्मकता और शांति की अनुभूति हो, उसे करें।
    • उदाहरण के लिए, आप कुछ ऐसा कह सकते हैं “मेरा शरीर स्वस्थ है और मेरा मन सुंदर है।” या “आज मैं दयालु बने रहने के लिए अपना सर्वोत्तम प्रयास करूंगा।” या “आज पूरे दिन मेरे ईश्वर / आध्यात्मिक छवि मेरे साथ रहेंगे।”
    • यदि आप किसी क्षेत्र-विशेष में संघर्षरत हों तो उस क्षेत्र से संलबंधित सकारात्मक स्वीकृतियों को ढूँढने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करें। उदाहरण के लिए, यदि आपकी परेशानी अपने शारीरिक छवि को लेकर है तो कुछ इस तरह कहने का प्रयास करें, “मैं सुंदर और बलवान हूँ” या “जिस तरह में दूसरों को प्रेम करता हूँ वैसे ही में स्वयं से भी प्रेम करना सीख सकता हूँ” या “मैं प्रेम और आदर का पात्र हूँI”
  7. How.com.vn हिन्द: Step 7 विकास-योग्य आशावाद:
    1970 के आस-पास शोधकर्ताओं ने यह जाना कि ऐसे लोग जिनकी लाटरी लगी थी, (एक ऐसी घटना जिसे हममें से अधिकांश लोग अविश्वासनीय रूप से सकारात्मक ही मानते हैं), एक साल के बाद, उन लोगों की तुलना में जिनकी लाटरी नहीं लगी थी, ज्यादा खुश नहीं थे। इसका कारण है सुख विषयक अनुकूलन (hedonic adaptation): मनुष्यों के अंदर प्रसन्नता की एक आधार रेखा (baseline) होती है जहां हम किसी भी बाहरी घटना (अछी या बुरी) के पश्चात वापस लौट कर आ जाते हैं।[३४] तथापि, यदि आपकी स्वाभाविक आधार-रेखा का स्तर बहुत नीचे हो तो भी आप आशावाद को सक्रिय रूप से विकसित कर सकते हैं। आशावादी होने से आपके आत्म-सम्मान, सम्पूर्ण स्वास्थ्य के अच्छे होने की भावना और अन्य लोगों से आपके सम्बन्धों में बृद्धि होती है।[३५][३६]
    • आशावाद दुनिया की व्याख्या का एक तरीका है। यह तो शुक्र है मानव ब्रेन के लचीलेपन के गुण का कि आप व्याख्या करने विभिन्न तरीके सीख सकते हैं।[३७] निराशावादी दृष्टिकोण दुनिया को अपरिवर्तनीय और आंतरिक रूप से समावेशित चीज के रूप में देखता है: “हर चीज अनुचित है,” “मैं इसे कभी भी बदल नहीं पाऊँगा,” “मेरा जीवन बेकार है और यह मेरी गलती है।” वहीं एक आशावादी दृष्टिकोण दुनिया को लचीले और सीमित शर्तों के रूप में देखता है।[३८]
    • उदाहरण के लिए, एक निराशावादी व्यक्ति अगले सप्ताह होने वाले सेलो वादन के बारे में ऐसा सोच और कह सकता है, “अभी तो मैं सेलो बहुत ही खराब बजाता हूँ। मेरी वजह से कार्यक्रम बर्बाद ही होगा। इससे तो अच्छा है की मैं निंतेंदो ही खेलता रहूं।” यह कथन इस कल्पना पर आधारित है कि आपके सेलो वादन का कौशल जन्मजात और स्थायी है न कि कुछ ऐसा जिसे आप कड़े अभ्यास से सुधार सकें। आपका कथन, “अभी तो मैं सेलो बहुत ही खराब बजाता हूँ“ आपके स्वयं के ऊपर एक वैश्विक आक्षेप भरा कथन है – जो ऐसा दर्शाता है जैसे कि आपके सेलो वादन-कौशल एक अभ्यास से सुधारे जा सकने वाली चीज न होकर आपकी व्यक्तिगत विफलता है। इस निराशाजनक दृष्टिकोण का यह मतलब निकल सकता है कि आप सेलो बजाने का अभ्यास इसलिए नहीं करना चाहते हैं क्योंकि आप इसे निरर्थक समझते हैं या आप अपने को यह सोच कर दोषी मान रहे हैं कि आप किसी चीज में “खराब” हैं। ये दोनों ही चीजें ठीक नहीं हैं और इनमें से किसी से भी आपको कोई फायदा नहीं होने वाला है।
    • एक आशावादी व्यक्ति इस मामले में कुछ ऐसा कहेगा: “सेलो वादन का बड़ा आयोजन अगले सप्ताह होने वाला है और अपने आज के सेलों वादन-कौशल के स्तर से मैं खुश नहीं हूँ। अब मैं आयोजन होने तक प्रतिदिन एक घंटा अतिरिक्त अभ्यास करूंगा और अपना सर्वोत्तम दूँगा। इतना तो मैं कर ही सकता हूँ और ऐसा करके मुझे यह संतोष रखेगा कि मेरे द्वारा जो भी करना संभव था, वह मैंने किया।” आशावाद यह नहीं कहता है कि चुनौतियाँ और नकारात्मक अनुभव कोई यथार्थ चीज न होकर कोई काल्पनिक चीज है। वह तो चीजों की व्याख्या बिलकुल अलग ढंग से करने का चुनाव करता है।
    • वास्तविक आशावाद और “अंधे” आशावाद में बहुत बड़ा अंतर होता है। अंधा आशावाद आपसे यह अपेक्षा कर सकता है कि पहली ही बार सेलो उठाते ही, सेलो के प्रवीण लोग जिस स्कूल में प्रशिक्षण पाने के लिए प्रवेश लेने जाते हैं, उसी स्कूल में आप भी प्रवेश लेने के लिए पहुँच जाएँ। यह सच्चाई से परे है और इस तरह की अपेक्षा आपमें निराशा भर देगी। सच्चा आशावाद आपके परिस्थिति को स्वीकार करता है और आपको उसका सामना करने के लिए तैयार करता है। एक सच्चा आशावादी दृष्टिकोण संभवतया आपसे यह अपेक्षा कर सकता है कि आपको सेलों वादन सीखने के लिए वर्षों तक कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी और उसके बाद भी “हो सकता है” कि आपको अपने सपनों के स्कूल में प्रवेश न मिले, परंतु आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जो कुछ भी कर सकते थे वह सब आपने कर लिया।[३९]
  8. How.com.vn हिन्द: Step 8 अपने नकारात्मक अनुभवों को री-फ्रेम करना सीखें:
    जो गलती लोग आम तौर पर करते हैं वह होता है नकारात्मक अनुभवों से परहेज करना या उनकी अनदेखी करना। किसी स्तर पर यह ठीक लगता है क्योंकि वे दुखद होते हैं। तथापि, इन अनुभवों को दबाने या उनकी अनदेखी करने से आपकी उनसे निबटने की क्षमता को क्षति भी पहुंचती है।[४०] इससे बेहतर तो होगा कि आप उन अनुभवों को री-फ्रेम करें। क्या आप उनसे कुछ सीख सकते हैं? क्या आप उन्हें अलग दृष्टिकोण से देख सकते हैं?
    • उदाहरण के लिए, आविष्कारक मिशकिन इंगवले (Myshkin Ingawale) द्वारा 2012 में दिया गया व्याख्यान जिसमें उन्होंने बताया था कि ग्रामीण भारत के गर्भवती महिलाओं को बचाने के लिए उन्होंने किस तरह एक तकनीक का आविष्कार किया था। उपकरण बनाने के उनके शुरुआती 32 प्रयास असफल हो गए थे। बार-बार उनके सामने अपने अनुभव की व्याख्या असफलता के रूप में करने की स्थिति बनती थी ताकि वो इस काम से बाज आयें। इसके बाद भी उन्होने अपने अनुभवों और पिछली चुनौतियों से सकारात्मक सीख लेना बेहतर समझा और आज उनके आविष्कार से ग्रामीण भारत के गर्भवती महिलाओं की मृत्यु को 50% तक कम करने में सहायता मिली है।[४१]
    • दूसरा उदाहरण डा० विक्टर फ़्रांकल (Dr. Viktor Frankl) का है जिन्हें युद्ध के दौरान नाजी कन्सेंट्रेशन कैंप में कैद रखा गया था। मानवता के सबसे खराब परिस्थितियों को झेलने के बावजूद भी उन्होंने अपने परिस्थिति की व्याख्या अपने ही शर्तों के आधार पर करने का चयन किया और लिखा “किसी भी आदमी से उसका सब कुछ छीना जा सकता है केवल एक चीज को छोड़ कर और वो है मनुष्य की किसी दिये गए खास परिस्थिति में अपना रवैया चुनने की स्वतन्त्रता या अपनी राह चुनने की स्वतन्त्रता।”[४२]
    • किसी भी चुनौती या नकारात्मक अनुभव के प्रति तुरंत अपने आपको नकारात्मक रूप से प्रतिक्रिया करने देने के बजाय थोड़ा रुक कर परिस्थिति का आकलन करें। क्या चीज गलत हो गई? क्या चीज दांव पर लगी हुई है? अगली बार कुछ अलग ढंग से करने के लिए क्या आप इससे कुछ सीख सकते हैं? क्या इस अनुभव से आपको पहले से अधिक दयालु, उदार, बुद्धिमान और मजबूत बनने की शिक्षा मिली है? इसको स्वतः नकारात्मक रूप देखने के बजाय एक पल रुक कर अपने अनुभव पर दुबारा निगाह डालने से आपको उसकी पुनर्व्याख्या करने में सहायता मिलेगी।
  9. How.com.vn हिन्द: Step 9 अपने तन का प्रयोग करें:
    आपका तन और मन दोनों ही अंतरंग मित्र की तरह भीतर से जुड़े हुए होते हैं। यदि सकारात्मक महसूस करने के लिए आपको संघर्ष करना पड़ रहा है तो हो सकता है कि यह आपके तन के कारण हो जो आपके विरुद्ध कार्यरत हो। सामाजिक मनोवैज्ञानिक एमी कुडी (Amy Cuddy) ने दर्शाया है कि आपकी मुद्रा (posture) भी आपके शरीर में उपस्थित स्ट्रेस-हार्मोन्स के स्तर को प्रभावित कर सकती है।[४३] सीधे खड़े होने का प्रयास करें। अपने कंधे पीछे की ओर और सीना आगे की ओर कर लें। अपनी दृष्टि सामने की ओर कर लें। थोड़ी जगह बना लें। इसे एक “पावर पोज़” (power pose) कहते हैं और यह आपको ज्यादा आश्वस्त और आशावादी महसूस करने में वास्तव में सहायता प्रदान कर सकता है।[४४][४५]
    • मुस्कुराएँ। शोध बताते हैं कि जब आप मुसकुराते हैं तो चाहे आप खुश “महसूस” कर रहे हों या नहीं, आपका ब्रेन आपके मूड को बेहतर बना सकता है।[४६] विशेषकर यह तब सही होता है जब आप उस खास मुस्कुराहट का प्रयोग करते हैं जो आपके आँखों और मुंह के मसल्स को क्रियाशील बनाता है। रिपोर्ट बताते हैं की जो लोग मेडिकल प्रोसीजर्स के दौरान भी मुसकुराते हैं उन्हें, उन लोगों की तुलना में, कम दर्द महसूस होता है जो नहीं मुसकुराते हैं।[४७]
    • ऐसे वस्त्र पहनें जो आपके व्यक्तित्व को सही ढंग से प्रदर्शित करते हों। आपके वस्त्रों का प्रभाव आपके महसूस करने के ढंग पर भी पड़ता है। एक शोध ने दर्शाया है कि जिन लोगों ने प्रयोगशाला में पहने जाने वाले कोट को पहन कर कोई साधारण सा भी वैज्ञानिक कार्य किया तो उन्होंने उस कार्य को उन लोगों से बहुत बेहतर ढंग से किया जिन्होंने कोट नहीं पहने थे, भले ही अंतर केवल कोट पहनने और न पहनने का था परंतु उसकी महत्ता कितनी थी यह सीखकी बात है।[४८] ऐसे वस्त्र चुनें जिसको पहन कर आप अपने बारे में अच्छा महसूस कर सकें बिना इस बात की परवाह किए कि लोग उसके बारे में क्या कहते हैं। अपने कपड़ों के साइज़ को लेकर ज्यादा परेशान न हों क्योंकि साइज़ का निर्धारण बिलकुल मनमाने ढंग से किया जाता है, एक स्टोर में मिलने वाली 4 नंबर की चीज दूसरे स्टोर में 12 नंबर की हो सकती है।[४९][५०] याद रखें, किसी भी अनियमित नंबर का साइज़ आपका मूल्यांकन नहीं कर सकता है।
  10. How.com.vn हिन्द: Step 10 कुछ व्यायाम करें:
    जब आप व्यायाम करते हैं तो आपका शरीर शक्तिशाली एंडोर्फ़िंस (endorphins) रिलीज करता है जो आपके शरीर में प्राकृतिक रूप से “अच्छा-महसूस” (feel-good) कराने वाले रसायन होते हैं।[५१] व्यायाम करने से आपको चिंता और अवसाद की भावना से लड़ने में सहाता मिल सकती है। शोधों ने यह भी दर्शाया है कि नियमित और मध्यम स्तर का व्यायाम करने से आपके शांति की अनुभूति में और स्वस्थ महसूस करने में बृद्धि होती है।[५२]
  11. How.com.vn हिन्द: Step 11 अपने अंदर जीवंतता पैदा करें:
    यदि आप ज्यादा सफलता होना चाहते हैं तो आप अपने उन सभी चीजों पर गौर करें जिनमें आप पहले ही सफलता प्राप्त कर चुके हैं। यदि आप और अधिक प्रेम पाना चाहते हैं तो आप उन सभी लोगों पर ध्यान केन्द्रित करें जो आपका ध्यान रखते हैं और साथ ही साथ अपने अंदर के प्रेम के सागर के बारे में सोचें जिसे आप अन्य लोगों से साझा करना चाहते हैं। यदि आप ज्यादा अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं तो हर समय सोचें कि आप स्वस्थ हैं, इत्यादि, इत्यादि।
  12. How.com.vn हिन्द: Step 12 छोटी-मोटी चीजों के लिए व्यर्थ परेशान न हों:
    हर व्यक्ति अपने जीवन में कई बार ऐसी चीजों का सामना करता है जो उस विशेष समय में बहुत ही महत्वपूर्ण लगती हैं परंतु जब हम उन्हें “सही परिप्रेक्ष्य” में देखते हैं तो पाते हैं कि वास्तव में वे कोई समस्या थे ही नहीं। शोध ऐसा भी दर्शाते हैं कि वो सभी भौतिक चीजें जिनको पाने के लिए आप कठिन संघर्ष करते हैं और जिनको न पाने से आप बुरी तरह निराश हो जाते हैं, यदि वास्तव में वो आपको मिल भी जाएँ तो भी आपको प्रसन्न नहीं मिल पाती है।[५६] सच तो ये है कि जब आप कुछ चीजों पर फोकस करते हैं तो कभी-कभी वास्तव में वह एक तरीका होता है जिससे आप अपनी अपूर्ण इच्छाओं की भरपाई करते हैं।[५७] शोध ऐसा बताते हैं कि हमें अपने जीवन में सफलता पाने के लिए पाँच आधारभूत चीजों की आवश्यकता होती है:[५८]
    • सकारात्मक भावनाएं
    • करने के लिए समुचित कार्य का होना
    • अन्य लोगों के साथ संबंध
    • अर्थ
    • उपलब्धि
    • याद रखें कि आप उपरोक्त चीजों का आपके जीवन में क्या अर्थ है इसको आप परिभाषित कर सकते हैं। अन्य लोगों ने “अर्थ” या “उपलब्धि” को कैसे परिभाषित किया है इस बात को लेकर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। जो कुछ भी आप करते हैं और जैसे भी करते हैं यदि आपको उसमें अपने लिए कोई अर्थ नहीं दिखता है तो उसे कर लेने के बाद भी आपको कोई प्रसन्नता हासिल नहीं होने वाली है। भौतिक चीजें जैसे कि ख्याति और धन वास्तव में आपको थोड़ी भी प्रसन्नता “नहीं” देंगी।
विधि 2
विधि 2 का 3:

अपने को सकारात्मक प्रभावों से घिरे रखना

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 आकर्षण के नियम का प्रयोग करें:
    हमारे कार्य और विचार चुंबक की तरह होते हैं। जब तक हम किसी भी समस्या को हल करने से बचने का प्रयास करते हैं तब तक वह समस्या बनी ही रहती है या कभी-कभी और भी बिगड़ जाती है। हमारी अपनी नकारात्मकता पूरे दिन को प्रभावित करती है। परंतु हम जितना अधिक सकारात्मक रूप से सोचेंगे उतना ही अधिक हम अग्र-सक्रियता (proactively) से कार्य कर पाएंगे, अपना लक्ष्य प्राप्त कर पाएंगे और सकारात्मक विकल्पों पर विजय प्राप्त करते हुए उन्हें अपना पाएंगे और यही सब चीजें करने से हम पुरस्कृत होंगे। वास्तव में, सकारात्मक विचार आपके प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बूस्ट कर सकते हैं।[५९]
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 वही कार्य करें जिसे आप करना पसंद करते हैं:
    सुनने में यह बहुत आसान लगता है परंतु कई बार उनका पालन कर पाना मुश्किल होता है। आपकी दिनचर्या बेहद व्यस्त हो सकती है फिर भी उसमें कुछ ऐसे कार्यों को शामिल करें जो आपको लगातार प्रसन्नता प्रदान करते रहें। उनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
    • संगीत सुनना। संगीत की जो भी शैली आपको पसंद हो उसे सुनें।
    • पढ़ना। पढ़ना आपके लिए अच्छा होता है। यह आपको सहानभूति की भी शिक्षा दे सकती है।[६०] साथ ही, यदि आप कथेतर साहित्य पढ़ रहे हैं तो आप विश्व की नई जानकारी और दृष्टिकोण के बारे में भी ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
    • रचनात्मक अभिव्यक्ति जैसे कि पेंटिंग, लेखन, ओरिगामी आदि।
    • खेल-कूद, शौक आदि।
    • प्रेरणादायक विस्मय: शोध ऐसा दर्शाते हैं कि आप द्वारा प्रकृति की गोद में घूमते समय हुई कोई विस्मयकारी अनुभूति, किसी अद्भुत पेंटिंग को देखना या अपने पसंदीदा सिम्फ़नी का श्रवण आदि आपके स्वास्थ्य, शारीरिक और भौतिक दोनों, के लिए अत्यंत अच्छे होते हैं। इसलिए जब भी आप कर सकें इन छोटे-छोटे विस्मयकारी चीजों को अपने जीवन में शामिल करने का प्रयास करें।[६१]
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 स्वयं को मित्रों से घिरा हुआ रखें:
    उन लोगों की सराहना करें जिन्होंने आपके जीवन के हर सुख-दुख के समय में आपका साथ दिया। उनके सहयोग की सूची बनाएँ ताकि उससे आपको और ज्यादा सकारात्मक बनने में सहायता मिले और इस प्रक्रिया में हो सकता है कि आप उनकी भी कुछ सहायता कर सकें। जो मित्र होते हैं वो एक दूसरे की सहायता सुख और दुख दोनों ही समय में करते हैं।[६२]
    • शोधों ने दर्शाया है कि ऐसे लोगों के अपने जीवन में ज्यादा प्रसन्न और सकरात्मक होने की संभावना होती है जो अपने ही समान मूल्यों से युक्त और दृष्टिकोण रखने वाले मित्रों के बीच रहते हैं, अपेक्षाकृत उन लोगों के जो ऐसा नहीं करते हैं।[६३]
    • जिन लोगों से आप प्रेम करते हैं जब उनसे आप बात-चीत करते हैं तो आपका ब्रेन न्यूरोट्रांसमिटर्स रिलीज करता है जो आपको प्रसन्नता प्रदान करते हैं (डोपामीन) और आराम पहुंचाते हैं (सेरोटोनिन)। अपने मित्रों और परिजनों के साथ समय व्यतीत करने से आप रासायनिक स्तर पर ज्यादा प्रसन्नता और सकारात्मकता का अनुभव करते हैं।[६४]
    • आप अपने मित्रों और परिजनों को अपना कृतज्ञता-सहभागी (gratitude partners) बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। यदि आप एक नेटवर्क बनाकर उन चीजों को आपस में साझा करेंगे जो आपकी कृतज्ञता के सूचक हैं तो सोचें कि आप एक दूसरे में कितनी अधिक सकारात्मकता विकसित कर सकते हैं।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 दूसरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें:
    किसी अन्य के प्रति दयालुता दर्शाने को अनुकंपा कहते हैं विशेषकर यदि वह व्यक्ति आपकी तुलना में कम सुविधा-सम्पन्न हो। यह वास्तव में आपकी सकारात्मकता को बूस्ट कर सकता है। उदाहरण के लिए, शोध यह दर्शाते हैं कि जब कोई व्यक्ति परोपकार के रूप में दान देता है तो वास्तव में वह उतनी ही प्रसन्नता का अनुभव करता है जितना वह स्वयं धन पाने पर होता।[६५] यह औरों के लिए ही अच्छा नहीं है बल्कि आपके अपने स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा होगा।[६६]
    • हर अच्छाई दूसरे अच्छाई को जन्म देती है। यदि हम किसी अन्य के लिए कुछ अच्छा करते हैं, विशेषकर यदि यह अनपेक्षित हो, तो इस बात की ज्यादा संभावना होती है कि वह व्यक्ति आपके उपकार का बदला दे, हो सकता है कि सीधा हमे न देकर किसी और को दे। अंततः, चाहे सीधे या किसी अन्य रास्ते से, उस अच्छाई का प्रतिफल हमारे पास तक वापस पहुँच ही जाएगा। कुछ लोग इसे कर्म (karma) कहते हैं। इसे चाहे जो भी नाम दिया जाये, वैज्ञानिक शोध यह दर्शाते हैं कि उपकार के संदर्भ में “आगे बढ़ा दो” (pay it forward) का सिद्धान्त एक वास्तविकता है।[६७]
    • शिक्षण और स्वयं-सेवा करने का प्रयास करें या किसी भी सेवा-संस्थान से पूछें कि आप उनके उद्देश्य-पूर्ति में किस तरह काम आ सकते हैं।
    • किसी जरूरतमन्द को छोटा-मोटा ऋण दें। विकासशील देश में किसी व्यक्ति को दिया गया छोटा-मोटा ऋण भी उसे अपने व्यापार को बढ़ाने में सहायता प्रदान कर सकता है या उसे आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनने में सहायता प्रदान कर सकता है। यहाँ पर यह ध्यान देने योग्य बात है कि छोटे-मोटे ऋणों के मामलों में पुनर्भुगतान 95% से भी अधिक पाया गया है।[६८]
    • अपने आस-पास के व्यक्तियों को और यहाँ तक कि अजनबियों को भी छोटे-मोटे उपहार देने का प्रयास करें। कतार में खड़े किसी व्यक्ति को काफी पिलाएँ। अपने किसी मित्र को कुछ ऐसा भेजें जो आपने उसके साथ मन ही मन में बनाया हो। उपहार देने से आपके ब्रेन में डोपामीन का उत्पादन शुरू हो जाता है बल्कि सच तो यहाँ तक है कि आप, उपहार पाने वाले व्यक्ति की तुलना में, कहीं ज्यादा बड़े “प्रसन्नता के झोंके” का एहसास कर पाते हैं।[६९]
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 किसी आशावादी कहावत...
    किसी आशावादी कहावत या उद्धरण को ढूंढ कर अपने पर्स या जेब में रखें: जब आप किसी अनिश्चितता के शिकार हों या ऐसा महसूस कर रहे हों कि “कोई मुझे भी सहारा देता” तब आप उस उद्धरण या कहावत को त्वरित संदर्भ के लिए देखें। आपके शुरुआत के लिए यहाँ कुछ उद्धरण दिये गए हैं:[७०]
    • यह कैसा आश्चर्य है कि दुनिया को सुधारने से पहले किसी को एक पल भी इंतज़ार करने की आवश्यकता नहीं होती है ― एनी फ्रैंक (Anne Frank)
    • आशावादी यह घोषणा करता है कि हम सर्वोत्तम दुनिया में रहते हैं जबकि निराशावादी डरता है कि शायद यह सच है ― जेम्स ब्रांच केबेल (James Branch Cabell)
    • आज तक का महानतम आविष्कार यह सोच है कि एक व्यक्ति मात्र अपने रवैये में परिवर्तन लाकर अपने भविष्य को परिवर्तित कर सकता है ― ओपरा विनफ्रे (Oprah Winfrey)
    • यदि आपके अंदर से कोई आवाज़ ये कहती सुनाई दे “आप पेंट नहीं कर सकते हैं: तो कुछ भी करके पेंट अवश्य करें, आप पाएंगे की वह आवाज़ अपने आप शांत हो जाएगी ― विन्सेंट वान गोघ (Vincent Van Gogh)
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 किसी चिकत्सक से मिलें:
    एक आम गलत-धारणा के अनुसार लोगों को किसी चिकित्सक या परामर्शदाता से तभी मिलने की “आवश्यकता” होती है जब कुछ “गड़बड़” हो। लेकिन विचार करें: किसी डेन्टिस्ट के पास आप केवल तभी नहीं जाते हैं जब आपके दांतों में कैविटीज हों बल्कि केवल दांतों की सफाई के लिए भी जाते हैं। आप बीमार न भी हों तब भी आप डाक्टर के पास वार्षिक चेक-अप के लिए जाते हैं। किसी चिकित्सक से मिलना आपके लिए एक सहायक “निवारक” तकनीक हो सकती है।[७१] यदि आप यह सीखना चाहते हैं कि आप कैसे ज्यादा सकारात्मक रूप से सोचें और व्यवहार करें तो एक चिकित्सक या परामर्शदाता आपके सोच में विघ्नकारी पैटर्न को पहचानने में और नए सकारात्मक रणनीतियों को विकसित करने में आपकी सहायता कर सकता है।[७२]
    • आप किसी ऐसे चिकित्सक के बारे में अपने डाक्टर से पूछ सकते हैं या आन-लाइन डायरेक्ट्री के माध्यम से जान सकते हैं। यदि आपने हेल्थ-इंश्योरेंस करा रखा है तो आपका सर्विस प्रोवाईडर आपके नेटवर्क में उपलब्ध किसी काउंसेलर के बारे में बता सकता है।
    • अक्सर कम खर्च वाले विकल्प भी उपलब्ध होते हैं। मेंटल हेल्थ क्लिनिक्स, कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर्स और यहाँ तक कि कालेज और यूनिवर्सिटीज़ द्वारा चलाये जा रहे पब्लिक-सर्विस काउंसेलिंग सेंटर्स के बारे में आप आन-लाइन जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
विधि 3
विधि 3 का 3:

नकारात्मक प्रभाव से बचना

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 नकारात्मक प्रभावों से बचें:
    मनुष्य “भावनात्मक लगाव” के प्रति बेहद ग्रहणशील होते हैं जिसका अर्थ है कि हमारे इर्द-गिर्द उपस्थित लोगों की भावनाएं हमारी अपनी भावनाओं को प्रभावित करती हैं।[७३] खराब व्यावहार और नकारात्मकता से दूर रहें ताकि वह आपको खरोंच भी न लगा सके।
    • अपने मित्रों का चुनाव बुद्धिमानी से करें। जिन मित्रों के बीच में हम रहते हैं वे हमारे दृष्टिकोण पर अत्यधिक प्रभाव,अच्छा और बुरा दोनों ही, डाल सकते हैं । यदि आपके मित्र हमेशा नकारात्मक रहते हैं तो आप अपनी स्वयं की सकारात्मकता को उनसे बांटने का विचार करें। सकारात्मक बनना सीखने के लिए भी आप उन्हें प्रोत्साहित करें। यदि इसके बाद भी वे नकारात्मक बने रहने पर अड़े रहते हैं तो, अपने स्वयं के हित में, आप अपने को उनसे दूर कर लें।
    • केवल वही करें जिसको करना आपको सुविधाजनक लगे। यदि किसी कार्य को करना आपको असुविधाजनक लगे तो इस बात की पूरी संभावना है कि आप उस कार्य को करते समय बुरा, दोषी या चिंतित महसूस करें। इससे किसी सकारात्मक अनुभव की भरपाई नहीं होती है। जिस कार्य को आप नहीं करना चाहते हैं उसे करने से “मना करना” सीखने से आपको शक्तिशाली अनुभव महसूस करने में और स्वयं के साथ सहज महसूस करने में सहायता मिलती है[७४] मित्रों और प्रियजनों के साथ तथा कार्यस्थल की परिस्थितियों में यही सत्य होता है।[७५][७६]
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 नकारात्मक विचारों को चुनौती दें:
    “स्वचालित” या आदतन नकारात्मक सोच के पैटर्न में बह जाना बेहद आसान होता है, विशेषकर यदि वह स्वयं के बारे में हो तो। अपना सबसे खराब आलोचक आप स्वयं बन सकते हैं। हर बार जब आपका सामना किसी नकारात्मक विचार से हो तो समय निकाल कर आप उसे चुनौती दें।[७७] उसे सकारात्मक विचारों में बदलने का प्रयास करें या फिर नकारात्मक विचारों में कोई तर्क-सम्मत खामी ढूंढें। यदि आप इसे लंबे समय तक करें तो यह आपकी आदत में शामिल हो जाएगा जो आपकी सकारात्मक सोच के कौशल में बहुत बड़ा बदलाव लाएगा। “मैं नहीं कर सकता हूँ” की तुलना में “मैं कर सकता हूँ” को ज्यादा बार कहें। याद रखें, हर चीज को सकारात्मक रूप दिया जा सकता है इसलिए, बिना थके उसके लिए प्रयास करते ही रहें।[७८][७९][८०]
    • उदाहरण के लिए, यदि आप क्रोधवश अपने किसी मित्र पर चिल्ला बैठते हैं तो आपका अन्तर्मन शायद यही कहेगा, “मैं एक भयानक व्यक्ति हूँ।“ यह एक संज्ञानात्मक विकृति है: यह एक विशिष्ट घटना के बारे में एक सामान्य कथन है। यह आपके अंदर दोषी होने का भाव उत्पन्न करेगा और आप उससे कुछ भी सीख नहीं पाएंगे।
    • बेहतर होगा कि आप अपने कार्यों की ज़िम्मेदारी को स्वीकार करें और विचार करें कि प्रतिक्रिया-स्वरूप आपको क्या करना है। उदाहरण के लिए: “मैं अपने मित्र पर चिल्लाया जिससे शायद उसकी भावनायेँ आहत हुईं, शायद मैं गलत था। मैं उससे क्षमा माँगूँगा और अगली बार जब हम किसी गंभीर विषय पर वार्ता कर रहे होंगे तो मैं एक ब्रेक लेने के लिए कहूँगा।” इस तरह से सोचने से आप अपने को सामान्यतया एक भयानक व्यक्ति नहीं कह पाएंगे बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखेंगे जिसने एक भूल की, उससे सीखा और उससे आगे बढ़ गया।
    • यदि आप पाएँ कि आपके अंदर अपने बारे में या अन्य किसीके बारे में बार-बार नकारात्मक विचार उत्पन्न हो रहे हैं तो ऐसी तीन सकारात्मक चीजों को ढूंढें जिसे आप अपने बारे में या अन्य व्यक्ति के बारे में कह सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि विचार ऐसा दर्शाएँ कि आप “बेवकूफ” हैं तो उस विचार को तीन सकारात्मक बातों से चुनौती दें: “मेरे अंदर ये विचार हैं कि मैं बेवकूफ हूँ। परंतु, पिछले सप्ताह ही मैंने उस बड़े प्रोजेक्ट को प्रशंसनीय रीव्युज के लिए सम्पन्न किया है। भूतकाल में, मैंने कठिन समस्याओं को हल किया है। मैं एक सक्षम व्यक्ति हूँ परंतु इस समय मैं एक कठिन दौर से गुजर रहा हूँ।”
    • यहाँ तक कि जब हम अपनी इच्छित चीज नहीं पाते हैं तो भी हम बहुमूल्य अनुभव प्राप्त करते हैं। अक्सर भौतिक चीजों की तुलना में अनुभव ज्यादा मूल्यवान होते हैं। भौतिक चीजों का धीरे-धीरे ह्रास हो जाता है जबकि अनुभव जीवन भर स्थायी रूप से हमारे साथ रहते हैं और उनमें सतत बृद्धि होती रहती है।
    • अधिकांश परिस्थितियों के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही पहलू होते हैं। हमें जिस पर फोकस करना है उसी को चुनना होता है। जब भी हम नकारात्मक हो रहे होते हैं तो हम अपने को रोकने का प्रयास कर सकते हैं और विपरीत दिशा में सोचने का प्रयास कर सकते हैं।
    • नकारात्मक चीजों को लेकर चिंता करने से कोई लाभ नहीं होता है खासकर यदि उन्हें परिवर्तित न किया जा सके। जीवन के कुछ हिस्से “अन्यायपूर्ण” होते हैं। ऐसा इसलिए कि जीवन सिर्फ होता "है।" यदि हम उन चीजों पर अपनी ऊर्जा और खुशियाँ बर्बाद करते हैं जिन्हें हम बदल नहीं सकते हैं तो हम महज अपने को और अधिक निराश करते हैं।
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 भूतकाल के ट्रामाज़ (traumas) से निबटें:
    यदि आप लगातार अपने को दुखी, अप-सेट, या नकारात्मक पाएँ तो उसके कुछ संभावित कारण हो सकते हैं जिन्हें हल करना आवश्यक होगा। ट्रामाज़ जैसे की, भूतकाल के दुर्व्यवहार, तनाव, प्राकृतिक आपदा, शोक और हानि आदि से निबटने के लिए पेशेवर लोगों की मदद लें।[८१]
    • किसी लाइसेंसधारक मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सक को ढूंढें खासकर यदि कोई ऐसा मिल जाये जो ट्रामाज़ के उपचार का विशेषज्ञ हो। अपने ट्रामाज़ का उपचार किसी परामर्शदाता या चिकित्सक के जरिये करवाना दुखद भी हो सकता है परंतु अंत में आप ज्यादा मजबूत और सकारात्मक होकर उभरेंगे।[८२]
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 विफलताओं से न डरें:
    फ्रैंकलिन डी. रूज़वेल्ट (Franklin D. Roosevelt) की संक्षिप्त व्याख्या के अनुसार जिस एक चीज का हमे डर होना चाहिए वह स्वयं “डर” ही है। हम गिरेंगे और गलतियाँ करेंगे। जो चीज मायने रखती है वो यह है कि हम वापस खड़े कैसे होते हैं। यदि हम सफल होने की उम्मीद रखते हैं और हमें विफलताओं का भय नहीं है तो इसका अर्थ है कि हमारे लिए सदैव सकारात्मक बने रहने का सर्वोत्तम अवसर है।

सलाह

  • जब आपको लगे कि आप टूटने वाले हैं तो एक गहरी सांस लें, 10 तक गिनें, पानी पियेँ और मुस्कुराएं। भले ही आप जबरन मुस्कुरा रहे हों लेकिन होगा तो वो मुस्कुराहट ही और उससे आपको निश्चित ही बेहतर महसूस होगा। अच्छी चीजों पर फोकस करें।
  • प्रत्येक सुबह शीशे में खुद को देखें और उन पाँच अच्छे गुणों के बारे में सोचें जो आप में हैं।
  • निराश होकर न बैठें। सतत प्रयासों से अच्छी आदतें, बुरी आदतों को प्रतिस्थापित कर सकती हैं।
  • सकारात्मक सोच को उद्देश्यपूर्ण कारणों से विकसित करें – अपने जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए और दूसरों के भी।
  • याद रखें कि अपने विचारों को हम नियंत्रित कर सकते हैं। यदि हम नकारात्मक रूप से सोच रहे हैं तो हम किसी सकारात्मक चीज के बारे में सोच कर, उसे किसी भी समय परिवर्तित कर सकते हैं।
  • अपने परिवार और मित्रों से मिले कार्ड्स और पत्रों को एक फाइल में रखें। जब भी आप निराश महसूस करें तो उस फाइल को बाहर निकालें और स्वयं को स्मरण कराएं कि लोगों के लिए आप महत्वपूर्ण हैं। ये लोग आपको प्रेम करते हैं और आपका ध्यान रखते हैं। जब आपको पता होता है कि आप बहुत से लोगों के जीवन में प्रसन्नता लाते हैं तो आपके लिए निराश होना मुश्किल होता है।
  • प्रगति करना ही सफलता है। यदि आप चीजों को सकारात्मक ढंग से अपने अंदर, अपने विचारों में ले रहे हैं तो ऐसा कोई भी लक्ष्य नहीं होगा जिसकी तरफ आप प्रगति न कर पाएँ। हमारे द्वारे अपनाए गए लक्ष्य शक्तिशाली होते हैं।
  • सहृदय बने रहने से आपको जीवन में ज्यादा स्थिरता और सकारात्मकता मिलेगी।
  • हर चीज के लिए खुद को सजा न दें। किस चीज से कार्य सिद्ध हुआ और किस चीज से नहीं इस पर ध्यान दें और अगली बार इसे याद रखें।
    • याद करें कि आपने ऐसा क्या किया था जिससे कोई व्यक्ति प्रसन्न हुआ था या किसी की मदद करने के लिए आपने क्या किया था। याद करें कि कब आपने किसी व्यक्ति को उसकी मुश्किल घड़ी मे या सामान्य परिस्थिति में मदद किया था। एक अच्छे व्यक्ति की तरह महसूस करने के लिए आप किसी के लिए कौन सा ऐसा अच्छा कार्य कर सकते हैं जिससे न केवल वह व्यक्ति प्रसन्न हो बल्कि आपको अपने बारे में भी अच्छा महसूस हो।

चेतावनी

  • जो सकारात्मक नहीं बनना चाहते हैं उनसे सावधान रहें। सकारात्मक व्यक्तियों से ही सलाह लें।
  • ऐसे लोग हमेशा ही रहेंगे जो किसी न किसी चीज के लिए आपका आकलन करते ही रहेंगे। उनके इस रवैये से अपने को परेशान न होने दें। याद रखें कि जिस एकमात्र व्यक्ति को आप प्रसन्न करना चाहते हैं वह आप स्वयं हैं, कोई और नहीं।

संबंधित लेखों

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यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Rahti Gorfien, PCC. राहती गोर्फ़िएन एक लाइफ़ कोच हैं और Creative Calling Coaching, LLC की फॉउंडर हैं। राहती, इन्टरनेशनल कोच फेडेरेशन से मान्यता प्राप्त प्रोफेशनल सर्टिफ़ाइड कोच (PCC), ACCG से मान्यता प्राप्त ADD कोच अकेडमी से ADHD कोच, और एक कैरियर स्पेशलिटी सर्विसेज़ प्रोवाइडर (CSS) हैं। उन्हें एक्सपर्ट्स द्वारा 2018 में न्यूयॉर्क सिटी के 15 सर्वश्रेष्ठ लाइफ़ कोचेज़ में चुना गया था। वे न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ग्रैजुएट एक्टिंग कार्यक्रम की पूर्व विद्यार्थी हैं और थियेटर कलाकार के रूप में पिछले तीस वर्षों से काम कर रही हैं। यह आर्टिकल २८,७५८ बार देखा गया है।
श्रेणियाँ: स्वास्थ्य
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