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क्या आप कभी किसी ऐसे बाथरूम, ड्रेसिंग रूम या किसी और ऐसी निजी जगह गई हैं, जहां मिरर लगा हुआ रहा हो, और आपको ऐसा लगा हो कि कोई आपको देख रहा है? मिरर के लगाने के तरीके से और कुछ मामूली तरकीबों से आप यह पता लगा सकते हैं कि मिरर पारदर्शक है या नहीं और क्या उसके पीछे दीवार है। आपने शायद फ़िंगरनेल (fingernail) टेस्ट के बारे में सुना होगा, मगर यह जानने के लिए कि मिरर, टू वे है या नहीं, उससे भी सटीक कुछ तरीके हैं।
चरण
- ध्यान दीजिये की मिरर कैसे लगाया गया है: यह देखिये की क्या मिरर दीवार पर लटकाया गया है अथवा वह दीवार का ही हिस्सा है। अगर वह लटका हुआ लगता है, तब उसके पीछे देखने की कोशिश करके दीवार को देखिये। अगर मिरर दीवार का हिस्सा लगता है, तब संभावना अधिक यही है कि वह टू वे मिरर होगा, जिसे दीवार पर लटकाने की जगह उस पर सेट (set) किया गया होगा। उस तरह से, दीवार के उस पार खड़े लोग मिरर में देखने वाले किसी भी व्यक्ति को देख सकते हैं।[१]
- टू वे मिरर, शीशे का ऐसा टुकड़ा होता है जिस पर माइक्रो पेन (micro pane) नामक पदार्थ को कोट (coat) किया गया होता है। अगर आप ट्रीट (treat) की हुई साइड (side) खड़े होते हैं तब तो आप अपना प्रतिबिंब देख सकते हैं, मगर बिना ट्रीट की हुई साइड टिंटेड (tinted) खिड़की की तरह होती है।
- अगर आपको मिरर के पीछे दीवार दिख जाती है, तब निस्संदेह वह एक सामान्य मिरर होगा।
- लाइटिंग (Lighting) पर ध्यान दीजिए: इधर-उधर नज़र दौड़ाइए और देखिये कि क्या रोशनी कुछ अधिक ही तेज़ है। अगर ऐसा है, तब शायद आप टू वे मिरर को ही देख रहे हैं। परंतु, अगर रोशनी कुछ धीमी हो और आप मिरर में से तुरंत कुछ नहीं देख पा रहे हैं, शायद यह बस एक साधारण मिरर ही है।[२]
- टू वे मिरर के प्रभावी होने के लिए, मिरर वाली साइड में, दूसरी साइड की अपेक्षा 10 गुनी अधिक चमकदार रोशनी होनी चाहिए। अगर रोशनी इससे धीमी होगी तब, आर-पार देखे जा सकने वाले शीशे के दूसरी ओर देखा जा सकना भी संभव हो जाएगा।
- सोचिए कि आप कहाँ हैं: अगर आप किसी सार्वजनिक स्थान पर हैं और ऐसे क्षेत्र में हैं जहां पर आप प्राइवेसी (privacy) की उम्मीद कर सकते हैं, जैसे कि किसी रेस्ट रूम में, तब वहाँ पर टू वे मिरर होने की संभावना कम है और वह अवैध भी है। वहीं दूसरी ओर, कानून के रखवाले अक्सर टू वे मिरर का इस्तेमाल करते हैं। जैसे कि, पूछताछ कमरों तथा लाइन अप (line up) में पहचान कराने वाली जगहों पर टू वे मिरर्स का इस्तेमाल होता है।
- टू वे मिरर्स के इस्तेमाल का निकट संबंध व्यक्तिगत प्राइवेसी तथा संवैधानिक अधिकारों से होता है। अमेरिका के अधिकांश राज्यों में, रेस्ट रूम, लॉकर रूम, शावर्स, फ़िटिंग रूम्स तथा होटल के कमरों में टू वे मिरर्स नहीं लगाने के लिए अतिरिक्त कानून बनाए गए हैं।[३] अगर किसी लोकेशन को चुना गया है, जहां पर, नज़र रखने के लिए टू वे मिरर्स लगाए जाने हैं, तब यह आवश्यक है कि आपकी सूचना के लिए वहाँ संकेत लगाए जाएँ।[४]
- अनेक जगहों, जैसे गैस स्टेशनों पर धातु के मिरर लगाए जाते हैं, क्योंकि काँच के मिरर, इस्तेमाल करने वालों द्वारा तोड़े जा सकते हैं। अगर मिरर धातु का होगा, तब वह टू वे मिरर नहीं हो सकता है।
- शीशे के पार देखने का प्रयास करिए: मिरर से अपना चेहरा सटा कर तथा उसको अपने दोनों हाथों से कप (cup) करके, अधिक से अधिक प्रकाश को रोक कर, एक अंधेरी गुफ़ा जैसी बना लीजिये। जब आप ऐसा करेंगी, तब अगर ऑब्ज़र्वेशन रूम (observation room) में, मिरर के आपकी साइड की अपेक्षा अधिक रोशनी होगी, तब आपको शीशे के उस पार भी कुछ दिखाई पड़ना चाहिए।[५]
- उस पर रोशनी चमकाइए: अगर आप अभी भी आश्वस्त नहीं हैं, तब लाइट्स (lights) बंद कर दीजिये, और शीशे पर एक फ़्लैशलाइट दिखाइये (यह आपके स्मार्टफ़ोन की "फ़्लैशलाइट" भी हो सकती है)। अगर यह टू वे मिरर होगा तब दूसरी साइड का कमरा रोशन हो जाएगा और आप उसको देख सकेंगी।
- आवाज़ को सुनिए: मिरर की सतह पर नकल (knuckle) से टैप (Tap) करिए। सामान्य मिरर में, एक डल (dull), फ़्लैट (flat) आवाज़ आएगी, चूंकि उसे दीवार के सामने लगाया गया होगा। ऑब्ज़र्वेशन मिरर में ओपेन (open), हॉलो (hollow) और रिवरबरेटिंग (reverberating) आवाज़ आएगी चूंकि दूसरी ओर खुली जगह होगी।
- टू वे मिरर पर टैप करने की आवाज़ को, सामान्य मिरर की ठकठक की तुलना में, ब्राइट (bright) और शार्प (sharp) भी कहा जाता है।[६]
- फ़िंगरनेल टेस्ट करके देखिये: हालांकि यह बिलकुल सही हो, ऐसा नहीं है, मगर आप अपने फ़िंगरनेल का इस्तेमाल यह जानने के लिए कर सकती हैं कि वह पहली सतह मिरर है या दूसरी सतह। जब आप अपना फिंगरनेल दूसरी सतह वाले मिरर पर रखेंगी, तब आप अपने प्रतिबिंब को छू नहीं सकती हैं; उसकी जगह, मिरर की हुई सतह पर शीशे की दूसरी लेयर (layer) के कारण बने हुये गैप (gap) को देख सकेंगी। जब आप पहली सतह वाले मिरर से अपनी उंगली छुआयेंगी, तब आप अपने प्रतिबिंब को छू सकेंगी, चूंकि बीच में शीशे की कोई अतिरिक्त सतह नहीं होगी। पहली सतह वाले मिरर बहुत कम ही होते हैं, इसलिए अगर आपको कोई दिखेगा तो उसका कुछ विशेष कारण होगा, और बहुत संभावना यही है कि वह टू वे मिरर होगा। दूसरी सतह वाले मिरर आपके आम तौर पर मिलने वाले सामान्य मिरर होते हैं।[७]
- लाइटिंग (lighting) तथा वे पदार्थ, जिनसे मिरर बनते हैं, उनमें अंतर होने के कारण यह बता पाना तो सचमुच कठिन होता है कि आप अपने प्रतिबिंब को छू पा रही हैं या नहीं। आपको लग सकता है कि आप पहली सतह वाले मिरर को छू रही हैं, जबकि आप वास्तव में वैसा नहीं कर रही होंगी।
- साथ ही, यह भी संभव है कि टू वे मिरर दूसरी सतह वाला मिरर हो। अगर बाकी चीजों, जैसे कि मिरर की सेटिंग और लाइटिंग से लगे कि आप जिसे देख रहे हैं, वह टू वे मिरर है, तब फ़िंगरनेल टेस्ट को निर्णायक मत समझिएगा।
- अंतिम प्रयास के रूप में शीशे को तोड़ने पर विचार करिए: अगर वह सामान्य मिरर होगा, तब वह टूट जाएगा और आप उसका पिछवाड़ा या कोई ठोस दीवार देखेंगी। अगर वह टू वे मिरर होगा, आप मिरर के पीछे वाला कमरा देखेंगी। आपको इस विकल्प के बारे में केवल तभी सोचना चाहिए जब आपको धमकाया जा रहा हो या आप ख़तरे में हों। शीशे के टूटने से नुकसान होगा और सेफ़्टी हैज़ार्ड (safety hazard) बन जाएगा।
चेतावनी
- टू वे मिरर का कोई भी टेस्ट यकीनन वास्तविकता नहीं बता सकता है। फ़िश आई (fish eye) लेंस वाले छुपे हुये कैमरे के लिए दीवार में एक बहुत छोटी ओपनिंग (opening) की ज़रूरत होती है दूसरी ओर कोई भी गिवअवे (giveaway) प्रकाश, या हॉलो आवाज़ या कप किए हुये हाथों के ज़रिये देखने के लिए कुछ भी नहीं होगा। चाहे मिरर सामान्य ही क्यों हो, ऑब्ज़र्व करने वाली डिवाइसेज़ (devices) को छुपाने की बहुत सारी जगहें हो सकती हैं।
- ध्यान रखिए कि अधिकांश लोगों के मन में जासूसी करने के लिए किए जाने वाले प्रयासों का जोखिम उठाने, कष्ट उठाने या प्रयास करने की इच्छा नहीं होती है। इसके अपवाद के रूप में खुदरा सामान बेचने वाली दुकानों –कर्मचारियों द्वारा चोरी किए जाने तथा शॉपलिफ्टिंग (shoplifting) रोकने के लिए – और अनेक सरकारी एजेंसियों द्वारा, अक्सर इस तरह की निगरानी टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।
रेफरेन्स
- ↑ http://www.wisegeek.org/how-does-a-two-way-mirror-work.htm
- ↑ http://www.snopes.com/crime/warnings/mirror.asp
- ↑ https://books.google.com/books?id=HEL0M-boMpgC&pg=PA51&lpg=PA51&dq=when+are+two+or+one+way+mirrors+legal&source=bl&ots=9jqvXs0-y6&sig=T-NDXIJWqQy_Dqok2XeX9x7JtG4&hl=en&sa=X&ei=Qz27VPunI4r5yASSxYKwAw&ved=0CFwQ6AEwCQ#v=onepage&q=when%20are%20two%20or%20one%20way%20mirrors%20legal&f=false
- ↑ http://law.justia.com/codes/new-york/2006/general-business/gbs0395-b_395-b.html
- ↑ http://www.wisegeek.org/how-does-a-two-way-mirror-work.htm
- ↑ http://www.wisegeek.org/how-does-a-two-way-mirror-work.htm
- ↑ http://www.snopes.com/crime/warnings/mirror.asp
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