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जब आप सुबह सो कर उठते हैं, तो आप एक नए व्यक्ति होते हैं। कल आप जिससे सम्पूर्ण हुये थे शायद आज वह आपको परिपूर्ण नहीं कर पाएगा। हालांकि यह विश्वास करना कठिन है, परंतु किसी को जाने देना ही वर्तमान आप के लिए सर्वश्रेष्ठ है। चाहे कोई प्रिय गुज़र गया हो, कोई संबंध-विच्छेद हो गया हो, आसक्त से बिछुड्ना हो, या किसी मित्र के साथ अब कुछ भी उभयनिष्ठ न रह गया हो, जाने देना ही आपकी प्रसन्नता का अगला कदम है, और बस यही महत्वपूर्ण भी है। चलिये, अब इस प्रक्रिया को प्रारम्भ करते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 4:

भूतपूर्व को जाने देना

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 स्वयं को महसूस करने दीजिये:
    सबसे पहले, जान लीजिये कि दुख अच्छा है। मनोभाव अच्छे हैं। रुदन अच्छा है। क्रोध अच्छा है। जो भी है, वह शायद स्वाभाविक है और उसका बाहर आना आवश्यक है। जब एक बार चादर-के-अंदर-छुपाव का चरण समाप्त हो जाता है, तब प्रक्रिया प्रारम्भ हो सकती है। परंतु जाने देना, एक निश्चित रैखिक प्रक्रिया का भाग है, जो कि चादर-के-अंदर-छुपाव चरण (आइस-क्रीम-टब-पर-विलाप चरण अथवा कम कार्य-प्रेम वाले विचित्र-रंग-में-बाल-रंगने-वाले चरण) के उपरांत ही आता है। तो आने दीजिये।
    • पहली चीज़ जो आप महसूस करेगे वह है नकारना, और उसके बाद आयेगा क्रोध। पहले तो वह वास्तविक लगेगा ही नहीं, और जब लगेगा, तब वे शब्द, जिनका आदान प्रदान हुआ हो और जो कुछ भी हुआ हो, उसके कारण कुंठा एवं कष्ट होगा। अपने आप को, न केवल संबंध-विच्छेद के लिए अपितु आपने कैसे उस विच्छेद को समायोजित किया, उसके लिए उत्पीड़ित करने के स्थान पर, यह जानिए कि यह होता कैसे है। ये मनोभाव, जिन्हें आप महसूस कर रहे हैं, आपका ही एक भाग हैं। आप न तो पागल हैं और न ही मूल्यहीन। आप केवल मानव हैं।
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 अतीत को गौरवान्वित ना करें:
    आप स्वयं को उन मधुर पलों को पुनर्जीवित करते हुये पा सकते हैं जब आप साथ साथ थे। बिस्तर में, आप एक टूटे हुये रिकॉर्ड की भांति उनको स्कैन करते रहेंगे। परंतु यदि आप उस व्यक्ति को वापस पा जाएँ, तो दस मिनट के बाद ही आप सोच रहे होंगे, “हाँ, यह ठीक है। “इसी” कारण यह नहीं चल पा रहा था”। जब आप इतनी प्रचंड भावनाओं की भँवर में जकड़े हों तब इस सब बकवास के संबंध में विचार कर पाना कठिन होता है। जान लीजिये कि, जब आप स्वयं को उन सुंदर यादों में डूबा हुआ पाएँ तो आप उनको यथार्थ में नहीं देख रहे हैं।
    • यदि आप इसको विज्ञान से साबित करना चाहते हैं, तो जान लीजिये कि यह प्रमाणित है कि मनोभाव, स्मरणशक्ति को प्रभावित करते हैं। तो, जब आप तल्लीनता से कुछ अच्छा खोज रहे होते हैं, तब आपका मस्तिष्क आपकी मौजूदा अपेक्षाओं के अनुसार “घटनाओं में नए मोड़ निरूपित” कर लेता है।[१] वास्तव में आपकी स्मृतियाँ, आपकी मौजूदा विचार प्रक्रिया की पूर्ति के लिए गुलाबी चश्मा भी लगा लेती हैं।
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 यथासंभव स्वयं को दूर ले जाएँ:
    “जाने देना” मूलतः भूल जाने का, मृदु भाषा में दूसरा नाम है। अब परवाह नहीं करना। यह थोड़ा कठोर लगता है, इसीलिए इसे मित्रवत परिभाषित किया गया है। इस प्रकार से, स्वयं को व्यक्ति से दूर करना ही उसको जल्दी से जल्दी भूलने का एकमात्र तरीका है। आपको वह कमीज़ याद है न, जो अलमारी के पीछे पड़ी मिली थी जिस पर आपने कहा था कि, “हे भगवान, मैं इस कमीज़ को कितना पसंद करता था! कमाल हो गया, कि मुझे कैसे पता ही नहीं चला, कि यह खो गई थी?” हाँ। यही होता है, नज़र से दूर, दिल से दूर।
    • निश्चय ही, बहुतेरे लोगों के लिए, इसको कहना, करने से कहीं अधिक आसान है। परंतु आप उस व्यक्ति के आस पास कितना समय बिताना चाहते हैं इसको सीमित करने के लिए “प्रयास” कर सकते हैं। इसका, किसी नई धुन में डूब जाने के लिए बहाने के रूप में उपयोग करें, या घूमने फिरने के लिए कोई नया स्थान ढूंढ लें, या उन लोगों का नया गुट, जिनके साथ आप आम तौर पर बाहर जाते हों। इस व्यक्ति को समायोजित करने के लिए अपने जीवन का पुनर्निर्माण न करें, बल्कि अपने सर्वश्रेष्ठ हित का ध्यान रखें।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 स्वयं को द्वितीय न रखें:
    क्रोधित, दुखी और यह प्रतिज्ञा करने के बाद, कि अब कभी ऐसी मूर्खता नहीं करूंगा, आप शायद कुछ दिन/सप्ताह, जो कि अनंत काल जैसे लगेंगे, जिसमें कि आप स्वयं को कोहरे में भटकते हुये पाएंगे, यह विचार करने में लगाएंगे कि आखिर गलती हुयी कहाँ। सब कुछ ठहरा देने का मन करेगा, परंतु आप वैसा कर नहीं पाएंगे। और करना भी नहीं है। स्वयं के लिए। अपने संसार की अच्छाई के लिए, आपको चलते रहना है।
    • यहाँ पर आपको वह करना है, जो भी करने की आवश्यकता हो। अब “आप” यहाँ पर सर्वोपरि हैं। जिससे भी आपको प्रसन्नता होती है, वही करिए (मगर, तब तक, जब तक कि वह हानिकारक न हो)। तो जाइए, शहर में मज़े करिए। यदि आप अपने मित्र से मामूली परेशानी भी नहीं बाँट सकते, तो उसको जाने दीजिये। आपको कुछ समय अपने हित के लिए भी निकालना होगा। आपका मंत्र होना चाहिए “मैं, मैं, मैं”। मगर क्यों? क्योंकि, आप श्रेष्ठ हैं।
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 सारे पुरुषों/महिलाओं को ज़िम्मेदार न ठहराइए:
    आप जल्द ही इससे बाहर आ जाएँगे (जबकि “मैं, मैं, मैं” का स्थान “मैं, तुम, मैं, तुम” ले लेगा) और आप विश्व में सबके लिए द्वेष नहीं रखना चाहेंगे। “अनुभव से शिक्षा लेने” का अर्थ क्लांत एवं द्वेषदर्शी होना नहीं है – यह तो एक प्रकार से हार मान लेना होगा। सपरिश्रम, सभी में श्रेष्ठता खोजने का प्रयास करिए। वह वहीं है। बस कभी कभी छिपी हुई होती है।
    • न तो सभी पुरुष हेय हैं और न ही सभी स्त्रियाँ षड्यंत्रकारी। शायद आपकी हेय षड्यंत्रकारियों में रुचि हो परंतु यह तो व्यक्तिगत मामला है। यहाँ वहाँ लोगों को ध्यान से देखिये, कितने प्रकार के लोग हैं यहाँ पर – कितनी विभिन्नता आप यहाँ पा सकते हैं। शर्त लगा सकते हैं कि, बहुत है। इसी लिए, उसको विभिन्नता कहा जाता है।
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 नकारात्मक विचारों को किनारे रखिए:
    आपके मस्तिष्क का सौन्दर्य यह है कि वह आपका ही एक हिस्सा है और उस पर नियंत्रण भी किया जा सकता है। यदि नकारात्मक विचार प्रारम्भ होते हैं, तो आपमें क्षमता है उनको रोकने की। विचारों की वह रेल जिस पर आप चढ़ जाते हैं, उस पर से आप जब चाहें तो उतर भी सकते हैं। कभी कभी कुछ चालें चलनी पड़ती हैं, मगर यह संभव है।
    • अपने नकारात्मक विचारों को कार्टून के चरित्रों का स्वर दे दीजिये। डोनाल्ड डक अच्छा है। उसके स्वर में यह कहने का प्रयास करिए, “मुझे ऐसा मूर्ख होने के कारण स्वयं से नफ़रत है”। क्यों, गंभीर होने में कठिनाई हो रही है न?
    • प्रयास करके अपना सिर ऊंचा रखिए। उसे ऊंचा रखना, आपके शरीर को संकेत देता है कि आप वर्तमान में हैं और गौरवान्वित हैं। उसको नीचा रखना आपके लज्जा केन्द्रों में प्रतिध्वनित होता है और वास्तव में आपको और बुरा महसूस होने लगता है। यह छोटी सी गतिविधि, इतना कुछ कर सकती है।
  7. How.com.vn हिन्द: Step 7 मित्रों का सहारा लीजिये:
    इस समय, आपका सम्पूर्ण सर्वश्रेष्ठ संसाधन होगा आपका अवलंब तंत्र। वे आपका ध्यान इधर उधर नहीं जाने देंगे और बस आपको चालू रखेंगे। उनसे सहायता मांगने में हिचकिचाइए मत – वे सब भी शायद ये सब झेल चुके होंगे!
    • उनसे सहायता मांगिए कि वे आपको वहाँ न रहने दें। आपको अपनी भावनाओं के संबंध में, निश्चय ही बात करनी है, परंतु एक समय सीमा तक। उनसे पूछिए, कि क्या उनके पास आपसे बात करने के लिए 15 मिनट का समय है, परंतु उसके उपरांत आप निरर्थक विवेचन एवं पश्चात्ताप में रुचि नहीं लेंगे। वे आपको अपने ही दुखों के सागर में डूबने से बचाएंगे।
  8. How.com.vn हिन्द: Step 8 खोजिए कि आप क्या थे और उसी को पसंद करिए:
    वास्तविकता यह है कि आप कमाल के हैं और यह तो बस एक छोटा सा विघ्न है। संभावना यह भी है कि, आपने पहले भी कभी ऐसा महसूस किया होगा और आप उससे बाहर आ पाये हैं, तो इस बार क्यों नहीं? यदि आप एक बार छलांग मार कर बाहर निकल चुके हैं तो दोबारा भी उछल कर निकल सकते हैं। आप लचीले हैं, परंतु केवल भूल गए हैं कि आप लचीले हैं। जीते रहिए, और उसके साथ जाने दो, तो अपने आप ही आ जाएगा।
    • जब आप जीना बंद कर देते है तब आप जाने भी नहीं दे सकते। जब आप जीते हैं (सुअवसर खोजते, जीवन का आनंद लेते, अपनी प्रिय वस्तुओं और व्यक्तियों के बीच रहते हुये), जाने दो, स्वतः हो जाता है और आप उस पर ध्यान भी नहीं देते। सोचिए, कि इसके पहले आप किसके थे। आप किसको प्रेम करते थे? किसने आपको आप बनाया? आप कितने चमत्कारी थे?
विधि 2
विधि 2 का 4:

एकतरफ़ा प्रेम को जाने दें

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 अपने मानदंडों का आकलन करें:
    पहली बात तो यह है कि इस व्यक्ति ने स्पष्टतया, आपके यश के उत्कर्ष पर भी आपकी सराहना नहीं की होगी – तो वह आपके समय के योग्य है ही नहीं। यह नहीं कि “क्या वे आपके समय के योग्य हैं?” अथवा “शायद वे आपके समय के योग्य नहीं हैं”, बल्कि वे शत प्रतिशत बिना किसी शक शुबहे के आपके समय के योग्य नहीं हैं। आप तो उसके योग्य हैं जो आपको देख सके, आपके मूल्य को आंक सके, और आपके जीवन में सक्रिय भागीदारी करना चाहे। जो ऐसा नहीं कर सकते, वे अपना रास्ता नापें।
    • कुछ पलों के लिए आत्मबोध पर केन्द्रित हो जाइए। स्वयं को यथासंभव निरपेक्षता से देखिये। क्या उस संबंध में ऐसा कुछ था जो केवल इसलिए सुरक्षित था क्योंकि वह अवास्तविक था? क्या शून्य प्रतिबद्धता के कारण प्राप्त यह गारंटी कि आप कभी चोटिल नहीं होंगे, आपको आश्वस्त करती है? यदि इसमें सत्य का अंश मात्र भी है, तो यह सब कुछ केवल “आप” से सम्बद्ध है, दूसरे व्यक्ति का इस से कुछ भी लेना देना नहीं है। वे केवल प्रतीक मात्र हैं, जिनको आपने अर्थ प्रदान किया है।
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 अपनी प्रसन्नता का आकलन करें:
    क्या आप दूसरे पुरुष अथवा स्त्री हैं या यह केवल गहन आसक्ति है, क्या आप जितना हो सकते हैं उतना प्रसन्न इस व्यक्ति के साथ हैं? संभावना है कि आप नहीं हैं तथा ऐसे संबंध की चाहना कर रहे थे जैसा आपके ख़यालों में है। कितना वास्तविक था और कितना केवल आपकी इच्छा, आशा एवं परिकल्पना था?
    • स्पष्ट रूप से यह संबंध आपकी आवशयकताएँ पूरी नहीं कर पा रहा है अन्यथा आप उनको जाने देने की आवश्यकता महसूस नहीं करते। जानते हैं। समझ में आने दीजिये। यह आपकी आवश्यकताएँ पूरी नहीं करता मगर कोई दूसरा करेगा। बात केवल इतनी है कि, उस किसी दूसरे को खोजने के लिए आपको इस वाले को जाने देना होगा। ठीक है, बस इसी लिए आप यहाँ पर हैं! प्रथम चरण? ठीक है।
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 प्रतीक्षा मत करिए:
    जीवन बहुत छोटा है “अभी” जीना शुरू नहीं करने के लिए। दूसरा व्यक्ति तो वहाँ पर जी रहा है, तो आप क्यों नहीं उसके जीवन की पुस्तक में से, एक पृष्ठ निकाल कर वैसा ही करना शुरू कर देते हैं? यह तो न्यायसंगत है। इसका अर्थ किसी नए संबंध में कूद पड़ना नहीं है – परंतु इसका अर्थ यह अवश्य है, कि सामाजिक बने रहिए और आनंद लेने का यथासंभव प्रयास करिए।
    • इस आशा में मत बैठे रहिए कि परिस्थितियाँ बदल जाएंगी। आप बस देर तक प्रतीक्षा करते ही रह जाएँगे। आम तौर पर भविष्य के व्यवहार का अंदेशा लगाने के लिए सर्वश्रेष्ठ विधि है, पिछले व्यवहार का अध्ययन। चूंकि पिछले व्यवहार से दिल टूट चुका है, तो भविष्य का व्यवहार उससे भिन्न क्यों होगा? सही बात है, नहीं होगा।
    • संभावना है कि आपका एक मन इस बात को पहले से ही जानता हो। वह जानता है कि यह संबंध आपके लिए सर्वश्रेष्ठ नहीं था और वह मानता भी है कि जाने देना चाहिए (अंततोगत्वा, इसीलिए आप यहाँ हैं)। वह भाग कितना भी छोटा क्यों न हो, दिन के कुछ घंटों के लिए तो अपनी लगाम उसके हाथों में दे दीजिये। उसको मौका दीजिये कि वह चोटों से आपकी रक्षा कर सके। उसे पता है, कि बेहतर महसूस करने के लिए आपको क्या चाहिए – चाहे वह सहेलियों के साथ घूमने की शाम हो, एक बढ़िया लंबी धीमी दौड़ हो या वह छुट्टी जो आप लेना चाहते थे। जो भी है, कर ही डालिए।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 भौतिक दूरी बनाए रखिए:
    अब जब आपने मानसिक दूरी बनाए रखने का निर्णय ले लिया है, तो यह आवश्यक है कि आप शारीरिक दूरी भी बनाए रखें। आंतरिक यंत्रणा तभी समाप्त होगी जब वह व्यक्ति आस पास नहीं होगा। यदि यह आपके बस में है (जैसे वह कोई सहकर्मी नहीं है), तो कर डालिए। इससे प्रक्रिया काफ़ी तेज़ हो जाएगी।
    • इससे आपको क्लास में जाने/ जिम में जाने/मित्रों के साथ बाहर जाने के स्थान पर घर में रहने का बहाना नहीं मिल जाता है। परंतु, यह आपको अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करने का कारण अवश्य दे देता है। सदैव एक ही कैफ़े में जाते हैं? कोई दूसरा खोजिए। उसी जिम में? तो परिवर्तित समय पर जाइए। अरे, कोई बिलकुल नया शौक पालिए!
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 स्पष्ट रहिए:
    यदि वह व्यक्ति आपके जीवन में है, तो प्रश्न तो उठेंगे ही। आप क्यों उनसे बच रहे हैं इस संबंध में कोई घटिया बहाना बनाने का कोई लाभ नहीं है – अंततोगत्वा तो सब कुछ सामने आयेगा ही। आपका सबसे उत्तम अस्त्र है सत्य का चामत्कारिक कूटनीतिक वर्णन।
    • आपकी स्थिति का आपसे उत्तम विवरण कोई और दे ही नहीं सकता है। हालांकि, इस जैसे किसी कथन को कि, “मुझे अपने लिए सर्वश्रेष्ठ क्या है, इसका आकलन करने के लिए कुछ समय चाहिए”, कोई झुठला नहीं सकता। यदि उनको यह पसंद नहीं आता, तो आपके पास वहाँ से चले (दौड़) जाने का यह एक उत्तम कारण हो सकता है।
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 स्वयं को न सताइए:
    यह आपकी असफलता नहीं है। यह जीवन है। यह सबके साथ होता है और क्या आपको पता है? आप इससे सीखेंगे। आपने पिछली बार के दिल टूटने से शिक्षा पायी थी और यह भी उससे कुछ भिन्न नहीं होगा। आपने कुछ भी गलत नहीं किया है। आपने जब भी, जो कुछ भी किया, उस समय उसीको सही समझा, आप बस इतना ही कर सकते हैं।
    • यह इच्छा करना कि आपने कुछ भिन्न प्रकार से किया होता, कुछ भिन्न किया होता, कुछ भिन्न प्रकार से कहा होता, निरर्थक है। आप जो हैं सो हैं, और अगर सब कुछ वैसा नहीं हुआ – तब ठीक है, कुछ और ही होना बदा था। स्वयं को बदलना, एक थका देने वाली प्रक्रिया है, जिसका परिणाम होता है केवल आक्रोश एवं थकान। स्वयं को केवल इसलिए सताना कि आप, आप ही हैं, मूर्खता है। आप और क्या हो सकते हैं?
  7. How.com.vn हिन्द: Step 7 स्वयं पर फ़ोकस करिए:
    यही समय है “स्व” के लिए। यह केवल आपके लिए नहीं बल्कि आपके सभी भविष्य के सम्बन्धों के लिए भी है। बिना सीमा निर्धारण किए और स्वयं को जाने, कोई भी किसी भी मामले में सफल नहीं हो सकता है। यह स्वार्थी होना नहीं है, यह तो आपका तार्किक होना है।
    • आपको क्या करने में आनंद आता है? 5 ऐसी चीजों को तय कीजिये और अगले दो सप्ताहों में उनको कर डालिए। अंततोगत्वा, एक ऐसा समय आयेगा जब आप जाने देंगे और आपको पता भी नहीं चलेगा। आप अपनी चल रही ज़िंदगी के बारे में सोचने में इतने व्यस्त होंगे कि ध्यान भी नहीं देंगे। महीनों बाद, जब आपको एहसास होगा, तब वास्तव में आपको बहुत ही अच्छा लगेगा।
विधि 3
विधि 3 का 4:

गुज़रे हुये प्रेमी को जाने देना

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 खेद मुक्ति का अभ्यास करें:
    जब किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाती है तो एकाएक हमें याद आने लगती हैं वे चीज़ें जो हमें करनी चाहिए थीं, कहनी चाहिए थीं या जो हमने करीं या कहीं थी, मगर अब सोचते हैं कि उनको नहीं करना या कहना था। अनेकों खेद केवल इच्छा से समाप्त नहीं हो सकते हैं और उनको रखे रहना केवल दुख को और बढ़ाता ही है। क्या वह व्यक्ति हमको प्रसन्न नहीं देखना चाहता होगा?
    • खेद, अक्सर स्वयं को क्षमा करने से जुड़ा होता है। दुर्भाग्य से, स्वयं को क्षमा करने से सम्बद्ध कोई नियमावली नहीं है, और आप केवल इतना याद रख सकते हैं कि आप मानव हैं। अब वर्तमान पर ध्यान केन्द्रित करने का समय है।
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 शोक मनाइए:
    शोक मनाने की पाँच स्थितियाँ हैं नकारना, क्रोध, सौदेबाजी, विषाद एवं स्वीकृति। इसी क्रम में। हालांकि, जान लीजिये “कोई दो व्यक्ति एक प्रकार से शोक नहीं मनाते”। तथापि आपको यह तो करना ही है, चाहे कोने में छुप कर टेडी बियर के साथ गुड़ी मुड़ी हो कर करिए या पिंडलियों के पिछले भाग में दर्द होने तक दौड़ कर करिए, मगर करना तो है ही। अंततोगत्वा आप बेहतर महसूस करेंगे।
    • शोक मनाने के संबंध में दूसरों के विचारों का क्या करना है, आपको पता ही है। आपका हृदय जैसे आपको करने को कहे, वैसे ही आपको करना चाहिए। जब तक आप स्वयं का एवं दूसरों का ध्यान रख रहे हैं (अर्थात ड्रग, शराब वगैरह नहीं ले रहे हैं), तब तक सब ठीक है।
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 अकेले शोक मत मनाइए:
    इस समय आप और आपके प्रियजनों को आस पास, एकसाथ होना चाहिए। कभी कभी, जब आप दूसरों के साथ शोक मनाते हैं, तब वह शोक मनाने जैसा कम ही लगता है। सब लोगों के मिले जुले प्रयास से, समय जल्दी से बीत जाता है।
    • यदि आपको लगता है कि केवल आप ही अकेले हैं और किसी अन्य को शोक नहीं है, तब भी केवल लोगों का साथ आपकी सहायता कर सकता है। किसी के द्वारा आपका हाथ पकड़ना, आपको यह जता सकता है कि आप अकेले नहीं हैं। कि सब ठीक हो जाएगा। चाहे जो भी लोग आपके आस पास हों, उनका सहारा लीजिये।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 स्वयं से फिर से जुड़िये:
    किसी न किसी समय, इस संबंध से इतर, बाह्य रूप से आप का एक अस्तित्व था। और वह अभी भी है। आपको केवल एक बार फिर से पुराने स्व को खोजना भर है। थोड़ी सी साफ़ सफ़ाई से वह बिलकुल नए जैसा हो जाएगा।
    • अपने अतीत के व्यक्तियों और वस्तुओं से फिर से जुड़िये। वह क्या था, जो आपको उत्साहित कर देता था? वह क्या था, जो आपको जीवंत कर देता था? वह क्या चीज़ थी जिसको आप सदा से पाना चाहते थे अथवा जिसमें भाग लेने के लिए आप चाहते थे कि आपके पास समय अथवा ऊर्जा हो? एवं अंतिम परंतु सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न, अभी से उत्तम समय क्या होगा?
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 भविष्य की ओर देखिये:
    वह चमकदार केवल इसलिए नहीं दिख पा रहा है, क्योंकि आपने पर्दे लगा रखे हैं। भविष्य में, आज भी उतनी ही आशाएँ हैं जितनी छह सप्ताह, छह महीने अथवा छह वर्ष पूर्व थीं। न मालूम वह क्या लाएगा?
    • जब आप अतीत को पकड़े रखते हैं, तो आपके पास भविष्य के लिए स्थान नहीं होता है। आप शायद, वहाँ पर उपलब्ध एक पूरे विश्व को खो रहे हों। क्या आपके प्रियजन ऐसा चाहेंगे? प्रेम पाने के लिए, आपको उसे देना और प्राप्त करना होगा। यदि आपके हाथ, क्या कुछ था, उसको पकड़े रहने में ही घिरे रहेंगे तो आप कुछ नहीं कर पाएंगे।
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 समापन के लिए एक सकारात्मक विदाई पत्र लिखिए:
    जो कुछ भी आपने कभी नहीं कहा, इस पत्र में लिख डालिए। इसको सकारात्मक रखिए, उनके जीवन पर केन्द्रित और इस पर, कि वे आपके लिए कितनी खुशियाँ लाये।
    • यह चयन आप पर है, कि उसका करना क्या है। आप या तो उसको अपने हृदय के निकट किसी स्थान पर रख सकते हैं, सागर की लहरों में दूर भेज सकते हैं अथवा आग में जला कर आकाश में उठते हुये धुएँ को देखते रह सकते हैं।
  7. How.com.vn हिन्द: Step 7 जान लीजिये कि “जाने दो” तो होना ही है:
    होगा ही। उसमें कोई संदेह, है ही नहीं। होगा ही। इस स्थिति में जो रूपात्मक क्रिया लागू होगी वह है “होगा”। कुछ मामलों में अधिक समय लग सकता है, मगर इसको होना तो है। तब तक .... विश्राम करिए। काल चक्र को अपना कार्य करने दीजिये। वह सब घावों को भर देता है।
    • जब यह होना शुरू होगा, तो आप को पता भी नहीं चलेगा। आपमें इतना परिवर्तन आयेगा और आप इतना बढ़ेंगे कि आपकी नज़रें पीछे मुड़ कर देख भी नहीं पाएँगी कि आप थे क्या। शायद यही वह समय है। शायद आपमें वह प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी हो, परंतु आप तस्वीर के इतना निकट हों कि पता ही नहीं चल रहा हो। क्या ऐसा हो सकता है? मूर्खतापूर्ण प्रश्न। हाँ। हाँ, ऐसा हो सकता है।
विधि 4
विधि 4 का 4:

विषाक्त मैत्री को जाने देना

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 उसको यथासंभव सकारात्मक बनाइये:
    “कुछ भी अच्छा या बुरा नहीं होता है, अपितु विचार उसे वैसा बनाते हैं”। वह मैत्री जो आप अभी खोने वाले हैं, आवशयक नहीं है कि बुरी चीज़ ही हो। यह तो विकास एवं परिपक्वता का प्रतीक है। यह विश्व को दर्शाता है कि आपने अपनी राह पा ली है और उसे किसी के साथ बांटना नहीं है। बस इतना ही। यह किसी आत्मा का परित्याग अथवा आपका हठीला होना नहीं है – यह तो आप वही कर रहे हैं जो आपको करना था।
    • हर अनुभव एवं हर संबंध मूल्यवान होता है। हालांकि कुछ लोग हमारी स्मृतियों का भाग तो हो सकते हैं परंतु हमारी नियति का नहीं। और यह ठीक है! सब प्रकार के लोग होते हैं। अपने अनुभवों के लिए शुक्रगुज़ार रहिए क्योंकि उन्होंने आपको विकसित होने का अवसर दिया है। उन्हीं के कारण, आप आज इतने कमाल के व्यक्ति हैं।
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 अन्य व्यक्तियों को अपने इर्द गिर्द रखिए:
    यह मित्रता आपको एक ऐसे व्यक्ति में परिवर्तित कर रही थी जैसा आप नहीं होना चाहते थे (हाँ जी, मैत्री में यह करने की क्षमता है)। ऐसी विषाक्त मित्रताएँ दुर्बलता लाती हैं और जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी प्रवेश कर जाती हैं। इनसे बचाव का केवल यही तरीका है, कि आप स्वयं को दूसरे समूह में तल्लीन कर लें। ऐसा दूसरा समूह, जो आपको अच्छा महसूस कराता हो।
    • यदि आपके पास कोई अन्य योजना नहीं है, तो बनाइये। आपको उसे खोजना ही पड़ेगा। यह भयावह होगा, परंतु यदि यह बहुत आसान होगा, तो उस लायक ही नहीं होगा। किसी क्लब में शामिल हो जाइए, क्लास में भर्ती हो जाइए, नया शौक पाल लीजिये। स्वयं को वृहदविश्व का भाग बनने दीजिये। जितना विस्तार आपके विश्व का होगा उतना ही उस व्यक्ति का प्रभाव आप पर कम होता जाएगा।
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 दयालु बनिए:
    जब आप किसी स्पंज से मित्रता करते हैं तब सामान्यतया स्पंज को पता भी नहीं होता कि वह सब कुछ सोख ले रहा है। आप क्रोध में कभी भी उल्टा सीधा नहीं कहना चाहेंगे – आखिरकार आप कभी, किसी भी कारण से, मित्र तो थे ही। आप के हृदय का एक भाग इस व्यक्ति की परवाह तो करता है। जब वे पूछें कि क्या चल रहा है, तब स्पष्ट बताइये, मगर नरमी से।
    • यदि आपको समझ में नहीं आ रहा हो कि क्या कहें, तो उन्हें वही बताइये जो आप स्वयं को बताते रहे हैं। “हमारी राहें अलग अलग हैं और यह ठीक है। मेरे लिए तुम अभी भी उतने ही मूल्यवान हो, परंतु हमारी मित्रता मेरे पिछले जीवन पर आधारित थी, वर्तमान जीवन पर नहीं। तुम्हारा व्यवहार मुझे अपमानित करता है और अब मैं यह अवमानना स्वीकार नहीं कर सकता हूँ।“ वे प्रश्न पूछेंगे और शायद क्रोधित भी हो जाएँगे परंतु उनकी प्रतिक्रिया के बावजूद, अंततोगत्वा आपके लिए भला ही होगा।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 दूरी बनाइये:
    कभी कभी जब लोगों से कुछ ले लिया जाता है, तो उनकी चाहत उसके लिए और भी बढ़ जाती है। वह मित्र पहले से अधिक बार आपको फोन करने लग सकता है। चाहे वे मान भी जाएँ कि उन्होंने अपनी भूल पहचान ली है, तब भी तुरंत मान मत जाइए। आपको स्वयं का विवेचन करने के लिए तो कुछ समय चाहिए और स्थिति की वास्तविकता को जानने के लिए उसे थोड़ी दूरी बना कर, उचित परिप्रेक्ष्य में देखना होगा।
    • और वैसा ही उनको भी करना होगा। यदि वे उस बारे में बात करना चाहें तो उन्हें यही बता दीजिये। आप दोनों को एक दूसरे से कुछ समय के लिए अलग रह कर देखना होगा कि एक दूसरे के बगैर आपको कैसा लगता है। चित्र वास्तव में कैसा है, यह जानने के लिए आपको उस कुछ दूर से देखना होगा। यदि कुछ सप्ताहों के बाद भी आपकी उससे मिलने की इच्छा होती है और उनकी भी वैसी ही इच्छा होती है तब धीरे धीरे आगे बढ़िए। कभी कभार, लोग सुधर भी जाते हैं।
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 आप भविष्य में...
    आप भविष्य में कैसे लोगों से मित्रता करना चाहेंगे यह जान लीजिये: यह तो बहुत ही बुरा होगा यदि आप एक मित्र का त्याग करके बिलकुल उसकी प्रतिकृति को उसके स्थान पर रख दें। तो अब जब आप उन कमाल के मित्रों के नए समूह को खोजने निकलते हैं तब आप कैसे लोगों को चाहते हैं? आप लोगों में किस चीज़ को महत्वपूर्ण समझते हैं?
    • इसके लिए थोड़ी आत्मविवेचना भी करनी पड़ सकती है। आपको अपने मित्र में क्या पसंद था, जो आप दोनों को निकट लाया था? आपको उनसे क्या चाहिए था, जो वे आपको दे सके? आपके किसी भी मित्र में वे कौन सी तीन चीज़ें होनी चाहिए?
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 जो परिवर्तित हो...
    जो परिवर्तित हो सकता है उस पर ध्यान केन्द्रित करिए: वह मित्र भी स्वयं में एक व्यक्ति है। आप जितना भी प्रयास कर लें, आप उनको बदल नहीं सकते हैं। और यह ठीक भी है। वे जो हैं सो हैं, और आप भी जो हैं सो हैं। यह कोई अपराध नहीं है। परंतु चूंकि यह परिवर्तित नहीं हो सकता है, उसका प्रयास करने का कोई लाभ नहीं है। उस पर ध्यान केन्द्रित करिए, जिसका परिवर्तन आपको प्रसन्नता दे सकता है।
    • जैसे कि, आपका पर्यावरण, वह परिवर्तित किया जा सकता है। आपकी आवश्यकताएँ, बदल सकती हैं। जैसे जैसे आपका विकास होने लगता है, इनमें से किसी पहलू पर ध्यान केन्द्रित करिए। स्वयं से अधिक सामंजस्य, आपकी राह को और अधिक स्पष्ट कर देगा।

सलाह

  • चाहे जो भी हो, आपको स्वयं पर विश्वास करना है और स्वयं से प्रेम करना है। जो भी होता है उसका कोई न कोई कारण होता है, और सदा ही लोग हमारे जीवन में आते जाते रहेंगे, इसलिए अपने शेष जीवन में दुखी मत रहिए। आपको यह भी पता होना चाहिए कि निकट भविष्य में ही, कोई न कोई तो आपकी प्रतीक्षा में है ही।
  • जाने देने का अर्थ सदैव ही यह नहीं है कि वे आपको छोड़ ही दें। जाने देने का अर्थ यह भी हो सकता है कि आप उनके साथ रहें, उनका ध्यान रखें, परंतु उनको स्वयं को दुर्बल न बनाने दें, चोटिल न करने दें, तथा न ही उनको यह शक्ति दें कि वे आपको स्वयं का जीवन भी न जीने दें।
  • पुरानी यादों की पुनःचर्चा सदैव ही पीड़ादायक होती है, परंतु एक समय वह भी आता है जब अलमारियों की सफ़ाई करनी होती है, तस्वीरें हटानी होती हैं, और नए द्वार खोलने होते हैं।
  • किसी प्रियजन को खोने के उपरांत स्वयं को शोक मनाने का अवसर दीजिये, इसके बाद उस नई राह पर चल पड़िए जिसे आपने किसी और के साथ बांटा नहीं है। नए मित्र बनाइये, और वे नई चीज़ें करिए जो आपको रुचिकर हो सकती हों। अकेले, नया जीवन शुरू करना, प्रारम्भ में शायद कठिन हो, परंतु यह नई राह शायद आपको परिपूर्णता एवं तृप्ति प्रदान करेगी।
  • याद रखिए, “शोक मनाने” का कोई निर्धारित समय नहीं होता है। यदि जीवन साथी की मृत्यु के 4 अथवा 6 महीने के बाद आप किसी के साथ रात्रिभोज पर जाना चाहें, तब भी स्वयं को अपराधी मत मानिए। कौन, कब, आराम से नया जीवन प्रारंभ कर पाएगा, इसके लिए प्रत्येक के पास अपना समय और तरीका होता है। आप पर, अपने प्रियजन का ऋण है कि आप जीते रहें, परंतु कैसे जिएँ और उसके संबंध में क्या महसूस करें, यह आप पर है।
  • किसी प्रकार के खेल अथवा शौक में स्वयं को ऐसा व्यस्त कर लें, कि उस सबसे छुटकारा हो जाये, जो आपको उनकी याद दिलाता है।

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