कैसे गलत जानकारी, दुष्प्रचार और झूठी खबर के बीच के अंतर को समझें (Understand the Difference Between Misinformation, Disinformation, and Fake News)

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सभी चीजों के बारे में जानकारी रखना, खासतौर से COVID-19 जैसी किसी बड़ी बीमारी के बीच में बेहद मुश्किल होता है। चाहे ये सोशल मीडिया हो या न्यूज रिपोर्ट्स, क्या सही है और क्या गलत के बीच में फर्क कर पाना बहुत मुश्किल होता है। गलत जानकारी, दुष्प्रचार और झूठी खबर, ये सभी हमारी किसी कहानी को तथ्य से अलग करने की क्षमता (या मुश्किल) में एक अहम भूमिका निभाते हैं। किसी भी न्यूज आर्टिकल या सोशल मीडिया रिपोर्ट पर भरोसा करने से पहले इन अलग-अलग टर्म्स को समझ लें, ताकि आप जितना हो सके, उतना जानकारीपूर्ण रह सकें।

विधि 1
विधि 1 का 2:

परिभाषा (Definitions)

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 गलत जानकारी को...
    गलत जानकारी को सच्चाई की तरह फैलाई जाने वाली किसी भी गलत इन्फॉर्मेशन की तरह पहचानें: कई सारे लोग गलत जानकारी को भी इस भरोसे में फैला रहे होते हैं कि वो अपने फ्रेंड्स और फ़ैमिली को सच्चाई बता रहे हैं। इसी मामले को “मिसइन्फॉर्मेशन (misinformation) या गलत जानकारी” की तरह जाना जाता है और ये आपकी सोच भी नहीं सकते कि कितनी कॉमन होती है।[१] अगर कोई इंसान नई इन्फो को शेयर करने के पहले अपने सोर्स की एक्टिवली फ़ैक्ट चेकिंग नहीं करता है, तो वो असल में अनजाने में लोगों तक गलत जानकारी फैला रहा होता है। वैसे तो भले ही ये कोई अच्छी बात नहीं है, लेकिन ऐसे में पोस्ट करने वाले इंसान का मकसद शायद किसी को नुकसान पहुंचाने का तो नहीं होता है।[२]
    • अगर कोई इंसान किसी भी अनवेरिफाइड न्यूज आर्टिकल को फ़ैक्ट मानकर शेयर करता है, तो वो गलत जानकारी तो फैला रहा होता है, लेकिन उसे इसके बारे में अंदाजा भी नहीं होता।
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 इस बात को...
    इस बात को जानें कि दुष्प्रचार या डिसइन्फॉर्मेशन को गलत मकसद को पूरा करने के चलते जान-बूझकर फैलाया जाता है: भले ही गलत जानकारी को पॉज़िटिव, हेल्पफुल इरादे के साथ में शेयर किया जा सकता है, लेकिन दुष्प्रचार का मकसद रीडर या व्यूअर को धोका देना और मैनिपुलेट करना होता है। जब कोई एक ऑर्गेनाइजेशन या कोई व्यक्ति जान-बूझकर झूठे तथ्य बनाता और शेयर करता है, तो वो असल में “डिसइन्फॉर्मेशन (disinformation) या दुष्प्रचार” फैला रहा होता है।[३]
    • इसे इस तरह से याद करने की कोशिश करें: गलत जानकारी अक्सर एक गलती होती है, जबकि दुष्प्रचार जान-बूझकर किया जाता है
    • अगर कोई जान-बूझकर कोई गलत कहानी गढ़ता है, तो असल में वो दुष्प्रचार कर रहा होता है।
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 इस बात को...
    इस बात को समझें कि झूठी खबर न्यूज सोर्स के द्वारा फैलाई जाने वाली गलत जानकारी होती है: फेक न्यूज एक ऐसी टर्म है, जिसमें गलत जानकारी और दुष्प्रचार दोनों शामिल होते हैं। हालांकि, फेक न्यूज में गलत जानकारी और दुष्प्रचार को बड़े पैमाने या प्लेटफॉर्म पर फैलाना शामिल होता है और उसे एक सच्ची खबर की तरह पेश किया जाता है। फेक न्यूज खासतौर से खतरनाक होती है, क्योंकि ये संभावित रूप से काफी सारे अलग-अलग लोगों तक पहुँच रही होती है।[४]
    • फेक न्यूज को आमतौर पर स्पेशल “फेक-न्यूज आउटलेट” से फैलाया जाता है, जो अलग ऑर्गेनाइजेशन और वैबसाइट होते हैं, जिन्हें झूठी, बनावटी जानकारी शेयर करने के लिए ही डिजाइन किया जाता है।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 हास्य व्यंग्य या...
    हास्य व्यंग्य या सटायर (satire) को एक पॉइंट को प्रूव करने के लिए फैलाई जाने वाली बहुत बड़ी गलत जानकारी की तरह समझें: सटायर और पैरोडी आर्टिकल्स गलत जानकारी/दुष्प्रचार डिबेट के बीच के सही और गलत के एरिया को दर्शाते हैं। असली गलत जानकारी के विपरीत, सटायर आर्टिकल्स को किसी पॉइंट को प्रूव करने के लिए एकदम झूठा तैयार किया जाता है। हालांकि, अगर कोई गलती से किसी सटायर और पैरोडी आर्टिकल को शेयर कर देता है, और उसे ही फ़ैक्ट की तरह प्रेजेंट करता है, तो वो एक गलत जानकारी फैला रहा होता है।[५]
    • जैसे, सटायर आर्टिकल के एक उदाहरण में कुछ ऐसा हो सकता है: “COVID-19 का जन्म मंगल ग्रह पर हुआ है।” अगर कोई इस आर्टिकल को लेता है और इसे दूसरे लोगों के साथ में शेयर कर देता है, तो फिर असल में वो एक गलत जानकारी को फैला रहे होते हैं।
    • एक सटायर आर्टिकल COVID-19 स्टीरियोटाइप या उसके बारे में चली आ रही धारणाओं के बारे में असली अजीब बात की जानकारी फैला सकता है।
विधि 2
विधि 2 का 2:

दावों के तथ्यों की जांच करना (Fact-Checking Claims)

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 फ़ैक्ट-चेकिंग साइट के...
    फ़ैक्ट-चेकिंग साइट के जरिए गलत जानकारी और दुष्प्रचार के बीच के अंतर को स्पष्ट करें: असलियत में बात जब गलत फ़ैक्ट की और इन्टरनेट पर मौजूद बाकी की चीजों की आती है, तब आपको ऐसी न जाने कितनी ही चीजें मिल जाएंगी। अच्छी बात ये है कि ऐसे कई सारे अच्छे सोर्स उपलब्ध हैं, जो आपको फैक्ट्स के साथ में अवगत रहने में मदद कर सकते हैं। फ़ैक्ट-चेकिंग साइट पर सभी नए दावों के लिए सर्च करके पता करें कि वो इन्फॉर्मेशन सही भी है या नहीं।[६]
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 वैबसाइट को स्कैन...
    वैबसाइट को स्कैन या जांच-पड़ताल करके पता करें कि वो यकीन करने लायक है भी या नहीं: वैबसाइट के “about” पेज की तलाश करें—ज़्यादातर पॉपुलर, विश्वसनीय ऑर्गेनाइजेशन का ये पेज होता ही है। साइट डिस्क्रिप्शन को पढ़ के पता लगाएँ कि वो क्या स्पष्ट रूप से किसी एक पक्ष को सपोर्ट किया जा रहा है, जो एक खतरे की निशानी है। इसके साथ ही, उनके स्टाफ के फ़ोटोज़ और बायो को देखें, क्योंकि कुछ नए न्यूज आउटलेट अपनी साइट को ज्यादा विश्वसनीय बनाने के लिए अपने फ़ोटोज़ का भी यूज करते हैं। चेक करने लायक एक और अच्छी चीज वैबसाइट का खुद का यूआरएल है, क्योंकि काफी सारे फेक आउटलेट अपनी साइट को एक ऑफिशियल यूआरएल के रूप में दिखाने की कोशिश करेंगे।[७]
    • जैसे, एक फेक न्यूज साइट का यूआरएल शायद “cbsnews.com.co” रह सकता है, जो स्पष्ट रूप से फेक है और असली CBS न्यूज नहीं है।
    • अगर साइट का एक “about” या “contact” पेज नहीं है, तो आप उसे एक फेक न्यूज साइट मान सकते हैं।
    • आप एक इमेज सेव कर सकते हैं और उसे रिवर्स सर्च करके देख सकते हैं कि वो एक स्टॉक फोटो है या नहीं। कुछ आउटलेट पर "नकली" फ़ोटोज़ भी रहेंगी, ताकि उनकी फेक स्टोरी को अच्छी पॉपुलेरिटी मिल सके।[८]
    • किसी एक ही पॉइंट को कई सारे तरीकों से सपोर्ट किया जा सकता है। आमतौर पर, उसमें बेकार में ही स्टीरियोटाइप और पॉलिटिकल एजेंडा के लिए थोड़ी एक्सट्रा चीजें भी लिखी गई होंगी।[९]
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 आर्टिकल के पब्लिश होने की डेट को डबल चेक करें:
    कुछ फेक न्यूज ग्रुप्स पुराने हैडलाइंस और साउंड बाइट्स का हवाला देकर उन्हें आज के माहौल के हिसाब से फिर से इस्तेमाल करेंगे। आर्टिकल की डेट को उस आर्टिकल में रेफेरेंस किए गए सोर्स की डेट के साथ में कंपेयर करें। हो सकता है कि आप इस बात को जानकर हैरान हो जाएँ कि आखिर कैसे इस तरह से भी कितनी फेक न्यूज को फैलाया जा सकता है![१०]
    • जैसे, एक फेक न्यूज आर्टिकल में कयामत के बारे में कहानी लिखी जा सकती है, लेकिन कयामत के बारे में रेफरेंस आर्टिकल 2012 का दावा है।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 ऑथर और उनके रेफरेंस के लिए बैकग्राउंड चेक करें:
    रिसर्च करना एक एक्सट्रा परेशान करने वाले स्टेप के जैसा महसूस हो सकता है, लेकिन इसमें उतना समय नहीं लगता, जितना आप सोच रहे हैं। आर्टिकल के ऑथर के नेम को देखें और एक बार जल्दी से उसके लिए ऑनलाइन सर्च करें। साथ में, टेक्स्ट में आर्टिकल के रेफरेंस किए किसी भी सोर्स की भी तलाश करें। एक अच्छी तरह से रिसर्च किए, फ़ैक्ट बताने वाले आर्टिकल को फ़ैक्ट के द्वारा सपोर्ट किया गया होगा और उसे किसी जानकारी रखने वाले इंसान के द्वारा भी लिखा गया होगा।[११]
    • आइडियली, आप एक ऐसे ऑथर के नेम की तलाश कर रहे हैं, जिसमें भी एक अच्छे-स्थापित संस्थान के लिए इसी तरह के आर्टिकल्स को लिखा है।
    • अगर रेफरेंस सोर्स आर्टिकल के कंटेन्ट को कोई सपोर्ट नहीं करता है, तो संभावना है कि आप एक फेक न्यूज पढ़ रहे हैं।
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 आर्टिकल को किसी...
    आर्टिकल को किसी अच्छे स्थापित या चर्चित सोर्स से कंपेयर करें: किसी अच्छे मशहूर, सही इन्फॉर्मेशन वाले सोर्स के आर्टिकल सर्च करें। आर्टिकल से या न्यूज रिपोर्ट से इन्फॉर्मेशन को क्रॉस चेक करें और देखें कि ये भी एक्सपर्ट्स के द्वारा बोली गई बातों से मेल खाता है या नहीं। अगर आर्टिकल एक्सपर्ट्स की बातों के साथ में सहमति खाते नहीं दिखता है, तो मतलब आप निश्चित रूप से मान सकते हैं कि ये एक फेक न्यूज आर्टिकल है।[१२]
    • जैसे, आप अगर COVID-19 पर मौजूद एक आर्टिकल को क्रॉस चेक कर रहे हैं, तो आपको उसे वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organization) के जैसे किसी अच्छे जाने-माने सोर्स के साथ में रेफरेंस करने की जरूरत पड़ेगी।
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 इंट्रेस्टिंग या क्लिकबैट...
    इंट्रेस्टिंग या क्लिकबैट टाइटल (clickbait titles) टाइटल के साथ में बने आर्टिकल्स के साथ में खुद को मूर्ख न बनने दें: जैसे कि इनके नाम से ही पता चलता है कि इनके इतने अच्छी तरह से संवारकर लिखे टाइटल का असली इरादा तो रीडर को आर्टिकल पर "क्लिक" करने के लिए उकसाने का होता है। लेकिन, क्लिकबैट को अक्सर ही रीडर्स को फेक न्यूज आर्टिकल्स तक खींचकर लाने के लिए यूज किया जाता है। स्टडीज़ से पता चलता है कि सोशल मीडिया पर मौजूद 60% यूजर्स असल में कंटेन्ट के बारे में खुद से कोई जांच किए बिना ही आर्टिकल को शेयर कर देते हैं, अगर आपके सामने ऐसी हैडलाइंस आती हैं, जिनके सच लगने की उम्मीद ज्यादा नहीं है, तो फिर वहाँ रुकें नहीं, बल्कि स्क्रॉल करते जाएँ।[१३]
    • “You Won’t Believe This Happened” जैसे टाइटल वाले आर्टिकल, क्लिकबैट के सही उदाहरण हैं।
  7. How.com.vn हिन्द: Step 7 नई इन्फॉर्मेशन को...
    नई इन्फॉर्मेशन को संदेहजनक रवैये के साथ में पढ़कर फेक न्यूज से बचें: ये थोड़ी नेगेटिव बात जैसी लग सकती है, लेकिन आप थोड़ी क्रिटिकल नजरों के साथ में खुद को और बाकी के लोगों को फेक न्यूज पढ़ने से बचा सकते हैं। किसी भी इन्फॉर्मेशन को तब तक फ़ैक्ट की तरह न मानें, जब तक कि आप ऑथर, वैबसाइट और सोर्स की क्रेडिबिलिटी (सत्यता) को चेक नहीं कर लेते। ये थोड़ा टाइम लेने वाला हो सकता है, लेकिन ये आगे जाकर आपको काफी बड़ी परेशानी में पड़ने से बचा सकता है।[१४]
    • अपने फ्रेंड्स और फ़ैमिली को भी न्यूज रिपोर्ट्स को क्रिटिकल या संदेहजनक तरीके से देखने की याद दिलाएँ।

सलाह

  • आप चाहें तो आपके ब्राउज़र में ऐसे स्पेशल एड-ऑन डाउनलोड कर सकते हैं, जो गलत जानकारी को पहचानने में आपकी मदद करते हैं, जैसे इनमें Bot Sentinel, Bad News, Botometer, और ClaimBuster शामिल हैं।[१५]

चेतावनी

  • किसी भी चीज को ऑनलाइन शेयर करने से पहले हमेशा इन्फॉर्मेशन का फ़ैक्ट चेक जरूर करें। यहाँ तक कि अगर आपका इरादा सही ही क्यों न हो, लेकिन गलत जानकारी कुछ अच्छा की बजाय, काफी नुकसान कर सकती है।

विकीहाउ के बारे में

How.com.vn हिन्द: The Verified Initiative of the United Nations
सहयोगी लेखक द्वारा:
COVID-19 सूचना संसाधन
यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा The Verified Initiative of the United Nations. Verified संयुक्त राष्ट्र की एक पहल है, जो जीवन बचाने वाली जानकारी, तथ्य-आधारित सलाह और सर्वोत्तम मानवता से कहानियों को वितरित करने के लिए शोर में कटौती करने वाली सामग्री प्रदान करती है। UN डिपार्टमेंट फॉर ग्लोबल कम्युनिकेशंस के नेतृत्व में, यह पहल लोगों को लेख, वीडियो और संबंधित मीडिया के माध्यम से अपने समुदायों के साथ संयुक्त राष्ट्र-सत्यापित, विज्ञान-आधारित सामग्री साझा करके COVID-19 पर गलत सूचना के प्रसार का मुकाबला करने में मदद करने के लिए भी आमंत्रित करती है। यह पहल पर्पस के सहयोग से है, जो दुनिया के अग्रणी सामाजिक लामबंदी संगठनों में से एक है, और IKEA फाउंडेशन और Luminate द्वारा समर्थित है। यह आर्टिकल १,६६५ बार देखा गया है।
श्रेणियाँ: शिक्षा और संचार
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