यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Courtney Copriviza. कर्टनी कोप्रिविज़ा मुई, हवाईयन आइसलैंड बेस्ड एक एलीमेंट्री स्कूल टीचर हैं | कर्टनी ने एलीमेंट्री एजुकेशन, क्लासरूम मैनेजमेंट और सोशल और इमोशनल डेवलपमेंट में स्पेशलाइजेशन किया है | इन्होनें अर्बन एजुकेशन से माइनर से कम्युनिकेशन में BA की डिग्री और सेंटा क्लारा यूनिवर्सिटी से टीचिंग में MA की डिग्री हैसल की है | कर्टनी ने मेड्रिड, स्पेन से हाई स्कूल की पढ़ाई भी की है | ये एजुकेशन में कापा डेल्टा Pi इंटरनेशनल ओनर्स की मेम्बर भी हैं |
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आज के इस मॉर्डन समय में हाथ से लिखना एक पुरानी बात लग सकती है; कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि स्कूलों में कर्सिव (cursive) राइटिंग की पढ़ाई “बेकार” और “समय की बर्बादी” है।[१] मगर कभी न कभी तो सभी को काग़ज़ कलम ले कर लिखना ही पड़ता है, और अच्छी हैंडराइटिंग न केवल पढ़ने में आसान होती है बल्कि अस्पष्ट “चील कौवे” की तुलना में उसका प्रभाव भी बेहतर पड़ता है। चाहे आप अपनी दिन प्रतिदिन की राइटिंग सुधारना चाहते हों, चाहे कर्सिव लेखन या कैलीग्राफ़ी (calligraphy) सीखना (या फिर से सीखना) चाहते हों, आप अपनी हैंडराइटिंग को और भी अच्छी और सुन्दर बना सकते हैं। और अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिये ये विकीहाउ गाइड ।। (how to improve handwriting, Apni likhavat Sudhare)
चरण
- सही टूल्स (tools) चुनिए: कुछ लोग पेन पसंद करते हैं, तो कुछ लोग पेंसिल। कुछ को बड़े पसंद होते हैं, और कुछ को छोटे। बड़ी बात यह है कि लिखने के लिए ऐसी चीज़ चुनिये जो आपके हाथ में ठीक लगे।[२]
- ऐसा पेन या पेंसिल चुनिये जिसकी ग्रिप (grip) कोमल हो, ख़ासकर तब, जबकि आपकी आदत कस कर ग्रिप करने की हो।
- अभ्यास के लिए लाइन वाला काग़ज़ इस्तेमाल करिए, और अगर आप कुछ ऐसा लिख रहे हों जिसे लंबे समय तक रखना हो, तब मज़बूत काग़ज़ इस्तेमाल करिए।
- सीधे, मगर आराम से बैठिए:[३] हाँ, आपकी माताजी ठीक ही कहती थीं कि आपका पोश्चर (posture) महत्वपूर्ण होता है। काग़ज़ के ऊपर झुक कर बैठने से थोड़ी देर बाद आपकी गर्दन और पीठ में दर्द होने लगेगा, और इससे आपके हाथ का मूवमेंट (movement) भी बाधित हो जाएगा जिसके कारण लिखते समय आप अपनी कलाई और हाथ का अधिक उपयोग (नीचे विधि 2, चरण 3 देखिये) करने लगेंगे।
- अगर आप पटरी की तरह सीधे बैठ कर आराम से रह सकते हैं, तब बहुत अच्छी बात है। मगर अपने को बहुत कड़क और असहज मत बना लीजिये। सुंदर हैंडराइटिंग कर पाना कोई दर्दनाक काम नहीं होना चाहिए।
- पकड़ ढीली रखिए: पेन को पकड़िए, मगर उसका गला मत दबा दीजिये। (कहा जाता है कि अच्छे शिल्पकार के लिए कभी आँगन टेढ़ा नहीं होता।) अगर लिखने के बाद आपकी उँगली में लाली आ जाती है, या निशान पड़ जाता है, तब आपने पेन को बहुत कस कर पकड़ रखा है। पकड़ ढीली रखने से आपके मोशन (motion) की रेंज (range) बढ़ जाएगी और आपके पेन से शब्द और सहजता से प्रवाहित होंगे।
- पेन या पेंसिल पकड़ने के अनेक “सही” तरीके हैं। कुछ लोग इसे इंडेक्स फ़िंगर (index finger) और अंगूठे से बीच की उँगली पर दबा कर रखते हैं।, कुछ लोग सभी उँगलियों की कोरों से दबाते हैं; कुछ लोग पेन के पिछवाड़े को इंडेक्स फ़िंगर के आधार वाले जोड़ पर रखते हैं, कुछ लोग इंडेक्स फ़िंगर और अंगूठे के बीच वाले वेबिंग (webbing) टिकाते हैं।
- नई तरह से पकड़ने के तरीके को ज़बर्दस्ती सीखने की जगह, आपको जो भी तरीका सुविधाजनक लगे, उसका इस्तेमाल करिए – बशर्ते आपको यह एहसास न हो कि आपकी पकड़ अजीब है और उसके कारण आपकी राइटिंग खराब हो रही है।[४] जब तक आप अपनी पहली दो उँगलियाँ और अंगूठे का इस्तेमाल कर रहे हैं, तब तक सब ठीक चलना चाहिए।
- अपने लेखन को और भी सुंदर बनाइये: यह तो ठीक है कि जब आप नोट्स ले रहे हों तब एब्रिविएशन (abbreviation), संकेतों, या बिना वाक्य वाले शब्दों के समूह वगैरह का इस्तेमाल करें, मगर यदि उसी चीज़ को किसी दूसरे को देखना हो, तब उसे ठीक से लिखने के लिए समय निकाल लीजिए। चमकदार साफ सुथरी कार, जिसके दो पहिये न हों, उतनी सुंदर नहीं लगेगी जितनी एक पूरी कार।
- यह ध्यान रखिए कि आप उचित विरामचिन्हों आदि का उपयोग करें।
- टेक्स्ट की भाषा या इन्टरनेट के एब्रिविएशनों का इस्तेमाल मत करिए। अगर आप ऐसा कुछ लिख रहे हैं, जिसे दूसरे लोग पढ़ने वाले हैं तब टेक्स्ट लेखन: Gr8, bcuz, u, soz, lol वगैरह का इस्तेमाल मत करिए।
- प्रेरणा प्राप्त करिए: क्या आप किसी ऐसे को जानते हैं जिसकी सुंदर हैंडराइटिंग हो? उसे लिखते हुये देखिये और उससे कुछ सलाह मांगिए। अक्षरों के आकार की प्रेरणा पाने के लिए आप वर्ड प्रोसेसर के फॉन्ट्स भी देख सकते हैं।
- राइटिंग के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने या स्कूल के बच्चों के लिए बिकने वाली वर्कबुक्स (workbooks) लेने में शर्म मत करिए। वैसे, अगर आपके बच्चे हों, तब उनके साथ अभ्यास करिए। परिवार के बॉंडिंग (bonding) समय को सबके लिए बेहतर पेनमैनशिप में बदल लीजिये।
- कर्सिव अल्फ़ाबेट (alphabet) का अध्ययन करिए: संभावना यही है कि प्राइमरी स्कूल में सीखे गए कुछ कर्सिव अक्षर कैसे दिखते हैं, यह तो आप भूल ही गए होंगे। अनेक उपलब्ध कर्सिव अभ्यास पुस्तकों में से कुछ ऐसी ले कर आइये, जिनमें कर्सिव अक्षरों के लेखन में मदद करने के लिए काग़ज़ पर लाइनें खिंची हों।
- बेशक, कर्सिव लिखने के अनेक स्टाइल हैं, और अपनी तरह से कर्सिव लिखने में कोई बुराई नहीं है, बशर्ते कि उसे पढ़ा जा सके। मगर सबसे अच्छी बात यही होगी कि आप किसी स्थापित कर्सिव स्टाइल की नकल करने से शुरुआत करें।
- उन वेबसाइट्स को ढूँढिए जिनमें पढ़ाई के ट्यूटोरियल और छापी जा सकने वाली अभ्यास शीट्स उपलब्ध हों।[५] कुछ में तो प्रत्येक अक्षर बनाने के लिए जिन पेन स्ट्रोक्स (stroke) की आवश्यकता होती है, उनका एनीमेशन (animation) भी होता है।
- लिखने के लिए अपनी पूरी बाँह के इस्तेमाल का अभ्यास करिए: अधिकांश व्यक्ति अपनी उँगलियों को मैनीपुलेट (manipulate) करके लिखते हैं, जिसे कुछ लोग अक्षरों को “ड्रॉ करना (drawing)” कहते हैं। हैंडराइटिंग के कलाकार लिखते समय अपनी बाँहों और कंधे का इस्तेमाल करते हैं, जिससे बेहतर प्रवाह मिलता है और हैंडराइटिंग कम एंगुलर (angular) तथा चौपी (choppy) होती है।[६]
- “हवा में लिखने” की कोशिश करिए। आपको बेवकूफ़ी लग सकती है, मगर इससे आपकी मांसपेशियों को फिर से प्रशिक्षित होने में मदद मिलेगी।[७] कल्पना करिए कि आप एक बड़े से चाकबोर्ड पर लिख रहे हैं। (दरअसल, आप चाकबोर्ड पर लिखने का अभ्यास कर सकते हैं।) यहाँ पर आप अक्षर बनाने के लिए स्वाभाविक रूप से कंधों को घुमाएंगे और फ़ोरआर्म (forearm) का इस्तेमाल करेंगे ही।
- जैसे-जैसे आप हवा में लिखने में निपुण होते जाएँ, अपने अदृश्य अक्षरों का आकार छोटा करते जाइए और उस पोज़ीशन की कल्पना करिए जिससे आप काग़ज़ पर कलम से लिखेंगे।[८] मगर, उँगलियों पर नहीं, बल्कि अपने कंधे और बाँह पर फ़ोकस करने का ध्यान रखे रहिए।
- बेसिक कर्सिव पेन स्ट्रोक्स का अभ्यास करिए: कर्सिव हैंडराइटिंग में दो आवश्यक मूव्स (moves) हैं, एक है अपस्वीप (upsweep) और दूसरा है कर्व (curve), इसलिए पूरे अक्षर लिखने से पहले इनका अभ्यास करिए।[९]
- आप चाहेंगे कि आपके अभ्यास वाले स्ट्रोक्स तथा बाद में आपके अक्षर सम दूरी पर रहें, इसलिए यहाँ पर सचमुच लाइन वाला काग़ज़ बहुत काम आयेगा। अगर आप सादे काग़ज़ पर लिखना चाहते हैं तब बराबर दूरी पर, पेंसिल से हल्की-हल्की लाइनें खींच लीजिये और जब आप अपने अक्षर लिख चुकें तब इनको मिटा दीजिये।
- अपस्वीप के अभ्यास के लिए, पेन को बेसलाइन (baseline) के ठीक ऊपर रखिए, उसे नीचे की ओर खींचते हुये आगे बढ़ाइए, फिर उस कर्व को (थोड़ी सी आगे को झुकी हुई) एक सीधी लाइन में, मिडलाइन (midline) से होते हुये टॉपलाइन (topline) तक, ऊपर खींच दीजिये।
- बेसिक कर्व अभ्यास स्ट्रोक, छोटे “c” की तरह का होता है। इसलिए मिडलाइन से शुरू करिए, ऊपर ले जाइए और लगभग पूरी तरह काउंटर-क्लॉकवाइज़ (counterclockwise) पीछे को तब तक खींचिए, आगे को झुका हुआ एक ओवल (oval) (जिसकी लंबाई उसकी चौड़ाई से अधिक हो), जो मिडलाइन और बेसलाइन को छूता रहे और जब तक कि आप अपने शुरुआत वाले बिन्दु तक पहुँचने के रास्ते में तीन चौथाई तक न पहुँच जाएँ।
- जब आप पूरे शब्दों और समूहों के अभ्यास तक पहुँचें, तब उनके कनेक्शनों (connections) को मत भूलिएगा। कर्सिव में, वे “एयर (air)” होते हैं, पेन स्ट्रोक्स के बीच की जगह, जबकि स्क्रिप्ट लेखन में पेन को उठाया जाता है। उचित कनेक्शनों से न सिर्फ़ आपका कर्सिव लेखन अधिक सुंदर हो जाएगा बल्कि तेज़ भी हो जाएगा।
- धीमी शुरुआत करिए: कर्सिव लेखन में चूंकि पेन को कम बार उठाया जाता है इसलिए लिखने की गति बढ़ जाती है, मगर शुरुआत में प्रत्येक अक्षर और कनेक्शन को सोच समझ कर ठीक ठाक बनाने का अभ्यास करिए। जब आपको उस फ़ॉर्म में निपुणता आ जाये तभी गति पकड़िए। कर्सिव लेखन को कला समझिए, क्योंकि वह है ही कला।
- सही टूल्स (tools) लीजिये: अपने कैलीग्राफ़ी स्ट्रोक्स को मोटा-पतला तथा आकर्षक दिखाने के लिए, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास उचित पेन, काग़ज़ और स्याही हो।
- कैलीग्राफ़ी के लिए सबसे बढ़िया उपकरण वे होते हैं जिनकी एजेज़ (edges) चौड़ी हों, जैसे मार्कर, फ़ाउंटेन पेन, ब्रश, क्विल्स (quills) रीड्स (reeds), या ऐसी छड़ियाँ जिनमें टिप्स लगी हों (जिन्हें निब (nibs) कहते हैं)।
- यह सुनिश्चित करिए कि आप ऐसे काग़ज़ का इस्तेमाल करें जिसमें स्याही फैले नहीं। स्टैण्डर्ड नोट बुक के काग़ज़ पर अभ्यास करना ठीक है, मगर आपको यह जांच लेना होगा कि स्याही फैले नहीं। अधिकांश स्टेशनरी की दुकानों में कैलीग्राफ़ी के लिए ख़ास काग़ज़ बिकता है।
- अगर आप स्याहियों का इस्तेमाल करने वाले हैं, तब इंडिया ड्रॉइंग स्याही के इस्तेमाल से बचिए, चूंकि उसमें लाख होती है जिसमें पेन में बाधा पैदा करने की और निब में जंग लगाने की प्रवृत्ति होती है। अच्छा होगा अगर वॉटर सोल्यूबल (soluble) स्याही का इस्तेमाल किया जाये।
- काग़ज़ को ठीक से सेट अप करिए: इसका अर्थ है कि यह समझ लें कि आपकी लाइनें कहाँ जा रही हैं ताकि आपकी कैलीग्राफ़ी में एकरूपता दिखे।
- अभ्यास के लिए आप निश्चय ही लाइन वाला काग़ज़ ही चुनेंगे। या तो पहले से लाइन किया हुआ काग़ज़ इस्तेमाल करिए, या गाढ़ी लाइनों वाले काग़ज़ को अपनी अभ्यास-शीट के नीचे रखिए, या अपनी अभ्यास शीट पर रूलर और पेंसिल से समानान्तर रेखाएँ खींच लीजिये।
- आपको निब हाइट (height) सेट करनी होगी -- अर्थात, गाइड लाइनों के बीएच की दूरी को पेन की निब की चौड़ाई से नापना। (इस समीकरण में आपके पेन की टिप के सबसे चौड़े भाग की चौड़ाई 1 “निब” के बराबर होती है)। आम तौर पर गाइडलाइनों के बीच की दूरी 5 निब रखी जाती है।[१०]
- गाइडलाइनों में बेसलाइन, वेस्टलाइन (waistline) तथा असेंडिंग और डिसेंडिंग (ascending and descending) लाइनें होती हैं।
- बेसलाइन वह लिखने वाली लाइन होती है जिस पर सभी अक्षर टिकते हैं।
- वेस्टलाइन वह लाइन होती है जो बेसलाइन के ऊपर होती है, जिसकी उससे दूरी अक्षर की ऊँचाई पर निर्भर करती है (इस केस में बेसलाइन से 5 निब ऊपर)।
- असेंडिंग लाइन वह ऊँचाई चिन्हित करती है जहां तक सभी असेंडिंग अक्षर (जैसे छोटा “h” या “l”) जाते हैं। यह वेस्टलाइन से 5 निब (या जो भी निब हाइट आप इस्तेमाल कर रहे हों) ऊपर होगी।
- डिसेंडिंग लाइन वहाँ होती है जहां तक डिसेंडिंग अक्षर (जैसे छोटा “g” या “p”) बेसलाइन से नीचे पहुँचते हैं। इस उदाहरण में यह बेसलाइन से 5 निब नीचे होगी।
- स्वयं को और अपने पेन को पोज़ीशन करिए: जैसा कि किसी भी स्टाइल की राइटिंग को सुधारने के लिए कहा जाता है, पाँव ज़मीन पर रख कर और पीठ सीधी रख कर (मगर असुविधाजनक तरह से अकड़ कर नहीं) बैठिए। वैसे ही, पेन को ऐसे पकड़िए कि वह आपके नियंत्रण में हो, मगर उसे जकड़ मत लीजिये, वरना आपके हाथ में ऐंठन आ जाएगी।[११]
- कैलीग्राफ़ी के लिए आवश्यक है कि आप अपने पेन की निब को 45 अंश के कोण पर पकड़ें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपने अपने पेन को 45 अंश के कोण पर पकड़ा हुआ है, पेंसिल से एक समकोण (90 अंश) बनाइये। समकोण को आधा काटते हुये कोने में से एक लाइन ऊपर को खींचिए। अगर यह पतली लाइन बनती है तब आपने अपने पेन को ठीक से पकड़ा हुआ है।[१२]
- प्राइमरी (primary) स्ट्रोक्स का अभ्यास करिए: कैलीग्राफ़ी में इनमें शामिल होते हैं वर्टिकल (vertical) डाउनस्ट्रोक (downstroke), पुश/पुल स्ट्रोक, और ब्रांचिंग (branching) स्ट्रोक।[१३]
- वर्टिकल डाउनस्ट्रोक के लिए असेंडिंग लाइन से बेसलाइन तक और वेस्टलाइन से बेसलाइन तक मोटी, सीधी लाइनें खींचने का अभ्यास करिए। थोड़े अभ्यास के बाद लाइन को थोड़ा सा आगे को झुका दीजिये। बाद में आप अपने डाउनस्ट्रोकों के शुरू और अंत में “टेल्स (tails)” (छोटे बारीक लाइनों के स्ट्रोक्स) तो लगाएंगे, मगर इन्हें बाद के अभ्यास के लिए रख लीजिये।
- पुश-पुल स्ट्रोक्स के लिए, वेस्टलाइन के साथ छोटी हॉरिज़ोनटल (horizontal) लाइनें बनाइये। इस स्ट्रोक से छोटे “a,” “g” के उपर वाला भाग तथा “t” का क्रॉस वगैरह बनेगा। आप चाहें तो इस स्ट्रोक में एक लहर और/या टेल वगैरह शामिल कर सकते हैं, मगर पहले बस एक लाइन पर ही टिके रहिए।
- ब्रांचिंग स्ट्रोक के लिए बेसलाइन से असेंडिंग लाइन तक और वेस्टलाइन से बेसलाइन तक थोड़ी आगे को झुकी हुई घुमावदार लाइन बनाइये। उदाहरण के लिए, इस मोशन (motion) का इस्तेमाल छोटा “n” और “v” बनाने के लिए करेंगे। लाइनों को मोटी से शुरू करके पतली पर समाप्त या पतली से शुरू करके मोटी पर समाप्त करने का अभ्यास करिए – आपको दोनों करने में सक्षम होना चाहिए।
- जैसे-जैसे आप इन मोशन्स में सुधरते जाएँ, वास्तविक अक्षर बाने से पहले, बॉक्स, त्रिकोण और ओवल (oval) जैसे आकार बनाइये। 45 अंश का कोण बनाए रखने पर विशेष ध्यान दीजिये।
- जितना समय लगे लगाइए: कर्सिव के विपरीत, कैलीग्राफ़ी में प्रत्येक अक्षर पर एक या अधिक बार पेन को उठाना पड़ सकता है। जब आप अक्षरों का अभ्यास करने तक पहुँच जाएँ तब अक्षर बनाने के लिए आवश्यक प्रत्येक स्ट्रोक पर ध्यान दीजिये। पहेली के हर हिस्से को सही जगह बैठा दीजिये और फिर अक्षर की संरचना करिए।
- किसी कक्षा में शामिल होने पर विचार करिए: अगर आप कैलीग्राफ़ी सीखने के बारे में गंभीर हैं, तब शायद आप चाहेंगे कि किसी आर्ट स्कूल में या कम से कम किसी सामुदायिक केंद्र पर कैलीग्राफ़ी क्लासों में शामिल हों। कैलीग्राफ़ी वास्तव में एक कला फ़ॉर्म है, और कैलीग्राफ़ी के आकांक्षी के लिए उचित निर्देशन बहुत सहायक हो सकता है। मगर अपने आप सीखी गई कैलीग्राफ़ी भी बहुत सुंदर हो सकती है और आम तौर पर आपकी राइटिंग सुधार सकती है।
सलाह
- जल्दी मत करिए। तेज़ लिखाई गंदी हो सकती है।
- राइटिंग के ऐसे स्टाइल की नकल करने का प्रयास करिए जो आपको अच्छा लगता हो। यह कठिन हो सकता है, और इसके लिए बहुत एकाग्रता और अभ्यास की ज़रूरत पड़ सकती है, मगर यह उसके लायक हो सकता है।
- जैसे-जैसे आप बेहतर होते जाएँ, वैसे-वैसे गति बढ़ाने का प्रयास करिए।
- स्पष्टता के लिए लेआउट (Layout) महत्वपूर्ण हो सकता है – जगह घिरने से मत घबराइए। लाइनें छोड़िए, पैराग्राफों (paragraphs) का इस्तेमाल करिए और यह सुनिश्चित करिए कि शब्दों के बीच में जगह रहे।
- लिखते समय, पेंसिल अपने डॉमिनेंट (dominant) हाथ में रखिए और इधर उधर की आवाज़ों को बंद कर दीजिये। इससे आपको एकाग्रता पाने में मदद मिलेगी।
- अगर आप सादे काग़ज़ पर लिखना चाहते हैं तब उसके नीचे एक लाइनों वाला काग़ज़ रख दीजिये और आप लाइनों को देख पाएंगे।
- हैंडराइटिंग बुक खरीद कर उसका इस्तेमाल करिए। पूरी की पूरी।
- कुछ लोगों के लिए (लकड़ी की पेंसिल की जगह) मेकेनिकल पेंसिल से लिख पाना अधिक आसान हो सकता है।
- यह सलाह दी जाती है कि लिखने से पहले रिलैक्सड (relaxed) रहिए और अपनी कलाइयों तथा कोहनियों को थोड़ा हिलाइए डुलाइए, इससे आपकी पेंसिल में शब्दों का अच्छा प्रवाह आयेगा।
रेफरेन्स
- ↑ http://www.makeuseof.com/tag/cursive-writing-obsolete-schools-teach-programming-instead/
- ↑ http://www.telegraph.co.uk/lifestyle/9667351/Have-beautiful-handwriting-by-Christmas.html
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- ↑ http://www.businessinsider.com/tips-to-improve-handwriting-2014-7
- ↑ http://design.tutsplus.com/articles/mastering-calligraphy-how-to-write-in-cursive-script--vector-25716
- ↑ http://www.paperpenalia.com/handwriting.html
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- ↑ http://www.telegraph.co.uk/lifestyle/9667351/Have-beautiful-handwriting-by-Christmas.html
- ↑ http://design.tutsplus.com/articles/mastering-calligraphy-how-to-write-in-cursive-script--vector-25716