कैसे ख़रगोश के नवजात बच्चों की देखभाल करें

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अगर आपको पता चलता है कि आपकी पालतू मादा खरगोश प्रेग्नेंट है, तो आप क्या करेंगे? आपको कुछ बातों की मालूमात होनी चाहिए, ताकि गर्भावस्था में मादा खरगोश और उसके पिंजरे को ठीक-ठाक रखा जा सके और इसके साथ-साथ खरगोश के नवजात बच्चों की देखभाल और सेहत के सही होने को सुनिश्चित किया जा सके।

भाग 1
भाग 1 का 2:

खरगोश के नवजात बच्चों के आने की जरूरी तैयारियां करें

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 माँ खरगोश को पोषक आहार खिलाएं:
    मादा खरगोश जब प्रेग्नेंट हो या बच्चों को दूध पिला रही हो, ऐसे समय में इसकी खुराक में ज्यादा बदलाव नहीं होना चाहिए, बल्कि हर वक़्त की तरह इस वक़्त भी इसको उच्च गुणवत्ता के पोषक आहार की जरूरत होगी। इसलिए इसके आहार की पोषकता कि जांच करें और नीचे बताए हुए पोषक-तत्वों का ख़ुराक में खास ध्यान रखें:
    • 16 से 18 फ़ीसदी प्रोटीन
    • 18 से 22 फ़ीसदी फाइबर
    • 3 फीसद या इससे भी कम फैट
    • इसके पीने के लिए हर समय साफ पानी मौजूद होना चाहिए, जिसे आपको दिन में दो-तीन बार बदलना होगा।
    • जब वह बच्चों को दूध पिला रही हो, तो प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए आप उसके आहार में अलफल्फा (alfalfa) घास का भूसा भी शामिल कर सकते हैं।[१]
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 ऐसे समय में इसको नर खरगोश से अलग रखा जाए:
    वैसे नर खरगोश बच्चों को किसी किस्म का नुकसान नहीं पहुंचाते, लेकिन यह मादा खरगोश को दोबारा प्रेग्नेंट कर सकता है, जबकि वह अभी बच्चों को दूध पिला रही है। ऐसा होने पर वह पहले बच्चों को दूध पिलाने के काल के दौरान ही प्रेग्नेंट होकर दोबारा बच्चे दे देगी, जिससे पहले से मौजूद बच्चे पर्याप्त दूध नहीं पी पाएंगे। इसलिए जब बच्चों के जन्म का समय नज़दीक आने लगे, तो ऐसी स्थिति से बचने के लिए नर ख़रगोश को अलग कर दिया जाए।[२]
    • आप नर खरगोश को दूसरे पिंजरे में रखकर इसे मादा खरगोश के करीब रख सकते हैं, ताकि वह मादा के संपर्क में रह सके। क्योंकि खरगोश नाजुक मिज़ाज जानवर है, इसलिए नर‌ के संपर्क में रहने से मादा प्रेगनेंसी और बच्चों को जन्म देने के समय अनावश्यक तनाव से बच सकेगी।[३]
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 माँ खरगोश के लिए घोंसला तैयार करें:
    खरगोश के नवजात बच्चे बिना रोएँ के पैदा होते हैं और उन्हें लगातार गर्माहट की जरूरत होती है। घोंसला बनाने से बच्चे एक जगह इकट्ठे रह सकेंगे और उन्हें घोंसले से गर्माहट भी मिल सकेगी। इसके लिए आप कार्ड-बोर्ड के डिब्बे का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो आकार में मादा खरगोश से थोड़ा बहुत बड़ा हो और इसके ऊपर एक इंच के किनारे हों ताकि बच्चे डिब्बे से बाहर ना निकल सकें।[४]
    • इसके अंदर थोड़ी बहुत घास रखी जाए, लेकिन ध्यान रहे कि घास में कीटनाशक ना मिला हुआ हो। इसके तले में बिछाने के लिए थोड़ा बहुत भूसा या सूखी घास भी लें।[५] तले में साफ-सुथरा तौलिया बिछाकर इसके ऊपर भूसा या सूखी घास डाली जाए, पर ध्यान रहे कि तौलिये में धागे ना निकले हुए हों, जिसमें बच्चे फंस सकते हैं।[६]
    • मादा खरगोश उसके अनुसार घोंसले को जमा लेगी और इसके अंदर अपने शरीर के रोएं को भी छड़ा कर मिला लेगी, जो इस बात का संकेत है कि बच्चों का जन्म अब बहुत करीब है।[७]
    • इस बात का ध्यान रखें कि पिंजरे में घोंसले को माँ के मल मूत्र वाले डिब्बे से दूर ही रखा जाए, ताकि बच्चों को किसी भी तरह की उलझन ना हो।
    • आप इसके पिंजरे को किसी शांत और अंधेरी जगह पर रख दें। इसके और बच्चों के पास ज्यादा हलचल से यह तनाव में आ जाएगी।[८]
भाग 2
भाग 2 का 2:

खरगोश के नवजात बच्चों की देखभाल करें

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 बच्चों की जांच करें:
    मादा खरगोश का गर्भकाल 31 से 33 दिनों का होता है।[९] इन्हें बच्चों को जन्म देते समय किसी भी तरह की मदद की जरूरत नहीं होती और यह आमतौर पर रात में या बिल्कुल सुबह के समय बच्चों को जन्म देती हैं। जिसका मतलब किसी भी सुबह आपको इसके घोंसले में बच्चे नजर आ सकते हैं। बच्चों के दिखाई देने पर फौरन इनकी जांच करें और सुनिश्चित करें कि सारे बच्चे जिंदा हैं। अगर कोई बच्चा मरा हुआ हो, तो माँ खरगोश को खाने के बहाने अलग हटाकर उस बच्चे को दूसरे बच्चों से अलग कर दें।
    • जन्म के बाद घोंसले में मौजूद गंदगी को भी साफ किया जाए।
    • बच्चों को हाथ में लेते समय घबराए नहीं, क्योंकि माँ खरगोश पहले से ही आपके हाथों की गंध को पहचानती है।
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 अगर जरूरत हो तो बच्चों को गर्माहट दें:
    अगर माँ खरगोश ने किसी बच्चे को घोंसले के बाहर जन्म दिया है, तो इस बच्चे को उठाकर घोंसले में रखें। ऐसा भी हो सकता है कि बच्चे का शरीर ठंडा हो और उसे गर्माहट की जरूरत हो। इसको सुरक्षित ढंग से करने के लिए एक बोतल में गर्म पानी भरें, लेकिन ध्यान रहे कि पानी ज्यादा गर्म ना हो और फिर बोतल को घोंसले में तौलिये के नीचे रखें। इस बात को सुनिश्चित करें कि बच्चे बोतल से सीधा संपर्क में ना आएं, क्योंकि यह इनके शरीर के मुकाबले में ज्यादा गर्म होगी।
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 माँ खरगोश की हर समय खाने और पानी तक पहुंच हो:
    माँ खरगोश की पहुंच में हर समय खाना और पानी होना चाहिए, ताकि बच्चों को दूध पिलाते समय जब भी वह चाहे अपनी मर्जी से खाना खा सकें।[१०] यह सब इस बात को सुनिश्चित करने के लिए है कि इसके शरीर में बच्चों के पीने के लिए पर्याप्त दूध बन सके। इसको रोजाना खूब सारा ताजा खाना दिया जाए और समय-समय पर ताजा पानी पीने को रखा जाए, क्योंकि इन दिनों यह सामान्य से बहुत ज्यादा पानी पीती हैं।
    • माँ खरगोश को पर्याप्त पोषण मिल रहा है इस बात को सुनिश्चित करने से माँ खरगोश के नरभक्षी बनकर अपने बच्चों को खाने की संभावना को कम किया जा सकता है।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 बच्चों की देखभाल के संकेत देखें:
    खरगोश की प्रवृत्ति में है कि यह ज्यादातर समय अपनी मांद से दूर ही रहते हैं, इसलिए अगर आप माँ खरगोश को बच्चों की देखभाल करते हुए ना देखें, तो घबराने की जरूरत नहीं है। यह दिन में सिर्फ एक या दो बार ही बच्चों को दूध पिलाने आती हैं।[११] इसलिए संकेतों को देखकर सुनिश्चित करें कि बच्चों की देखभाल की जा रही है। बच्चों के शरीर का गर्म मिलना और उनके पेट बाहर की ओर गोल उभरे हुए नजर आना इस बात का संकेत है कि इनकी सही ढंग से देखभाल की जा रही है।[१२] अगर यह बिल्ली के बच्चों की तरह आवाज नहीं निकाल रहे हैं और शांत हैं, तो इसका मतलब इनकी सही तरीके से देखभाल हो रही है।[१३]
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 माँ के द्वारा...
    माँ के द्वारा बच्चों की देखभाल ना करने पर फौरन अपने पशु चिकित्सक से संपर्क करें: अगर बच्चे कमजोर हैं और हाथ में लेने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं कर रहे हैं और इनके पेट अंदर की ओर दबे हुए हैं और अगर इनकी त्वचा मुरझाई हुई है, जो डिहाइड्रेशन की वजह से होती है। इसका मतलब है कि माँ बच्चों की सही से देखभाल नहीं कर रही है। ऐसे में आपको फौरन अपने पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
    • अगर माँ खरगोश घोंसले का रखरखाव कर रही है और साथ में उसने घोंसले में अपने शरीर के रोएँ को भी मिला दिया है, तो इसका मतलब है कि वह अपने बच्चों का ध्यान रख रही है। इस छोटी सी समस्या को पशु चिकित्सक थोड़ी सी ऑक्सीटॉसिन (oxytocin) दवा देकर हल कर सकता है, ताकि दूध की मात्रा को बढ़ाया जा सके।[१४]
    • अगर मादा खरगोश ने एक बार में 8 से ज्यादा बच्चों को जन्म दिया है, तो आपको अपने पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि माँ खरगोश के लिए इतने बच्चों की एक साथ देखभाल करना मुश्किल हो सकता है। अगर माँ खरगोश ने एक बार में 8 से ज्यादा बच्चों को जन्म दिया है या उसने बच्चों को नकार दिया है और उनकी देखभाल नहीं कर रही है, तो ऐसे में आपको आपका पशु चिकित्सक बच्चों को बोतल से दूध पिलाने कि सलाह दे सकता है। हालांकि बोतल से दूध पिलाने के नतीजे कुछ खास कारगर साबित नहीं होते, क्योंकि कोई भी दूध का फार्मूला नवजात खरगोश के बच्चों के लिए 100 फ़ीसदी अनुकूल नहीं है।
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 घोंसले वाले डिब्बे को साफ सुथरा रखें:
    जब तक खरगोश के बच्चे घोंसले से बाहर निकलने के क़ाबिल नहीं होते, तब तक वह डिब्बे में मल-मूत्र करते हैं। इसलिए आपको डिब्बे की हर रोज साफ सफाई करनी होगी, ताकि डिब्बे का तला और तौलिया सूखा और साफ-सुथरा बना रहे।
  7. How.com.vn हिन्द: Step 7 बच्चों को ख़ुराक का आदी बनाएं:
    खरगोश के बच्चे 2 हफ्ते के होते ही पेलेट्स (pellets) यानी चारे की गोलियां खाना शुरू कर देते हैं।[१५] लेकिन फिर भी वह अगले 8 हफ्ते तक दूध पीते रहते हैं।[१६] इस समय में इनका धीरे-धीरे दूध पीना कम होता जाता है और पेलेट्स को खाने की मात्रा बढ़ती जाती है, लेकिन इस समय में इनका दूध पीना जरूरी होता है, जिससे इनके शरीर में जीवाणुओं के खिलाफ एंटीबॉडीज (antibodies) बनती हैं।[१७] अगर वह जल्दी दूध पीना छोड़ देंगे, तो इनके शरीर में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडीज नहीं बन पाएंगी, जिससे इनका शरीर कमजोर रह जाएगा।
    • इनको शुरुआती कुछ महीनों तक हरा चारा खिलाने से बचाया जाए, जिसको हजम करना इनके लिए थोड़ा मुश्किल होता है। जब बच्चे 2 महीने के हो जाएं, तो इनको हरा चारा और सब्जियां खाने का आदि बनाने के लिए, एक बार में किसी एक सब्जी से शुरुआत करें, लेकिन अगर वह सब्जी खाने से हाज़में की कोई परेशानी या दस्त की समस्या हो, तो फौरन इसको खुराक में से हटा दिया जाए।[१८] आप गाजर, रोमन लेटस (romaine lettuce), और गोभी से शुरुआत कर सकते हैं।[१९]
  8. How.com.vn हिन्द: Step 8 बच्चों को 8...
    बच्चों को 8 हफ्ते का होने तक बड़ी एहतियात से पकड़े: जब तक बच्चे दूध पीना नहीं छोड़ते, तब तक वह बैक्टीरिया और बीमारियों के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं, खासतौर पर ई.कोली (E. coli) के प्रति, जो इनको कुछ ही घंटों में मार सकता है।[२०] जब तक बच्चे दूध पीना नहीं छोड़ते, तब तक इनको हाथ धोकर ही पकड़ा जाए। दूध पीना छोड़ने के बाद कोशिश करें कि इनको कम से कम ही हाथ में लिया जाए, नहीं तो यह आपके हाथों के आदी हो जाएंगे।

सलाह

  • अगर माँ बच्चों के साथ वक्त नहीं गुज़ार रही है, तो बेफिक्र रहें। कुत्ते और बिल्लियों की तरह खरगोश बच्चों के साथ समय नहीं गुजारा करते, क्योंकि ऐसा करने से जंगल में जंगली जानवर इनकी मांद की ओर आकर्षित हो सकते हैं। खरगोश मांद में दिन में सिर्फ एक या दो बार ही बच्चों को दूध पिलाने के लिए जाया करते हैं।
  • अगर बच्चा मर जाए या उसका शरीर ठंडा पड़ जाए,तो हमेशा उसको पुनर्जीवित करने की कोशिश की जाए।
  • पैदा होते समय खरगोश के बच्चों की आंखें बंद होती हैं और इनके शरीर पर रुआँ भी नहीं होता।
  • खरगोश ने कितने बच्चों को जन्म दिया है, यह बात इसकी प्रजाति पर निर्भर करती है। (बड़ी प्रजाति के खरगोश 1 से 12 एवं छोटी प्रजाति के खरगोश एक से 10 तक बच्चों को जन्म देते हैं।)
  • खरगोश के बच्चों की आंखें 10 से 12 दिनों के बाद खुलती हैं।
  • माँ खरगोश अपने बच्चों को कभी भी नहीं उठाया करतीं, इसलिए अगर कभी बच्चा डिब्बे से बाहर निकल जाए, तो इसको उठाकर वापस डिब्बे में रख दें। परेशान ना हों, आपके हाथ लगाने के बाद भी माँ अपने बच्चे का ध्यान रखेगी।
  • आमतौर पर खरगोश के जन्में पहले बच्चों की मृत्यु हो जाती है, तो अगर आप खरगोश के बच्चे चाहते हैं तो उम्मीद ना छोड़े! चार से पांच बार बच्चों को जन्म देने के बाद ही बहुत सी मादा खरगोश इनकी देखभाल करने की आदि हो पाती हैं।
  • अगर आपको पक्का यकीन हो गया है कि माँ खरगोश दिन में 5 मिनट भी बच्चों की देखभाल करने नहीं आ रही है, तो आपको उसे पकड़कर बच्चों के पास रखना होगा, ताकि वह इनकी देखभाल कर सके।
  • अगर आपकी मादा खरगोश दिन के अलग-अलग समय एक ही जगह को खोद रही है और फिर उसके ऊपर मिट्टी, कपड़ा, घास, जड़ें और सूखे पत्ते डाल रही है, तो हो सकता है कि इसने उस गड्ढे में बच्चों को जन्म दे दिया हो और बच्चों को दूध पिलाने के बाद वह बच्चों की सुरक्षा के लिए गड्डे के दहाने को मिट्टी से ढक रही हो।

विकीहाउ के बारे में

How.com.vn हिन्द: Pippa Elliott, MRCVS
सहयोगी लेखक द्वारा:
पशु चिकित्सक, रॉयल कॉलेज ऑफ़ वेटेरिनरी सर्जन
यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Pippa Elliott, MRCVS. डॉ. इलियट एक पशुचिकित्सक हैं जिनके पास तीस से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने 1987 में ग्लासगो यूनिवर्सिटी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, और 7 साल तक एक पशुचिकित्सक सर्जन के रूप में काम किया। इसके बाद, डॉ. इलियट ने एक पशु चिकित्सालय में एक दशक तक पशु चिकित्सक के रूप में काम किया। यह आर्टिकल ४८,४६१ बार देखा गया है।
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