कैसे फॉर्डाइस स्पॉट्स (fordyce spots) से छुटकारा पायें

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फॉर्डाइस स्पॉट्स (या ग्रेन्युल) छोटे-छोटे, उठे हुए, पीले-लाल या सफ़ेद उभार होते हैं जो लेबिया (महिला जननांग में), स्क्रोटम (पुरुष जननांग में), पेनिस के शाफ़्ट या लिप्स के बॉर्डर्स पर देखे जा सकते हैं | विशेषरूप से, ये दिखाई देने वाली सिबेसियस ग्लैंड्स (sebaceous glands) होती हैं जो हेयर्स और स्किन के लिए ऑइल स्त्रावित करती हैं |[१] ये आमतौर पर प्युबेर्टी या किशोरावस्था में दिखाई देते हैं और पूरी तरह से हानिरहित होते हैं क्योंकि ये संक्रामक नहीं होते और हर्पीस और जेनाइटल वार्ट्स की तरह STDs (सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज) नहीं होते | इनमे किसी भी इलाज़ की जरूरत नहीं होती लेकिन आमतौर पर सौन्दर्य की दृष्टी से इन्हें हटाया जाता है | लेज़र और दूसरे सर्जिकल ट्रीटमेंट्स ही इनमे सबसे इफेक्टिव मेडिकल ट्रीटमेंट साबित होते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 2:

फॉर्डाइस स्पॉट्स से छुटकारा पायें

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें:
    अगर आपको अपने जेनाइटल एरिया पर या होंठों के बॉर्डर्स के आसपास ऐसे छोटे-छोटे उभार दिखाई दें जो नहीं हट रहे हों या आपको उनसे परेशानी हो रही हो तो किसी स्किन स्पेशलिस्ट या डर्मेटोलॉजिस्ट को दिखाएँ | डर्मेटोलॉजिस्ट आपकी कंडीशन को डायग्नोज़ करेंगे और आपकी शंका दूर करेंगे क्योंकि ये स्पॉट्स कई बार छोटे वार्ट्स या हर्पीस की शुरूआती स्टेज जैसे दिखाई देते हैं | फॉर्डाइस स्पॉट्स होना बहुत ही आम बात है और ये लगभग 85% लोगों को उनके जीवनकाल में कभी न कभी होते हैं | ये महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा देखे जाते हैं |[२]
    • यह जानना बहुत जरुरी है कि ये स्पॉट्स हानिरहित, दर्दरहित होते हैं, संक्रामक नहीं होते और इनमे इलाज़ की जरूरत नहीं होती | इन्हें केवल सौन्दर्य की दृष्टी से ही हटाया जाता है |
    • जब स्किन स्ट्रेच की जाती है तो फॉर्डाइस स्पॉट्स ज्यादा बेहतर रूप से दिखाई देते हैं और केवल इरेक्शन के दौरान (पुरुषों में) या प्युबिक हेयर मैनेजमेंट (बिकिनी वैक्स) के दौरान महिलाओं में दिखाई देते हैं |
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 लेज़र ट्रीटमेंट के बारे में जानें:
    अगर आप कॉस्मेटिक रीज़न के कारण कुछ फॉर्डाइस स्पॉट्स को रिमूव कराना चाहते हैं तो डर्मेटोलॉजिस्ट से लेज़र ट्रीटमेंट के बारे में पूछें जो इनसे और कुछ दूसरी स्किन कंडीशन से छुटकारा पाने की सबसे कॉमन मेथड है |[३] कार्बनडाईऑक्साइड (CO2) जैसे वाष्पीकृत लेज़र ट्रीटमेंट का इस्तेमाल फॉर्डाइस स्पॉट्स को सफलतापूर्वक हटाने के लिए किया जाता है लेकिन पल्स डाई लेज़र (Pulsed dye laser) से भी इन्हें रिमूव किया जा सकता है | डॉक्टर से अपने और अपने बजट के लिए उचित विकल्प के बारे में पूछें |
    • CO2 लेज़र को सबसे पहले गैस लेज़र के रूप में डेवलप किया गया था और इसके अलावा कई तरह की स्किन कंडीशन के लिए आजकल हाईएस्ट-पॉवर कंटीन्यूअस वेव लेज़र ट्रीटमेंट (highest-power continuous wave laser treatment) का इस्तेमाल किया जाता है |
    • लेकिन, CO2 लेज़र के इस्तेमाल के बाद स्किन पर स्कार्स रह जाते हैं इसलिए ये चेहरे के फॉर्डाइस स्पॉट्स के लिय उचित नहीं है |
    • इसके विपरीत, पल्स डाई लेज़र आमतौर पर CO2 लेज़र से ज्यादा महंगा होता है लेकिन इससे स्कार्स होने की संभावना बहुत कम होती है |
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 माइक्रो-पंच ट्रीटमेंट पर विचार करे:
    माइक्रो-पंच सर्जरी एक ऐसी प्रोसीजर है जिसमे एक पेन जैसी डिवाइस को दबाकर स्किन में एक छोटा सा छेद बनाया जाता है और टिश्यू हटा दिए जाते हैं | इसका इस्तेमाल अधिकतर हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी में किया जाता है लेकिन रिसर्च से पता चला है कि ये विशेषरूप से जननांगों के फॉर्डाइस स्पॉट्स को हटाने के लिए भी बहुत कारगर साबित हो सकते हैं |[४] CO2 लेज़र की तुलना में माइक्रो-पंच सर्जरी से स्कार्स बनने की संभावना बहुत कम होती है और इससे हटाये गये स्पॉट्स वापस नहीं आते जबकि CO2 लेज़र और पल्स डाई लेज़र ट्रीटमेंट से हटाये गये स्पॉट्स वापस आने की संभावना ज्यादा होती है |
    • माइक्रो-पंच सर्जरी के दर्द को हटाने के लिए एक लोकल एनेस्थेटिक की जरूरत होती है |
    • माइक्रो-पंच तकनीक से हटाये गये टिश्यू (लेज़र थेरेपी की तरह) नष्ट नहीं होते इसलिए वार्ट्स या कैंसर जैसी दूसरी सीरियस स्किन कंडीशन का पता लगाने के लिए इन्हें माइक्रोस्कोप के नीचे देखा जा सकता है |
    • माइक्रो-पंच ट्रीटमेंट आमतौर पर बहुत जल्दी हो जाता है और इससे एक ही मिनट में काफी सारे स्पॉट्स रिमूव किये जा सकते हैं | इसीलिए यह उन लोगों में लिए आइडियल है जिनके जननांगों या चेहरे पर बहुत सारे स्पॉट्स होते हैं |
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 डॉक्टर द्वारा दी...
    डॉक्टर द्वारा दी गयी टॉपिकल क्रीम का इस्तेमाल करें: कुछ ऐसे प्रमाण भी देखे गये हैं जो दर्शाते हैं कि किशोरावस्था, प्रेगनेंसी और मीनोपॉज (रजोनिवृत्ति) से ट्रिगर हुए हार्मोन असंतुलन से भी उसी तरह से फॉर्डाइस स्पॉट्स हो सकते हैं जैसे एक्ने (पिम्पल) होते हैं |[५] हालाँकि बाज़ार में कई तरह की क्रीम उपलब्ध होती हैं जिन्हें डॉक्टर एक्ने और स्किन के दूसरे दाग-धब्बों को दूर करने के लिए देते हैं, ये क्रीम इन स्पॉट्स पर भी काफी अच्छा असर दिखाती हैं | अपने डर्मेटोलॉजिस्ट से टॉपिकल ग्लूकोकॉर्टिकोइड्स (glucocorticoids), रेटिनॉल (retinol), क्लिंडामायसिन (clindamycin), पिमेक्रोलीमस (pimecrolimus) या बेन्जॉयल पेरोक्साइड जैसे प्रभावशाली टॉपिकल ऑइंटमेंट देने के लिए कहें |
    • क्लिंडामायसिन (clindamycin) क्रीम विशेषरूप से सूजी हुई सिबेसियस ग्लैंड्स का सामना करने के लिए मददगार साबित होती हैं लेकिन फॉर्डाइस स्पॉट्स में सूजन बहुत ही कम देखी जाती है |
    • युवा महिलाओं को ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव देकर इन स्पॉट्स को उसी तरह कम किया जा सकता है या हटाया जा सकता है जैसे एक्ने को हटाया जाता है |
    • CO2 लेज़र ट्रीटमेंट को अधिकतर ट्राइक्लोएसिटिक (trichloracetic) और बाईकलोरएसिटिक (bichloracetic) एसिड्स जैसे टॉपिकल एक्स्फोलीएटिंग एसिड्स के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है |[६]
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 फोटोडायनामिक थेरेपी के बारे में जानें:
    [७] फोटोडायनामिक थेरेपी एक लाइट-एक्टिवेटिड ट्रीटमेंट है | इसमें 5-एमिनोलेवुलिनिक (5-aminolevulinic) नामक मेडिकेशन को स्किन पर लगाया जाता है और उसे अंदर प्रवेश करने दिया जाता है | इसके बाद इसे ब्लू लाइट या पल्सड डाई लेज़र जैसे लाइट सोर्स से एक्टिवेट किया जाता है | इस ट्रीटमेंट से स्किन कैंसर और एक्ने का इलाज़ और रोकथाम भी की जाती है |
    • ध्यान रखें, यह ट्रीटमेंट काफी महंगा हो सकता है |
    • इस ट्रीटमेंट से स्किन अस्थायी रूप से धूप के प्रति ज्यादा सेंसिटिव हो जाती है |
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 आइसोट्रेटीनोइन (isotretinoin) का इस्तेमाल करें:
    [८] आइसोट्रेटीनोइन (isotretinoin) को कई महीनो तक लेना पड़ता है लेकिन इससे फॉर्डाइस स्पॉट्स के लिए लम्बे समय तक रहने वाले रिजल्ट्स मिल सकते हैं | यह ट्रीटमेंट एक्ने और सिबेसियस ग्लैंड्स की इसी तरह की दूसरी कंडीशन पर बहुत अच्छा काम करता है |
    • आइसोट्रेटीनोइन (isotretinoin) के कारण कुछ सीरियस रिस्क और साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जैसे, जन्मजात विकृतियों या बर्थ-डिफेक्ट की संभावना | इसलिए इसे केवल सीरियस कंडीशन में ही इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है और जो महिलाएं इसका इस्तेमाल कर रही हों, उन्हें इस्तेमाल के दौरान सेक्स या बर्थ कण्ट्रोल पिल्स लेने से बचना चाहिए |
  7. How.com.vn हिन्द: Step 7 क्रायोथेरेपी (cryotherapy) के बारे में जानें:
    क्रायोथेरेपी लिक्विड नाइट्रोजन के इस्तेमाल से उभारों या बम्प्स को फ्रीज़ करने की प्रोसेस है |[९] फॉर्डाइस स्पॉट्स से छुटकारा पाने के लिए अपने डर्मेटोलॉजिस्ट से इस ऑप्शन का इस्तेमाल करने की संभावनाओं के बारे में पूछें |
  8. How.com.vn हिन्द: Step 8 इलेक्ट्रोडेसीकेशन (electrodessication)/काउटराइजेशन (cauterization)...
    इलेक्ट्रोडेसीकेशन (electrodessication)/काउटराइजेशन (cauterization) के बारे में जानें: ये लेज़र थेरपी के ही प्रकार होते हैं जिनमे फॉर्डाइस स्पॉट्स को जला दिया जाता है | डर्मेटोलॉजिस्ट से पूछें कि क्या यह ऑप्शन आपके लिए उचित हैं या नहीं |
  9. How.com.vn हिन्द: Step 9 अच्छी हाइजीन रखने की कोशिश करें:
    कुछ लोगों में अपनी स्किन को साफ़ रखने और अतिरिक्त ऑयल्स और बैक्टीरिया से फ्री रखने पर बार-बार होने वाले फॉर्डाइस स्पॉट्स को कम करने में मदद मिल सकती है, विशेषरूप से किशोरावस्था और प्रेगनेंसी के दौरान, जब हार्मोन लेवल बहुत ज्यादा होते हैं लेकिन अधिकतर केसेस में पहले से मौजूद स्पॉट्स को हटाने के लिए यह विश्वसनीय उपाय नहीं है |[१०] अपने चेहरे और जननांगो को क्लेरीफायिंग एजेंट्स से क्लीन करने से पोर्स और सिबेसियस ग्लैंड्स के अवरोध खोलने में मदद मिल सकती है जिससे ब्लैक हेड्स/ पिम्पल्स होने से भी बचा जा सकता है |
    • अपने जननांगों और चेहरे को रेगुलर बेसिस पर अच्छी तरह से धोएं, विशेषरूप से एक्सरसाइज करने और पसीना आने के बाद |
    • स्किन को क्लीन करते समय लूफा पैड जैसे माइल्ड एक्स्फोलीएटिंग एजेंट्स का इस्तेमाल करें |
    • अगर आपके जननांगों पर फॉर्डाइस स्पॉट्स हैं तो प्युबिक एरिया को शेव न करें क्योंकि इससे स्पॉट्स और भी ज्यादा आसानी से दिखाई देने लगेंगे | इसके लिए लेज़र हेयर रिमूवल बेहतर चॉइस है |
विधि 2
विधि 2 का 2:

दूसरी स्किन कंडीशन और फॉर्डाइस स्पॉट्स में अंतर को समझें

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 फॉर्डाइस स्पॉट्स को हर्पीस न समझें:
    हालाँकि फॉर्डाइस स्पॉट्स भी हर्पीस वाले भागों (लिप्स और जननांगों के आसपास) की तरह शरीर में एकसमान एरिया पर देखे जाते हैं लेकिन ये बहुत ही अलग कंडीशन होती हैं | फॉर्डाइस स्पॉट्स की अपेक्षा हर्पीस लीजन लाल फफोले या अलसर की तरह दिखाई देते हैं और इनमे दर्द होने के पहले बहुत ज्यादा खुजली होती है जिसे आमतौर पर जलन के साथ दर्द के रूप में बताया जाता है |[११] इसके अलालवा, हर्पीस लीजन आमतौर पर फॉर्डाइसस्पॉट्स से ज्यादा बड़े होते हैं |
    • हर्पीस आमतौर पर हर्पीस सिम्प्लेस वायरस (या तो टाइप 1 या टाइप 2) के कारण होता है और बहुत ही संक्रामक होता है | इसके विपरीत फॉर्डाइस स्पॉट्स संक्रामक नहीं होते |
    • हर्पीस का संक्रमण होने के बाद, ये एरिया धुंधले हो जाते हैं और फिर केवल स्ट्रेस के समय में ही फिर से दिखाई देते हैं | फॉर्डाइस स्पॉट्स कई बार धुंधले पड़ जाते हैं लेकिन आमतौर पर ये परमानेंट ही होते हैं या उम्र के साथ और भी ज्यादा बढ़ जाते हैं |
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 फॉर्डाइस स्पॉट्स और...
    फॉर्डाइस स्पॉट्स और जेनाइटल वार्ट्स में अंतर पहचानें: फॉर्डाइसस्पॉट्स बहुत कुछ जेनाइटल वर्त्स की तरह दिखाई देते हैं, विशेषरूप से इनकी शुरूआती स्टेज में, जब वार्ट्स काफी छोटे होते हैं | दोनों ही कंडीशन जननांगों के आसपास दिखाई देती हैं | लेकिन, जेनाइटल वार्ट्स फॉर्डाइस स्पॉट्स की तुलना में बहुत ज्यादा बड़े हो जाते हैं और ये HPV या ह्यूमन पपिलिओमा वायरस के कारण होते हैं |[१२] HPV भी बहुत संक्रामक होता है और शुरुआत में स्किन से स्किन के कांटेक्ट होने पर फ़ैलता है, जैसे कटी हुई स्किन या छोटे घाव से |
    • जेनाइटल वार्ट्स बढ़ने पर फूलगोभी की तरह उभार वाले या छोटे तने की तरह आगे निकले हुए हिस्से के रूप में डेवलप होते हैं | इसके विपरीत, विशेषरूप से स्किन स्ट्रेच होने पर फॉर्डाइस स्पॉट्स अधिकतर "चिकन स्किन" या कई बार "रोंगटे (goose bumps)" की तरह दिखाई देते हैं |
    • जेनाईटल वार्ट्स अधिकतर गुदा एरिया पर फैलते हैं जहाँ फॉर्डाइस स्पॉट्स बहुत कम ही देखे जाते हैं |
    • जेनाईटल वार्ट्स से सर्विक्स का कैंसर होने की रिस्क बढ़ जाती है जबकि फॉर्डाइस स्पॉट्स कोई भी दूसरी स्किन कंडीशन के लिए जिम्मेदार नहीं होते |
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 फॉर्डाइस स्पॉट्स को...
    फॉर्डाइस स्पॉट्स को गलती से फ़ॉलीकुलाइटिस (folliculitis) न समझें: फ़ॉलीकुलाइटिस, हेयर फ़ॉलीकल्स का इंफ्लेमेशन होता है जो आमतौर पर वेजाइना की ओपनिंग वाले हिस्से और पेनिस के बेस पर दिखाई देता है |[१३] फ़ॉलीकुलाइटिस में प्युबिक हेयर फ़ॉलीकल्स के चारो ओर छोटे-छोटे पस से भरे पॉकेट बन जाते हैं | इनमे लगातार खुजली होती है और कई बार ये पीड़ादायक और लाल हो जाते हैं और इन्हें दबाने पर पस (मवाद) निकलता है जो बिलकुल पस वाले मुहांसों के समान दिखाई देते हैं | इसके विपरीत, फॉर्डाइस स्पॉट्स में खुजली बहुत कम ही देखने मिलती है, इनमे कभी दर्द नहीं होता और कभी-कभी इन्हें दबाने पर गाढा, ऑयली डिस्चार्ज निकल सकता है जैसे कि ब्लैकहेड्स में होता है | फ़ॉलीकुलाइटिस अधिकतर प्युबिक रीजन में शेविंग करने और हेयर फ़ॉलीकल्स के इर्रीटेड होने के कारण होती है | इसमें कई बार बैक्टीरिया भी होते हैं लेकिन इसे संक्रामक नहीं माना जाता |
    • फ़ॉलीकुलाइटिस को आमतौर पर टॉपिकल क्रीम या ओरल एंटीबायोटिक्स से और बेहतर हाइजीन मेन्टेन करने से (जैसे रेजर से शेविंग करना छोड़ने पर) सफलतापूर्वक ट्रीट किया जा सकता है |
    • फॉर्डाइसस्पॉट्स को दबाने की सिफारिश नहीं की जाती क्योंकि इससे उनमे सूजन आ सकती है और वे और बड़े दिखाई दे सकते हैं |

सलाह

  • अगर आपको अपने चेहरे या जननांगों के आसपास असामान्य बम्प्स दिखाई दें तो डॉक्टर को जरुर दिखाएँ |
  • भले ही फॉर्डाइस स्पॉट्स संक्रामक नहीं होते, फिर भी सुरक्षित सेक्स की प्रैक्टिस रखें | इस कंडीशन के बारे में अपने सेक्सुअल पार्टनर से ईमानदारी से रहें |
  • कुछ केसेस में, फॉर्डाइसस्पॉट्स उम्र के साथ पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं लेकिन कुछ बूढ़े लोगों में ये और भी ज्यादा बड़े हो सकते हैं |
  • एक अनुमान के मुताबिक महिलाओं की तुलना में पुरुषों में लगभग दोगुने फॉर्डाइस स्पॉट्स हो सकते हैं |[१४]

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विकीहाउ के बारे में

How.com.vn हिन्द: Laura Marusinec, MD
सहयोगी लेखक द्वारा:
डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन
यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Laura Marusinec, MD. डॉ. मारुसिनेक विस्कॉन्सिन में एक बोर्ड सर्टिफाइड पिडियाट्रिशियन है। उन्होंने 1995 में विस्कॉन्सिन स्कूल ऑफ मेडिसिन के मेडिकल कॉलेज से MD पूरी की। यह आर्टिकल ९,३०० बार देखा गया है।
श्रेणियाँ: स्वास्थ्य
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