अशोक कुमार (अभिनेता)

भारतीय अभिनेता

अशोक कुमार (बांग्ला: অশোক কুমার ; १३ अक्टूबर १९११, भागलपुर[1], कुमुद कुमार गांगुली - १० दिसम्बर २००१, मुंबई) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। सन् १९९९ में भारत सरकार ने उन्हें कला के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया। ये महाराष्ट्र राज्य से थे।

अशोक कुमार

१९४३ में निर्मित फ़िल्म किस्मत में कुमार
पेशा अभिनेता, चित्रकार
कार्यकाल १९३६ - १९९७
जीवनसाथी रत्तन बाई

व्यक्तिगत जीवन संपादित करें

हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री में दादा मुनि के नाम से मशहूर कुमार का जन्म एक मध्यम वर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था। इनके पिता कुंजलाल गांगुली पेशे से वकील थे[2]। अशोक कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मध्यप्रदेश के खंडवा शहर में प्राप्त की। बाद में उन्होंने अपनी स्नातक की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की। इस दौरान उनकी दोस्ती शशधर मुखर्जी से हुई। भाई बहनो में सबसे बड़े अशोक कुमार की बचपन से ही फ़िल्मों में काम करके शोहरत की बुंलदियो पर पहुंचने की चाहत थी, लेकिन वह अभिनेता नहीं बल्किनिर्देशक बनना चाहते थे। अपनी दोस्ती को रिश्ते में बदलते हुए अशोक कुमार ने अपनी इकलौती बहन की शादी शशधर से कर दी। सन 1934 में न्यू थिएटर में बतौर लेबोरेट्री असिस्टेंट काम कर रहे अशोक कुमार को उनके बहनोई शशधर मुखर्जी ने बाम्बे टॉकीज में अपने पास बुला लिया[2]

फिल्मी सफर संपादित करें

1936 में बांबे टॉकीज की फ़िल्म (जीवन नैया) के निर्माण के दौरान फ़िल्म के अभिनेता नजम उल हसन ने किसी कारणवश फ़िल्म में काम करने से मना कर दिया। इस विकट परिस्थिति में बांबे टॉकीज के मालिक हिमांशु राय का ध्यान अशोक कुमार पर गया और उन्होंने उनसे फ़िल्म में बतौर अभिनेता काम करने की पेशकश की। इसके साथ ही 'जीवन नैया' से अशोक कुमार का बतौर अभिनेता फ़िल्मी सफर शुरू हो गया।1937 में अशोक कुमार को बांबे टॉकीज के बैनर तले प्रदर्शित फ़िल्म 'अछूत कन्या' में काम करने का मौका मिला। इस फ़िल्म में जीवन नैया के बाद 'देविका रानी' फिर से उनकी नायिका बनी। फ़िल्म में अशोक कुमार एक ब्राह्मण युवक के किरदार में थे, जिन्हें एक अछूत लड़की से प्यार हो जाता है। सामाजिक पृष्ठभूमि पर बनी यह फ़िल्म काफी पसंद की गई और इसके साथ ही अशोक कुमार बतौर अभिनेता फ़िल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए।इसके बाद देविका रानी के साथ अशोक कुमार ने कई फ़िल्मों में काम किया। इन फ़िल्मों में 1937 में प्रदर्शित फ़िल्म इज्जत के अलावा फ़िल्म सावित्री (1938) और निर्मला (1938) जैसी फ़िल्में शामिल हैं। इन फ़िल्मों को दर्शको ने पसंद तो किया, लेकिन कामयाबी का श्रेय बजाए अशोक कुमार के फ़िल्म की अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया।इसके बाद उन्होंने 1939 में प्रदर्शित फ़िल्म कंगन, बंधन 1940 और झूला 1941 में अभिनेत्री लीला चिटनिश के साथ काम किया। इन फ़िल्मों में उनके अभिनय को दर्शको द्वारा काफी सराहा गया, जिसके बाद अशोक कुमार बतौर अभिनेता फ़िल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गए।अशोक कुमार को 1943 में बांबे टाकीज की एक अन्य फ़िल्म किस्मत में काम करने का मौका मिला। इस फ़िल्म में अशोक कुमार ने फ़िल्म इंडस्ट्री के अभिनेता की पांरपरिक छवि से बाहर निकल कर अपनी एक अलग छवि बनाई। इस फ़िल्म में उन्होंने पहली बार एंटी हीरो की भूमिका की और अपनी इस भूमिका के जरिए भी वह दर्शको का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे। किस्मत ने बॉक्स आफिस के सारे रिकार्ड तोड़ते हुए कोलकाता के चित्रा सिनेमा हॉल में लगभग चार वर्ष तक लगातार चलने का रिकार्ड बनाया।बांबे टॉकीज के मालिक हिमांशु राय की मौत के बाद 1943 में अशोक कुमार बॉम्बे टाकीज को छोड़ फ़िल्मिस्तान स्टूडियों चले गए। वर्ष 1947 में देविका रानी के बाम्बे टॉकीज छोड़ देने के बाद अशोक कुमार ने बतौर प्रोडक्शन चीफ बाम्बे टाकीज के बैनर तले मशाल जिद्दी और मजबूर जैसी कई फ़िल्मों का निर्माण किया।इसी दौरान बॉम्बे टॉकीज के बैनर तले उन्होंने 1949 में प्रदर्शित सुपरहिट फ़िल्म महल का निर्माण किया। उस फ़िल्म की सफलता ने अभिनेत्री मधुबाला के साथ-साथ पार्श्वगायिका लतामंगेश्कर को भी शोहरत की बुंलदियों पर पहुंचा दिया था।

फिल्म निर्माण संपादित करें

पचास के दशक में बाम्बे टॉकीज से अलग होने के बाद उन्होंने अपनी खुद की कंपनी शुरू की और जूपिटर थिएटर को भी खरीद लिया। अशोक कुमार प्रोडक्शन के बैनर तले उन्होंने सबसे पहली फ़िल्म समाज का निर्माण किया, लेकिन यह फ़िल्म बॉक्स आफिस पर बुरी तरह असफल रही। इसके बाद उन्होनें अपने बैनर तले फ़िल्म परिणीता भी बनाई। लगभग तीन वर्ष के बाद फ़िल्म निर्माण क्षेत्र में घाटा होने के कारण उन्होन अपनी प्रोडक्शन कंपनी बंद कर दी।1953 में प्रदर्शित फ़िल्म परिणीता के निर्माण के दौरान फ़िल्म के निर्देशक बिमल राय के साथ उनकी अनबन हो गई थी। जिसके कारण उन्होंने बिमल राय के साथ काम करना बंद कर दिया, लेकिन अभिनेत्री नूतन के कहने पर अशोक कुमार ने एक बार फिर से बिमल रॉय के साथ 1963 में प्रदर्शित फ़िल्म बंदिनी में काम किया यह फ़िल्म हिन्दी फ़िल्म के इतिहास में आज भी क्लासिक फ़िल्मों में शुमार की जाती है।1967 में प्रदर्शित फ़िल्म .ज्वैलथीफ. में अशोक कुमार के अभिनय का नया रूप दर्शको को देखने को मिला। इस फ़िल्म में वह अपने सिने कैरियर में पहली बार खलनायक की भूमिका में दिखाई दिए। इस फ़िल्म के जरिए भी उन्होंने दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया।अभिनय में आई एकरुपता से बचने और स्वंय को चरित्र अभिनेता के रूप में भी स्थापित करने के लिए अशोक कुमार ने खुद को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया। इनमें 1968 में प्रदर्शित फ़िल्म आशीर्वाद खास तौर पर उल्लेखनीय है। फ़िल्म में बेमिसाल अभिनय के लिए उनको सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस फ़िल्म में उनका गाया गाना रेल गाड़ी-रेल गाड़ी बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ।

दादामुनि और दूरदर्शन संपादित करें

1984 में दूरदर्शन के इतिहास के पहले शोप ओपेरा हमलोग में वह सीरियल के सूत्रधार की भूमिका में दिखाई दिए और छोटे पर्दे पर भी उन्होंने दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया। दूरदर्शन के लिए ही दादामुनि ने भीमभवानी बहादुर शाह जफर और उजाले की ओर जैसे सीरियल में भी अपने अभिनय का जौहर दिखाया।

पुरस्कार व सम्मान संपादित करें

अशोक कुमार को दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फ़िल्म फेयर पुरस्कार से भी नवाजा गया। पहली बार राखी 1962 और दूसरी बार आशीर्वाद 1968। इसके अलावा 1966 में प्रदर्शित फ़िल्म अफसाना के लिए वह सहायक अभिनेता के फ़िल्म फेयर अवार्ड से भी नवाजे गए। दादामुनि को हिन्दी सिनेमा के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ठ सहयोग के लिए 1988 में हिन्दी सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित अशोक कुमार भारतीय सिनेमा के एक प्रमुख अभिनेता रहे हैं। प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार भी इनके ही सगे भाई थे। लगभग छह दशक तक अपने बेमिसाल अभिनय से दर्शकों के दिल पर राज करने वाले अशोक कुमार का निधन १० दिसम्बर २००१ को हुआ[2]

प्रमुख फिल्में संपादित करें

वर्षफ़िल्मचरित्रटिप्पणी
1997आँखों में तुम हो
1996रिटर्न ऑफ ज्वैलथीफ
दुश्मन दुनिया काडॉक्टर
बेकाबू
1995जमला हो जमला
मेरा दामादअजीत खन्ना
1994यूंही कभी
1993आँसू बने अंगारे
1992हमला
1991मौत की सज़ा
आधि मिमांसा
1989ममता की छाँव में
क्लर्कभरत के पिता
अनजाने रिश्ते
दाना पानी
सच्चाई की ताकत
मज़बूर
1988फ़ैसलारहमान
भारत एक खोज
इन्तकाम
1987आवाम
हिफ़ाज़त
वो दिन आयेगा
वतन के रखवालेप्रोफेसर पीटर फ़र्नांडीज़
प्यार की जीत
मिस्टर इण्डियाप्रोफेसर सिन्हा
जवाब हम देंगे
सुपरमैन
1986भीम भवानी
प्यार किया है प्यार करेंगेअब्दुल रहमान
दहलीज़
कत्ल
असली नकली
शत्रुसुपरिटेन्डेन्ट पुलिस
1985एक डाकू शहर मेंपुलिस इंस्पेक्टर
दुर्गा
फिर आई बरसात
तवायफ़
1984दुनिया
फ़रिश्ताराय बहादुर
राम तेरा देशराम दास
हम लोग
राजा और राना
अकलमंदमेजर
गृहस्थीशंकर
हम रहे ना हम
1983महान
काया पलट
लव इन गोआ
हादसा
चोर पुलिस
प्रेम तपस्या
बेकरार
पसन्द अपनी अपनीशांतिलाल आनन्द
तकदीर
1982डायल 100
चलती का नाम ज़िन्दगी
संबंध
शक्ति
मेहंदी रंग लायेगी
दर्द का रिश्ता
अनोखा बंधन
1981जय यात्रारामनाथ वर्मा
महफ़िल
मान गये उस्ताद
शौकीनओम प्रकाश चौधरी
ज्योति
1980सौ दिन सास केकर्नल गुप्ता
जुदाईनिवृत्त न्यायाधीश उमाकांत वर्मा
खूबसूरत
ज्योति बने ज्वाला
आखिरी इंसाफ
ख़्वाब
साजन मेरे मैं साजन की
आप के दीवाने
टक्कर
नज़राना प्यार कामहेश कुमार गुप्ता
1979बगुला भगत
जनता हवलदार
अमर दीपडॉन (अतिथि पात्र)
1978खट्टा मीठा
तुम्हारे लियेडाक्टर वाचस्पति/वैद्यराज
अपना कानून
दो मुसाफ़िर
चोर के घर चोर
प्रेमी गंगाराम
अनमोल तस्वीर
फूल खिले हैं गुलशन गुलशनलाला गनपत राय
दिल और दीवार
1977अनुरोध
ड्रीम गर्लमिस्टर वर्मा
आनंद आश्रम
प्रायश्चित
चला मुरारी हीरो बनने
हीरा और पत्थर
मस्तान दादा
आनन्द आश्रमठाकुर
जादू टोना
सफेद झूठगुलाटी
1976भँवर
एक से बढ़कर एकराजा
शंकर दादासुपरिटेन्डेन्ट पुलिस
संतान
अर्जुन पंडित
आप बीती
रंगीला रतन
बारूद
1975आक्रमण
एक महल हो सपनों का
चोरी मेरा कामशंकर
मिली
छोटी सी बात
उलझन
दफ़ा ३०२
1974खून की कीमत
पैसे की गुड़िया
बढ़ती का नाम दाढ़ी
उजाला ही उजालाप्रोफेसर श्यामलाल गुप्ता
प्रेम नगर
दुल्हन
दो आँखें
1973हिफ़ाज़त
टैक्सी ड्राइवर
बड़ा कबूतर
दो फूल
धुंध
1972दिल दौलत दुनिया
राखी और हथकड़ी
रानी मेरा नाम
सा रे गा मा पा
विक्टोरिया नम्बर २०३राजा
मालिक
सज़ा
गरम मसाला
ज़मीन आसमानशांति स्वरूप
अनुरागमिस्टर राय/दादाजी
ज़िन्दगी ज़िन्दगीचौधरी रामप्रसाद
1971अधिकार
नया ज़माना
दूर का राही
पाकीज़ाशहाबुद्दीन
कंगन
हम तुम और वो
1970पूरब और पश्चिम
माँ और ममताविलियम
सफर
शराफ़त
जवाबजमींदार उमा शंकर
1969सत्यकाम
आराधना
प्यार का सपना
भाई बहनराजा विक्रम प्रताप
इंतकामहीरालाल मेहरा
पैसा या प्यार
दो भाई
आँसू बन गये फूल
1968आशीर्वादशिव नाथफ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार
एक कली मुस्काई
साधू और शैतान
दिल और मोहब्बत
आबरू
1967ज्वैलथीफअर्जुन सिंह
बहू बेगमनवाब सिकन्दर मिर्ज़ा
नई रोशनी
(1967 फ़िल्म)मुखर्जी
मेहरबाँ
1966अफ़साना
तूफान में प्यार कहाँ
ये ज़िन्दगी कितनी हसीन है
दादी माँ
ममतामनीष रॉय
1965आधी रात के बाद
भीगी रात
ऊँचे लोगमेजर चन्द्रकाँत
(1965 फ़िल्म)
नया कानून
आकाशदीप
बहू बेटीजज
चाँद और सूरज
1964क्रॉसरोड्स
चित्रलेखा
पूजा के फूल
बेनज़ीरनवाब
फूलों की सेजडॉक्टर वर्मा
दूज का चाँद
1963बन्दिनी
गृहस्थीहरीश चन्द्र खन्ना
ये रास्ते हैं प्यार के
उस्तादों के उस्ताद
गुमराहबैरिस्टर अशोक
मेरी सूरत तेरी आँखें
मेरे महबूब
आज और कल
1962आरती
बर्मा रोड
इसी का नाम दुनिया
मेहेंदी लगी मेरे हाथ
प्राइवेट सेक्रेटरी
उम्मीद
नकली नवाब
राखीफ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार
1961धर्मपुत्र
फ्लैट नम्बर ९
वारंट
डार्क स्ट्रीट
1960मासूम
आँचल
काला आदमी
कानूनजज बद्री प्रसाद
हौस्पिटल
कल्पनाअमर
1959धूल का फूल
बाप बेटे
डाका
नई राहें
कंगन
बेदर्द ज़माना क्या जाने
1958फ़रिश्ता
कारीगर
रागिनी
सितारों के आगे
हावड़ा ब्रिज
चलती का नाम गाड़ीब्रिजमोहन शर्मा
सवेरा
1957शेरू
एक सालसुरेश कुमार
तलाश
बंदीशंकर
उस्ताद
मिस्टर एक्स
1956भाई भाईअशोक कुमार
शतरंज
एक ही रास्ताप्रकाश मेहता
इंस्पेक्टर
1955सरदार
भगवत महिमा
बंदिशकमल रॉय
1954लकीरें
समाज
नाज़
बादबाँ
1953परिनीताशेखर राय
शमशीर
शोले
1952जलपरी
काफ़िला
नौ बहारअशोक
राग रंग
बेवफ़ाअशोक
बेताब
सलोनी
तमाशा
पूनम
1951अफ़साना
दीदार
1950खिलाड़ी
समाधिशेखर
निशाना
मशालसमर
संग्राम
आधी रात
1949महलहरी शंकर
1948पदमिनी
1947साजन
चन्द्रशेखरप्रताप
1946एट डेज़शमशेर सिंह
शिकारी
(1946 फ़िल्म)
1945बेगम
हुमायूँ
1944किरन
चल चल रे नौजवानअर्जुन
1943अंगूठी
किस्मतशेखर
नज़मायुसुफ़
1941अंजानअजीत
झूलारमेश
नया संसार
1940आज़ाद
बंधननिर्मल
1939कंगनकमल
1938निर्मला
वचन
1937इज़्ज़त
प्रेम कहानी
सावित्री
1936अछूत कन्याप्रताप
जन्मभूमिअजय
जीवन नैयारंजीत

बतौर निर्माता संपादित करें

वर्षफ़िल्मटिप्पणी
1983लाल चुनरिया
1953परिनीता
1949महल

अनपढ़ १९७१

|} आठ दिन 1945

नामांकन और पुरस्कार संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "अशोक कुमार को देख रणबीर कपूर की दादी ने हटा लिया था घूंघट". दैनिक भास्कर. 14 अक्टूबर 2014. मूल से 14 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अक्टूबर 2014.
  2. "सबके प्यारे थे हिन्दी सिनेमा के पहले 'एंटी हीरो' अशोक कुमार". आज तक. 14 अक्टूबर 2014. मूल से 15 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अक्टूबर 2014.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

🔥 Top keywords: भारत का केन्द्रीय मंत्रिमण्डलभारत के प्रधान मंत्रियों की सूचीचिराग पासवानक्लियोपाट्रा ७रक्षा खडसेनरेन्द्र मोदीशिवराज सिंह चौहानविशेष:खोजमुखपृष्ठराज्य मंत्रीबिरसा मुंडापवन कल्याणभारतीय आम चुनाव, 2019महाराणा प्रतापभारतीय आम चुनाव, 2024रामविलास पासवाननीतीश कुमारभारत का प्रधानमन्त्रीनिर्मला सीतारामन्जगत प्रकाश नड्डाभारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की सूचीनारा चंद्रबाबू नायडूअनुप्रिया पटेलभारत के राष्ट्रपतियों की सूचीअटल बिहारी वाजपेयीसुब्रह्मण्यम जयशंकरराममोहन एन किंजारापुभारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूचीअश्विनी वैष्णवराजनाथ सिंहभारत के गृह मंत्रीराजीव रंजन सिंहचंद्रशेखर आज़ाद रावणभारतीय जनता पार्टीराष्ट्रीय मतदाता दिवसजीतन राम मांझीद्वितीय मोदी मंत्रिमंडलद्रौपदी मुर्मू