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क्या आपको ऐसा लगता है कि आपको थोड़ा ज्यादा निडर बनने की जरूरत है? कोई भी जन्म लेते ही साहसी नहीं बन जाता है - समय के साथ आपको जब ज़िंदगी के अनुभव मिलते जाएंगे, तब आप खुद ही धीरे-धीरे इसे हासिल करते जाएंगे। आप चाहें तो आपका दिल जो भी करने का कहता है, उसे करके और फिर चाहे आपको कितना भी डर क्यों न लग रहा हो, फिर भी खुद को नए एक्सपीरियंस के साथ चैलेंज करके भी निडर बनने की प्रैक्टिस कर सकते हैं, इसमें थोड़ा समय और अपने साथ धैर्य रखने की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन पॉज़िटिव एटिट्यूड और सोचने के कुछ मददगार तरीकों के साथ, आप खुद को अपनी सोच से भी ज्यादा निडर बनते हुए पाएंगे।

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपनी स्थिति को स्वीकार करें (Accepting Where You Are)

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 इस बात को मानें कि आप डरे हैं:
    निडर बनने का मतलब ये नहीं कि आपको कभी डर ही न लगा हो — इसका मतलब तो ये है कि आप डरे तो हैं, लेकिन फिर भी उस समय कितना भी डर लगने के बावजूद भी आप आगे बढ़ना चाहते हैं। जब आप अपने इमोशन्स को खुद से दूर करने की कोशिश करते हैं, तो वो अक्सर आपके लिए अजनबी जैसे बन जाते हैं। इसकी जगह पर, आपको जैसा भी फील हो रहा है, स्वीकार करें कि वही आपकी फीलिंग है। जब आप आपके इमोशन्स के साथ में ऑनेस्ट रहेंगे, तब आप उन्हें बेहतर तरीके से संभाल सकेंगे।[१][२]
    • इसे ज़ोर से बोलें। आप जिस बात को लेकर डर रहे हैं, उसे ज़ोर से बोलना पहले तो उसे बाहर ले आएगा और फिर आपको ये एकदम ओर्डिनरी या नॉर्मल सी चीज लगने लग जाएगा। आपको इसे किसी और से कहने की कोई जरूरत नहीं है, बस खुद से ही कहें।
    • आप चाहें तो डायरी भी लिखकर देख सकते हैं। उसे अकेले में लिखें, लेकिन आपको जो भी फील हो रहा है, उसके बारे में पूरी ईमानदारी के साथ लिख लें। खुद को जज करने से बचें -- ऐसा कहना कि “मैं कितना डरपोक हूँ” आपके किसी काम नहीं आने वाला है। उस समय आप जो भी महसूस कर रहे हैं, उसे जज किए बिना उसी पर फोकस करें: “मैं कल होने वाली मेरी सर्जरी को लेकर बहुत डरा हूँ।”
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 अपनी फीलिंग्स को सही ठहराएँ:
    आपको ये समझना होगा कि आपके इमोशन्स नॉर्मल हैं। डर आपके ऐमिग्डाला (amygdala) से जन्म लेता है, जो आपके ब्रेन में मौजूद एक हिस्सा है, जिसे कभी-कभी “लिजर्ड ब्रेन (lizard brain)” बोला जाता है, ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ब्रेन कभी-कभी कुछ जरूरी इमोशन्स का सामना करता है और हर कोई इसे महसूस करता है।[३] अपनी फीलिंग्स के लिए खुद को जज करना कहीं से आपकी मदद नहीं करेगा और ये कहीं से भी आपको निडरता की ओर नहीं ले जाएगा।[४]
    • ऐसे कुछ लोगों की स्टोरी पढ़ना, जिन्होंने ज़िंदगी में अपने डर का सामना किया और उससे उबर भी निकले, आपके लिए शायद मददगार हो सकता है। डर महसूस होने के दौरान ये आपको ऐसा अहसास करा सकता है कि केवल आप अकेले नहीं हैं, जिसे डर महसूस हुआ, जो आपके लिए आपके इमोशन्स को स्वीकार कर पाना आसान बना सकता है।
    एक्सपर्ट टिप
    How.com.vn हिन्द: Annie Lin, MBA

    Annie Lin, MBA

    लाइफ और करियर कोच
    एनी लिन न्यू यॉर्क सिटी स्थित New York Life Coaching, एक करियर कोचिंग सर्विस की संस्थापक हैं। एनी को 10,000 घंटों से अधिक का ग्राहकों को कोच करने का अनुभव है और उन्हें Elle मैगज़ीन, NBC News, New York Magazine, और BBC World News में फीचर किया गया है। वह करियर, रेलेशनशिप, इमोश्नल वेल-बेंग, और व्यक्तिगत ग्रोथ पर विशेष ध्यान देते हुए दोनों वन-टू -वन और ग्रुप सेटिंग्स में सेवायें देती हैं । उनके पास Oxford Brooks University से MBA है।
    How.com.vn हिन्द: Annie Lin, MBA
    Annie Lin, MBA
    लाइफ और करियर कोच

    रेगुलर बेसिस पर अपने इमोशन्स को समझने और प्रोसेस करने की प्रैक्टिस करें। अगर खुले मिजाज के हैं और आप अलग-अलग तरह के इमोशन्स को फील करने की इच्छा रखते हैं, तो आप आपके फैसलों को आपकी डर की वजह से लेने की बजाय, आपकी इच्छा के आधार पर लेने लग जाएंगे।

  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 अपने डर को एक नाम दें:
    कभी-कभी, हम लोग हमारे डर के पीछे की वजह को लेकर श्योर नहीं होते हैं, यही अनश्योरिटी हमारी चिंता को और बढ़ा सकती है, जो फिर आपको और भी डरा हुआ महसूस करा सकती है। अपनी इन फीलिंग्स के पीछे की मुमकिन वजहों की पहचान करने में थोड़ा समय बिताएँ।[५]
    • आप इन सेल्फ-रिफ़्लेक्शन (अपने आप को समझने की प्रोसेस) को अपने लिए मददगार पाएंगे। इस मामले में जहां तक हो सके, उतना स्पेसिफिक और ज्यादा डिटेल में रहे की कोशिश करें।
    • जैसे: “मुझे डर लग रहा है। मैं इसे अपने पूरे शरीर में महसूस कर रहा हूँ। मुझे उल्टी जैसा फील हो रहा है। मुझे नहीं मालूम कि मैं अभी क्यों डर रहा हूँ। हो सकता है कि मैं अपने पार्टनर की हैल्थ की वजह से या फिर मेरे जॉब को बनाए रखने की मेरी चिंता की वजह से या फिर शायद अपनी फेवरिट टीम के नहीं जीत पाने की चिंता की वजह से शायद डर रहा हूँ।”
    • आप शायद एक मेंटल हैल्थ प्रोफेशनल से बात करके भी अच्छा फील कर सकते हैं। कई लोग ऐसा मानते हैं कि ये थेरेपी केवल उन्हीं लोगो के लिए होती है, जिन्हें कोई बड़ी, अजीब ही परेशानी हो, लेकिन ये हमेशा सही नहीं होता है। अगर आपको डरने की समस्या लगातार बनी रहती है, एक थेरेपिस्ट या काउंसलर शायद इसके पीछे की वजह को समझने में आपकी मदद कर सकेगा और इससे निपटने की स्ट्रेटजीस भी तलाशने में मदद करता है।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 अपने डर की जांच करें:
    हमें उस समय डरने की आदत होती है, जब हमें खुद को (या दूसरों को) किसी तरह के नुकसान होने का खतरा होता है। कुछ तरह के डर वाजिब भी होते हैं, लेकिन दूसरे कुछ अच्छा करने की बजाय नुकसान ही पहुंचाते हैं। अपने डर के ऊपर एक बार अच्छी तरह से नजर डालें और तय करें कि ये आपको मददगार लग रहे हैं या फिर नुकसान पहुंचाने वाले।[६][७]
    • उदाहरण के लिए, स्काईडाइविंग करने को लेकर उस समय घबराना, जबकि आपने पहले कभी भी इसका कोई लेसन न लिया हो, तब नॉर्मल है। क्योंकि आपको इस एरिया के बारे में कोई ट्रेनिंग नहीं है या न ही आप इसके लिए स्किल्ड हैं, इसलिए आप खुद कोशायद चोट पहुंचा सकते हैं। हालांकि, आप कुछ लेसन लेकर और सकीडाइविंग के बारे में और ज्यादा सीखकर अपने इस डर को चैलेंज कर सकते हैं। हो सकता है कि आप अभी भी प्लेन पर जाने में एक तरह का डर महसूस कर सकते हैं, लेकिन आपको उन सभी एक्शन के बारे में जरूर पता होगा, जिन्हें आप कंट्रोल कर सकते हैं।
    • वहीं दूरी ओर, अपनी बुक को पूरा करने के लिए इसलिए घबराना, क्योंकि आपको लगता है कि पता नहीं लोग इसे किस तरह से जज करेंगे, आपके लिए शायद जरा भी फायदेमंद नहीं होगा। किसी और के रिएक्शन के ऊपर आपका कंट्रोल नहीं है, लेकिन आप आपके खुद के रिएक्शन को जरूर काबू में कर सकते हैं। इस मामले में, अगर ऐसा कुछ है, जो आपको पीछे खींच सकता है, तो वो खुद आपका डर है।
    • आपके मन का डर शायद अपरिवर्तनीय और वैश्विक भी हो सकता है। एक कदम पीछे ले जाएँ और उनकी जांच करने कोशिश करें। जैसे, “मुझमें अकेले ट्रेवल करने की हिम्मत नहीं है” इससे ऐसा लगता है जैसे आपका डर आपके अंदर ही कहीं छिपा है और वो वहीं पर रुका है। बल्कि, आप किस तरह से इस डर से उबर सकते हैं, के ऊपर फोकस करें: “मैं अकेले ट्रेवल करने को लेकर घबराता हूँ.. मैं जहां जाने वाला हूँ, वहाँ के बारे में पहले कुछ रिसर्च कर सकता हूँ, ताकि जब मैं वहाँ पहुँच जाऊँ, तब मैं वहाँ कम्फ़र्टेबल फील कर सकूँ। मैं सेल्फ-डिफेंस क्लास भी कर सकता हूँ, ताकि मैं और भी स्ट्रॉंग फील कर सकूँ।”[८]
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 इस बात को...
    इस बात को भी स्वीकार करें कि आप किसी पल में कमजोर पड़ सकते हैं: हमारे डरने के पीछे की एक कॉमन वजह ये होती है कि हम लोगों को अपने कमजोर पड़ने की चिंता में होते हैं। कमजोरी के साथ अनिश्चितता, चोट या जोखिम की संभावना भी साथ में आती है। हालांकि, थोड़ा सा कमजोर पड़ने लायक होना, आपको प्यार, लगाव और सहानुभूति जैसे भाव पाने के लिए भी तैयार कर देता है। अपनी कमजोरी को ज़िंदगी की एक सच्चाई की तरह स्वीकार करना सीख लेना आपको आपके डर के बारे में कम चिंता करने में मदद कर सकता है।[९]
    • निडर होने का एक रास्ता ये है कि हम मान लें कि हर एक चीज में कोई न कोई जोखिम है। आप एक दिन में जो भी कुछ करते हैं — बिस्तर से उठने से लाकर रात के खाने तक — उसमें कोई न कोई रिस्क रहता ही है। लेकिन ये आपको अपनी ज़िंदगी जीने से नहीं रोक लेता। न ही आपके डर आपको जीने से रोक लेते हैं।
    • किसी चीज में फेल होने का डर भी एक और ऐसा नॉर्मल डर है, जो लगभग हर किसी को होता है। चीजों को सक्सेस और फेलर की तराजू में तौलने की बजाय, इस तरह से सोचें, जिससे आप कुछ सीख सकें। इस तरह से, सभी चीजें किसी न किसी तरीके से मददगार रहेंगी, फिर चाहे ये आपके सोचे हुए अनुसार न भी क्यों न हो।
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 उन चीजों के...
    उन चीजों के ऊपर फोकस करें, जिन्हें आप कंट्रोल कर सकते हैं: किसी चीज के लिए अपने मन में मौजूद डर को लेकर शायद आप कुछ भी न कर सकें — ये एक ऐसा इमोशनल रिस्पोंस है, जिसे आप बदल नहीं सकते। हालांकि, आप अगर कुछ काबू में कर सकते हैं, तो वो है इसके लिए क्या करना चाहिए। अपने एक्शन के ऊपर अपने ध्यान को फोकस करें, न कि उसमें शामिल अनजाने रिस्पोंस पर।[१०]
    • याद रखें कि आप आपके किए के परिणाम को तो कंट्रोल नहीं कर सकते हैं। आप जो करते हैं, केवल उसे ही कंट्रोल कर सकते हैं। इस बात को अपने मन से हटा दें कि किसी भी एक्शन के रिजल्ट्स को “आप काबू” कर सकते हैं -- सीधे तौर पर आप इसे कंट्रोल नहीं कर सकते हैं। अपने एक्शन के ऊपर फोकस करें, न कि उसके रिजल्ट के ऊपर।
विधि 2
विधि 2 का 3:

अपना कॉन्फ़िडेंस बनाना (Building Your Confidence)

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 एक रोल मॉडल की तलाश करें:
    अगर आपको आपकी स्थिति से बाहर निकलने में मुश्किल हो रही है, तो अपने व्यवहार को की ऐसे इंसान की तरह बनाने की कोशिश करें, जिसने भी लाइफ में कोई मुश्किल का सामना किया हो। न केवल ये आपको एक नजरिया दे सकता है ("अरे, कम से कम मेरी परेशानी कोई इतनी भी बड़ी नहीं"), ये शायद आपको और भी हिम्मत वाला बनने के लिए इंस्पायर कर सकता है।
    • आपकी पहचान में मौजूद लोगों में ही एक रोल मॉडल की तलाश करें: अगर आपको कम्फ़र्टेबल लगे, तो उनसे पूछकर देखें कि उन्होने उनकी परिस्थिति से निकलने के लिए किस तरह से हिम्मत दिखाई।
    • कुछ साहसी लोगों के बारे में पढ़ें। हमारे देश के फ़्रीडम फाइटर्स, सैनिकों, जवानों, ज़िंदगी और मौत से जूझने वाले लोगों जैसे ऐसे लोगों की के किस्सों की तलाश करें, जिन्हें उनकी बहदुरी के लिए पहचाना जाता है।
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 मेंटल रेजिलेंस (या लचीलापन) डेवलप करें:
    निडरता के लिए आपको किसी भी डरावनी या मुश्किल परिस्थिति में "जिद्दी" बनने की जरूरत पड़ती है। मेंटल रेजिलेंसकेवल सामने से जिद्दी, मुश्किल दिखने से भी कहीं ज्यादा होती है। सही मायने में मन को लचीला करने के लिए, आपको इनकी प्रैक्टिस करना चाहिए:[११]
    • फ्लेक्सिबिलिटी (Flexibility): कोग्निटिव फ्लेक्सिबिलिटी बदलती हुई परिस्थिति को स्वीकार करने की क्षमता होती है।[१२] ये कुछ गलत होने पर डिफ़ेंसिव होने से बचने की क्षमता होती है। ये किसी परेशानी या स्थिति को नए तरीके से समझने की क्षमता है। आप सभी स्थितियों में होने वाली संभावनाओं की सीख पाकर और चिंता की बजाय एक एक्साइटमेंट का माइंडसेट अपनाकर इस फ्लेक्सिबिलिटी को पा सकते हैं।[१३]
    • शामिल होना (Engagement): किसी स्थिति में साहसी बनने के लिए, आपको उसका सामना करना होगा। कुछ सच्चे ब्रेव लोग पहले स्थिति का जायजा लेते हैं और फिर परेशानी से भागने या उसे इग्नोर करने की कोशिश किए बिना उसे संभालने के तरीके की पहचान करते हैं। किसी स्थिति को छोटे-छोटे एलीमेंट्स में बाँट लेना मुश्किल स्थिति का सामना करने में मदद कर सकता है। आप स्थिति के बारे में सबसे बदतर मामले को सोचे बिना, सबसे अच्छे संभावित सिनेरियो के बारे में सोचने की कोशिश कर सकते हैं।[१४]
    • एक जिद या दृढ़ता (Persistence): जरूरी नहीं कि ये आप जैसा सोचते हैं, वैसा ही गुजरे। साहसी लोग इसे समझते हैं और कभी भी चोट खाकर गिरने के बाद, वापस उठने की हिम्मत रखते हैं। आप आपके हर कदम को पहले से निर्धारित करके, खुद को जिद्दी या नियमित बनाने में मदद पा सकते हैं। जब आपको पहले ही मालूम होगा कि आपका अगला कदम क्या होने वाला है, तो आपके लिए अपनी फेलर या असफलताओं को स्वीकार कर पाना और भी आसान बन जाएगा।[१५]
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 नेगेटिव विचारों को चैलेंज करें:
    हम सभी लोग कभी-न-कभी ऐसी स्थिति से गुजरते हैं, जहां हम कुछ भी अच्छा नहीं सोच पाते या जिसे “कोग्निटिव डिस्टोर्शन (cognitive distortions)” भी बोला जाता है। जब भी आप खुद को खुद के या किसी स्थिति के बारे में कुछ नेगेटिव विचारों से घिरा पाएँ, खुद को चैलेंज करके ये जानने की कोशिश करें कि आपके इन विचारों के लिए आपके पास में कौन से सबूत हैं या फिर उन्हें पॉज़िटिव नजरिए से बदलने की कोशिश करें।[१६][१७]
    • किसी भी बात को जनरलाइज करना (Generalizing) एक कॉमन डिस्टोर्शन या भटकाव होता है। जैसे: “मैं कितना डरपोक हूँ” आपके बारे में एक जनरलाइजिंग स्टेटमेंट है, जो कहीं से भी सही नहीं है। आपको डर महसूस हो सकता है, लेकिन बस आपका डर आपको “डरपोक इंसान” नहीं बना देता।
    • किसी पल में अपनी फीलिंग्स के ऊपर दोबारा फोकस करें। जैसे: “मैं अपनी कल की डेट को लेकर बहुत डर रहा हूँ, क्योंकि मैं इस बात को लेकर नर्वस हूँ कि शायद मेरी डेट मुझे पसंद न करे” ये आपको अपने बारे में अनहेल्दी (और गलत) धारणा को रोकने में मदद करेगा।[१८]
    • किसी भी स्थिति के सबसे बदतर मामले के बारे में ही सोचते रहना (Catastrophizing) एक और डिस्टोर्शन है, जिससे भी डर पैदा होता है। आप जब इस तरह से सोचते हैं, आप किसी घटना या अनुभव के सबसे बदतर पहलुओं के एक क्रम को तब तक अपने मन में चलाते रहते हैं, जब तक कि वो आउट ऑफ कंट्रोल न हो जाए। जैसे: “जब मैं हॉल से निकला, तब मेरे बॉस ने मेरी तरफ देखा नहीं। शायद वो मुझसे किसी बात को लेकर नाराज है। शायद मैंने कोई गलती कर दी है। शायद वो मुझे जॉब से भी निकाल दे। फिर मैं अपना घर खो दूंगा।” ये बेशक सबसे बदतर सोचने वाला मामला है, जो शायद ही कभी होने वाला है।
    • अपने इन विचारों को चैलेंज करने के लिए, अपनी कल्पना के हर एक स्टेप के लिए खुद से सबूत की मांग करें। जैसे: “जब मैं हॉल से गुजरा, तब मेरे बॉस ने मेरी तरफ नहीं देखा। हो सकता है वो मुझसे नाराज हो। या फिर वो शायद किसी और काम में बिजी हो। शायद उसने मुझे देखा ही न हो। ऐसा मान लेना कि वो मुझसे नाराज है, कहीं से भी सही नहीं है; इसके पहले की मैं ये सब सोच-सोचकर बहुत परेशान हो जाऊँ, मैं खुद जाकर उससे बात कर लेता हूँ।”
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 परफेक्ट बनने की इच्छा रखने से बचें:
    परफेक्ट बनने की चाह होना, ज़्यादातर तरह के डर के पीछे की सबसे बड़ी वजह होता है। हम लोग शायद इस बात को लेकर इतने डरे रहते हैं कि शायद हमारी मेहनत “परफेक्ट” नहीं होगी, इसलिए हमें उसे करने से बचना चाहिए। ये एक आम धारणा है कि परफेक्ट बनने की चाह भी किसी जुनून या खुद को बेहतर बनाने की इच्छा की ही तरह हेल्दी होती है। असलियत में, परफेक्ट बनने की चाह हमें हार या फेलर के साथ जुडने वाले अनुभव को महसूस करने से रोक लेती है -- और लाइफ में ऐसा ही हो, ये भी मुमकिन तो नहीं।[१९]
    • परफेक्ट बनने की चाह से आप खुद के साथ सख्ती से पेश आने लग जाते हैं, क्योंकि इसमें किसी चीज में आपको मिली उपलब्धि, आपके तय किए हुए स्टैंडर्ड के ऊपर खरी नहीं उतरने की वजह आपको वो भी एक “फेलर या असफलता” की तरह नजर आना शुरू हो जाती है।[२०] जैसे, हर काम परफेक्ट करने वाला एक इंसान शायद हिस्ट्री में उसे मिली ग्रेड B को एक परफेक्ट ग्रेड न होने की वजह से अपनी “फेलर” समझ सकता है। एक ऐसा स्टूडेंट, जो अपने साथ सही बर्ताव करता है, वो शायद इसे एक सक्सेस की तरह देखेगा, क्योंकि उसे मालूम होगा कि उसने क्लास में अपनी ओर से पूरी कोशिश की थी। किसी चीज के रिजल्ट की तरफ फोकस करने की बजाय, उसे पाने की प्रोसेस के ऊपर ध्यान देना, आपकी परफेक्ट बनने की चाह से बचने में मदद कर सकता है।
    • परफेक्ट बनने की चाह अक्सर आप में खुद को लेकर शरम जैसी भावना का अहसास कराती है, ये इसलिए क्योंकि ये केवल गलतियों पर ही फोकस करती है। अगर आप खुद को लेकर शरम महसूस करते हैं, तो आपके लिए अपने साहस को दिखा पाना बहुत मुश्किल जाएगा।[२१]
    • परफेक्ट बनने की चाह सक्सेस की तरफ भी नहीं ले जाती है। असल में, ऐसे कई सारे लोग, जो खुद को एक परफेक्ट इंसान की तरह बताते हैं, वो असफल होने की भी उम्मीद को गले लगाने वाले और उन्हें एक सीखने का अनुभव समझने वाले लोगों के मुक़ाबले कम सफल होते हैं।[२२]
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 हर दिन की...
    हर दिन की शुरुआत अपने आपको किसी लायक ठहराते हुए करें: खुद को किसी लायक ठहराना, ऐसे फ्रेज (वाक्य) या मंत्र हैं, जो पर्सनली आपके लिए बहुत मायने रखते हैं। आप इन्हें अपने लिए थोड़ी दया और अपने प्रति स्वीकृति दिखाने के लिए इन्हें अपने में ही दोहरा सकते हैं। हालांकि, ये शायद आपको थोड़ा खुद के ही बारे में सोचने जैसा लग सकता है, लेकिन असल में खुद के बारे में कुछ अच्छा कहना या खुद को किसी लायक कहना, समय के साथ आपके कॉन्फ़िडेंस को बढ़ा सकता है।[२३][२४]
    • जैसे, आप ऐसा कुछ बोल सकते हैं, “आज मैं जो भी हूँ, मैं खुद को उसी तरह से स्वीकार करता हूँ” या “मैं प्यार पाने का हकदार हूँ।”
    • आप अपना साहस जुटाने के लिए भी खुद को किसी लायक ठहराने की तरफ फोकस कर सकते हैं। जैसे, आप ऐसा कुछ बोल सकते हैं, “मैं आज निडर बन सकता हूँ” या “आज मेरे रास्ते में जो भी आने वाला है, मैं उसे संभालने के लिए स्ट्रॉंग हूँ।”
    • अपने इस तरह से खुद को किसी लायक ठहराने वाली प्रोसेस को केवल अपने ही ऊपर फोकस रखें। याद रखें कि आप दूसरों को काबू नहीं कर सकते हैं। जैसे, एक अच्छा, आपके लिए मददगार सेल्फ-अफर्मेशन कुछ ऐसा दिख सकता है: “मैं आज अपने सारे डर को संभालने के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश करूंगा। मैं अपने बेस्ट से तो ज्यादा नहीं कर सकता। मैं दूसरों की मेरे प्रति बर्ताव या प्रतिक्रिया को भी नहीं बदल सकता।”
    • अपने सेल्फ-अफर्मेशन को पॉज़िटिव तरीके से बोलें। इंसान नेगेटिव स्टेटमेंट्स के लिए नेगेटिवली ही रिस्पोंड करते हैं, फिर चाहे वो बात उनके फायदे के लिए ही क्यों न हो। “आज मैं अपने डर से नहीं हारने वाला, ” कहने की बजाय ऐसा बोलें “क्योंकि मैं स्ट्रॉंग हूँ, इसलिए आज मैं अपने डर का सामना कर सकता हूँ”[२५]
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 अपने डर से दूरी बना लें:
    कभी-कभी, अपने डर को अपने से अलग एक चीज की तरह देखना भी मददगार हो सकता है। अपने डर को एक अलग ही तरह की चीज की तरह देखना आपको उसके ऊपर ज्यादा कंट्रोल होने जैसा फील करा सकता है।[२६]
    • जैसे, आप अपने डर को एक छोटे कछुए की तरह सोच सकते हैं। जब भी वो डरता है, कछुआ अपने सिर को अपनी शैल के अंदर ले जाता है और फिर वो कुछ नहीं देख सकता है, जो असल में किसी तरह की मदद नहीं करता। अपने “डर के कछुए” की कल्पना करें और खुद से ऐसा कहकर कि आप वही कर रहे हैं, जो आप कंट्रोल कर सकते हैं और जो आपके हाथ में नहीं, उसके बारे में नहीं सोच रहे हैं, उसका सामना करें।
    • ह्यूमर या कॉमिकल इमेज बगैरह को यूज करना भी आपके डर की कुछ ताकत को फालतू बनाकर आप से दूर ले जा सकती है। (ये हैरी पॉटर में काम आया था, है न?)
  7. How.com.vn हिन्द: Step 7 अपने फ्रेंड से मदद मांगें:
    कभी-कभी अपने फ्रेंड या करीबी लोगों की ओर से एंकरेजमेंट आए शब्द आपकी उस समय मदद कर सकते हैं, जब आपको आपके साहस में कमी महसूस हो। खुद को ऐसे लोगों से घेर लें जो खुद भी कमजोर पड़ने और साहसी बनने के लिए प्रतिबद्ध हों, न कि ऐसे लोग, जो उनके डर से भरे विचारों को खुद पर हावी होने देते हों।[२७]
    • लोग एक-दूसरे के “इमोशन को महसूस” करते हैं। इसका ठीक वही मतलब निकलता है, जैसे आप किसी से उसकी सर्दी-जुकाम को ले लेते हैं, ठीक उसी तरह आप आपके आसपास के लोगों के इमोशन को भी “समझ लेते” हैं। इसलिए खुद को ऐसे लोगों के बीच रखना जरूरी होता है, जो खुद को स्वीकार करते और साहसी भी हैं। अगर आपके आसपास मौजूद ज़्यादातर लोग ऐसे रहेंगे, जो किसी न किसी बात को लेकर डरते हैं (और अपने डर पर काबू करने के लिए कुछ नहीं करते हैं), तो आपको आपके डर पर काबू करने में बहुत मुश्किल जाएगी।[२८]
  8. How.com.vn हिन्द: Step 8 मुश्किल लगने वाले काम करें:
    ऐसी किसी चीज में सफल होना, जो आपको मुश्किल या चैलेंजिंग लगती है, आपके कॉन्फ़िडेंस को एक बूस्ट दे सकता है। फिर चाहे आपको उसे करने में सफलता मिले या न मिले, लेकिन अपने उस चैलेंज को एक सीखने के एक्सपीरियंस की तरह समझें और खुद को याद दिलाएँ कि आप सीखने के लिए जितना चाहें उतना समय ले सकते हैं।[२९]
    • जैसे, आप गिटार सीखने का, फ्रेंच डिश बनाना सीखने का या स्कूबा डाईविन्ग में सर्टिफिकेट पाने का एक लक्ष्य बना सकते हैं-- अगर इसकी कोई लिमिट है, तो वो है आपकी इमेजिनेशन।
    • लक्ष्य बनाएँ और ऐसे चैलेंज को पूरा करने की कोशिश करें, जो पर्सनली आपके लिए मायने रखते हैं। अपने आप को लगातार किसी और के साथ कंपेयर करते रहना, अपने सेल्फ-कॉन्फ़िडेंस को बर्बाद करने का एक निश्चित तरीका होता है। कोई आपके लक्ष्य के बारे में क्या सोचता है, उसकी चिंता न करें; बस जो भी करें, अपने लिए करें।
  9. How.com.vn हिन्द: Step 9 माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस करें:
    निडर बनने में तकलीफ उठा रहे लोगों की तकलीफ के पीछे की एक वजह ये होती है, कि वो इतने दुखी, नाराज या फ्रस्ट्रेट रहते हैं, कि वो वो अपनी इन तकलीफ को खुद से और दूसरे अनुभव के साथ “जोड़ लेते हैं।” अपने अभी के अनुभव को बिना किसी जजमेंट के माइंडफुल रूप से स्वीकारना सीखना, आपके नेगेटिव इमोशन को भी पॉज़िटिव इमोशन की तरह की स्वीकार करने में मदद कर सकता है, जो आपको साहसी बनने में मदद कर सकता है।[३०]
    • माइंडफुलनेस मेडिटेशन इन स्किल्स की प्रैक्टिस करने का एक शानदार तरीका होता है। आप इनमें क्लास ले सकते हैं या फिर खुद को सिखा सकते हैं।[३१]
    • ऑनलाइन आपको डाउनलोड करने गाइडेड मेडिटेशन मिल जाएंगे।[३२] इसके साथ ही आपको कुछ MP3 मेडिटेशन गाइड्स भी डाउनलोड करने लायक मिल सकती हैं।[३३] Harvard Pilgrim का “Mind the Moment” प्रोग्राम पर माइंडफुलनेस प्रैक्टिस के फ्री कोर्स और प्रैक्टिस वीडियो मौजूद हैं।
विधि 3
विधि 3 का 3:

हर दिन निडरता की प्रैक्टिस करना

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  1. How.com.vn हिन्द: Step 1 अनिश्चितता (Uncertainty) को...
    अनिश्चितता (Uncertainty) को स्वीकार करने की प्रैक्टिस करें: अनिश्चितता कई सारे डर का स्त्रोत होती है। हालांकि, आप अपने डेली एक्सपीरियंस में धीरे-धीरे अनिश्चितता के ऊपर काम करके उससे निपटना सीख सकते हैं। ये आपके कॉन्फ़िडेंस को और इस तरह के मामलों में अनिश्चितता को संभालने की क्षमता को बढ़ा देगा, जो आपको निडर की तरह बनने में मदद करेगा।[३४][३५][३६]
    • “अनिश्चितता को नहीं संभाल पाने की क्षमता” आपको बहुत चिंता दे सकती है। आपके लिए ये मानना मुश्किल होगा कि उस स्थिति में कुछ नेगेटिव भी हो सकता है। आप शायद स्थिति में होने वाले रिस्क की कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगा लेंगे या फिर क्योंकि आप परिणामों को लेकर चिंता में रहेंगे इसलिए आप उसके लिए कुछ करना ही छोड़ देंगे।
    • पूरे दिनभर के दौरान, आप आपको फील हुए अनिश्चितता की भावना, चिंता या डर को नोट करते हुए एक डायरी लिख सकते हैं। अब इन फीलिंग्स के पीछे की वजह के बारे में भी स्पेसिफिक डिटेल्स भी लिख लें। साथ में उस पल में आप किस तरह से रिस्पोंड करेंगे।[३७]
    • अपने डर को एक रैंक दें। आप जिन भी बातों से डरते हैं, उन्हें 0 से 10 के स्केल पर रेट करें। जैसे, “किसी अजनबी के साथ डेट पर जाना” शायद 8 पर आ सकता है, जबकि “ऐसी मूवी देखने जाना, जिसे आपने पहले कभी न देखा हो” 2 हो सकता है।
    • पहले किसी कम रिस्क वाले माहौल में धीरे-धीरे अपने अनिश्चितता के साथ जुड़े अपने डर की मैनेज करना सीखने की कोशिश करें। जैसे, अपने किसी ऐसे डर को चुनें, जिसे आपने कम रैंक दी है, जैसे कि “एक नए रेस्तरां जाना, ” और फिर उसकी प्रैक्टिस करें। शायद आपको वो रेस्तरां ज्यादा पसंद न भी आए और उसमें कोई खराबी नहीं। असली बात ये है कि आपको खुद को ये साबित करना है कि आप बहुर निडरता के साथ अनिश्चितता का सामना कर सकते हैं और इसके साथ आप आपके और भी ज्यादा स्ट्रॉंग साइड को बाहर ला सकते हैं।
    • अपने रिस्पोंस को एक डायरी में रिकॉर्ड कर लें। हर बार जब भी आपको डर का सामना हो, जो भी हो उसे रिकॉर्ड कर लें। आपने क्या किया? उसे करने में आपको कैसा लगा? आपने उन फीलिंग्स के लिए किस तरह से रिस्पोंड किया? फिर उससे क्या हुआ?
  2. How.com.vn हिन्द: Step 2 कुछ खास प्लान...
    कुछ खास प्लान बनाएँ: किसी को भी डर महसूस हो आसान होता है, जब उसे पता ही न हो कि आखिर करना क्या है। चैलेंज को और स्थिति को ऐसे छोटे टास्क में तोड़ लें, जिन्हें आप हासिल कर सकें।[३८]
    • आपके सामने आने वाली मुसीबतों के बारे में पहले से ही सोचकर रखना मुश्किल के समय में आपको पूरी हिम्मत के साथ सामना करने में मदद कर सकता है। आपके सामने आ सकने वाली मुश्किलों के बारे में सोचें और उनसे निपटने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार करें।
    • अपने प्लान और लक्ष्यों को पॉज़िटिव लेंग्वेज में ही कहें। रिसर्च से पता चलता है कि आप जब अपने लक्ष्यों को पॉज़िटिव तरीके से अपनाते हैं, तब आपके उनसे दूर नहीं, बल्कि उन्हीं की ओर काम करके उन्हें पाने के चांस ज्यादा रहते हैं।[३९]
    • अपने लक्ष्यों को अपनी परफ़ोर्मेंस के आधार पर बनाएँ। याद रखें कि आप केवल आपके एक्शन और रिस्पोंस को कंट्रोल कर सकते हैं, न कि किसी और के। गोल्स बनाना और अपनी खुद की मेहनत से जिन्हें आप हासिल कर सकें, वो प्लान बनाना न भूलें।[४०]
  3. How.com.vn हिन्द: Step 3 दूसरों की मदद करने का फैसला लें:
    जब आप डर में या स्ट्रेस में रहते हैं, तब आपकी दुनिया से छिपने की आदत बन जाती है। हालांकि, साइकोलोजिकल रिसर्च ऐसी सलाह देती हैं, कि ये अपनी हिम्मत को बढ़ाने के लिए ज्यादा मददगार होता है। ज़्यादातर लोग “जरूरत पड़ने पर दूसरों को सपोर्ट करने” की आदत रखते हैं, जहां आप स्ट्रेस से भरी स्थिति में दूसरों के लिए केयर दिखाकर रिएक्ट करते हैं। दूसरों के लिए केयर दिखाना आपके ब्रेन में निडरता की एक स्थिति एक्टिवेट कर देता है, जो आपकी खुद की परिस्थिति से निकलने में मदद कर देता है। अब अगली बार जब भी आपको डर महसूस हो, किसी और के लिए दया दिखाकर या फिर उनकी स्ट्रेंथ को सम्मान देकर देखें। शायद अपनी खुद की स्ट्रेंथ में भी बढ़त आती पाएंगे।[४१]
    • जब सोशल केयरगिविंग सिस्टम (दूसरों का ध्यान रखने), जो न्यूरोट्रांसमिटर ऑक्सीटोसिन के द्वारा रेगुलेट होता है, स्टिमुलेट होता है, तब आप दूसरे लोगों के साथ में बहुत सहनुभूति वाला भाव महसूस करते हैं। ये सिस्टम आपके ब्रेन में उस जगह पर रहता है, जो डर को प्रोसेस करते हैं।
    • आपके ब्रेन का रिवार्ड सिस्टम डोपेमाइन (dopamine) नाम का पावरफुल न्यूरोट्रांसमिटर रिलीज करता है, जो आपके अंदर मोटिवेशन के सेंस को बढ़ा देता है और आपके डर की भावना को कम कर देता है। डोपेमाइन आपको और भी आशावादी और साहसी भी महसूस करा सकता है।
    • आपके ब्रेन में मौजूद विशेषता प्रणाली (attunement system) न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन (serotonin) पर निर्भर करती है। आपका सेल्फ-कंट्रोल और आपकी मन की आवाज सेरोटोनिन से जुड़ी होती है, जिसका मतलब कि आप आपके फैसले करते समय निडर (और स्मार्ट भी) महसूस कर सकेंगे।
  4. How.com.vn हिन्द: Step 4 केवल करीब 20 सेकंड के लिए निडर बनें:
    कभी-कभी, आपके लिए एक पूरे दिनभर के लिए या शायद पूरे एक घंटे के लिए भी साहसी बनकर रहना मुश्किल लग सकता है। एक समय पर कम से कम 20 सेकंड के लिए ब्रेव बनने की प्रैक्टिस करें। आप केवल 20 सेकंड के लिए कुछ भी कर सकते हैं। जब आप इस पहले सेट को पूरा कर लें, फिर दूसरा स्टार्ट कर लें। और फिर एक और दूसरा शुरू करें। ये छोटे-छोटे से हिस्से भी मिलकर काम करेंगे।[४२]
  5. How.com.vn हिन्द: Step 5 अपने फैसले के बारे में सोचें:
    अगर आपके सामने मौजूद स्थिति का मतलब शायद एक ब्रेव लेकिन एक मुश्किल फैसला करना है, तो थोड़ा समय लेकर उसके बारे में सोचें। अगर आपको लगता है कि उस फैसले को करना बहुत जरूरी है, तो आप उसे अपने साहस को बढ़ाने के लिए यूज कर सकते हैं। साहसी बनने के लिए कंविक्शन का होना बहुत जरूरी होता है। खुद से पूछें:
    • क्या ऐसा करना ठीक रहेगा? सही काम हमेशा सबसे ज्यादा आसान नहीं होते हैं, न ही ये सबसे ज्यादा पॉपुलर होते हैं। इसे डिसाइड करने के लिए अपने अंदर से आने वाली आवाज के ऊपर भरोसा करें।
    • क्या स्थिति को सुधारने का यही एक अकेला तरीका है? सोचकर देखें अगर आपकी परेशानी को हल करने का और कोई दूसरा तरीका मौजूद हो। क्या ऐसा और कोई दूसरा तरीके भी है, जिसके बारे में आपने अभी तक सोचा ही नहीं?
    • क्या आप इसके परिणामों का सामना करने को तैयार हैं? आप जो करने जा रहे हैं, अगर उसके कुछ बड़े दुष्परिणाम होने जा रहे हैं, तो फिर थोड़ा और टाइम लेकर इसके बारे में सोच लें। अगर सबसे बदतर मामला भी सामने आ जाए, तो क्या आप उसे हैंडल कर पाएंगे?
    • आप क्यों ये फैसला कर रहे हैं? आखिर क्यों ये आपके लिए जरूरी है? अगर आप ये नहीं करेंगे, तो क्या हो जाएगा?
    • आप चाहें तो आपके द्वारा लिए जाने वाले हर एक कदम के लिए फायदे और नुकसान की एक लिस्ट भी बना सकते हैं। इससे भी बदतर और क्या है, जो हो सकता है? ऐसा क्या अच्छा है, जो हो सकता है?
  6. How.com.vn हिन्द: Step 6 बस सोचते ही न रहें — करके भी दिखाएँ:
    कुछ समय के बाद, अच्छा होगा अगर आप क्या करने वाले हैं, के बारे में सोचना छोड़ दें और सीधे उसे कर ही दें।[४३] ज्यादा भी सोचना केवल आपको आपके कदम बढ़ाने से पहले रोकने मात्र का काम करता है, ये आपको स्ट्रेस दे सकता है और आपको ऐसा फील करा सकता है, जैसे आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं।[४४] एक गहरी साँस लें और अपने मन को साफ करने की कोशिश करें और आपने जो पहले से डिसाइड किया है, उसे कर लें। हिचकिचाएँ नहीं और बस उसे करने के ऊपर ही फोकस करें।
    • इस कदम को उठाते समय अगर आप आपके अफर्मेशन या खुद को किसी लायक ठहराने की बात दोहराते रहेंगे, तो ये भी आपके लिए मददगार हो सकता है। पहला कदम बढ़ाने के लिए कॉन्फ़िडेंस का होना बहुत जरूरी होता है। जब आप आगे बढ़ें, तब आप निडर बनते जाएंगे।
  7. How.com.vn हिन्द: Step 7 जब तक इसे...
    जब तक इसे हासिल नहीं कर लेते, तब तक इसके होने का दिखावा करें: किसी खास मामले में अनिश्चितता और डिस्कंफ़र्ट से निपटना सीखना -- एक ऐसी सीख है, जो हमेशा चलती रहने वाली है। आप रातोंरात निडर नहीं बन सकते हैं। लेकिन रिसर्च से पता चला है कि “चेहरे पर निडरता लेकर चलना, ” फिर चाहे आप निडर न भी फील कर रहे हों, आपको निडर बनने में मदद कर सकता है।[४५][४६]
    • जब तक आप निडर “फील” न करने लग जाएँ, तब तक का इंतज़ार न करते रहें। फायरफाइटर्स, सोल्जर्स, डॉक्टर्स -- अक्सर, जिन्हें हम निडर -- समझते हैं, वो असल में उस समय निडर नहीं फील करते हैं। उन्हें सिर्फ पता रहता है कि उन्हें क्या करना है और वो उसे करने के लिए चुनते हैं।
    • वहीं दूसरी ओर, इस बात को मानना कि आप किसी काम को नहीं कर सकते हैं, केवल आपको आप जो सोचते हैं, उसी पर भरोसा करने लायक बना देता है। आपका खुद के ऊपर भरोसा आपकी परफ़ोर्मेंस को कम करने में मदद कर सकता है या छिपा सकता है।

सलाह

  • साहस हमेशा ही सामने दिखाई नहीं देता है। कभी-कभी साहस में ही दोबारा उठने और फिर से ट्राय करने की ताकत होती है।
  • याद रखें कि निडरता में डर की कमी नहीं होती है, लेकिन उसमें डर का सामना करने की स्ट्रेंथ होती है।
  • जब आपको साहस जुटाने की जरूरत हो, तब आपके द्वारा हासिल किए दूसरे चैलेंज को याद करें। हर कोई कभी न कभी निडर बना होगा (जैसे बाइक चलाना सीखते समय)। आप भी दोबारा निडर बन सकते हैं।
  • एक इंस्पायरिंग सॉन्ग या लाइन की तलाश करें। गाना आपको ऐसा फील करने में मदद कर सकता है कि आप अकेले नहीं हैं। इसे एक पेपर पर लिख लें और उसे अपने साथ रखें। उससे भी अच्छा, उसे याद कर लें! जब आप अपने दिन से गुजरें, तब गाना गाएँ या फिर उस लाइन को रिपीट करें!
  • सक्सेस का मतलब ये नहीं कि आपकी सारी परेशानियाँ जा चुकी हैं, बल्कि आपको उनसे निपटते आना चाहिए।
  • बस जो सही हो, वही करें। यही सबसे ज्यादा जरूरी बात है और लोगों को आपके निडर होने का अहसास करा सकती है। जैसे, अगर किसी को परेशान किया जा रहा हो, तो आप उसके सपोर्ट में खड़े हो जाएँ।

चेतावनी

  • निडर होने और स्टुपिड होने के बीच में एक अंतर है। आप कितने निडर हैं या नहीं, ऐसे रिस्क न लें, जिन्हें लेने की आपको कोई जरूरत नहीं।

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यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Annie Lin, MBA. एनी लिन न्यू यॉर्क सिटी स्थित New York Life Coaching, एक करियर कोचिंग सर्विस की संस्थापक हैं। एनी को 10,000 घंटों से अधिक का ग्राहकों को कोच करने का अनुभव है और उन्हें Elle मैगज़ीन, NBC News, New York Magazine, और BBC World News में फीचर किया गया है। वह करियर, रेलेशनशिप, इमोश्नल वेल-बेंग, और व्यक्तिगत ग्रोथ पर विशेष ध्यान देते हुए दोनों वन-टू -वन और ग्रुप सेटिंग्स में सेवायें देती हैं । उनके पास Oxford Brooks University से MBA है। यह आर्टिकल ५,७५२ बार देखा गया है।
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